हल्द्वानी में अंतरराष्ट्रीय नशा तस्कर बनमीत के घर ईडी को मिले 130 करोड़ रुपये के बिटकॉइन, भाई परविंदर की ईडी कस्टडी चार दिन बढ़ी
नवीन समाचार, देहरादून, 5 मई 2024 (International Smuggler Banmeet Naroola-Al Chapo)। हल्द्वानी निवासी अंतरराष्ट्रीय नशा तस्कर बनमीत व उसका भाई परविंदर नरुला बिटकाइन से ड्रग्स खरीदते थे। रिमांड के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने जब परविंदर के हल्द्वानी स्थित घर की तलाशी ली तो वहां 268 बिटकाइन बरामद हुए। बताया जा रहा है कि इन बिटकाइन की भारतीय मुद्रा में कीमत करीब 130 करोड़ रुपये है।
बनमीत के भाई परविंदर नरुला को ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने गत 26 अप्रैल को गिरफ्तार किया था और न्यायालय ने सात दिन के लिए ईडी की कस्टडी में भेजा था। अब शनिवार को स्पेशल ईडी कोर्ट देहरादून ने परविंदर को चार दिन के लिए और ईडी की कस्टडी में भेज दिया है।
हल्द्वानी में बनमीत नरुला के घर में दी थी दबिश (International Smuggler Banmeet Naroola-Al Chapo)
गुरुतेग बहादुर गली तिकोनिया हल्द्वानी निवासी बनमीत सिंह नरूला को अमेरिकी अदालत ने पांच साल की सजा सुनाई है। बनमीत डार्क वेब के जरिये अमेरिका सहित 8 देशों और 50 राज्यों में ड्रग्स का धंधा करता था। अदालत में उसने अपना जुर्म भी स्वीकार किया। इस मामले में बनमीत के साथ उसके भाई परविंदर का नाम भी जुड़ चुका है। देहरादून से आई प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने बीते शुक्रवार 26 अप्रैल को बनमीत के हल्द्वानी स्थित आवास पर छापा मारा।
24 घंटे से अधिक चली छापेमारी दौरान ईडी ने बीती को हल्द्वानी में बनमीत नरुला के घर में दबिश देकर उसके भाई परविंदर नरुला व अन्य परिजनों से पूछताछ की। पूछताछ के बाद परविंदर के विरुद्ध साक्ष्य मिलने के बाद ईडी ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि परविंदर ने अपने भाई की अवैध कमाई को देश में कई जगह निवेश किया है।
परविंदर भी धंधे में बराबर शामिल (International Smuggler Banmeet Naroola-Al Chapo)
बताया गया है कि बनमीत के भारी परविंदर ने भी दुबई सहित कई देशों में अपने खाते खुलवाए जिनके माध्यम से वह अपने भाई के अवैध कारोबार में साथ देता था। ईडी ने परविंदर को 27 अप्रैल को स्पेशल ईडी कोर्ट देहरादून में पेश किया था। ईडी ने पूछताछ व सर्च के लिए परविंदर की 14 दिन की कस्टडी रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने उस समय केवल सात दिन की कस्टडी रिमांड ही मंजूर की थी।
इस रिमांड के दौरान ईडी ने उसके घर में कई बार सर्च आपरेशन चलाया। इसमें उसके कंप्यूटर वालेट से 268 बिट काइन बरामद की। शनिवार को ईडी ने उसे स्पेशल ईडी कोर्ट में पेश किया। जहां बताया गया कि इस मामले में परविंदर से और भी पूछताछ की जानी है। ईडी ने आरोपित परविंदर की सात दिन की और कस्टडी रिमांड मांगी। ईडी के तर्कों के आधार पर कोर्ट ने उसकी चार दिन की कस्टडी रिमांड मंजूर कर दी है।
यह है हल्द्वानी में कभी किराये के घर में रहने वाले बनमीत की अंतरराष्ट्रीय नशा तस्कर ‘अल चापो’ बनने की कहानी (International Smuggler Banmeet Naroola-Al Chapo)
1957 में मैक्सिको के सिनालोआ के ला टूना गांव में एक किसान के घर जन्मा अकीन गुजमैन लोएरा उर्फ एल चापो ने 15 साल की उम्र में ड्रग्स का धंधा शुरू किया था। कुछ ही सालों में उसने अमेरिका सहित कई देशों में अपना वचर्स्व बना लिया। ड्रग्स बेचकर उसने इतनी दौलत कमाई कि फोर्ब्स मैगजीन को उसे छापना पड़ा। ड्रग्स के धंधे से अकूत संपत्ति हासिल करने वालों को अब अमेरिका की ड्रग इन्फोर्समेंट एजेंसी ‘एल चापो’ के नाम से बुलाती है और बनमीत सिंह नरूला को भी एजेंसी ने यही नाम दिया है।
बनमीत उर्फ एल चापो ने अमेरिका, कनाडा, आयरलैंड, स्कॉटलैंड सहित आठ देश और 50 राज्यों में ड्रग्स के धंधे से 150 मिलियन डॉलर कमाए। माना जा रहा है कि इसका बहुत बड़ा हिस्सा बनमीत ने अपने भाई परविंदर तक पहुंचाया। इसी 150 मिलियन डॉलर की कमाई की वजह से अमेरिका की ड्रग इन्फोर्समेंट एजेंसी (डीईए) ने बनमीत को एल चापो का नाम दिया। वहीं परविंदर की गिरफ्तारी के बाद इस बात की चर्चा है कि परविंदर भी बनमीत के धंधे में पूरी तरह शामिल है। वह न सिर्फ अमेरिका से हुई मनी ट्रेल का हिस्सा है, बल्कि ड्रग्स के धंधे का चलाने में भी उसका हाथ है।
द सिंह ऑर्गनाइजेशन से जुड़े हैं परविंदर के तार (International Smuggler Banmeet Naroola-Al Chapo)
प्रवर्तन निदेशालय को बनमीत और परविंदर से जुड़े कई अहम सुराग मिले हैं। सूत्रों की मानें तो ईडी का शक तब और गहरा गया जब उसे अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्करों के गिरोह ‘द सिंह ऑर्गनाइजेशन’ के तार परविंदर से जुड़े होने के सुराग मिले। यह एक ऐसा ग्रुप है, जिससे दुनिया के कई ड्रग तस्कर और खरीदार जुड़े हैं। यह आर्गनाइजेशन भी डार्क वेब के जरिये संचालित किया जाता है। इसके कुछ और छोटे-छोटे ग्रुप बने होने की बात सामने आ रही है। (International Smuggler Banmeet Naroola-Al Chapo)
रुद्रपुर से कोरियर के जरिये शुरू की थी तस्करी (International Smuggler Banmeet Naroola-Al Chapo)
बनमीत और परविंदर ने मिलकर कुछ साल पहले रुद्रपुर स्थित सिडकुल में एक फार्मा फैक्ट्री खोली, जिस पर फिलहाल ताला लटका है। इसी फैक्ट्री में दवाओं की आड़ में स्मैक और हेरोइन का धंधा शुरू हुआ। फैक्ट्री में ड्रग्स की पैकिंग होती थी और फिर कोरियर के जरिये उसे देश से बाहर भेज दिया जाता। दिल्ली में ऐसा ही एक कोरियर पकड़ा गया तो बनमीत का नाम सामने आया। फैक्ट्री पर ताला लग गया और बनमीत फरार हो गया। तब से वह ऊधमसिंह नगर पुलिस के दस्तावेजों में फरार घोषित है। (International Smuggler Banmeet Naroola-Al Chapo)
50 राज्य, 8 देश के बाद भारत बन रहा था 9वां देश (International Smuggler Banmeet Naroola-Al Chapo)
बताया जाता है कि रुद्रपुर से निकलकर बनमीत ने अमेरिका सहित 8 देशों और 50 राज्यों तक अपना धंधा फैलाया। अब उसके निशाने पर 9वां देश भारत था। सूत्रों का कहना है कि वह यहां अपने करीबियों के बूते नया ग्रुप खड़ा कर रहा था। भारत में कई बड़े ड्रग माफिया उसके संपर्क में थे। वह गांजा और अफीम नहीं बल्कि स्पेशल ड्रग्स (गोलियां) बेचने की योजना बना रहा था। हालांकि इससे पहले ही वह गिरफ्तार हो गया, लेकिन ग्रुप फिर भी सक्रिय था। (International Smuggler Banmeet Naroola-Al Chapo)
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