नैनीताल : दिल के सबसे करीब, सचमुच धरती पर प्रकृति का स्वर्ग

नैनीताल : दिल के सबसे करीब, सचमुच धरती पर प्रकृति का स्वर्ग

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यदि आप भी दिल्ली-एनसीआर या यूपी, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान से हैं और गर्मी से परेशान हैं...

तो सप्ताहांत के एक-दो दिनों की अल्पावधि की छुट्टी में किसी ऐसी जगह जाना चाहते हैं जहां गर्मी से निजात मिले

साथ ही प्रकृति के सुंदर नजारे देखने के साथ ही परिवार के साथ अच्छा समय बिताने को मिले, समय का सदुपयोग हो ...

तो नैनीताल आपका सबसे पसंदीदा और आसान गंतव्य हो सकता है। आज हम आपको नैनीताल पहुंचने, यहां घूमने-फिरने की पूरी जानकारी देने जा रहे हैं...

आप चाहे पहाड़ों के शौकीन हों, प्रकृति की हरीतिमा के या पानी और एक अलग समृद्ध संस्कृति के, दिल्ली के पास नैनीताल ऐसी जगह है जो काफी दिलकश और आकर्षक है। आइए जानते हैं इस स्थान के बारे में... 

दिल्ली के नजदीक, 300 किमी से भी कम की दूरी पर नैनीताल गर्मियों में परिवार के साथ लंबी या छोटी छुट्टियां बिताने के लिए झीलों का शहर व सरोवरनगरी के रूप में विश्व प्रसिद्ध नैनीताल एक सर्वश्रेष्ठ स्थान है

नैनीताल हर मौसम में आया जा सकता है। यहां सर्दियों में न्यूनतम तापमान शून्य से 10 डिग्री एवं गर्मियों में न्यूनतम 10 से अधिकतम 30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है।

नैनीताल आने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम 34 किमी व निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर 70 किमी, बरेली 145 किमी और देहरादून 290 किमी है। विशेष परिस्थितियों में नैनीताल हेलीकॉप्टर से भी आया जा सकता है।

मैदानी स्थान काठगोदाम से मात्र 34 किलोमीटर चलकर समुद्र सतह से करीब 2000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित नैनीताल अंग्रेजों द्वारा बसाया गया पर्वतीय शहर है

यहां विश्व प्रसिद्ध नैनी सरोवर की अनूठी सुंदरता के साथ भगवान शिव एवं माता सती की आंख से जुड़ी कहानी के साथ धार्मिक महत्व है।

साथ ही यह स्थान कुमाउनी लोक संस्कृति के साथ भोटिया-तिब्बती एवं अन्य संस्कृतियों से भी आकर्षित करता है।

अच्छी आवासीय सुविधाओं के बावजूद यह स्थान आज भी अफगानी चिनार के साथ हरे पेड़ों के वनों का नगर भी कहा जाता है।

एक स्थान पर झील और हरे जंगलों के साथ घूमने-फिरने व देखने के अनेक आकर्षण के कारण...

नैनीताल देश के कश्मीर, शिमला व मसूरी जैसे पर्वतीय शहरों से प्राकृतिक सुंदरता में कहीं अधिक पसंद किया जाता है।

यहां कैंची धाम में बाबा नीब का आर्शीवाद भी लिया जा सकता है।

नैनीताल में एक छोटे से क्षेत्र में ही नैनी झील पर नौकायन व मॉल रोड पर सैर के साथ रोपवे पर चलने वाली केबल कार की सवारी

देश के गिने-चुने उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान यानी चिड़ियाघर, प्राकृतिक गुफाओं के केव गार्डन

हिमालय दर्शन, नैना पीक, स्नोव्यू व टिफिन टॉप से प्राकृतिक तथा लवर्स प्वॉइंट व लैंड्स इंड...

से रोमांचक नजारों के अनुभव जीवन भर के लिए स्मरणीय व दीवाना बनाने वाले हो सकते हैं।

नैनीताल आलू के गुटके, भट्ट की चुड़कानी, झोली-भात जैसे पर्वतीय लजीज व्यंजनों के साथ ही मोमो, चाउमिन व थुप्पा जैसे चायनीज व तिब्बती व्यंजनों के लिए भी प्रसिद्ध है।

नैनीताल के पास मुक्तेश्वर, भीमताल, सातताल, नॉकुचियाताल, सरियाताल व खुर्पाताल, सरियाताल फॉल्स, किलबरी-पंगूट भी एक-दो दिन के टूर में घूमे जा सकते हैं।

भवाली-रामगढ़ की फल पट्टी में पर्वतीय फलों का स्वाद लिया जा सकता है।

रात्रि में नजदीक ही स्थित एरीज यानी आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान से चांद-सितारों की दुनिया निहारी जा सकती है।