बालासोर का दु:खद ट्रेन हादसा, 261 की मौत, पीएम मोदी ने घटनास्थल पहुंचकर जताई संवेदना (Odisha Train Accident)
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नवीन समाचार, भुवनेश्वर, 3 जून 2023। (Odisha Train Accident) ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम को कोरोमंडल एक्सप्रेस के छह से सात डिब्बे पटरी से उतरने के बाद दूसरी ट्रैक पर आ रही एक ट्रेन से टकरा गए। इस दुर्घटना में अब तक 261 यात्रियों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 900 से अधिक लोग घायल हुए हैं। शनिवार अपराह्न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ घटनास्थल पहुंचकर दुर्घटना के कारणों का जायजा लिया और चिकित्सालय पहुंचकर घायलों से मुलाकात की। साथ ही घायलों की उचित चिकित्सा के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से भी बात की और मृतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की।
I am deeply pained by Balasore Train Accident. My thoughts are with the bereaved families.
— BJP (@BJP4India) June 3, 2023
The loss of the families of the deceased is irreparable but the government will leave no stone unturned to help them.
– PM @narendramodi pic.twitter.com/txmz2J1MW8
दुर्घटना में मृतकों के लिए केंद्रीय रेल मंत्रालय के 10 लाख व प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रुपए देने की घोषणा की है। साथ ही घायलों के अन्य चिकित्सालयों में भी उपचार कराने के आदेश दिए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि हादसा शाम सात बजकर करीब 20 मिनट पर बाहानगा बाजार स्टेशन पर तब हुआ जब कोरोमंडल एक्सप्रेस कोलकाता के नजदीक शालीमार स्टेशन से चेन्नई सेंट्रल जा रही थी।
इधर, उड़ीशा रेल हादसे के घटनास्थल पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले घटनास्थल का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने मौके पर ही अधिकारियों के साथ बातचीत की और उनसे जानकारी ली। उन्होंने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से भी बातचीत की। उन्होंने हादसे पर दुख जताया था और प्रधानमंत्री राहत कोष से भी मदद का ऐलान किया।
सिग्नल में समस्या के कारण हुआ रेल हादसा?
उड़ीसा में हुए रेल हादसे को भारत के सबसे खराब हादसों में से एक बताया गया है। इस हादसे में 261 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, बड़ी संख्या में लोग घायल हो चुके हैं। अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हादसा किसी तकनीकी खराबी के चलते हुए या फिर इंसानी गलती के कारण। हालांकि कुछ सेवानिवृत्त रेलवे अधिकारी हादसे के पीछे तकनीकी समस्या और सिग्नल में कमी की आशंका जताई है। बताया गया है जहां दुर्घटना हुई वहां अभी रेलवे का रेलगाड़ियों को आमने-सामने की टक्कर से बचाने वाला ‘कवच’ सिस्टम नहीं लगा है। हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि इस रेल दुर्घटना में रेलगाड़ियों में आमने-सामने की टक्कर नहीं हुई, बल्कि यह एक-दूसरे पर गिरी हैं।
उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री ममता बनर्जी ने उड़ीशा में कहा कि यह अब तक का सबसे बड़ा रेल हादसा है। ऐसा ही हादसा 1981 में भी हुआ था। इस ट्रेन में एंटी कोलिशन डिवाइस नहीं था, अगर वह होता तो यह हादसा नहीं होता। उन्होंने इस दुर्घटना के मरे अपने राज्य के लोगों को 5-5 लाख रुपए देने और राहत और बचाव कार्य में राज्य सरकार की ओर से रेलवे का पूरा सहयोग करने की बात कही है।