-केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने दिए निर्देश
नवीन समाचार, देहरादून, 11 जून 2023। (Enemy Property) उत्तराखंड में मौजूद शत्रु सम्पत्तियों को सरकार के कब्जे में लिए जाने की कवायद तेज हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उत्तराखंड के हरिद्वार, नैनीताल सहित कई जिलों में चिन्हित 69 शत्रु सम्पत्तियों की प्रमाणित सूची राज्य सरकार को भेज दी है। जबकि इसी तरह की 68 अन्य सम्पत्तियों के भी दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि शत्रु सम्पत्तियों का मामला 1969 से विवादित चल रहा है। अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को ऐसी सम्पत्तियों को कब्जे में लेने को कहा है। केंद्र के पत्राचार के आधार पर उत्तराखंड में दून, हरिद्वार, नैनीताल, यूएसनगर और अल्मोड़ा में शत्रु सम्पत्तियों की पहचान हो चुकी है।
इसके बाद गृह विभाग ने इस सूची को सभी जिलों को भेजते हुए कब्जा लेने को कहा है। यह शत्रु सम्पत्तियां देहरादून में माजरा, चकराता और मसूरी मे, हरिद्वार जिले में ज्वालापुर, भगवानपुर में तथा इसी तरह नैनीताल शहर के मेट्रोपोल कंपाउंड तथा ऊधमसिंह नगर और अल्मोड़ा में भी हैं। इनका बाजार मूल्य अरबों रुपये में आंका जा रहा है।
क्या है शत्रु संपत्ति (Enemy Property) :
1947 में देश के बंटवारे तथा भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन युद्ध के समय जो नागरिक भारत छोड़कर पाकिस्तान या चीन चले गए थे, उनकी भारत में रह गई संपत्ति को शत्रु संपत्ति करार दिया गया है। देशभर में ऐसी 9400 से अधिक और उत्तराखंड में अब तक 69 ऐसी शत्रु संपत्तियों की पहचान हो चुकी है।
जन सुविधाओं के काम आएगी यह शत्रु सम्पत्तियां (Enemy Property)
उत्तराखंड की विशेष सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल के अनुसार ऐसी ज्यादातर सम्पत्तियां शहरों में मौजूद है। इन पर कई जगह के अवैध कब्जे हैं। शहरों में जनसुविधाएं विकसित करने के लिए जमीन की किल्लत को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से ऐसी सम्पत्तियों की पहचान करते हुए, विधिवत स्वामित्व विभागों के नाम करने और इन जमीनों को जनसुविधाएं विकसित करने को कहा है। इसी क्रम में उत्तराखंड में कुछ जगह इस तरह की शत्रु सम्पत्तियों को प्रशासन ने अपने नियंत्रण में लिया है।