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October 10, 2024

कुमाऊं के ब्लॉग व न्यूज पोर्टलों का इतिहास

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कुमाऊं के ब्लॉग :

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल। ब्लॉगिंग को नये मीडिया का मुख्य आधार कहा जाता है, और वेब पत्रकारिता की शुरुआत सोशल मीडिया से भी पहले ब्लॉगिंग से ही मानी जाती है। निस्संदेह देश में आलोक कुमार के हिन्दी ब्लॉग ‘नौ दो ग्यारह’ से 21 अप्रैल 2003 को हिंदी ब्लॉगिंग की शुरुआत होने के बाद से ही ब्लॉगिंग साफ तौर पर पत्रकारिता से सीधे जुड़े होने के बजाय ब्लॉगरों की मनोभावनाओं-अभिव्यक्तियों को उजागर करने का माध्यम ही रही। शुरुआत में देश के बड़े शहरों व विदेशों में रहे लोगों ने ही ब्लॉगिंग की शुरुआत की, क्योंकि वहां उन्हें वहां के निवासी अपनी भाषाओं में ब्लॉगिंग करते नजर आते थे। जबकि भारत में ब्लॉगिंग में उस दौर में इंटरनेट के साथ ही हिंदी में लिखने के लिए हिन्दी फांट की समस्या और उसके लेखन की विधियां तथा लोगों के बीच तकनीकी जानकारी का अभाव जैसी बड़ी बाधाएं थीं। इस दौरान अल्मोड़ा के अक्टूबर 2004 से ब्लोगर पर सक्रिय प्रशांत जोशी ने अंग्रेजी में Almoraboy’s Pensieve, Maya Thomas WeddingSweet Memoirs नाम से अंग्रेजी में कुमाऊं में ट्रेकिंग व अन्य विषयों पर ब्लॉग शुरू किये।

पत्रकारिता से संबंधित निम्न लेख भी सम्बंधित लाइनों पर क्लिक करके पढ़ें : 

(देश के हिंदी ब्लॉग, न्यूज़ पोर्टल, ई-पेपर व ब्लॉग अग्रीगेटरों की सूची यहाँ भी देखें.)

2007 में इंडिक यूनीकोड के आगमन के साथ देश के साथ उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में भी वर्ष 2007 का वर्ष ब्लॉगिंग की शुरुआत का वर्ष रहा। इस वर्ष 1 जनवरी 2007 से दिल्ली में रहने वाले अल्मोड़ा के कमल कर्नाटक व बागेश्वर के माही सिंह मेहता आदि कुछ प्रवासी उत्तराखंडियों ने ‘मेरा पहाड़ फोरम’ शुरू किया, जो ब्लॉग से आगे इंटरनेट पर सक्रिय हो रहे पर्वतीय लेखकों, ब्लॉगरों की अभिव्यक्तियों का सामूहिक फोरम था। इसके बाद भी सही अर्थों में ब्लॉगिंग की शुरुआत भी कुमाऊं के भीतर नहीं बाहर से ही हुई। 25 फरवरी 2007 को हैदराबाद में रहने वाली अल्मोड़ा मूल की शशि पांडे श्रीवास्तव के भावाभिव्यक्तियों के ब्लॉग ‘घुघूती बासूती’ की शुरुआत की, जिसे ज्ञात जानकारी के अनुसार कुमाऊं मंडल का पहला ब्लॉग माना जा सकता है। इसी दौरान मार्च 2007 से ब्लॉगर पर सक्रिय व मेरा पहाड़ फोरम शुरू करने वाले, एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में तब भी उच्च पदस्थ व वर्तमान में सीईओ का पद संभाल रहे अल्मोड़ा निवासी कमल कर्नाटक ने  काकेश नाम से काकेश की कतरनें(Kakesh’s KudKud)’ शुरु किया। इसे भी कुमाऊं के प्रारंभिक ब्लॉगों में शुमार किया जाता है, लेकिन वर्तमान में इंटरनेट पर उपलब्ध न होने के कारण इसके बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। खास बात यह भी रही कि इन दोनों शुरुआती ब्लॉगरों ने कभी ब्लॉगिंग और इसके इतर भी ब्लॉगिंग के संबंध में अपने वास्तविक नाम और अपनी फोटो के साथ अपने परिचय का खुलाशा नहीं किया। 

इसके बाद हल्द्वानी से अशोक पांडे द्वारा 14 जुलाई 2007 को शुरू किया गया ‘कबाड़खाना’ ब्लॉग देश भर के एक खास वर्ग के ब्लॉगरों व पाठकों का पसंदीदा सामूहिक ब्लॉग मंच रहा। कुमाऊं ही नहीं, देश भर के अनेक लेखक-ब्लॉगर भी कबाड़खाना के ‘कबाड़ी’ कहलाते हुए भी खुशी से लिखते-पढ़ते रहे हैं। आगे राजेश जोशी ने 13 अगस्त 2007 से ‘कुमाउनी कल्चर’ ब्लॉग के जरिये ब्लॉगिंग की शुरुआत की, तथा कचकच  (7 जुलाई 2008 से शुरू) व पहाड़ी मंच नाम के ब्लॉग चलाये। सितंबर 2007 में नैनीताल से दिनेश पालीवाल भी कबाड़खाना से जुड़े। वर्तमान में ‘कुमाउनी कल्चर’ नये डोमेन पर उपलब्ध है। 17 नवंबर 2007 को डा0 सिद्धेश्वर सिंह ने अपना ब्लॉग ‘कर्मनाशा’  शुरू किया, वहीं इसी दिन यानी 17 नवंबर 2007 से संयुक्त अरब अमीरात के दुबई से ‘जोशिम‘ नाम से प्रसिद्ध ब्लॉगर मनीश जोशी ने हिंदी कविताओं का ब्लॉग ‘हरी मिर्च’ ब्लॉग की भी शुरूवात की, यह ब्लॉग अब भी इंटरनेट पर देखने को मौजूद है। इसी दौरान नैनीताल के अनाम प्रवासियों के द्वारा 19 नवम्बर 2007 को नैनीताली और उत्तराखंड के मित्र’ नाम का एक अन्य ब्लॉग भी शुरू हुआ।

आगे 18 जुलाई 2008 से नैनीताल में नैनीताल समाचार से जुड़ी विनीता यशस्वी ने अपना ब्लॉग ‘यशस्वी’ शुरू किया। 3 अक्टूबर 2007 को कुमाऊं विवि के हिंदी विभाग में प्रोफेसर व हिंदी के प्रख्यात कवि डा. शिरीष कुमार मौर्य ने ‘अनुनाद’ नाम से कबाड़खाना की तरह के स्वरूप में ही एक तरह की ऑनलाइन साहित्यिक पत्रिका की शुरुआत की। इसी वर्ष कबाड़खाना से जुड़ी मूलतः गंगोलीहाट पिथौरागढ़ निवासी व इधर मुक्तेश्वर के ग्राम सतोली निवासी दीपा पाठक 06 अक्टूबर 2007 से अपने ब्लॉगहिसालू-काफल के जरिये हिंदी ब्लॉगिंग से जुड़ीं। आगे 30 जुलाई 2010 से उन्होंने अपने बच्चों के नाम से एक बच्चों का ब्लॉग वन्या और अरण्य शुरू किया। ब्लॉगिंग के इस शुरुआती दौर में व आशुतोष उपाध्याय का नैनीताल से प्रकाशित ‘बुग्याल’ भी चर्चित ब्लॉग रहा। इस बीच हल्द्वानी से शेफाली पाण्डे द्वारा 7 दिसंबर 2008 को शुरू किया गया ब्लॉग कुमाउँनी चेली भी स्तरीय ब्लॉग रहा।  

आगे 2009 का वर्ष हिंदी ब्लॉगिंग के लिए युगांतरकारी वर्ष रहा। इसी वर्ष खटीमा ऊधमसिंह नगर से 1996 से 2004 तक उच्चारण पत्रिका के संपादक रहे डा. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक का 21 जनवरी 2009 में ‘उच्चारण’ नाम के हिंदी ब्लॉगिंग की दुनिया में अवतरण हुआ। हिंदी ब्लॉगिंग के लिए स्वयं के साथ ही अन्य ब्लॉगरों को भी प्रेरित करते हुए श्री शास्त्री ने एक के बाद एक, अनेक ब्लॉग शुरू किये, जिनमें 19 फरवरी 2009 से रूप मयंक अमर भारती, 30 अप्रैल 2009 से शब्दों का दंगल, 4 नवंबर 2009 से ‘धरा के रंग’ व दिसंबर 2009 में चर्चा मंच ब्लॉग एग्रीगेटर’ के साथ शुरुआती एक वर्ष में ही पांच ब्लॉग व एग्रीगेटर शुरू कर अपने इरादे जाहिर कर दिये। आगे भी उन्होंने 9 फरवरी 2010 सेनन्हे सुमनऔर 23 नवंबर 2012 से ‘कार्टूनिस्ट मयंक’ब्लॉगमंच, मेरी पसन्द, सुख का सूरज, पल्लवी, अभिव्यंजना-चक्र, प्रांजल-प्राची, काग़ज़ की नाव, सृजन मंच ऑनलाइन, नन्हे सुमन, मेरा संघर्ष व आमोद-प्रमोद नाम से न केवल ब्लॉग शुरू किये, वरन आगे भी बढ़ाये।

वहीं 2 अगस्त 2009 से कुमाऊं मूल की भोपाल मध्य प्रदेश में शिक्षिका के पद पर कार्यरत ब्लॉगर कविता रावत अपने नाम यानी ‘कविता रावत’ नाम से हिंदी ब्लॉग ले कर आईं, यह ब्लॉग अब पिछले दो वर्ष से स्वतंत्र रूप से ब्लॉगर से इतर ‘कविता रावत डॉट इन’ डोमेन नेम पर उपलब्ध है। वहीं 12 सितंबर 2009 से कुमाऊं विश्वविद्यालय के अल्मोड़ा स्थित एसएसजे परिसर के रसायन भौतिकी विज्ञान के प्रोफेसर डा. सुशील कुमार जोशी ने अपनी हिंदी कविताओं का ब्लॉगउलूक टाइम्स शुरू किया। इसी वर्ष नवंबर 2009 से दैनिक जागरण में कार्य कर चुके व राष्ट्रीय सहारा में कार्यरत पत्रकार तथा इस आलेख के लेखक नवीन जोशी नाम से ब्लॉगर पर सक्रिय हुए और 15 दिसंबर 2009 को कुमाउनी कविताओं का ब्लॉग ‘ऊँचे पहाड़ों से…. जीवन के स्वर नाम से अपनी तरह का पहला ब्लॉग प्रकाशित किया। आगे शोधकर्ता ने 5 जनवरी 2010 को मनोभावाभिव्यक्तियों का ब्लॉग मन कही, इसी वर्ष 9 जून 2010 को अपने छायाचित्रों का ब्लॉग प्रकृति मां व 7 जनवरी 2011 से सही अर्थों में समाचारों से युक्त पत्रकारिता का ब्लॉग ‘उत्तराखंड समाचार शुरू किया। आगे जोशी ने इसी ब्लॉग को परिष्कृत करते हुए वर्डप्रेस पर 3 जून 2014 से ‘नवीन जोशी समग्र’ के रूप में स्थापित किया, जो बाद में 13 जुलाई 2017 से अपने स्वतंत्र डोमेन के साथ नवीन समाचार के रूप में चल रहा है। इसके अलावा जोशी ने जून 2013 से पत्रकारिता के छात्रों के लिए पत्रकारिता के गुर नाम से एक अन्य ब्लॉग भी शुरू किया। इसी दौरान मंजरी व कुंजल नाम से ब्लॉगिंग करने वाली एक ब्लॉगर ने 15 मार्च 2007 से अंग्रेजी में ‘थॉट्स’ व रोमन हिंदी में ‘बेनाम’ ब्लॉग शुरू किये।

आगे 3 अप्रैल 2008 से विक्रम परमार ‘स्मैल ऑफ अर्थ आफ्टर रेन’ ने अंग्रेजी ब्लॉगिंग की शुरुआत की। वहीं आगे हैदराबाद से अनुपम पंत ने अंग्रेजी ब्लॉग ‘एवरी डे’ और हल्द्वानी निवासी योगेश जोशी के ‘अ स्ट्रेंजर्स जर्नी’ आदि कई अंग्रेजी ब्लॉगर भी सक्रिय रहे। उधर, काकेश का मुख्य ब्लॉग ‘काकेश की कतरनें’ तो अब इंटरनेट पर नहीं दिखता है, पर उनका सिंघई राज कुमार जैन के साथ एक मई 2008 को शुरू किया गया एक अन्य बेटों का ब्लोग केवल एकमात्र पोस्ट के साथ ब्लॉगर पर अब भी मौजूद है। इसके बाद मई 2009 से ब्लॉगर पर सक्रिय गंगोलीहाट पिथौरागढ़ निवासी युवा पत्रकार रोहित ने 5 जून 2009 से रंगों आकारों की भगदड़ का कैनवास ब्लॉग से ब्लॉगिंग की शुरुआत की, और आगे 9 मार्च 2010 से एक और डायरी तथा 3 नवंबर 2013 से साभार नाम से तीन ब्लॉग शुरू किये। इस बीच 23 जून 2009 से टीसी बिष्ट ने ‘माउंटेन बर्ड’ नाम और ‘के कूं च्याला, निर्बूद्धि राजक काथे काथ’ टैगलाइन के साथ कुमाउनी कविताओं-लेखों का ब्लॉग शुरू किया। इसी दौरान हल्द्वानी के विवेक जोशी ने एक-दो लाइनों के रोचक हिंदी, कुमाउनी व अंग्रेजी मिश्रित वाक्यों व हेडिंगों, यथा-‘वैलेंटाइन डे हैगो पै आज’ के नऐ स्टाइल के साथ ‘ठेट पहाड़ी’ नाम से ब्लॉग शुरू किया, जो वर्तमान में अपने प्लेटफार्म पर मौजूद नजर नहीं आ रहा है। आगे 3 मई 2010 से नैनीताल से एक नये ब्लॉगर हर्षवर्धन वर्मा ने अन-कवि के जरिये ब्लॉगिंग शुरू की, और बाद में रुद्रपुर जाकर भी ब्लॉगिंग जारी रखी। वहीं 15 सितंबर 2010 से शुरू हुआ मूलतः मासर द्वाराहाट अल्मोड़ा के रहने वाले व अब रुद्रपुर में बस गये मदन मोहन बिष्ट का कुमाउनी कविताओं का ब्लॉग ‘मेरा कुमाऊं’, 10 नवंबर 2010 से काफल पर लिखी एकमात्र भावपूर्ण पोस्ट के साथ शुरू हुआ ‘रंगीलो कुमाऊं’ नाम का ब्लॉग, हिंदुस्तान दैनिक समाचार पत्र के संपादक प्रमोद जोशी के 27 नवंबर 2010 जिज्ञासा नाम से शुरू हुए हिंदी ब्लॉग तथा 25 जुलाई 2011 से हल्द्वानी से पुरुषोत्तम पांडे के ‘जाले’ तथा हिंदुस्तान सहित अनेक बड़े मीडिया संस्थानों में कार्य कर चुके पिथौरागढ़ निवासी वरिष्ठ पत्रकार प्रो. गोविंद सिंह के हल्द्वानी में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के जरिये शिक्षा जगत में दूसरी पारी शुरू करने के साथ ‘हल्द्वानी लाइव’ ब्लॉग के जरिये 1 जनवरी 2012 से नये सफर की शुरुआत के साथ हिंदी ब्लॉगिंग की यात्रा जारी रही। 

इधर सोशल मीडिया के चढ़ाव के साथ ब्लॉगिंग में गिरावट आने के बाद भी नये छिटपुट हिंदी ब्लॉगों के आने का सिलसिला जारी है। अशोक जोशी का म्यर कुमाऊं अगस्त 2014 से तथा हल्द्वानी में होम्योपैथी के चिकित्सक डा. रवींद्र सिंह मान की कविताओं का ब्लॉग ‘सफर के बाद’ 19 मई 2015 से शुरू हुआ है।। इनके अलावा नैनीताल से अमित कुमार रेनवी, महेंद्र छिम्वाल, योगिता अमित जोशी, अजय बिष्ट, अनिमेश साह, उत्पल, मेघना तलवार, शोभित मल्होत्रा व गौरव, हल्द्वानी से मोहित अग्रवाल, योगेश जोशी, ललित परिहार, गोविंद डसीला, डा. राकेश रयाल, सुगंधा अग्रवाल, अभिषेक व नमिता, रामनगर से कौस्तुभ पांडे, अल्मोड़ा से समीर ग्वासीकोटी, अंशु पांडे, जेडी विहारिनी, सैयद अली हमीद, डीएस लटवाल, आदित्य व हामिद कोलरौन, पिथौरागढ़ से हिमांशु करगेती व शालिनी, ऊधमसिंह नगर के रुद्रपुर से लालिमा यादव, अर्नब प्रोक्सिमा व निशांत अरोड़ा, काशीपुर से आदित्य वर्मा, अभिषेक नागर, मानस कुमार साहू व मोहम्मद हुसैन और खटीमा से रोविन चौहान के नाम इंडी ब्लॉगर पर ब्लॉगर के रूप में दर्ज हैं, और इनमें से अधिकांश अंग्रेजी में कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर, इंटरनेट, व्यंजन बनाने सहित अन्य विषयों पर लिखते हैं।

कुमाऊंवासियों के इंटरनेट पर अपनी सामग्री डालने की बात का विस्तार करें तो अमेरिका में वैज्ञानिक व उद्यमी, गायकी के शौकीन सहित अनेक बहुमुखी प्रतिभाओं के धनी डा. शैलेश उप्रेती का जिक्र भी करना होगा, जिन्होंने न्यू यॉर्क अमेरिका से जुलाई 2008 में बेड़ू पाको डॉट कॉम शुरू किया। इसके अलावा बीबीसी वाले राजेश जोशी ने 2010 में ‘पहाड़ी फोरम’ से ‘मेरा पहाड़’ की तर्ज पर उत्तराखंडी के साथ हिमांचली व नेपाली लोक भाषाओं के लेखन युक्त फोरम शुरू किया, पर वर्तमान में इंटरनेट पर उपलब्ध न होने की वजह से इसके बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। अलबत्ता इस फोरम के नाम से ब्लॉगर पर 16 मई 2010 को कुछ उत्तराखंडी ब्लॉगों की जानकारी व ‘पहाड़ी फोरम’ के विभिन्न टॉपिक्स की जानकारी देते हुए ‘पहाड़ी फोरम’ नाम से एक ब्लॉग शुरू किया गया था, जो कि अब भी इंटरनेट पर देखा जा सकता है। शांतनु चौहान का यंग उत्तराखंड फोरम सहित कुमाऊं क्षेत्र की सामग्री युक्त कई अन्य वेबसाइटें भी एक दौर में काफी चर्चित रहीं।
इधर ब्लॉगिंग के मौजूदा दौर की बात करें तो इस पर कुमाऊं के शुरुआती ब्लॉगर अशोक पांडे का मानना है कि ब्लॉगिंग की अब हत्या हो चुकी है, और इसकी हत्या सोशल साइटों ने की है, जिनमें ब्लॉगिंग जैसे लंबे धैर्य व साहस के बिना चट-पट अभिव्यक्ति हो जाती है, और एक ब्लॉग पोस्ट लिखने के लिए जितने ज्ञान, अध्ययन व धैर्य इत्यादि की जरूरत पड़ती है, सोशल मीडिया पहले ही छोटी-छोटी अभिव्यक्तियों के जरिए उसका क्षरण कर चुका होता है।

कुमाऊं के न्यूज पोर्टल:

Navin Samachar 3 June 2014 Post
नवीन समाचार में 3 जून 2014 की पोस्ट
21वीं सदी के दूसरे दशक में इंटरनेट के सबकी पहुंच में आने, समाचार पत्रों द्वारा अपने ई-पेपरों के साथ न्यूज पोर्टल लाने तथा हिंदी की वेबसाइटों को भी गूगल द्वारा एडसेंस के जरिये विज्ञापन दिये जाने की पहल के साथ पत्रकारिता से जुड़े लोगों में अपना न्यूज पोर्टल लाने का चलन बढ़ा है। न्यूज पोर्टल साफ तौर पर इंटरनेट पर समाचार सामग्री उपलब्ध कराने वाली वेबसाइटें होती हैं। इस आलेख के लेखक नवीन चंद्र जोशी के द्वारा 5 जनवरी 2010 को ब्लॉगर पर शुरू किया गया ‘मन कही (नवीन समाचार)’ और 7 जनवरी 2011 को शुरू ‘उत्तराखंड समाचार’ भी इस कसौटी पर पूरी तरह इस कसौटी पर खरा उतरता है। इस तरह यह कुमाऊं ही नहीं उत्तराखंड का पहला न्यूज पोर्टल कहा जा सकता है। आगे शोधकर्ता ने 3 जून 2014 से इसे वर्डप्रेस पर पहले ‘नवीन जोशी समग्र’ के रूप में ‘नवीन जोशी1 डॉट वर्डप्रेस डॉट कॉम’ पर तथा बाद में ‘नवीन समाचार डॉट वर्डप्रेस डॉट कॉम’ पर ‘नवीन समाचार’ के नाम से आगे बढ़ाया। वर्डप्रेस पर यह पोर्टल अब भी मौजूद है।
Navin Samachar
नवीन समाचार में 30 जून 2014 की पोस्ट

जबकि वर्तमान में 13 जुलाई 2017 से ‘नवीन समाचार’ अपने स्वतंत्र डोमेन ‘नवीन समाचार डॉट कॉम’ पर चल रहा है। इस शुरुआती दौर से वर्ष 2012 से नैनीताल से प्रकाशित पाक्षिक समाचार पत्र ‘नैनीताल समाचार’ का इसी नाम से न्यूज पोर्टल शुरू हुआ, जो इधर बंद होने के बाद नवंबर 2017 से ‘समाचार डॉट ओरआरजी डॉट इन’ के नये डोमेन पर चल रहा है।

आगे हल्द्वानी के देवलचौड़ से यूटी मीडिया वेंचर द्वारा 9 सितंबर 2014 को अपना डोमेन लेकर ‘उत्तरांचल टुडे डॉट कॉम’ न्यूज पोर्टल शुरू किया। वहीं 2015 के बाद न्यूज पोर्टल शुरू करने की होड़ सी नजर आई। हल्द्वानी से गौरव गुप्ता ने अपने साप्ताहिक समाचार पत्र ‘देवभूमि पोल खोल’ न्यूज अखबार का इसी नाम से न्यूज पोर्टल तीन फरवरी 2015 से शुरू कर इसकी शुरुआत की। इसी दौरान रुद्रपुर से सांध्य दैनिक ‘वसुन्धरा दीप’ का न्यूज पोर्टल व ई-पेपर प्रारंभ हुआ। आगे 21 मार्च 2015 से 2015 से नैनीताल से शुरू हुए ‘एक दगड़िया’ साप्ताहिक समाचार पत्र ने इसी दिन इसी नाम से अपना न्यूज पोर्टल भी शुरु किया। वहीं हल्द्वानी से दिसंबर 15 में हल्द्वानी से ही ‘न्यूजजंक्शन24’ शुरू हुआ, जो वर्तमान में उपलब्ध नजर नहीं आ रहा है। वहीं 26 जुलाई 2016 से कुमाऊं विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में डिप्लोमा पाठ्यक्रम में शिक्षारत युवा पंकज पांडे ने ‘हल्द्वानी लाइव डॉट कॉम’ नाम से न्यूज पोर्टल शुरू किये। आगे हल्द्वानी से सहारा टीवी के वरिष्ठ पत्रकार विपिन चंद्रा ने 16 नवंबर 2016 से ‘न्यूज टुडे नेटवर्क’ नाम से अपने न्यूज पोर्टल शुरू किया। इसी कड़ी में मनोज आर्य द्वारा अपने पिता प्रसिद्ध पत्रकार ओम प्रकाश आर्य के द्वारा उर्दू में शुरू किये गये अखबार ‘खबर संसार’ का न्यूज पोर्टल दिसंबर 2016 से, हल्द्वानी से प्रकाशित सांध्य दैनिक ‘उत्तरांचल दीप’ का न्यूज पोर्टल जनवरी 2017 से चल रहा हैं। वहीं चम्पावत से कपिल जोशी के द्वारा 15 दिसंबर 2016 से ‘कुमाऊँ पोस्ट’ नाम का समाचार पोर्टल भी संचालित किया जा रहा है। इसके अलावा आज, उत्तर, उजाला, राष्ट्रीय सहारा, अमर उजाला व दैनिक जागरण में कार्य कर चुके पत्रकार विनोद पनेरू ने 19 जून 2017 को हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र कुमाऊं जनसंदेश का संपादन शुरू करने के साथ ही इसी दिन हिंदी समाचार पोर्टल ‘कुमाऊं जन संदेश’ की शुरुवात की। वहीं नबंवर 2017 से रुद्रपुर के रवि कुमार वैश्य के नाम पर पंजीकृत एवं हल्द्वानी से शगुन गुप्ता द्वारा संचालित ‘हल्द्वानी लाइव डॉट इन’ नाम से भी एक अन्य समाचार पोर्टल चल रहा है, जिसमें जनता की आवाज़, यूथ की आवाज़ , सीनियर सिटिज़न की आवाज़, महिलाओं की आवाज़, शहर की शख्सियत, शहर के अधिकारी और नेता, सिटी-लाइव तथा शहर में कब कहां क्या आदि कैटेगिरी में ख़बरें पसंद की जा रही हैं

यह भी दिलचस्प तथ्य है कि उत्तराखंड सरकार ने वर्ष 2017 में शासकीय विज्ञापनों के लिए जिन 26 न्यूज पोर्टलों को इम्पैनल किया है, उनमें से केवल चार कुमाऊं से, शेष 21 राज्य की राजधानी देहरादून से तथा एक ‘ग्राउंड0 डॉट इन’ उत्तरकाशी से चल रहे हैं। कुमाऊं से निकल रहे चार में से तीन ‘न्यूज टुडे नेटवर्क’, ‘उत्तराखंड पोस्ट डॉट कॉम’‘उत्तरांचल टुडे डॉट कॉम’ हल्द्वानी से तथा हल्द्वानी केे इतर शेष कुमाऊं से केवल एक न्यूज पोर्टल ‘यूकेन्यूज डॉट को डॉट इन’ अल्मोड़ा से प्रीति भट्ट द्वारा निकाले जा रहे हैं। ‘उत्तराखंड पोस्ट डॉट कॉम’ हल्द्वानी निवासी दीपक तिवारी द्वारा प्रकाशित बताया गया है।

इनके अलावा जागरण डॉट कॉम, सहारा लाइव डॉट कॉम, अमर उजाला डॉट कॉम, लाइव हिंदुस्तान डॉट कॉम आदि समाचार पत्रों के समाचार पोर्टलों पर भी कुमाऊं के समाचार उपलब्ध होते हैं।
इनके अतिरिक्त दैनिक जागरण, अमर उजाला, हिंदुस्तान, राष्ट्रीय सहारा आदि राष्ट्रीय हिंदी दैनिकों के ई-पेपर और न्यूज पोर्टल भी कुमाऊं मंडल से संबंधित समाचार देते हैं।

वर्तमान में उत्तराखंड सरकार से मान्यता प्राप्त  के प्रमुख समाचार पोर्टल :

The Lifeline Today Navin Samachar Vichar Ek Nayee Soch Tirth Chetna Voice Of Nation News
News Post Hello Uttarakhand News Uday Dinmaan News 127 Uttarakhand News Network
Dainik Khabar Laye Hain India Times Group Sankhnaad Fyoli Uttarakhand Media
Sunehra Darpan True Indian News Uttarakhand News24 Daily Truth News Uttarakhand Herald
Time Witness News E Media Today Lekhan Adda The National News The 95 news
BSN K News Tarun Hind Devbhoomi Samvad The Hawk Ganga Lahar
Gangotri Samachar
News Today Network Garhwal Ka Vikas Chamoli Times Pehchan Express Uttarakhand Josh
Mirror Uttarakhand Shramjeevi Journalist Haldwani Live Himalaya Uk Bharat Khabar
Galaxy Informer News DNA Uk News 360 Uttaranchal Today Gadh Samvedna
Kranti Mission News129 Raibaar Uttarakhand Kafal Tree News Way
Uttarakhand Samachar Jokhim News Hukoomat Express Doon Ited Vision 2020News
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Haqeeqat Today News Manthan Live Samachar Janmat Jagran Idea For News
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यूट्यूब पर कई कुमाउनी कमा रहे नाम व पैंसा:

यूट्यूब पर कुमाऊं से संबंधित सामग्री वाले चैनलों की बात करें तो 9 जुलाई 2009 से चल रहा ‘नवीन समाचार’ चैनल पुराने चैनलों में शामिल है। वर्तमान में इस चैनल को तीन लाख से अधिक लोग देख चुके हैं। वहीं इधर कई नए चैनल और उनके संचालक यूट्यूब से काफी कम समय में भी अच्छा नाम कमा रहे हैं, तथा इस तरह नया मीडिया कुमाउनी गीत-संगीत को आगे बढ़ाने के साथ ही अपनी जड़ो से दूर रहने वाले युवाओ को लोक-भाषा व लोक संगीत से जोड़ने में अपनी भूमिका निभा रहा है। 

1 जुलाई 2010 से शुरू एनएस टोलिया के कुमाउनी गीतों के चैनल ‘चांदनी इंटरप्राइज’ के 40 हज़ार से अधिक सबस्क्राइबर हैं। इसी तरह 13 जून  2012 को न्यूजीलैंड में रहने वाले रवींद्र लखेड़ा द्वारा उत्तराखंड की दोनों लोकभाषाओं कुमाउनी व गढ़वाली को बढ़ावा देने के लिए बनाये गए चैनल ‘हिमालयन फिल्म्स’ के 80 हज़ार सबस्क्राइबर, 5 सितम्बर 2013 से शुरू इजा प्रोडक्शन के पहाड़ से दूर पहाड़ी किस्से व फसक आदि से जुड़ने के लिए बनाए गए ‘लोकरंग टीवी’ चैनल के 3.3 लाख सबस्क्राइबर हैं, वहीं कुमाउनी लोक गायक पप्पू कार्की के के 8 जुलाई 2015 को शुरू हुए चैनल ‘पीके इंटरटेनमेंट ग्रुप’ पर प्रस्तुत ताजा जागर की तर्ज पर गाये गये गीत ‘मधुली’ को तीन दिन मे 55 हजार हिट मिले हैं। इस चैनल के 30 हजार से अधिक सबस्क्राइबर हैं। वहीं कुमाऊं के पिथौरागढ़ के ग्राम स्याल्बे (निकट मुवानी) तहसील डीडीहाट के मूल निवासी व दिल्ली में कार्यरत 29 वर्षीय युवा अनिल सिंह पानू की रचनात्मकता का जादू भी यू-ट्यूब पर सिर चढ़कर बोल रहा है। 6 जून 2016 को शुरू हुए अनिल के ताजा फनी वीडियो चैनल ‘जेएमएस आर्ट्स’ यानी ‘जय मलयनाथ स्वामी’ को 3.34 लाख सबस्क्राइबर हो गये है। यू-ट्यूब की ट्रेडिंग में 58 लाख दर्शकों के साथ एक वर्ष के भीतर पूरे देश में चौथी बार नंबर वन रैंक मिली है। इससे उनके यू-ट्यूब चैनल से उन्हें मासिक डेढ़ लाख रुपये से अधिक की आय प्राप्त हो रही है। चैनल बनाने के दूसरे माह ही उन्हें 17400 रुपये की पहली आय हुई। तीन माह पहले वे एक लाख सब्सक्राइबरों के साथ सिल्वर बटन भी प्राप्त कर चुके हैं। इसके अलावा ‘गोपू बिष्ट ठेट पहाड़ी’ का 21 जनवरी 2014 को शुरू हुआ चैनल भी 18 हजार से अधिक सबस्क्राइबर्स युक्त है। वहीं 4 अगस्त 2015 से शुरू कुमाउनी गीतों के चैनल ‘एटीएस इंटरटेनमेंट’ के 41 हजार से अधिक, 8 दिसंबर 2016 को शुरू हुए ‘रंगीलो कुमाऊं’ चैनल के भी 8.56 हजार से अधिक व्यूज हैं। 9 जून 2013 को शुरू हुए ‘अनमोल प्रोडक्शन’ के भी करीब 50 लाख व्यूज हो चुके हैं। इस अनमोल प्रोडक्शन पर अपनी उत्तराखंडी-कुमाउनी वेब सिरीज ‘पहाड़ी घचेक’ की सफलता से उत्साहित हल्द्वानी के युवा कॉलेज छात्र करन लोहनी ने त्विशा भट्ट के साथ 16 अप्रैल 2017 को अपना चैनल ‘कुमाउनी घचेक’ शुरू किया है इस चैनल के भी 5000 से अधिक सबस्क्राइबर हो चुके हैं। इसी तरह 29 नवंबर 2016 को शुरू बखाई टीवी यूट्यूब चैनल के 25 हजार व 8 अक्टूबर 2017 को शुरू हुए इजा प्रोडक्शन के ‘क्याप टीवी’ के केवल दो वीडियो से ही सवा पांच लाख के करीब व्यूज हैं। इसके अलावा 24 जनवरी 2017 से शुरू  कुमाउनी गीतों के चैनल ‘लकी इंटरटेनमेंट’ के 4.7 हज़ार, 30 अप्रैल 2017 से शुरू ज्योति सुभाष चंद के कॉमेडी चैनल ‘हरी खुरसाणी एंटरटेनमेंट’ के 5 लाख व्यूज,  24 अप्रैल 2017 से शुरू कॉमेडी चैनलकुमाउनी कल्चर एंड कॉमेडी बाई अमित भट्ट’ के 15 हजार सब्स्क्राइबर, 26 अप्रैल 2017 से सुप्रसिद्ध कुमाउनी लोक गायक गोपाल बाबू गोश्वामी के पुत्र रमेश बाबू गोश्वामी द्वारा शुरू कुमाउनी गीतों के चैनल ‘गोपाल बाबू गोश्वामी आरबीजी’ के 6.3 हजार सबस्क्राइबर हैं, और ये प्रतिमाह यूट्यूब से भी हज़ारों-लाखों रुपये की कमाई भी कर रहे हैं।

3 thoughts on “कुमाऊं के ब्लॉग व न्यूज पोर्टलों का इतिहास

  1. बहुत ही अच्छी जानकारी प्राप्त हुई ब्लॉगिंग के बारे में
    इससे अपने उत्तराखंड की संस्कृति का प्रचार एवं प्रसार करते हुए ब्लॉगिंग करने में बहुत मदद मिलेगी ।

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