देश के इस वरिष्ठ नेता ने कहीं मोदी, महागठबंधन, कांग्रेस, जीएसटी, सवर्ण आरक्षण, सपा-बसपा, मुलायम, उनकी बहुओं, अखिलेश, शिवपाल व मायावती आदि के बारे में कई बड़ी और चुभने वाली बातें
नवीन समाचार, हरिद्वार, 15 जनवरी 2019। कभी सपा के वरिष्ठ नेता रहे एवं देश की राजनीति को कई बार समय की जरूरत के अनुसार अपनी तरह से मोड़ देने वाले अमर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महागठबंधन, कांग्रेस, जीएसटी, सवर्ण आरक्षण, सपा-बसपा, मुलायम सिंह, उनकी बहुओं, अखिलेश यादव, शिवपाल यादव व मायावती आदि के बारे में कई बड़ी और चुभने वाली बातें कही हैं। अमर सिंह मकर संक्रांति के अवसर पर नरेंद्र मोदी की 2019 में जीत के लिए दुआएं मांगने हरिद्वार आए थे। इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने देश की राजनीति को लेकर कई महत्वपूर्ण टिप्पणियों कीं।
मोदी सरकार की ओर से सवर्णों को आरक्षण दिए जाने को लेकर राज्यसभा सदस्य अमर सिंह ने उठ रहे सवालों को लेकर व खासकर संसद में सपा सांसद रामगोपाल यादव की टिप्पणी पर कहा कि मुलायम सिंह यादव के परिवार में तीन बहुएं सवर्ण परिवारों की हैं। जब उन्हें सवर्णों की बेटियों को अपनी बहू बनाने में परेशानी नहीं है तो फिर सवर्णों को आरक्षण देने पर इतनी नफरत क्यों है। उन्होंने कहा कि सपा-बसपा का गठबंधन मौकापरस्त राजनीति का बड़ा उदाहरण है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने पिता की कुर्बानियों और संघर्ष को तिलांजलि देकर गठबंधन किया है। उन्होंने दावा किया कि इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी की नीतियां जीतेंगी और बाकी दल हारेंगे।
मकर संक्रांति पर गंगा स्नान करने आए सांसद अमर सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कई मुद्दों पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जनता के प्रति पूरी जवाबदेही दिखाते हुए काम किया है। उन्होंने कहा कि यूपी में बसपा और सपा के बीच हुआ गठबंधन दोनों दलों के लिए मजबूरी में लिया गया निर्णय है। उन्होंने अखिलेश यादव को मायावती का नया प्रवक्ता बताते हुए चुटकी ली कि इस गठबंधन के बाद क्या बसपा सुप्रीमो मायावती यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ लखनऊ के गेस्ट हाउस कांड मामले में दर्ज कराए गए मुकदमे को वापस लेंगी। या फिर अखिलेश यादव यह स्वीकार करेंगे कि बसपा की ओर से उनके पिता के खिलाफ जो मुकदमा दर्ज कराया गया था वह सही था और उन्हें उस मुकदमे में सजा मिलनी चाहिए। अमर सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव अपनी सरकार के दौरान ही अपने पिता के खिलाफ चले आ रहे इस मुकदमे का निस्तारण करा सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इससे साफ लगता है कि अखिलेश और माया के बीच सत्ता के लिए यह खिचड़ी काफी समय से पक रही थी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जीएसटी को लेकर मोदी सरकार पर सवाल उठाए जाते हैं, लेकिन सबको पता है कि जीएसटी भाजपा की नहीं कांग्रेस की देन है। उन्होंने विपक्षी दलों पर भ्रामक प्रचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों में मोदी की जीत की कामना के लिए वे हरिद्वार गंगा स्नान और पूजन करने आए हैं। चुनावों के दौरान अपनी भूमिका के बारे में उन्होंने कहा कि मेरी प्रतिबद्धता मोदी के साथ है। राजनीति बहुत कर ली अब राष्ट्रनीति करूंगा।
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p style=”text-align: justify;”>-कांग्रेस पार्टी के महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुस्मिता देव ने पत्रकार वार्ता में बेबाकी से रखी राय, कहा – अभी देश में ‘मोदी वर्सेज मोदी’ ही है माहौल, माना हिमांचल में कांग्रेस के विरुद्ध है एंटी इंकमबेंसी का माहौल
-साथ ही कहा गुजरात व हिमांचल के चुनाव परिणाम चाहे जो हों, 2019 के परिणाम इससे अलग होंगे, 2019 में मोदी के वादों पर जवाब देगी जनता
नैनीताल। कांग्रेस पार्टी के महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुस्मिता देव ने शुक्रवार 10 नवम्बर 2017 को नैनीताल में आयोजित पत्रकार वार्ता में बेहद बेबाकी से अपनी राय रखी। कहा कि अभी भी देश में ‘मोदी वर्सेज मोदी’ का माहौल है, यानी एक तरीके से कांग्रेस अभी मुकाबले में नहीं है, और मोदी के वादों-घोषणाओं पर ही चुनाव लड़ा जा रहा है। साथ ही माना कि हिमांचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के ‘एंटी इंकमबेंसी’ यानी सत्ता विरोधी माहौल है। अलबत्ता कहा कि हिमांचल में सीएम बीरभद्र सिंह सबसे बड़े नेता हैं, और जनता को उन पर विश्वास है। साथ ही कहा कि गुजरात व हिमांचल प्रदेश के विस चुनाव के परिणाम चाहे कांग्रेस या भाजपा जिसके पक्ष में भी आएं, 2019 के आगामी लोस चुनावों के परिणाम इससे अलग होंगे। 2019 में मोदी के वादों पर जनता जवाब देगी।
नैनीताल क्लब में पत्रकारों से बात करते हुए सुश्री देव ने कहा कि कांग्रेस लोस का पिछला चुनाव सोशल मीडिया सहित सभी मीडिया माध्यमों पर हुए दुष्प्रचार की वजह से हार गयी। कांग्रेस ने अन्य पक्षों को समझने की कोशिश न करने की गलती की। यही गलती अब मोदी सरकार कर रही है। लेकिन पंजाब में सरकार बनाने तथा मणीपुर व गोवा में अच्छे परिणाम हासिल करने के साथ कांग्रेस का पुनरुद्धार शुरू हो गया है। आगे उन्होंने पार्टी की उपाध्यक्ष राहुल गांधी से कहा है कि वे पार्टी की कमान संभालने के साथ कम से कम 30 फीसद राज्यों में महिलाओं को पार्टी की कमान दें, और हर राज्य में कम से कम 3-4 मुख्यमंत्री पद की दावेदारी योग्य स्थानीय नेता तैयार करें, और जीतने पर 30 फीसद राज्यों में महिला मुख्यमंत्री दें तो पार्टी वापस आ सकती है। यह स्वीकारते हुए कि यूपीए सरकार अपने सहयोगी दलों के अंर्तविरोधों के कारण संसद व विस में महिलाओं के लिए 33 फीसद आरक्षण का बिल लोस में नहीं ला पायी, उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि मोदी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में हैं, इसलिए अगले शीतकालीन या बजट सत्र में महिला बिल को लोस में लाएं। तभी इसका लाभ 2019 के चुनाव में महिलाओं को मिल सकता है। सोनिया गांधी पहले ही कांग्रेस की ओर से इस बिल को समर्थन का वादा कर चुकी हैं।

इससे पूर्व पहली बार नैनीताल पहुंचने पर महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सरिता आर्य की अगुवाई में महिलाओं ने उन्हें फूलमालाओं से लाद दिया। उन्हें व साथ आई उत्तराखंड प्रभारी सुनीता सहरावत व राष्ट्रीय सचिव अनुपमा रावत के साथ कुमाउनी महिलाओं का परंपरागत वस्त्र रंग्वाली पिछौड़ा भेंट किया। इस मौके पर खष्टी बिष्ट, मुन्नी तिवाड़ी, मंजू बिष्ट व गजाला कमाल सहित कई महिला कार्यकत्रियां मौजूद रहीं।
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