उत्तराखंड: अधिकारियों को अजब कारनामा, जो धनराशि उत्तराखंड को कभी मिली ही नहीं, उसके लिये दे दिये एक अरब रुपये का आयकर…
नवीन समाचार, देहरादून, 7 अगस्त 2024 (Uttarakhand-Officials paid 1 Billion Income Tax)। उत्तराखंड से एक बड़ा समाचार है। राज्य में अधिकारियों ने एक ऐसी धनराशि के लिए लगभग एक अरब रुपया आयकर में जमा कर दिया, जो धनराशि उत्तराखंड को कभी मिली ही नहीं। इस समाचार के सामने आने के बाद मामले से जुड़े अधिकारियों में हलचल मच गई है।
यह पूरा मामला अधिकारियों के गजब कारनामे से जुड़ा हुआ है। मामले का अनावरण तब हुआ जब प्रदेश के वित्त मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवालविभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। इस दौरान यह मामला सामने आया, जिसे जानकर मंत्री भी हैरान रह गये। हैरान इस स्तर तक कि कुछ देर तक मंत्री की समझ में ही नहीं आया कि यह कैसे हो सकता है, लेकिन उत्तराखंड के अधिकारी ऐसा कर गये।
मामला उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड वन विकास निगम में परिसंपत्तियों के बंटवारे और देनदारियों के लेनदेन से जुड़ा (Uttarakhand-Officials paid 1 Billion Income Tax)
पता चला कि यह मामला उत्तर प्रदेश वन निगम और उत्तराखंड वन विकास निगम में परिसंपत्तियों के बंटवारे और देनदारियों के लेनदेन से जुड़ा हुआ है। बताया गया कि वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होने के दो दशक बाद 22 फरवरी 2021 को उत्तर प्रदेश वन निगम और उत्तराखंड वन विकास निगम के बीच परिसंपत्तियों का समझौता हुआ। इसके अंतर्गत उत्तराखंड को करीब 100 करोड़ रुपये मिलने थे।
इसके तहत चूंकि धनराशि राज्य बनने के समय से ही उत्तराखंड को नहीं मिली थी, इसलिए इसमें ब्याज भी चढ़ता गया और यह धनराशि कुल मिलाकर समझौते के अनुसार 560 करोड़ रुपये से अधिक हो गई। यानी अब उत्तर प्रदेश वन विकास निगम को उत्तराखंड को 560 करोड़ रुपये देने थे, जो आज तक उत्तराखंड को नहीं मिले।
लेकिन इस बीच आयकर विभाग ने जब वन निगम से 560 करोड़ रुपये के बारे में पूछताछ की तो उत्तर प्रदेश ने आयकर रिटर्न दाखिल करते समय यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह धनराशि तो उत्तराखंड की है। ऐसे में आयकर विभाग ने उत्तराखंड वन विकास निगम से इस धनराशि का टैक्स मांग लिया। टैक्स नहीं देने पर आयकर अधिकारियों ने निगम का देहरादून स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा का खाता भी सीज कर दिया।
खाता सीज होने से घबराए उत्तराखंड वन विकास निगम के अधिकारियों ने आयकर ट्रिब्यूनल में जाकर अपना पक्ष रखने की बजाय करीब एक अरब रुपये आयकर भर दिया, यह देखे बिना कि यह धनराशि तो उत्तराखंड को मिली ही नहीं। मामला अब जाकर वित्त मंत्री के सामने आया तो वह भी स्तब्ध रह गये।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री पुनर्गठन विभाग के भी मंत्री हैं। मंगलवार को वह पुनर्गठन विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उत्तर प्रदेश से लेनदेन की बारी आई तो मामले का अनावरण हुआ। इससे मंत्री ने अधिकारियों को फटकार तो लगाई, लेकिन अब बड़ा सवाल यह है कि एक अरब रुपये का जो टैक्स भर दिया गया, उसकी जिम्मेदारी किस पर तय की जाए।
इस एक अरब रुपये पर पिछले दो सालों में ब्याज ही करोड़ों में पहुंच चुका होगा। अब देखना है कि मामले के प्रकाश में आने के बाद जिम्मेदार लापरवाह अधिकारियों पर सरकार क्या कार्रवाई करती है। (Uttarakhand-Officials paid 1 Billion Income Tax)
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