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November 7, 2024

Uttarakhand cabinet reshuffle : राज्यपाल से मिले मुख्यमंत्री, फिर लगे मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं को पंख, जाने कितने मंत्रियों को बदलने और कितने विधायकों के मंत्री बनने की है संभावनाएं…

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Uttarakhand cabinet reshuffle : Discussions about a potential change in the cabinet and the allocation of responsibilities in Uttarakhand have gained momentum. ‘Naveen Samachar’ presents a differing viewpoint on the matter, while recent interactions between Chief Minister Pushkar Singh Dhami, Cabinet Ministers, and the Governor have fueled speculations. Although the Chief Minister’s statement suggests that any reshuffling is unlikely until June 30, the media continues to speculate about a possible cabinet expansion in July. However, ‘Naveen Samachar’ remains skeptical due to past instances of indecisiveness. The current Dhami cabinet has been understaffed for a significant period, with the Chief Minister personally managing multiple portfolios. The potential cabinet changes are expected to be based on performance evaluations, with an emphasis on balancing representation across different demographics. However, concerns persist regarding the government’s propensity for delay and the possibility of leaving certain positions vacant.

Uttarakhand cabinet reshuffle

नवीन समाचार, देहरादून, 8 जुलाई 2023। (Uttarakhand cabinet reshuffle) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को बारिश के दौरान राज्यपाल गुरमीत सिंह से मिलने राजभवन पहुंचे और मुलाकात के दौरान राज्यपाल को शॉल भेंट किया। मुलाकात के उपरांत श्री धामी ने केवल इतना कहा, ‘आज राजभवन में माननीय राज्यपाल से भेंट की।

Uttarakhand cabinet reshuffleइस दौरान उनसे राज्य में संचालित विभिन्न विकास योजनाओं एवं समसामयिक विषयों पर चर्चा हुई।’ लेकिन मुख्यमंत्री के कम शब्दों आए बयान और उनकी इस मुलाकात के निहितार्थ राज्य मंत्रिमंडल में बदलाव के रूप में निकाले जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री धामी हाल ही में चार दिवसीय दिल्ली दौरे पर गए थे। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, महामंत्री संगठन बीएल संतोष व राजनाथ सिंह सहित कई केंद्रीय नेताओं से से मुलाकात की थी।

इन मुलाकातों के बाद से ही चर्चाएं चल रही हैं कि कभी भी मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि धामी मंत्रिमंडल में सरकार के गठन के बाद से ही तीन पद खाली चल रहे हैं। जबकि परिवहन मंत्री चंदन राम दास के निधन के बाद एक और मंत्रिमंडल का पद खाली हो गया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दो मंत्रियों को हटाने के साथ ही चार नए चहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। इसके साथ ही दो पद फिर खाली रखे जा सकते हैं। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें सहयोग करें..यहां क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें, यहां क्लिक कर हमें गूगल न्यूज पर फॉलो करें। यहां क्लिक कर हमारे टेलीग्राम पेज से जुड़ें और यहां क्लिक कर हमारे फेसबुक ग्रुप में जुड़ें।

यह भी पढ़ें :(Uttarakhand cabinet reshuffle) सीएम धामी गए अचानक दिल्ली, मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें हुई तेज, जानें क्या हैं संभावनाएं…

नवीन समाचार, देहरादून, 2 जुलाई 2023। उत्तराखंड में एक बार फिर धामी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार (Uttarakhand cabinet reshuffle) को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। ऐसा इसलिए कि सीएम धामी अचानक नई दिल्ली रवाना हो गये हैं।

बताया जा रहा है कि उनका पहले से आज दिल्ली जाने का कोई कार्यक्रम तय नहीं था। उनके दिल्ली जाने से मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के जोर पकड़ने के साथ बताया जा रहा है कि भाजपा विधायकों ने मंत्रिमंडल में स्थान पाने के लिए लॉबिंग करनी शुरू कर दी है।

Uttarakhand cabinet reshuffleबताया जा रहा है कि सीएम दिल्ली में कई केंद्रीय मंत्रियों और नेताओं से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान वह कई केंद्रीय नेताओं से मिलेंगे। देर शाम सीएम ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की।

जबकि दूसरी ओर भाजपा विधायकों के बीच भी दिल्ली से लेकर देहरादून तक दौड़ धूप तेज हो गई है। गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने भी बीते दो दिन में सीएम और राज्यपाल से मुलाकात की है। ऐसे में सीएम के दिल्ली दौरे में कैबिनेट विस्तार पर भी हाईकमान से अंतिम दौर का विचार विमर्श होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

यह भी विदित हो कि बीते माह सीएम धामी ने जून माह में मंत्रिमंडल विस्तार न होने की बात कही थी। जबकि उनके बयान को जल्द मंत्रिमंडल विस्तार होने की स्वीकारोक्ति के रूप में देखा जा रहा था। जबकि ‘नवीन समाचार’ ने इस पर सही स्थिति रखी थी कि कम से कम जून माह में मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होगा।

धामी मंत्रिमंडल की वर्तमान स्थिति

उल्लेखनीय है कि धामी सरकार बनने के बाद से ही मंत्रिमंडल में सीमित संख्या निर्धारित होने के बावजूद पिछले लगभग सवा साल से 3 मंत्रियों के पद खाली चल रहे हैं। जबकि बीते अप्रैल माह में काबीना मंत्री चंदन राम दास के निधन के बाद एक और पद खाली हो गया है। उनके सभी विभाग मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद ही संभाल रहे हैं।

धामी मंत्रिमंडल में कैसा हो सकता है बदलाव

धामी मंत्रिमंडल में बदलाव के विषय पर कहा जा रहा है कि मंत्रियों के पद पर बने रहने या हटाये जाने का निर्णय उनकी परफोर्मेंस यानी प्रदर्शन के मूल्यांकन के आधार पर लिया जाएगा। बताया जा रहा है दो से तीन मंत्रियों की रिपोर्ट अच्छी नहीं गई है। यह मंत्री पिछले दिनों अपनी कुछ हरकतों से विवादों में रहे हैं। उनकी कार्य दक्षता भी अच्छी नहीं है। वह पूरे राज्य की जगह केवल अपने क्षेत्र तक भी सीमित हैं।

इसके अलावा मंत्रिमंडल में बदलाव से अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव का गणित भी साधा जा सकता है। कांग्रेस मूल के दो मंत्री लोकसभा चुनाव लड़ने की पांत में खड़े भी बताए गए हैं। पूर्व में लोक सभा चुनाव लड़ चुके इनमें से एक मंत्री के लोक सभा चुनाव लड़ने की प्रबल संभावना भी जताई जा रही है। इन मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाए जाने के साथ उनके दायित्वों में बदलाव कर उन्हें ‘हल्का’ भी किया जा सकता है।

ऐसा हो सकता है नया मंत्रिमंडल

यदि बदलाव होता है तो मुख्यमंत्री धामी के नए मंत्रिमंडल में नए चेहरों को जगह दी जा सकती है। इसमें दलित, युवा, अनुभवी और क्षेत्रीय आधार पर हर तरह से संतुलन बैठाने की कोशिश की जा सकती है। हालांकि जैसा कि पूर्व का अनुभव रहा है, उसमें यह भी प्रबल आशंका जताई जा रही है कि मंत्रिमंडल में बदलाव या दायित्वों के बंटवारे को सरकार लटकाए रख सकती है, ताकि ‘एक अनार-सौ बीमार’ जैसी स्थिति में खेमेबाजी से बचा जाए और सबको आगे पद मिलने की उम्मीद बनी रहे।

फिलहाल, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार धामी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में नैनीताल सहित उन जिलों के विधायकों को मंत्री पद मिल सकते हैं, जिनसे अब तक मंत्री नहीं या कम हैं। ऐसे में महिला के रूप में नैनीताल विधायक सरिता आर्य, युवा के रूप में भीमताल के विधायक राम सिंह कैड़ा व कपकोट विधायक सुरेश गड़िया, अनुभवी नेता के रूप में मुन्ना सिंह चौहान, धार्मिक नेता के तौर महंत दिलीप सिंह रावत के साथ ही विनोद चमोली, खजान दास, उमेश शर्मा काऊ तथा निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा की मंत्री पद पाने के रूप में लॉटरी खुल सकती है।

हालांकि जैसा कि पूर्व का अनुभव रहा है, उसमें यह भी प्रबल आशंका जताई जा रही है कि मंत्रिमंडल में बदलाव या दायित्वों के बंटवारे को सरकार लटकाए रख सकती है, यह भी हो सकता है कि मंत्रिमंडल में बदलाव हो भी तो सीमित हो और कुछ पद उम्मीद की आशा में रिक्त छोड़े जाएं। ताकि ‘एक अनार-सौ बीमार’ जैसी स्थिति में खेमेबाजी से बचा जाए और सबको आगे पद मिलने की उम्मीद बनी रहे।

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यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में मंत्रिमंडल में बदलाव (Uttarakhand cabinet reshuffle) व दायित्वों के बंटवारे की चर्चाएं फिर तेज, ‘नवीन समाचार’ की राय अलग…

नवीन समाचार, देहरादून, 22 जून 2023। उत्तराखंड में एक बार फिर धामी मंत्रिमंडल में बदलाव (Uttarakhand cabinet reshuffle) व दायित्वों के बंटवारे की चर्चा तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के एक बयान के बाद मीडिया में इस बारे में मंत्रिमंडल विस्तार व दायित्वों के बंटवारे पर चर्चा शुरू हो गई है। हालांकि ‘नवीन समाचार’ की राय इस बारे में अलग है।

मीडिया में तेज हुई चर्चाओं के अनुसार बीते सोमवार को राज्यपाल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बीच शिष्टाचार मुलाकात हुई है, जबकि मंगलवार को काबीना मंत्री सतपाल महाराज और सुबोध उनियाल ने भी राज्यपाल से मुलाकात की है। उधर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा है कि कैबिनेट विस्तार तो होना ही है। हाईकमान से भी चर्चा हो चुकी है। साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने भी इस बारे में मीडिया के सवालों पर जवाब दिए हैं।

इन स्थितियों पर ‘नवीन समाचार’ का मानना है कि सीएम धामी का बयान एक तरह से 30 जून तक मंत्रिमंडल में कोई फेरबदल होने की संभावना पर विराम लगाने वाला है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा, भाजपा सबकी राय से चलने वाली पार्टी है। यहां लोकतांत्रिक व्यवस्था है। भाजपा में सभी काम तय समय पर होते हैं। अभी पार्टी का महाजनसंपर्क अभियान चल रहा है। उसके बाद वह वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठेंगे।

मुख्यमंत्री के इस ’30 जून तक महाजनसंपर्क अभियान चलने’ के बयान पर मीडिया का एक वर्ग मान रहा है सीएम ने इस तरह जुलाई माह में मंत्रिमंडल विस्तार या उसमें फेरबदल करने का इशारा किया है। इसके बाद मीडिया में यह भी चर्चा है कि इस दौरान विभिन्न निगम, बोर्ड और परिषदों में दायित्व आवंटन पर भी हाईकमान कोई फैसला ले सकता है।

हालांकि ‘नवीन समाचार’ इसकी कम ही संभावना देखता है। क्योंकि ऐसी स्थितियां इससे पहले भी कई बार बन चुकी हैं और अभी मुख्यमंत्री या किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति की ओर से इस संबंध में कोई भी ठोस बात नहीं कही गई है।

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