केंद्रीय फलक पर भी चमके छोटे से राज्य उत्तराखंड के कई सितारे, एक तो प्रधानमंत्री भी रहे और दूसरे प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गये…
नवीन समाचार, नैनीताल, 16 मार्च 2024 (Leaders of Uttarakhand in National Politics)। आजादी के बाद से केंद्र की सत्ता में उत्तराखंड के राजनेताओं की धमक रही है। अपने ज्ञान, राजनीतिक कौशल, सरलता एवं विश्वसनीयता से उन्होंने न सिर्फ राष्ट्रीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई, बल्कि केंद्र में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों की कमान भी संभाल कर इस पर्वतीय भूभाग का गौरव बढ़ाया।
तत्कालीन संयुक्त प्रांत के पहले प्रधानमंत्री (Leaders of Uttarakhand in National Politics)
इस कड़ी में सबसे पहले बात करनी होगी भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद के छोटे से गांव खूंट में जन्मे और नैनीताल-भवाली से संबंध रखने वाले पंत तत्कालीन संयुक्त प्रांत के पहले प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश बनने के बाद पहले मुख्यमंत्री और देश के चौथे गृह मंत्री रहे।
इस कड़ी में दूसरा बड़ा नाम केंद्र में रसायन व उर्वरक मंत्री के साथ ही वित्त मंत्री रहे हेमवती नंदन बहुगुणा का है। वह भी यूपी के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने लोकदल बहुगुणा पार्टी बनाई। कभी तत्कालीन प्रधामंत्री इंदिरा गांधी के करीबी भी रहे बहुगुणा ने एक दौर में इंदिरा गांधी को भी खासी चुनौती पेश की।
प्रधानमंत्री भी बन सकते थे (Leaders of Uttarakhand in National Politics)
इस कड़ी में तीसरा बड़ा नाम पंडित नारायण दत्त तिवारी का आता है, जिनके नाम केंद्र में विदेश और वित्त मंत्री रहने के साथ उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश दो राज्यों का मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड दर्ज है। उनहें उत्तराखंड का पहला निर्वाचित मुख्यमंत्री बनने का गौरव भी प्राप्त हुआ। वह आंध्रप्रदेश के राज्यपाल भी रहे। कहते हैं कि 1991 का लोक सभा चुनाव यदि वह न हारते तो देश के प्रधानमंत्री भी बन सकते थे।
इनके अलावा ब्रह्म दत्त उत्तराखंड के जमीन से जुड़े राजनेताओं में थे। उन्होंने टिहरी लोस सीट से चुनाव जीता और केंद्र में पेट्रोलियम मंत्री बने। पंडित गोविंद बल्लभ पंत के पुत्र केसी पंत भी 26 साल वह केंद्रीय संसद में रहे और उन्होंने रक्षा, गृह, इस्पात, वित्त, विज्ञान, शिक्षा सरीखे अहम मंत्रालय की कमान संभाली।
डॉ. मुरली मनोहर जोशी मूलतः अल्मोड़ा के रहने वाले थे। वह अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र से 1977 से 1980 तक सांसद रहे। भाजपा के संस्थापकों में शामिल जोशी केंद्र में मानव संसाधन, गृह राज्य मंत्री, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री भी रहे।
भुवन चंद्र खंडूड़ी सेना में सेवा के बाद गढ़वाल संसदीय सीट से कई बार चुनाव जीते और केंद्र में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री रहे। बाद में वह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने। (Leaders of Uttarakhand in National Politics)
बची सिंह रावत अल्मोड़ा सीट पर चार बार चुनाव जीते और केंद्र में राज्यमंत्री रहे। केंद्रीय राजनीति में हरीश रावत का भी जलवा रहा। वह केंद्रीय जल संसाधन मंत्री रहे। इनके अलावा गढ़वाल से सांसद रहे सतपाल महाराज भी केंद्र सरकार में रेल राज्यमंत्री रहे। (Leaders of Uttarakhand in National Politics)
हरिद्वार से सांसद रहे डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ केंद्रीय शिक्षा मंत्री के महत्वपूर्ण पद पर रहे। अल्मोड़ा के सांसद अजय टम्टा को भी केंद्र में कपड़ा राज्यमंत्री होने का अवसर मिला। वर्तमान में अजय भट्ट केंद्रीय पर्यटन व रक्षा राज्यमंत्री हैं। इनके अलावा उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोशयारी केंद्र में तो लेकिन महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे। (Leaders of Uttarakhand in National Politics)
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