आखिर पता चल गया कि किसकी गलती से मोबाइल फ़ोनों में आया था आधार का हेल्पलाइन नंबर
नैनीताल, 6 अगस्त 2018। आखिर पता चल गया है कि किसकी गलती से मोबाइल फ़ोनों में आधार का हेल्पलाइन नंबर आ गया। वास्तव में भारत सरकार के दूरसंचार मंत्रालय के सहायक निदेशक-जनरल (एएस-तृतीय) सुभाष चंद्र केसरवानी ने बीती 30 जुलाई को सभी सेवा प्रदाताओं को यूआईडीएआई के नये टॉल फ्री नंबर 1800-300-1947 के लिए छोटी कोड संख्या 1947 को तत्काल प्रभाव से प्रयोग करने के आदेश दिये थे।
देखिये केसरवानी का पत्र: https://twitter.com/ReshmiDG/status/1025438977166331906
उल्लेखनीय है कि इस बारे में तीन अगस्त 2018 को गूगल ने अपनी ओर से हुई गलती के लिए माफी भी मांग ली थी। गूगल का कहना था कि वर्ष 2014 में डाले गये आधार के हेल्पलाइन नंबर 112 को हटाने के क्रम में यह गलती होने की बात कही थी।
देखिए गूगल का पक्ष:
Seems mystery on UIDAI number entering into Android phones solved….mistake from Google https://t.co/TQRDn3UXZM
— J Gopikrishnan (@jgopikrishnan70) August 3, 2018
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कहा- इसका हैकिंग या डेटा चोरी से कोई लेना देना नहीं, कुछ स्वार्थी तत्व आधार को लेकर फैला रहे हैं डर
नई दिल्ली, 5 अगस्त 2018। कुछ ऐंड्रॉयड स्मार्टफोनों में आधार के हेल्पलाइन नंबर UIDAI नाम से सेव हो जाने पर मचे विवाद के बीच यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि इसका हैकिंग या डेटा चोरी से कोई लेना देना नहीं है। UIDAI ने बयान जारी करने के साथ ही ट्विटर पर भी सिलसिलेवार ट्वीट कर बताया कि गूगल की गलती का फायदा कुछ निहित स्वार्थ वाले उठा रहे हैं और आधार के खिलाफ डर फैलाने के लिए कर रहे हैं। UIDAI इस तरह की कोशिशों की निंदा करता है। हेल्पलाइन नंबर से डेटा को नहीं चुराया जा सकता।
अथॉरिटी ने कहा कि ट्विटर और वॉट्सऐप जैसे कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह अफवाह फैलायी जा रही है कि यह नंबर (ऐंड्रॉयड फोन में सेव आधार हेल्पलाइन नंबर) नुकसान पहुंचा सकता है और इससे आधार डेटा चोरी हो सकता है, लिहाजा हेल्पलाइन नंबर को तुरंत डिलीट किया जाना चाहिए। अथॉरिटी ने कहा कि सिर्फ हेल्पलाइन नंबर, (और वह भी आउटडेटेड है) से डेटा चोरी नहीं हो सकती, सिर्फ मोबाइल की कॉन्टैक्ट लिस्ट में हेल्पलाइन नंबर होने से फोन के डेटा को चोरी नहीं किया जा सकता। इसलिए नंबर को डिलीट करने की जरूरत नहीं है। कहा कि सोशल मीडिया पर इस तरह के फैलाए गए संदेश झूठे हैं और कुछ लोग स्वार्थवश गूगल की इस गलती का इस्तेमाल आधार के खिलाफ झूठी सूचनाएं फैलाने और लोगों को डराने के लिए कर रहे हैं। इतना ही नहीं, अथॉरिटी ने लोगों को यह भी सुझाव दिया कि चाहे तो UIDAI के पुराने हेल्पलाइन नंबर को अपडेट कर नए हेल्पलाइन नंबर 1947 को सेव कर सकते हैं।
अथॉरिटी ने अपने बयान में कहा कि गूगल ने खुद सफाई दी है कि 2014 में उसने UIDAI के पुराने हेल्पलाइन नंबर 18003001947 को गलती से पुलिस/फायर ब्रिगेड के नंबर 112 के साथ सेव किया था। इसके लिए गूगल ने खेद भी जताया है।