उत्तराखंड में 6.55 लाख उपभोक्ताओं के घर लगेंगे बिजली के स्मार्ट मीटर
नवीन समाचार, नैनीताल, 3 अक्टूबर 2024 (Smart meters will install in 6.55 lakh Consumers)। ऊर्जा निगम ने उत्तराखंड में पुराने बिजली मीटरों को बदलकर स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। कुमाऊं मंडल में 6.55 लाख उपभोक्ताओं के मीटरों को बदला जाएगा। इसके लिए निगम ने ‘अडानी समूह’ की कंपनी से अनुबंध किया है, जिसके बाद उपभोक्ता स्तर पर सर्वेक्षण का कार्य प्रारंभ हो गया है। राज्य के मैदानी क्षेत्रों में नगर और ग्रामीण दोनों इलाकों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में केवल नगर क्षेत्र के घरों और प्रतिष्ठानों में मीटर बदले जाएंगे।
स्मार्ट मीटर का कार्य प्रगति पर
अनुबंधित कंपनी के सर्किल प्रभारी हरीश तिवारी का कहना है कि पहले चरण में ऊर्जा निगम के सभी विद्युत उपकेंद्रों को स्मार्ट मीटर के लिए तैयार किया जाएगा। सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है, और हल्द्वानी के कुछ उपकेंद्रों में मीटर भी लग चुके हैं। अन्य उपकेंद्रों में भी मीटर बदलने का कार्य जारी है। उपभोक्ताओं के स्तर पर सर्वेक्षण करने के लिए कंपनी ने घर-घर जाकर सर्वे शुरू कर दिया है, और एप्लिकेशन के माध्यम से डेटा ऑनलाइन दर्ज किया जा रहा है। सर्वेक्षण पूरा होते ही मीटर बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
मोबाइल से रिचार्ज की सुविधा
स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं के लिए मोबाइल से रिचार्ज करने की सुविधा उपलब्ध होगी। उपभोक्ता अपने मोबाइल नंबर से स्मार्ट मीटर को रिचार्ज कर सकेंगे, साथ ही ऐप के माध्यम से बिजली की खपत और रिचार्ज की स्थिति भी देख सकेंगे। कंपनी ने बताया कि इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर और आईओएस प्लेटफॉर्म पर जल्द ही उपलब्ध कराया जाएगा।
कांग्रेस-नेता प्रतिपक्ष का विरोध (Smart meters will install in 6.55 lakh Consumers)
श्री यशपाल आर्य, नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह योजना आम जनता के हित में नहीं है। उन्होंने पूछा कि अगर पहले से लगे मीटरों में कोई समस्या नहीं थी, तो उन्हें क्यों बदला जा रहा है? उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि स्मार्ट मीटर लगाने से उपभोक्ताओं को अधिक बिजली बिल की समस्या का सामना करना पड़ सकता है, जैसा कि अन्य राज्यों में देखा गया है। श्री आर्य ने कहा कि सरकार निजी कंपनियों-भाजपा के प्रिय निजी घराने को लाभ पहुँचाने के लिए यह योजना लागू करने जा रही है, और जनता पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डाल रही है।
इस योजना को लागू करने से पहले जनभावनाओं को समझा जाना चाहिए, और अन्य राज्यों में हो रहे विरोध को देखते हुए सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए।इस योजना का पुरजोर विरोध किया जाएगा। श्री आर्य ने कहा कि विभिन्न राज्यो में टोटेक्स (TOTEX) मॉडल का विरोध हो रहा है इसके तहत उपभोक्ता से 93 महीने तक मीटर की लागत, मीटर के डेटा प्रबंधन, क्लाउट स्टोरेज सिस्टम से लेकर साइबर सुरक्षा और रखरखाव का खर्चा भी किश्तों में वसूला जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार का दबाव है कि टोटेक्स योजना के तहत स्मार्ट मीटर लगाने ही होंगे अन्यथा केंद्र राज्य को बिजली छेत्र में सुधार और विकास के लिए फंड नहीं देगी। सोचनीय है अभी मीटर लगाने के लिए राज्य से दादागिरी की जा रही है, फिर मीटर लग जाएगा तो उपभोक्ता के साथ दादागिरी होगी. क्या जनता को पता है कि इस मीटर के डेटा का राजनीतिक इस्तेमाल किस तरह से होगा? इस डेटा से बिजली क्षेत्र में किस तरह का सुधार आएगा?
श्री आर्य ने कहा कि जिन राज्यों में अभी तक स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे है गरीब लोगों के लिए बिजली बिल चुकाना मुश्किल साबित हो रहा है। बिना किसी सूचना के बिजली काट दी जाती है। लोगों को बिजली के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। इस कारण अन्य राज्यों में भी इसका विरोध हो रहा है। (Smart meters will install in 6.55 lakh Consumers)
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