खुशखबरी : उत्तराखंड में खुली पर्यटन-धार्मिक पर्यटन शुरू होने की राह
नवीन समाचार, देहरादून, 31 मई 2020। अब तक लॉक डाउन झेल रहे देश-प्रदेश में एक जून से कोरोना के खिलाफ जंग में ‘अनलॉक’ का दौर शुरू होने जा रहा है। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 4.0 के समाप्त होने के साथ राज्यों को बड़ी राहत प्रदान कर दी है। आय का प्रमुख स्रोत होने के कारण पर्यटन प्रदेश कहे जाने वाले उत्तराखंड के लिए सबसे बड़ी राहत यह है कि आठ जून के बाद पर्यटन और तीर्थाटन की गतिविधियां भी शुरू हो सकेंगी। क्यों केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक जून से राज्यों के बीच आवागमन को सुगम बनाते हुए एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए अलग से अनुमति या ई-परमिट लेने की जरूरत समाप्त कर दी है। इसके बाद राज्य सरकार आवागमन को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दे सकती है। अलबत्ता अभी सिनेमाघर, व्यायामशाला और स्विमिंग पूल खोलने पर रोक जारी रहेगी। लेकिन कुछ दिनों के बाद इसमें भी छूट दी जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार की ओर से पर्यटन और तीर्थाटन गतिविधियों को खोलने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया था। साथ ही सरकार और पर्यटन विभाग ने चारधाम यात्रा शुरू करने के लिए तैयारी कर रही है। केंद्र के दिशा-निर्देश आने के बाद प्रदेश सरकार चारधाम यात्रा और प्रदेश में पर्यटन शुरू करने पर फैसला ले सकती है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में 3439 होटल, 20 हजार रेस्टोरेंट-होटल एवं 600 से अधिक साहसिक गतिविधियों से जुड़े व्यवसायी हैं, तथा करीब एक लाख लोग पर्यटन व्यवसाय से जुड़े हैं। माना जा रहा है कि चारधाम यात्रा व अन्य पर्यटन गतिविधियां शुरू होने से इन बंद पड़े उद्योगों को सांस मिलेगी।
इससे सबसे बड़ी राहत होटल व्यवसायियों के लिए है, जिन्हें दोबारा से गतिविधियां संचालित करने की अनुमति मिली है। प्रदेश की होटल एसोसिएशन लंबे समय से इसकी मांग कर रही थी। प्रदेश सरकार ने शॉपिंग माल खोलने की अनुमति भी मांगी थी, जिसे भी केंद्र ने स्वीकार कर लिया है। आठ जून के बाद राज्य में शॉपिंग मॉल भी खुल सकते हैं। हालांकि इस दौरान सामाजिक दूरी के सिद्धांत का पालन करना होगा।
हालांकि जानकारों के अनुसार, सहज आवागमन अभी भी इतना आसान नहीं होगा। सरकार राज्य के अंदर सार्वजनिक वाहनों की आवाजाही को सोशल डिस्टेंसिंग और सुरक्षा मानकों के साथ खोल चुकी है। लेकिन सार्वजनिक वाहनों को यात्री नहीं मिल रहे हैं। प्रदेश में रोडवेज बसों का संचालन नहीं हो रहा है। परिवहन निगम ने हाथ खड़े कर रखे हैं कि 50 प्रतिशत सीटों के साथ बसों का संचालन नहीं कर सकते। ये घाटे का सौदा साबित होगा। वैसे भी मंत्रालय की गाइड लाइन में सार्वजनिक परिवहन के लिए कोई स्पष्ट निर्देश नहीं हैं। लेकिन व्यक्तियों और मालवाहक वाहनों को ही अनुमति व ई परमिट से मुक्त रखा गया है। जानकारों का मानना है कि सार्वजनिक वाहनों के एक राज्य से दूसरे राज्य में आवाजाही से ही परिवहन सेक्टर में तेजी आ सकती है।
इधर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि अधिकारियों के साथ बैठक कर केंद्र की नई गाइडलाइन अनलॉक-1 के क्रियान्वयन पर योजना बनाई जाएगी। कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए आवश्यक सावधानियां रखते हुए आर्थिक गतिविधियों को धीरे-धीरे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। कोशिश की जा रही है कि लोगों को अधिक से अधिक राहत पहुंचाई जाए।