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November 7, 2024

नैनीताल : हरेला पर कहीं पौधे लगाये गए तो यहाँ पौधे उखाड़े गए, कारण बहुत खास

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Lok Parv

हरेला पर राइंका गुनियालेख में काला बांशा पौधों को हटाने के लिये मुहिम चलायी गयी

नवीन समाचार, नैनीताल, 16 जुलाई 2024 (Plants planted on Harela-Somewhere uprooted too)। नैनीताल जनपद के राजकीय इंटर कॉलेज गुनियालेख में हरेला के पर्व पर पर्यावरण संवर्धन की मुहिम चलाई गई। इसके तहत ’मैक्सिकन डेविल के रूप में कुख्यात, काला बांशा नाम के पौधे को हटाने के लिये अभियान चलाया गया। ’रूरल रिवैंप संस्था से जुड़े हुए वासुदेव धवन ने बताया कि उत्तराखंड में उगने वाले काला बांसा एक ऐसा पौधा है जो आसपास की भूमि को बंजर बना रहा है। यह स्थानीय जड़ी-बूटियां को भी उगने नहीं देता है। यह भी पढ़ें : लाख हरियाव-लाख दसें, लाख बगवाल, जी रया, जागि रया…

thumb 769e1e07b2df82e70accd7a74b669aab 2022067918जिस जगह पर काला बांसा उगता है, वहां पर घास भी नहीं उग पाती है। हरियाली की चाहत में अक्सर जानवर भी इस पर्यावरण के दुश्मन पौधे को खा लेते हैं और अक्सर बीमार हो जाते हैं। पर्यावरण प्रेमी गौरी शंकर काण्डपाल ने कहा कि इस पर्यावरण प्रदूषण वाली झाड़ीनुमा पौधे को उखाड़ फेंकने के लिए राजकीय इंटर कॉलेज गुनियालेख के बच्चों के द्वारा वृहद अभियान चलाया गया।

इसके अंतर्गत लगभग 200 किलो के आसपास काला बांसा को जड़ से उखाड़ दिया गया। बताया गया कि आगे इस उखड़े हुए झाड़ीनुमा पौधे को कंपोस्ट खाद के रूप में सडा कर उपयोग में लाया जाएगा। इस अभियान में मुख्य रूप से दीपांकर पनेरु, पंकज कुमार, भास्कर बृजवासी, दिनेश कुमार, प्रशांत कुमार, दीपक पौडियाल, मोहित कुमार, सहित विद्यालय के कक्षा 11 एवं 12 कला वर्ग के बच्चे शामिल रहे।

हरेला पर जिला-मंडल मुख्यालय में नहीं हुए प्रशासनिक स्तर पर पौधरोपण के कार्यक्रम (Plants planted on Harela-Somewhere uprooted too)

नैनीताल। प्रकृति के स्वर्ग सरोवरनगरी नैनीताल में हरेला का लोक-प्रकृति, कृषि व मौसमी पर्व-हरेला हर्षोल्लास से मनाया गया। इस दौरान लोगों ने अपने घरों में एवं सार्वजनिक स्थानों पर पौधे रोपे। अलबत्ता जिला व मंडल मुख्यालय होते हुए यहां प्रशासनिक स्तर पर किसी सार्वजनिक कार्यक्रम की जानकारी नहीं है। अलबत्ता इस दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सहित विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक संगठनों ने हरेला महोत्सव मनाया। नगर के पार्वती प्रेमा जगाती वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सरस्वती विहार में इस अवसर पर पौधरोपण के साथ हरेला पर विचार गोष्ठी आयोजित की गयी।

addf9e1d0d2a1b4b5ef4cc003930ff8e 1695950793इस अवसर पर मुख्य वक्ता घनश्याम ढोलगाई, प्रधानाचार्य डॉ. सूर्य प्रकाश, छात्र रितिक राठौर और खुश अग्रवाल ने हरेला पर अपने विचार व्यक्त किए। साथ ही विद्यालय परिसर में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पीपल, बांज व जामुन आदि दर्जन भर पौधों का रोपण किया। इस अवसर पर रजत कुमार सिंह, विजय पाण्डेय, भुवन, शुभम सत्यवली, पवन, भोपाल और छात्र प्रधानमंत्री अनुपम सहित विद्यालय के सभी छात्र और अध्यापक उपस्थित रहे। संचालन अतुल पाठक ने किया।

पेड़ों के संरक्षण के संदेश के साथ महिलाओं ने किया हरेला पूजन (Plants planted on Harela-Somewhere uprooted too)

नैनीताल। उत्तराखण्ड की संस्कृति व पर्यावरण को समर्पित लोक पर्व हरेला के अवसर पर भीमताल के ब्लॉक प्रमुख डॉ. हरीश बिष्ट ने भीमताल विकास खंड के मनोरा रेंज के बल्दियाखान में फलदार चौड़ी पत्ती के पौधों का वन विभाग के अधिकारियों स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा ग्रामीणों के साथ मिलकर रोपण किया व इनके संरक्षण का संकल्प लिया। इस दौरान पेड़ों के संरक्षण के संदेश के साथ स्थानीय महिलाओं द्वारा हरेला पूजन भी किया गया।

5db55e2344ce342d4afdf13ab3426586 1834841764प्रमुख ने खास तौर चौड़ी पत्ती के वृक्षों के पौधों को लगाने की अपील करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण की कल्पना तभी साकार हो सकती है जब हम सभी अधिक मात्रा में पेड़ांे को लगाने के साथ उनका संरक्षण भी करें। इस दौरान ज्येष्ठ प्रमुख हिमांशु पांडे, प्रधान जानकी चनियाल, मुख्य वन सरक्षक टीआर बिजूलाल, प्रभागीय वनाधिकारी चंद्रशेखर जोशी के साथ राजकुमार, साक्षी रावत व मुकुल शर्मा आदि वनाधिकारी, क्षेत्र पंचायत सदस्य मीनू पांडे, मनोज चनियाल, राजेंद्र कोटलिया, ब्लॉक कमांडर धीरेंद्र जीना, वन दरोगा राजेंद्र कठायत व डीके तिवारी आदि जन प्रतिनिधि ग्रामीण व वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

(Plants planted on Harela-Somewhere uprooted too)इसी तरह कुमाऊं विश्वविधालय के प्रशासनिक भवन में हरेला के अवसर पर प्रशासनिक भवन परिसर में पूर्व कार्यपरिषद सदस्य एवं उत्तराखंड उच्च न्यायालय के पूर्व अपर महाधिवक्ता स्वर्गीय मोहन चंद्र पांडे को समर्पित करते हुए देवदार, तेजपत्ता व कार्पिनस के 50 पौधे रोपे गए। बताया गया कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मिलने वाले देवदार को ‘गॉड वुड’ यानी ईश्वरीय वृक्ष भी कहा जाता है। तेजपत्ता एक औषधीय पौधा है। इसको मसाले में भी प्रयोग किया जाता है।

पौधे नयना रेंज के जितेंद्र तथा वन क्षेत्राधिकारी प्रमोद तिवारी द्वारा उपलब्ध कराए गए। तथा कैलाश जोशी का विशेष सहयोग रहा। पौधरोपण करने वालों में प्रो. संतोष कुमार, प्रो. संजय पंत, प्रो. ललित तिवारी, प्रो. आशीष मेहता, डॉ. युगल जोशी, अभिराम पंत, डॉ. हृदयेश कुमार, राम सिंह गुसाई, कुंदन सिंह, दीपक देव, आरपी जोशी, ललित व अनिल आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे। (Plants planted on Harela-Somewhere uprooted too)

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