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December 22, 2024

Uttarakhand Rajniti: PM मोदी एवं 4 मंत्रियों से मिले सीएम धामी, वापस लौटकर कुछ बड़ा होने का है इशारा, जानें क्या हो सकता है…?

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Uttarakhand Rajniti, Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami recently met several ministers in New Delhi, hinting at significant developments on the horizon. While the details of the meetings have been made public, there are two undisclosed events that could have a profound impact on the upcoming Lok Sabha elections. These include a potential reshuffle in the state cabinet and the implementation of a Common Civil Code (UCC) in Uttarakhand. Speculations suggest that Chief Minister Dhami’s visit to Delhi was primarily focused on strategizing these major political initiatives.

Uttarakhand Rajniti

नवीन समाचार, नैनीताल, 4 जुलाई 2023। (Uttarakhand Rajniti) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बीते दो दिनों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित साह, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला व केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आदि से मिल चुके हैं। 

Uttarakhand Rajnitiइधर मंगलवार को सीएम धामी ने प्रधानमंत्री धामी से भी मुलाकात की है। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को उत्तराखंड के स्मृति चिन्ह के रूप में नैनीताल जनपद के कैंची धाम के बाबा नीब करौरी की तस्वीर सोंपी। इस मुलाकात के बाद भी साफ तौर पर माना जा रहा है कि उत्तराखंड में यूसीसी कभी भी लागू हो सकता है। हालांकि इसके लिए राज्य सरकार यूसीसी कमेटी द्वारा ड्राफ्ट सोंपे जाने का इंतजार कर रही है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा भी है कि कमेटी ने अभी उन्हें ड्राफ्ट नहीं सोंपा है।

माना जा रहा है उत्तराखंड देश में सबसे से पहले यूसीसी लागू करेगा। यह एक तरह से केंद्र सरकार के लिए यूसीसी के परीक्षण का मौका होगा कि पर देश भर में और राजनीतिक दलों में क्या प्रतिक्रिया होती है। उसके अनुसार ही केंद्र सरकार यूसीसी को पूरे देश में लागू करने पर आगे बढ़ेगी।

इस दौरान उन्होंने जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को कांवड़ यात्रा से संबंधित तैयारियों, जोशीमठ में किए जा रहे पुनर्वास कार्यों एवं इस वर्ष पिछले सालों के मुकाबले सारे रिकॉर्ड तोड़ने की दिशा में गतिमान चारधाम यात्रा को सुगम व सुरक्षित रुप से संचालित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी, तथा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से सौंग बांध पेयजल परियोजना के लिए ₹1774 करोड़ की धनराशि का वित्त पोषण भारत सरकार से विशेष सहायता के अन्तर्गत कराने एवं बाह्य सहायतित परियोजनाओं की ऋण राशि पर लगाई गई सीलिंग को हटाए जाने का अनुरोध किया है।

वहीं केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तर रूपाला से नेशनल लाईवस्टॉक मिशन योजना के अन्तर्गत पशुधन बीमा की शेष धनराशि अवमुक्त करने और राज्य में संचालित सचल पशु चिकित्सा वाहन की सेवाएं शेष 35 विकासखण्डों में भी उपलब्ध कराए जाने तथा केंद्र द्वारा स्वीकृत बजट की शेष धनराशि उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया।

जबकि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से प्रदेश के विकास से संबंधित विभिन्न समसामयिक विषयों पर विस्तृत चर्चा करने के साथ ही रानीखेत और लैंसडाउन में छावनी बोर्डों को भंग करने और सैन्य स्टेशनों से बाहर के क्षेत्रों को राज्य प्रशासन को हस्तांतरित करने का अनुरोध किया।

इसके अलावा जनपद रूद्रप्रयाग में पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों के लिए ईसीएचएस केंद्र खोले जाने हेतु संस्तुति प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। साथ ही रुद्रप्रयाग में सीएसडी कैन्टीन खोले जाने, जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए एनआरटीओ की 4 एकड़ भूमि हस्तांतरित करने तथा राज्य सरकार को क्षेत्रीय संपर्क योजना की सेवाओं के संचालन के लिए जोशीमठ और धारचूला आर्मी हेलीपैड के उपयोग की अनुमति प्रदान करने हेतु अनुरोध किया।

यह बातें तो वह हैं जो सीएम धामी ने केंद्रीय नेताओं से मुलाकात के बाद सार्वजनिक की हैं, लेकिन जो सार्वजनिक नहीं की गई हैं, वह यह हैं कि मुख्यमंत्री धामी के उत्तराखंड लौटने के बाद कम से कम दो बड़ी राजनीतिक घटनाएं होने की संभावना नजर आ रही है। इन घटनाओं का अगले वर्ष होने वाले लोक सभा चुनाव पर भी सीधा या परोक्ष प्रभाव पड़ सकता है।

इसमें पहली घटना राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल के रूप में हो सकती है, और दूसरे राज्य में यूसीसी यानी कॉमन सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता के लागू होने के रूप में। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री धामी इन दोनों बड़ी राजनीतिक पहलों पर विचार मंथन के लिए ही दिल्ली गए हैं।

यह हो सकता है यूसीसी के ड्राफ्ट में :

सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर समिति कुछ अहम सिफारिशों के बारे में पता चला है।
1. कहा जा रहा है कि उत्तराखंड में लागू होने वाले यूसीसी में महिलाओं को समान अधिकार दिए जाने का फैसला हो सकता है। इसके तहत हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई समेत किसी भी धर्म से ताल्लुक रखने वाली सभी महिलाओं को परिवार और माता-पिता की संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा।

2. बेटों की तरह बेटियों की शादी की उम्र भी 21 साल करने का फैसला हो सकता है।
3. मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत कोई भी मुसलमान पुरुष कुछ शर्तों के साथ 4 शादियां कर सकता है। लेकिन उत्तराखंड में प्रस्तावित समान नागरिक संहिता के तहत किसी भी पुरुष और महिला को बहुविवाह करने की अनुमति नहीं होगी।

4. उत्तराखंड में यूसीसी के तहत ‘लिव इन रिलेशनशिप’ के रजिस्ट्रेशन के प्राविधान पर भी विचार चल रहा है। बताया जा रहा है लिव इन रिश्तों का भी शादी की तरह ही पंजीकरण करना अनिवार्य हो सकता है। लिव-इन रिलेशन पर रहने के लिए लिव-इन जोड़ों के लिए अपने माता-पिता को सूचित करना अनिवार्य होगा। मसौदे में विवाह के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बनाने का सुझाव दिया गया है।

5. एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव यह भी है कि परिवार की बहू और दामाद को भी अपने ऊपर निर्भर बुजुर्गों की देखभाल का जिम्मेदार माना जाएगा।
6. यूसीसी में यह प्रस्ताव भी दिया जा सकता है कि किसी भी धर्म की महिला को संपत्ति में समान अधिकार मिलना चाहिए। इस नियम से मुस्लिम महिलाओं को अधिक अधिकार मिल सकेंगे। अब तक पैतृत संपत्ति के बंटवारे की स्थिति में पुरुष को महिला के मुकाबले दोगुनी संपत्ति मिलती है, लेकिन यूसीसी में बराबर के हक की वकालत की जाएगी। इस तरह किसी भी धर्म से ताल्लुक रखने वाली महिलाएं संपत्ति में बराबर की हकदार होंगी।

7. यूसीसी मे एक बड़ा फैसला गोद ली जाने वाली संतानों के अधिकारों को लेकर भी हो सकता है। हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत दत्तक पुत्र या पुत्री को भी जैविक संतान के बराबर का ही हक मिलता है। लेकिन मुस्लिम, पारसी और यहूदी समुदायों के पर्सनल लॉ में बराबर हक की बात नहीं है। ऐसे में यूसीसी लागू होने से गोद ली जाने वाली संतानों को भी बराबर का हक मिलेगा और यह अहम बदलाव होगा।

8. यूसीसी के प्रस्तावित मसौदे में ‘हलाला’ और ‘इद्दत’ की प्रथा को बंद करने की शिफारिश की गई है।
9. ड्राफ्ट में पति और पत्नी दोनों को, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, तलाक लेने के लिए समान आधार और अधिकार देने की सिफारिश की गई है। कोई भी दंपत्ति कानूनी प्रक्रिया के तहत ही तलाक ले सकते हैं।
10. यूसीसी के प्रस्तावित मसौदे में कथित तौर पर बच्चों की संख्या तय करने की सिफारिश की गई है। हालांकि इसमें संख्या का विवरण नहीं दिया गया है।

धामी मंत्रिमंडल की वर्तमान स्थिति

उल्लेखनीय है कि धामी सरकार बनने के बाद से ही मंत्रिमंडल में सीमित संख्या निर्धारित होने के बावजूद पिछले लगभग सवा साल से 3 मंत्रियों के पद खाली चल रहे हैं। जबकि बीते अप्रैल माह में काबीना मंत्री चंदन राम दास के निधन के बाद एक और पद खाली हो गया है। उनके सभी विभाग मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद ही संभाल रहे हैं।

धामी मंत्रिमंडल में कैसा हो सकता है बदलाव

धामी मंत्रिमंडल में बदलाव के विषय पर कहा जा रहा है कि मंत्रियों के पद पर बने रहने या हटाये जाने का निर्णय उनकी परफोर्मेंस यानी प्रदर्शन के मूल्यांकन के आधार पर लिया जाएगा। बताया जा रहा है दो से तीन मंत्रियों की रिपोर्ट अच्छी नहीं गई है। यह मंत्री पिछले दिनों अपनी कुछ हरकतों से विवादों में रहे हैं। उनकी कार्य दक्षता भी अच्छी नहीं है। वह पूरे राज्य की जगह केवल अपने क्षेत्र तक भी सीमित हैं।

इसके अलावा मंत्रिमंडल में बदलाव से अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव का गणित भी साधा जा सकता है। कांग्रेस मूल के दो मंत्री लोकसभा चुनाव लड़ने की पांत में खड़े भी बताए गए हैं। पूर्व में लोक सभा चुनाव लड़ चुके इनमें से एक मंत्री के लोक सभा चुनाव लड़ने की प्रबल संभावना भी जताई जा रही है। इन मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाए जाने के साथ उनके दायित्वों में बदलाव कर उन्हें ‘हल्का’ भी किया जा सकता है।

ऐसा हो सकता है नया मंत्रिमंडल

यदि बदलाव होता है तो मुख्यमंत्री धामी के नए मंत्रिमंडल में नए चेहरों को जगह दी जा सकती है। इसमें दलित, युवा, अनुभवी और क्षेत्रीय आधार पर हर तरह से संतुलन बैठाने की कोशिश की जा सकती है। हालांकि जैसा कि पूर्व का अनुभव रहा है, उसमें यह भी प्रबल आशंका जताई जा रही है कि मंत्रिमंडल में बदलाव या दायित्वों के बंटवारे को सरकार लटकाए रख सकती है, ताकि ‘एक अनार-सौ बीमार’ जैसी स्थिति में खेमेबाजी से बचा जाए और सबको आगे पद मिलने की उम्मीद बनी रहे।

फिलहाल, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार धामी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में नैनीताल सहित उन जिलों के विधायकों को मंत्री पद मिल सकते हैं, जिनसे अब तक मंत्री नहीं या कम हैं। ऐसे में महिला के रूप में नैनीताल विधायक सरिता आर्य, युवा के रूप में भीमताल के विधायक राम सिंह कैड़ा व कपकोट विधायक सुरेश गड़िया, अनुभवी नेता के रूप में मुन्ना सिंह चौहान, धार्मिक नेता के तौर महंत दिलीप सिंह रावत के साथ ही विनोद चमोली, खजान दास, उमेश शर्मा काऊ तथा निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा की मंत्री पद पाने के रूप में लॉटरी खुल सकती है।

यह भी हो सकता है कि मंत्रिमंडल में बदलाव हो भी तो सीमित हो और कुछ पद उम्मीद की आशा में रिक्त छोड़े जाएं। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें सहयोग करें..यहां क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें, यहां क्लिक कर हमें गूगल न्यूज पर फॉलो करें। यहां क्लिक कर हमारे टेलीग्राम पेज से जुड़ें और यहां क्लिक कर हमारे फेसबुक ग्रुप में जुड़ें।

Uttarakhand Rajniti : CM Dhami met many ministers in New Delhi, there is a hint of something big coming back, know what can happen…?

Naveen Samachar, Nainital, July 4, 2023. Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami has met Union Home Minister Amit Shah, Union Finance Minister Nirmala Sitharaman, Union Fisheries and Animal Husbandry Minister Purushottam Rupala and Union Defense Minister Rajnath Singh etc.

in the last two days. In the meantime, he thanked Union Home Minister Amit Shah for the preparations related to the Kanwar Yatra, the rehabilitation works being done in Joshimath and the state government for smoothly and safely conducting the Chardham Yatra, which is moving in the direction of breaking all the records in comparison to the previous years.

Gave information about the arrangements made by the Union Finance Minister Nirmala Sitharaman, and asked Union Finance Minister Nirmala Sitharaman to finance the amount of ₹ 1774 crore for Saung Dam drinking water project under special assistance from the Government of India and ceiling imposed on the loan amount of externally aided projects. requested to be removed. On the other hand,

Union Minister Purushottar Rupala was requested to release the remaining amount of livestock insurance under the National Livestock Mission scheme and to make available the services of mobile veterinary vehicles operated in the state in the remaining 35 development blocks and to make available the remaining amount of the budget approved by the Center.

Whereas Union Defense Minister Rajnath Singh was requested to dissolve the Cantonment Boards in Ranikhet and Lansdowne and transfer the areas outside the military stations to the State Administration along with a detailed discussion on various contemporary issues related to the development of the State. Apart from this,

expressed gratitude for giving recommendation to open ECHS center for ex-servicemen and their dependents in district Rudraprayag. Also requested to open CSD canteen at Rudraprayag, transfer 4 acres of NRTO land for expansion of Jollygrant airport and allow the state government to use Joshimath and Dharchula army helipads for regional connectivity scheme services.

These things are what CM Dhami has made public after meeting the central leaders, but what has not been made public is that there is a possibility of at least two major political events after Chief Minister Dhami’s return to Uttarakhand. Has been These incidents can also have direct or indirect impact on the Lok Sabha elections to be held next year.

In this, the first event can be in the form of reshuffle in the state cabinet, and the second in the form of implementation of UCC i.e. Common Civil Code i.e. Uniform Civil Code in the state. It is believed that Chief Minister Dhami has gone to Delhi only to brainstorm on these two big political initiatives.

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