🕉️सनातन धर्म की गरिमा की रक्षा को उत्तराखंड सरकार का बड़ा अभियान: ‘ऑपरेशन कालनेमि’ शुरू

नवीन समाचार, देहरादून, 11 जुलाई 2025 (Uttarakhand governments Kalnemi campaign-Kanwarh। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में धार्मिक आस्था की आड़ में लोगों को गुमराह कर रहे पाखंडी तत्वों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश देते हुए ‘ऑपरेशन कालनेमि’ की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि राज्य में सनातन धर्म की मर्यादा को भंग करने वालों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जो लोग साधु-संतों का वेश धरकर लोगों को ठग रहे हैं, वे समाज के लिए कालनेमि के समान हैं, और अब सरकार ऐसे लोगों के विरुद्ध शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) की नीति अपनाएगी।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “जिस प्रकार राक्षस कालनेमि ने साधु का रूप धरकर भगवान हनुमान को भ्रमित करने की कोशिश की थी, उसी तरह आज समाज में कई कालनेमि सक्रिय हैं। हमारी सरकार जनभावनाओं, सनातन संस्कृति की गरिमा और सामाजिक एकता की रक्षा हेतु पूरी तरह प्रतिबद्ध है। पाखंड और अंधविश्वास फैलाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। किसी भी कीमत पर उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।”
धार्मिक पवित्रता पर उठे प्रश्न-गैर हिंदुओं के प्रवेश और व्यवसाय पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग
इसी क्रम में हरिद्वार में भारत साधु समाज के बैनर तले संतों ने बैठक कर कांवड़ यात्रा में गैर हिंदुओं के प्रवेश और व्यवसाय पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग उठाई है। बैठक में मौजूद महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि और अन्य संतों ने कहा कि जेहादी मानसिकता से प्रेरित लोग भगवा वस्त्र धारण कर, शिव की पूजा सामग्री, कांवड़ आदि बेचकर या सेवा कार्यों के नाम पर आस्था के साथ छल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियां गंगाजल की शुद्धता और कांवड़ यात्रा की पवित्रता को ठेस पहुंचाती हैं।
महामंडलेश्वर प्रबोधानंद ने यह भी अपील की कि शिवभक्त मुसलमानों द्वारा बनाई गई कांवड़ का प्रयोग न करें, क्योंकि यह गंगाजल की शुद्धता को प्रभावित करता है। उन्होंने विकल्प बताते हुए कहा कि यदि कोई स्वयं कांवड़ नहीं बना सकता तो रस्सी से बांधकर गंगाजल का पात्र ले जाए।
मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर साधु-संतों की मांग
इससे पूर्व जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर श्रावण मास की कांवड़ यात्रा में गैर हिंदुओं की भूमिका पर सवाल खड़े कर चुके हैं। उन्होंने लिखा कि इस पवित्र यात्रा में कुछ असामाजिक तत्व भगवा वस्त्रों और धार्मिक प्रतीकों का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने पूजा सामग्री में मिलावट, भोजन में थूक मिलाने जैसी घटनाओं की ओर भी ध्यान आकर्षित कराया।
उन्होंने मांग की है कि—
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कांवड़ यात्रा मार्ग पर गैर हिंदुओं के प्रवेश पर पूर्ण रोक लगे
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कांवड़ बाज़ार में केवल हिंदुओं को ही दुकान लगाने की अनुमति मिले
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धार्मिक वस्तुओं की बिक्री पर नियंत्रण हो
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यात्रा मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं
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प्रत्येक जिले में निगरानी समिति गठित की जाए
प्रशासन की सख्ती (Uttarakhand governments Kalnemi campaign-Kanwarh)
मुख्यमंत्री ने प्रशासन को निर्देशित किया है कि ऐसे लोगों की पहचान कर धार्मिक, जातीय या पंथीय पहचान की परवाह किए बिना कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने जनता से भी आह्वान किया है कि यदि वे किसी ढोंगी, फर्जी बाबा या पाखंडी के बारे में जानते हैं तो तत्काल प्रशासन को सूचित करें, ताकि उनके विरुद्ध उचित कार्रवाई की जा सके।
यह अभियान राज्य में धर्म, संस्कृति और समाज को पाखंड से मुक्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
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