उत्तराखंड में मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार के तहत मिल रहा आधे खर्च में जर्मन भाषा का प्रशिक्षण और जर्मनी में 3.5 लाख तक की नौकरी
नवीन समाचार, देहरादून, 30 सितंबर 2024। उत्तराखंड सरकार की मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना (Uttarakhand-Skill Development Scheme-German Jobs) युवाओं के लिये वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रदेश के 15 युवक-युवतियों को जर्मनी में नर्सिंग के क्षेत्र में 3.5 लाख रुपए मासिक तक के मासिक वेतन की नौकरी मिल गई है।
इनमें कोटद्वार निवासी प्रशांत रावत और देहरादून की अवंतिका जैसे कई युवक-युवतियाँ शामिल हैं, जिन्हें जर्मन भाषा में बी-2 स्तर की परीक्षा पास करने के बाद जर्मनी में रोजगार मिलेगा। उन्हें पहले ही नौकरी के लिए प्रस्ताव पत्र (ऑफर लेटर) मिल चुका है। आप भी अगर युवा हैं तो इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
ऐसी है मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना (Uttarakhand-Skill Development Scheme-German Jobs)
प्रदेश सरकार की सेवायोजन विभाग द्वारा संचालित इस योजना के तहत राज्य के कई युवाओं को विदेश में रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। योजना के अंतर्गत जर्मनी में नर्सिंग के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक युवाओं को देहरादून में जर्मन भाषा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सभी युवा बीएससी नर्सिंग और जीएनएम कोर्स कर चुके हैं और वर्तमान में देहरादून में प्राइवेट नौकरी कर रहे हैं।
यह कहना है मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना का लाभ ले रहे युवाओं का
इस योजना का लाभ ले रही टिहरी निवासी काव्या चौहान ने बताया कि उन्होंने सरकारी नौकरी के लिए बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई की थी, लेकिन इस योजना की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने जर्मनी में करियर बनाने का निर्णय लिया। उन्हें नौकरी के लिए ‘ऑफर लेटर’ मिल चुका है।
वहीं देहरादून की निवासी आस्था शर्मा का कहना है कि इस योजना के तहत एक साल के जर्मन भाषा के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पर औसतन डेढ़ लाख रुपये का खर्च आ रहा है, जिसमें से 20 प्रतिशत खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है। इस धनराशि में वीजा का खर्च भी शामिल है।
देहरादून की ही त्यागी रोड निवासी अवंतिका का कहना है कि उत्तराखंड सरकार की इस योजना के तहत वह आधे से भी कम लागत पर जर्मन भाषा का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। लेकिन अगर उन्होंने निजी स्तर पर जर्मन भाषा का प्रशिक्षण लिया होता, तो उन्हें चार लाख रुपए तक का खर्च करना पड़ता। उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की संभावना नहीं है, क्योंकि चयन सरकार के माध्यम से होता है।
उनके अलावा देहरादून के प्रवीण लिंगवाल ने बताया कि इस योजना के कारण ही वह विदेश में काम करने के अपने सपने को साकार कर पाए हैं। सभी चयनित युवाओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस योजना की शुरुआत के लिए धन्यवाद दिया है, जिससे उन्हें अपने सपनों को साकार करने में मदद मिली है। मुख्यमंत्री धामी ने इन सभी युवाओं को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
दूसरी ओर प्रदेश सरकार की आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘उत्तराखंड में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। हमारे युवा कड़ी मेहनत और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं। हमारा प्रयास है कि उन्हें कौशल प्रदान करके वैश्विक रोजगार के लिए तैयार किया जाए। ये युवा न केवल उत्तराखंड बल्कि विदेश में भी देश का नाम रोशन करेंगे। सभी प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं।’ (Uttarakhand-Skill Development Scheme-German Jobs)
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