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March 17, 2025

उत्तराखंड एसटीएफ ने किया दक्षिण एशिया में सिम कार्ड भेजने वाले एक अंतर्राष्ट्रीय सिम कार्टेल का भंडाफोड़

Navin Samachar Vishesh

नवीन समाचार, हरिद्वार, 30 सितम्बर 2024। उत्तराखंड एसटीएफ ने दक्षिण एशिया में सिम कार्ड भेजने वाले एक अंतर्राष्ट्रीय सिम कार्टेल का भंडाफोड़ किया है, जो साइबर अपराधियों को फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराता था।

एसटीएफ का दावा है कि यह देश में पकड़ा गया पहला गिरोह है, जो फर्जी सिम कार्ड और ओटीपी बेचने का काम कर रहा था। एसटीएफ ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड को हरिद्वार के मंगलौर से गिरफ्तार किया है। अभियुक्त ने अब तक 20,000 से अधिक सिम कार्ड को फर्जी तरीके से एक्टिवेट कर दक्षिण एशियाई देशों जैसे थाईलैंड, कंबोडिया, म्यांमार, और भारत के विभिन्न राज्यों के साइबर ठगों को उपलब्ध कराया है।

यह है गिरोह का काम करने का तरीका

एसटीएफ के अनुसार, मास्टरमाइंड ने मंगलौर क्षेत्र में घर-घर जाकर महिलाओं को फर्जी सरकारी योजनाओं या कंपनी की ओर से कप के सेट देने का लालच देकर उनके आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज हासिल किए। इसके बाद, बायोमैट्रिक मशीन का इस्तेमाल कर हजारों फर्जी सिम कार्ड एक्टिवेट किए गए। ये सिम कार्ड चीनी और कंबोडियन व्हाट्सएप ओटीपी ग्रुप्स के माध्यम से साइबर ठगों को 3 रुपये से लेकर 50 रुपये प्रति ओटीपी के हिसाब से बेचे जा रहे थे।

सिम कार्ड के जरिये ठगी का जाल

चीन और कंबोडिया से संचालित व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिये इन सिम कार्डों का उपयोग कर व्हाट्सएप कॉलिंग और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर मासूम लोगों को ठगने का काम किया जा रहा था। ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट के नाम पर लोगों को लालच देकर पूरे भारत में साइबर ठगी की जा रही थी।

बरामद हुए उपकरण और सामग्री

अभियुक्त के कब्जे से 1816 सिम कार्ड, दो चेक बुक, पांच मोबाइल फोन और दो बायोमैट्रिक डिवाइस बरामद की गई हैं। एसटीएफ को इस गिरोह की शिकायत माजरी माफी मोहकमपुर, देहरादून निवासी एक पीड़ित ने दी थी। पीड़ित ने बताया कि वह फेसबुक पर कथित रूप से चेन्नई की रहने वाली ‘कल्याणी’ नामक एक व्यक्ति के संपर्क में था, जिसने उसे ट्रेडिंग में तीन गुना मुनाफा कमाने का लालच दिया था।

पुलिस जांच में खुलासा

जब पीड़ित ने उसके निर्देशों का पालन करते हुए वेबसाइट पर निवेश किया, तो उसे धीरे-धीरे फ्रॉड का शक हुआ। पुलिस जांच में पाया गया कि सिम कार्ड और फोन नंबर फर्जी थे, जिसके बाद इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश हो गया।

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