होने जा रहा बड़ा बदलाव..10वीं में पढ़ने होंगे 10 अनिवार्य विषय, 11वीं कक्षा में मिलेगा विषय परिवर्तन का विकल्प…

नवीन समाचार, देहरादून, 14 जनवरी 2025 (Uttarakhand-10 Compulsory Subject in 10th Class)। उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों में कक्षा 10वीं के लिए अनिवार्य पांच विषयों की संख्या बढ़ाकर 10 करने की तैयारी की जा रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के बाद राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का प्रारूप तैयार किया है। इसके तहत विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 10वीं के विद्यार्थियों को अब 10 अनिवार्य विषय पढ़ने होंगे। विषय परिवर्तन का विकल्प विद्यार्थियों को 11वीं कक्षा में मिलेगा।
दो भारतीय भाषाओं सहित तीन भाषा पढ़नी होंगी
एससीईआरटी के प्रभारी अपर निदेशक प्रदीप रावत ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के आधार पर राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का प्रारूप तैयार किया गया है। इसे अंतिम मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा। इस नई व्यवस्था के अंतर्गत विद्यार्थियों को तीन भाषाओं सहित गणित, कम्यूटेशनल चिंतन, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला शिक्षा, शारीरिक शिक्षा एवं स्वस्थता, व्यावसायिक शिक्षा और अंत विषय क्षेत्र का अध्ययन करना होगा। इनमें दो भारतीय भाषाओं को शामिल करने पर विशेष जोर दिया गया है।
शैक्षिक समय का निर्धारण
पाठ्यचर्या में विषयों की पढ़ाई के लिए समय का भी निर्धारण किया गया है। विभागीय अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार तीन भाषाओं के अध्ययन के लिए प्रति शैक्षिक सत्र 70-70 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। गणित और विज्ञान के लिए 135-135 घंटे तथा अन्य विषयों के लिए अलग-अलग समय तय किया गया है। एससीईआरटी ने इस प्रारूप को विभिन्न समितियों के माध्यम से विस्तृत समीक्षा के लिए सरकार के सामने प्रस्तुत करने की योजना बनाई है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रभाव
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा के स्तर को उन्नत करने और विद्यार्थियों को समग्र विकास के अवसर प्रदान करने की दिशा में यह कदम महत्वपूर्ण है। एनईपी के अनुसार, विषयों के चयन में व्यापकता लाने और विद्यार्थियों को विविध प्रकार के ज्ञान क्षेत्रों से जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
पाठ्यक्रम का उद्देश्य (Uttarakhand-10 Compulsory Subject in 10th Class)
एससीईआरटी के अनुसार नई पाठ्यचर्या का उद्देश्य विद्यार्थियों को बहुआयामी शिक्षा प्रदान करना है। यह कदम विद्यार्थियों की बौद्धिक, व्यावसायिक और शारीरिक क्षमताओं को विकसित करने में सहायक होगा। इस परिवर्तन से सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई का स्तर और अधिक प्रभावी होगा। विद्यार्थियों को व्यापक विषय चयन के माध्यम से नई दिशाओं में प्रगति करने का अवसर मिलेगा।
उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों में प्रस्तावित यह परिवर्तन शिक्षा प्रणाली को अधिक उन्नत और परिणामदायी बनाने में सहायक होगा। शासन से स्वीकृति के बाद इस नई पाठ्यचर्या का क्रियान्वयन किया जाएगा। इससे राज्य में शिक्षा का स्तर और अधिक मजबूत होने की उम्मीद है। (Uttarakhand-10 Compulsory Subject in 10th Class)
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