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November 22, 2024

फैक्ट फाइंडिंग टीम के झूठ, काले गुब्बारों व दंगा पर्यटन के जरिये एक बार फिर हल्द्वानी में बुझी आग भड़काने की कोशिश… ? मौलाना ने दिया जवाब…

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Fact Finding Team on Haldwani Violence

Fact Finding Teem on Haldwani

नवीन समाचार, हल्द्वानी, 18 फरवरी 2024 (Fact Finding Team on Haldwani Violence)। हल्द्वानी में 8 फरवरी को हुई हिंसा की आग ठंडी पड़ने लगी है तो इसे भड़काने की कोशिशें भी फिर से शुरू होती दिख रही हैं। देहरादून में हल्द्वानी की हिंसा को लेकर हाथों में काली पट्टियां बांधकर और काले गुब्बारे उड़ाकर नमाज पढ़ी गयी तो भीम आर्मी के लोगों ने हल्द्वानी आने का प्रयास कर आगे हल्द्वानी के बनभुलपूरा क्षेत्र के लिए दंगे के नाम पर सियासत की रोटियां सेकने का पर्यटन शुरू होने के संकेत दिये।

Fact Finding Team on Haldwani Violenceजबकि ‘फैक्ट फाइंडिंग’ के नाम पर कुछ लोगों का एक दल कथित तौर पर हल्द्वानी पहुंचा और बिना डीएम या किसी प्रशासनिक अधिकारी से मिले अपनी अपुष्ट-एकतरफा ‘फैक्ट फाइंडिंग’ जारी कर दी और पूरी घटना के लिये डीएम व नगर निगम के अधिकारियों पर दोष मढ़ दिया। सोशल मीडिया पर डीएम नैनीताल की गिरफ्तारी जैसी निर्मूल मांग करते हुये ‘अरेस्ट वंदना सिंह’ हैशटैग चला दिया। अलबत्ता, इस ‘फैक्ट फाइंडिंग’ टीम की हवा एक मौलाना ने ही निकाल दी।

कहा-किसी भी दंगाई को मत छोड़ो, अधिकारियों को दिया धन्यवाद (Fact Finding Team on Haldwani Violence)

उल्लेखनीय है कि जहां शनिवार को एक ओर फैक्ट फाइंडिंग कमेटी नई दिल्ली के प्रेस क्लब में अपनी अधूरी एकतरफा रिपोर्ट रख रही थी, वहीं जिलाधिकारी वंदना सिंह हल्द्वानी में हर वर्ग और धर्म से ताल्लुक रखने वाले तमाम संभ्रांत लोगों की बैठक कर रही थीं। इस बैठक में हल्द्वानी की उमर मस्जिद के इमाम मोहम्मद मुकीम काजमी ने वनभूलपुरा हिंसा पर बेहद अफसोस जताते हुए नैनीताल प्रशासन की दिल खोल कर तारीफ की।

उन्होंने प्रशासन से यह भी अपील की है कि दंगाई भले ही कोई भी हो उसको किसी भी हालत में छोड़ा न जाए। जिलाधिकारी वंदना सिंह को खासतौर पर इमाम ने न सिर्फ दंगों को रोकने में अहम भूमिका निभाने वाली अधिकारी बताया बल्कि उन्होने भविष्य में वनभूलपुरा में बिगड़ रहे युवाओं को सुधारने में भी उनकी मदद माँगी। काजमी ने पुलिस और नगर निगम के कर्मचारियों की भी तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने दंगाइयों के पत्थर सह कर भी धैर्य नहीं खोया जो कि काबिल ए तारीफ है।

इमाम काजमी ने बैठक में मौजूद आम लोगों का भी इस बात के लिए शुक्रिया अदा किया कि उन्होंने इतनी हिंसक गतिविधियों के बावजूद भी वनभूलपुरा के लोगों को गैर नहीं समझा। साथ ही काजमी ने यह भी कहा कि हल्द्वानी प्रशासन की लगातार कोशिशों के चलते ही बेहद कम समय में अब हालत सामान्य होते जा रहे हैं।

घटना को मजहबी व राजनीतिक रंग न दिया जाए: मौलाना काजमी (Fact Finding Team on Haldwani Violence)

मौलाना मो. मुकीम काजमी ने शनिवार को एक वीडियो जारी करके भी कहा कि बनभूलपुरा क्षेत्र में आठ फरवरी को हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस दिन को काला दिवस के रूप में याद किया जाएगा। हम लोग अमन व शांति के रखवाले हैं। कभी भी हिंसा और लड़ाई का सहयोग नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई मजहब की नहीं थी। यह सिर्फ अब्दुल मलिक और प्रशासन के बीच का जमीन का मामला था। मामला कोर्ट में चल रहा है। इसे किसी तरह से मजहबी और राजनीतिक रंग न दिया जाए।

क्या कहती है कथित फैक्ट फाइडिंग टीम की रिपोर्ट (Fact Finding Team on Haldwani Violence)

कथित एक्टिविस्ट नदीम खान के नेतृत्व वाली और एनजीओ में गड़बड़ी के चलते सीबीआई की जाँच का सामना कर रहे हर्ष मंदर जैसे लोगों की इस फैक्ट फाइंडिंग टीम ने अपनी रिपोर्ट में सबसे पहले पत्थरबाजों, अग्निकांड के आरोपितों, अवैध कब्जेदारों को क्लीन चिट दी है, और अंत में घुमा-फिरा कर सारा दोष प्रशासन के सिर मढ़ दिया है। जिले के प्रशासन की मुखिया डीएम वंदना सिंह को पूरे विवाद का दोषी बताया है, और उनके साथ नगर निगम के अधिकारी को भी शामिल बताया है।

आरोप लगाए हैं कि (मात्र) 20 साल पुरानी मस्जिद को बिना किसी से मिले, उलेमाओं को विश्वास में लिये बिना गिरा दिया गया। मामले की जाँच पुलिस द्वारा करवाने पर भी सवाल उठाये गये हैं। एक मजहबी उलेमा के हवले से दावा किया गया है कि किसी भी इमाम को इस कार्रवाई की जानकारी नहीं थी।

डीएम वंदना सिंह को गंदी गालियां (Fact Finding Team on Haldwani Violence)

इस कथित फैक्ट फाइंडिंग की रिपोर्ट आने के बाद इसे बाकायदा इस्लामी हैंडलों से सोशल मीडिया पर वायरल करवाया गया। इसको वायरल करने वालों में यूपी पुलिस द्वारा फर्जी खबर फैलाने के मामले में गिरफ्तार किए जा चुके शोहराब और आए दिन हिन्दू धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले कई अन्य एक्स हैंडल भी शामिल हैं। इन सभी ने मिल कर आरोप लगाया है कि नैनीताल की जिलाधिकारी किसी से मिलती नहीं हैं और उन्होंने ‘अरेस्ट वंदना सिंह’ नाम से ट्विटर ट्रेंड भी चलाया।

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मोदी जी नाम से हैंडल बनाने वाले हुजैफा ने डीएम वंदना सिंह को गंदी गालियां भी दीं। वैस आजमी के नाम के हैंडल से किये गये ट्वीट में कोठा, मुजरा और गजरा तक का जिक्र किया गया है। (Fact Finding Team on Haldwani Violence)

दंगाइयों को नहीं, घायल नगर निगम कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों को मिले मुआवजा: नवाब (Fact Finding Team on Haldwani Violence)

17 फरवरी को हल्द्वानी में हुई इस मीटिंग में उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब भी मौजूद थे। उन्होंने भी अपने बयान में जो कुछ भी कहा वो कथित फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के रिपोर्ट्स को दरकिनार करने जैसा है। नवाब ने कहा कि दंगाइयों को नहीं, बल्कि घायल नगर निगम कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों को मुआवजा मिलना चाहिये।

पिछले 10 दिनों में यहाँ मुख्यमंत्री से ले कर देश के तमाम मीडिया संस्थान दौरा कर चुके हैं। लगभग हर स्तर की आधिकारिक जाँच और तमाम मीडिया संस्थानों की ग्राउंड रिपोर्ट में यह बात निर्विवाद रूप से सामने आई है कि वनभूलपुरा में अवैध कब्जा हटाने गए प्रशासन पर एक उन्मादी भीड़ ने जानलेवा हमला किया। (Fact Finding Team on Haldwani Violence)

इस हमले के न सिर्फ गवाह, परिस्थितिजन्य सबूत बल्कि कई भुक्तभोगी भी अभी हल्द्वानी में मिल जाएँगे। हिंसा के इन भुक्तभोगियों में आम नागरिक भी हैं जिनका किसी विवाद से कोई लेना-देना नहीं था। (Fact Finding Team on Haldwani Violence)

पहले भी हुई थी मामले को तूल देने व भड़काने की कोशिश (Fact Finding Team on Haldwani Violence)

उल्लेखनीय है कि हल्द्वानी हिंसा के तुरंत बाद मीडिया का एक खास गिरोह अफवाहों को तूल देने लगा था। हिंसा के 48 घंटों के ही भीतर यह गिरोह प्रभावित इलाकों में दूध और अन्य रोजमर्रा की जरूरतों को रोक देने और मुस्लिमों के भूखे-प्यासे होने जैसी भ्रामक खबरें फैलाने लगा था। हालाँकि पोल खुल जाने के बाद खास गिरोह ने लोग अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाये। (Fact Finding Team on Haldwani Violence)

क्या बोलीं वंदना सिंह (Fact Finding Team on Haldwani Violence)

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नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने कहा, ‘पता चला है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर मेरे खिलाफ चल रहा हैशटैग अभियान एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने शुरू किया। सच्चाई का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि यहां पहुंची फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्य मुझसे मिले तक नहीं, न ही फोन पर कोई जानकारी ली। सदस्य क्षेत्र के उलेमाओं और बुद्धिजीवियों से भी मिले बगैर चले गए।’ उन्होंने उनके विरुद्ध विरोध व समर्थन में एक्स पर चल रही मुहिम पर भी कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने ‘नवीन समाचार’ से कहा, वह अपने प्रशासनिक दायित्व का निर्वहन कर रही हैं। (Fact Finding Team on Haldwani Violence)

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