उत्तराखंड के युवाओं की आईएएस-2024 में शानदार सफलता: अंजू, शिल्पा, अनुप्रिया, अर्पित, गौरव, अक्षत व तुषार ने रचा इतिहास

नवीन समाचार, नैनीताल, 23 अप्रैल 2025 (Uttarakhand Youths Success In IAS-2024 Examination)। उत्तराखंड के युवाओं ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा 2024 में अपनी मेहनत और लगन से शानदार प्रदर्शन कर राज्य का मान बढ़ाया है। मंगलवार को घोषित अंतिम परिणाम में शक्ति दुबे ने अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम रैंक हासिल की, वहीं उत्तराखंड के भी कई युवाओं ने शीर्ष रैंक प्राप्त कर सिविल सेवाओं में स्थान पक्का किया है। इनमें टिहरी की अंजू भट्ट, त्यूणी की शिल्पा चौहान, लोहाघाट की अनुप्रिया सहित अन्य प्रतिभाशाली युवा शामिल हैं। इनकी सफलता ने न केवल उनके परिवारों, बल्कि पूरे उत्तराखंड को गौरवान्वित किया है।
शिल्पा चौहान: त्यूणी की होनहार बेटी
देहरादून जिले के त्यूणी क्षेत्र के शेडिया गांव, खत देवधार की निवासी शिल्पा चौहान ने यूपीएससी 2024 में 188वीं रैंक प्राप्त कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। शिल्पा के पिता, राजेंद्र सिंह चौहान, एक साधारण परिवार से हैं। शिल्पा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूलों से प्राप्त की और उच्च शिक्षा के लिए देहरादून के प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाई की।
उनकी तैयारी की रणनीति में स्वाध्याय और नियमित अभ्यास शामिल था। स्थानीय समुदाय और उनके शिक्षकों ने बताया कि शिल्पा बचपन से ही मेधावी थीं और हमेशा प्रशासनिक सेवाओं में योगदान देने का सपना देखती थीं। उनकी सफलता की खबर पर क्षेत्र के विधायक ने भी उन्हें बधाई दी, जिससे स्थानीय स्तर पर उत्साह का माहौल है।
अनुप्रिया: लोहाघाट की प्रेरणादायी प्रतिभा
चंपावत जिले के लोहाघाट क्षेत्र की अनुप्रिया ने यूपीएससी 2024 में 189वीं रैंक हासिल कर एक और प्रेरणादायी कहानी लिखी। अनुप्रिया का परिवार ग्राम पंचायत कलीगांव के टूड़ा तोक से है। वह वर्तमान में हरियाणा में पीसीएस अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। इससे पहले अनुप्रिया ने यूपीएससी 2023 की रिजर्व सूची में 29वीं रैंक प्राप्त की थी, जो उनकी निरंतरता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
लोहाघाट के एक साधारण परिवार से आने वाली अनुप्रिया ने अपनी स्कूली शिक्षा स्थानीय स्तर पर पूरी की और बाद में उच्च शिक्षा के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों का रुख किया। उनकी सफलता का श्रेय उनके परिवार के समर्थन और उनकी कठिन परिश्रम को जाता है। अनुप्रिया की उपलब्धि ने विशेष रूप से उत्तराखंड की बेटियों के लिए एक मिसाल कायम की है, जो सिविल सेवाओं में करियर बनाने का सपना देखती हैं।
अंजू भट्ट: चौथे प्रयास में घर पर ही स्वाध्याय के बल पर मंजिल तक पहुंचीं
टिहरी जिले के सिलवाल गांव की मूल निवासी अंजू भट्ट ने 312वीं रैंक हासिल कर अपने सपने को साकार किया है। वर्तमान में देहरादून के विकासनगर बरोटीवाला में रहने वाली अंजू ने घर पर ही स्वाध्याय के बल पर यह उपलब्धि हासिल की। उनके पिता किशोरी लाल भट्ट असम राइफल्स में सूबेदार के पद पर नागालैंड में तैनात हैं, जबकि माता इंदु भट्ट गृहिणी हैं।
कक्षा 10 से ही सिविल सेवा में जाने का लक्ष्य रखने वाली अंजू ने विकासनगर के एक निजी विद्यालय से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की और सहारनपुर के ग्लोकल विश्वविद्यालय से कंप्यूटर विज्ञान में बीटेक किया। अंजू ने तीन बार असफलता का भी सामना किया, लेकिन चौथे प्रयास में उन्होंने दृढ़ संकल्प के साथ 312वीं रैंक प्राप्त की। उनकी इस उपलब्धि ने विकासनगर और टिहरी में खुशी की लहर दौड़ा दी है।
अर्पित कुमार को मिला मेहनत का फल
हरिद्वार जिले के रुड़की निवासी अर्पित कुमार ने यूपीएससी 2024 में 421वीं रैंक हासिल कर अपने शहर का नाम रोशन किया। अर्पित, एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा रुड़की के स्थानीय स्कूलों से पूरी की और बाद में इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उनके शिक्षकों के अनुसार, अर्पित ने यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली में कोचिंग ली, लेकिन उनकी सफलता का आधार उनकी आत्म-अनुशासन और नियमित अध्ययन की आदत थी।
अर्पित ने अपनी रणनीति में करेंट अफेयर्स और निबंध लेखन पर विशेष ध्यान दिया, जिसने उन्हें मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में मदद की। उनकी इस उपलब्धि ने रुड़की के युवाओं में सिविल सेवाओं के प्रति नया उत्साह जगाया है।
रानीखेत के गौरव छिमवाल ने कुमाऊँ क्षेत्र की प्रतिभा को उजागर किया
अल्मोड़ा जिले के रानीखेत निवासी गौरव छिमवाल ने 564वीं रैंक प्राप्त कर कुमाऊँ क्षेत्र की प्रतिभा को उजागर किया। गौरव के पिता एक स्थानीय व्यवसायी हैं, और उनका परिवार साधारण पृष्ठभूमि से है। गौरव ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रानीखेत से प्राप्त की और उच्च शिक्षा के लिए नैनीताल के एक कॉलेज में दाखिला लिया।
यूपीएससी की तैयारी के दौरान उन्होंने ऑनलाइन संसाधनों और स्वाध्याय पर भरोसा किया, क्योंकि उनके लिए नियमित कोचिंग लेना संभव नहीं था। गौरव ने बताया कि उनकी सफलता का राज रोजाना 8-10 घंटे की पढ़ाई और मॉक टेस्ट की प्रैक्टिस थी। उनकी इस उपलब्धि ने रानीखेत में उत्सव का माहौल बना दिया, और स्थानीय समुदाय उनके भविष्य के योगदान की प्रतीक्षा कर रहा है।
अक्षत कुटियाल : दृढ़ता की मिसाल
पिथौरागढ़ जिले के धारचूला के अक्षत कुटियाल ने यूपीएससी 2024 में सफलता हासिल कर सीमांत क्षेत्रों की प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। धारचूला जैसे दूरस्थ क्षेत्र से आने वाले अक्षत ने अपनी स्कूली शिक्षा स्थानीय स्कूलों से पूरी की और बाद में उच्च शिक्षा के लिए देहरादून का रुख किया। उनके परिवार के अनुसार अक्षत ने यूपीएससी की तैयारी के लिए कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी।
उन्होंने स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पुस्तकों और इंटरनेट के माध्यम से पढ़ाई की, और उनकी रणनीति में सामान्य अध्ययन और वैकल्पिक विषय (इतिहास) पर गहन ध्यान देना शामिल था। अक्षत की सफलता ने धारचूला के युवाओं के लिए एक नया मार्ग प्रशस्त किया है, और उनके गांव में उनकी उपलब्धि पर गर्व का माहौल है।
तुषार डोभाल ने लगातार दूसरी बार प्राप्त की सफलता (Uttarakhand Youths Success In IAS-2024 Examination)
टिहरी गढ़वाल के तुषार डोभाल ने यूपीएससी 2024 में लगातार दूसरी बार सफलता प्राप्त कर अपनी निरंतरता और प्रतिबद्धता का परिचय दिया। इससे पहले, तुषार ने यूपीएससी 2023 में भी सफलता प्राप्त की थी, जिसके बाद उन्होंने अपनी रैंक सुधारने के लिए और कठिन परिश्रम किया।
टिहरी के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले तुषार ने अपनी शिक्षा देहरादून और दिल्ली के संस्थानों से पूरी की। उनकी तैयारी की रणनीति में साक्षात्कार के लिए व्यक्तित्व विकास और मुख्य परीक्षा के लिए उत्तर लेखन की प्रैक्टिस शामिल थी। तुषार ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों के मार्गदर्शन को दिया। उनकी इस उपलब्धि ने टिहरी में युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनाया है, और स्थानीय नेता उनकी भविष्य की भूमिका की सराहना कर रहे हैं। (Uttarakhand Youths Success In IAS-2024 Examination, Uttarakhand News, Great Success Of Uttarakhand Youth In IAS-2024, Anju)
यूपीएससी 2024 में कुल 1016 अभ्यर्थियों को विभिन्न सेवाओं के लिए चुना गया, जिसमें उत्तराखंड के इन युवाओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। उत्तराखंड के इन होनहारों की सफलता ने साबित कर दिया कि दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। राज्य सरकार और स्थानीय समुदाय ने इन युवाओं की उपलब्धियों की सराहना की है, और इनके अनुभव भविष्य के अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे। (Uttarakhand Youths Success In IAS-2024 Examination, Uttarakhand News, Great Success Of Uttarakhand Youth In IAS-2024, Anju)
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