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November 22, 2024

हल्द्वानी का जोशी विहार 6 वर्षों में बन गया बनभूलपुरा का हिस्सा, भयावह है हल्द्वानी-उत्तराखंड में जनसांख्यिकीय बदलाव की कहानी…

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Demographic Change in Haldwani Uttarakhand

Muslim Colony Gaulapar

नवीन समाचार, हल्द्वानी, 26 फरवरी 2024 (Demographic Change in Haldwani Uttarakhand)। हल्द्वानी किस तरह डेमोग्राफिक यानी जनसांख्यिकीय तौर पर बदल रही है, इसकी एक बानगी हमने गत दिनों गौलापार क्षेत्र में देवला तल्ला में मेहरा फार्म और अंसारी कॉलोनी की कहानी पेश की है। आज इसी कड़ी में प्रस्तुत है शहर के मंडी परिसर से गौलापार बाइपास की ओर जाने वाली सड़क से लगी ‘जोशी विहार कॉलोनी’ की कहानी, जिसकी जगह अब नया गेट लग गया है, जिस पर लिखा है-रजा गेट न्यू फ्रेंड्स कालोनी।

अल्मोड़ा जिले के जोशी परिवार ने 1954 में बसाया था जोशी विहार (Demographic Change in Haldwani Uttarakhand)

(Demographic Change in Haldwani Uttarakhand) बदल गया हल्द्वानी का जोशी विहार... छह साल में पलायन कर गई 60 हिंदू फैमिली, बचे परिवार भी अगले महीने छोड़ देंगे अपना घरशनि बाजार के पास रेलवे की पटरी से 200 मीटर पहले स्थित जोशी कॉलोनी वर्ष 1954 में अल्मोड़ा जिले के ग्राम धनखोली से आये राम दत्त जोशी व देवी दत्त जोशी ने गौजाजाली क्षेत्र के पास कई एकड़ जमीन खरीदकर बसाई थी। राम दत्त व देवी दत्त दोनों के पांच-पांच बेटे हुए। जिन्होंने बाद में अपने हिस्से की जमीनें बेचनी शुरू कीं। इसके बाद यहां जोशी, नैनवाल, साहू व गुप्ता परिवार रहने लगे।

एक व्यक्ति ने मकान खरीदा और अपने रामपुर, पीलीभीत व स्वार के रिश्तेदारों को यहां बसा दिया (Demographic Change in Haldwani Uttarakhand)

लेकिन पिछले छह साल में यहां बड़ा जनसांख्यिकीय बदलाव हुआ। सबसे पहले रामपुर से आए मलिक नाम के एक व्यक्ति ने सबसे पहले यहां एक मकान खरीदा और धीरे-धीरे अपने रामपुर, पीलीभीत व स्वार निवासी रिश्तेदारों को यहां बसाना शुरू किया। बाद में मुस्लिम समुदाय के लोगों के बसने का दायरा बढ़ता गया। और आज स्थिति यह है कि यहां 150 मुस्लिम परिवार रह रहे हैं। उनके पास आधार कार्ड सहित सभी दस्तावेज व जमीन की रजिस्ट्री भी हैं। स्थायी निवास प्रमाण पत्र भी हों तो कोई आश्चर्य नहीं करना होगा।

60 हिंदू परिवार पलायन कर चुके (Demographic Change in Haldwani Uttarakhand)

जबकि पिछले छह वर्ष में 60 हिंदू परिवार जोशी विहार से पलायन कर चुके हैं। अब इस कालोनी में मात्र तीन हिंदू परिवार बचे हैं। इन्होंने भी अपने मकानों का सौदा कर दिया है और यह अगले महीनों में मकान छोड़कर चले जाएंगे। लिहाजा कॉलोनी का नाम भी बदल गया है। यह इलाका बनभूलपुरा से लगा हुआ भी है।

2018 में मनोज मठपाल थे यहां के ग्राम प्रधान (Demographic Change in Haldwani Uttarakhand)

गौरतलब है कि जिस इलाने को आज बनभूलपुरा कहते हैं, उसके भी पूर्व में आजाद नगर, गांधी नगर जैसे कई अन्य नाम थे। लेकिन यह सभी नाम अब बनभूलपुरा में समा चुके हैं। जोशी विहार भी अब बनभूलपुरा का ही हिस्सा बन गया है। वर्ष 2018 में यह इलाका ग्रामीण क्षेत्र में था और मनोज मठपाल यहां के ग्राम प्रधान थे। 2018 में यह इलाकार नगर निगम के वार्ड 59 में आ गया। यहां के निवर्तमान पार्षद रईस अहमद हैं।

मांस व गंदगी बहकर घर के आगे आ जाती है, इसलिये घर छोड़ना मजबूरी हो गई (Demographic Change in Haldwani Uttarakhand)

यहां रहने वाले रामदत्त जोशी के पोते व भुवन जोशी के बेटे देवेंद्र जोशी कहते हैं कि कौन अपना घर बेचना चाहता है। शनि बाजार से आने वाला नाला बरसात में उफान पर आता है। जिसमें मांस व गंदगी बहकर घर के आगे आ जाती है। इसलिये घर छोड़ना उनकी मजबूरी हो गई है। 50 लाख में उन्होंने अपना पुस्तैनी जमीन व बड़ा घर भी बेच दिया है।

पुराने लोगों को मजबूरी में औने-पौने दाम पर जमीन बेचकर जाना पड़ा (Demographic Change in Haldwani Uttarakhand)

देवेंद्र जोशी बताते हैं कि उनके दादा ने यहां जमीन खरीदी थी। बाद में हिंदू परिवार बसे। उनके दादा ने जरूरतमंद लोगों को कम दाम पर जमीन उपलब्ध कराईं। उस जमीन को लोगों ने कुछ बाहरी लोगों को बेचना शुरू कर दिया। इसके बाद जो हालात बने उनमें कई पुराने लोगों को मजबूरी में औने-पौने दाम पर जमीन बेचकर जाना पड़ा। (Demographic Change in Haldwani Uttarakhand)

लोगों के पलायन के पीछे दो कारण हैं। पहला-कुछ लोगों ने लालच में जमीन बेच दीं। दूसरा कारण लोगों के पास जमीन बेचने की मजबूरी हो गई। जिन लोगों ने यहां पर एक लाख की जमीन खरीदी, वह बाद में एक करोड़ की बेच गया। अधिकांश लोग गंदगी व मुस्लिम समुदाय के बढ़ने के कारण जमीन बेचकर चले गए। भाजपा से जुड़े व पूर्व ग्राम प्रधान मनोज मठपाल बताते हैं कि यहां जमीन 4500 रुपये स्क्वायर फीट के हिसाब से बिक रही है। (Demographic Change in Haldwani Uttarakhand)

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