उच्च न्यायालय को नैनीताल से हल्द्वानी के गौलापार स्थानांतरित करने को धामी कैबिनेट ने दी मंजूरी, बड़ा सवाल-कहां से आएगा इतना अधिक पैंसा (Approvel to Transfer of High Court from Nainital to Haldwani’s Gaulapar)
The Dhami cabinet has given its approval for the transfer of the High Court from Nainital to Gaulapar in Haldwani. This decision raises the important question of funding and the source of such a large amount of money required for the transfer. It has been revealed that the High Court will be constructed on approximately 26 hectares of land located near the international stadium. This move signifies a significant development in the judicial infrastructure of the region, but the financial implications and the availability of funds remain a matter of concern.
उच्च न्यायालय को नैनीताल से हल्द्वानी के गौलापार स्थानांतरित करने को धामी कैबिनेट ने दी मंजूरी, बड़ा सवाल-कहां से आएगा इतना अधिक पैंसा
-बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम से लगी करीब 26 हेक्टेयर भूमि पर उच्च न्यायालय बनाया जाएगा
नवीन समाचार, देहरादून 31 मई 2023। नैनीताल से उच्च न्यायालय को स्थानांतरित करने की कवायद तेज होती नजर आ रही है। बुधवार को हुई धामी कैबिनेट ने उच्च न्यायालय की स्थापना के लिए हल्द्वानी के निकट गौलापार में करीब 26 हेक्टेयर भूमि पर उच्च न्यायालय बनाने की मंजूरी दे दी है। अब वन विभाग भूमि हस्तांतरण की कार्रवाई शुरू करेगा।
गौरतलब है कि अभी नए उच्च न्यायालय भवन के लिए बड़ी धनराशि की व्यवस्था कहां से होगी, इस पर अभी कोई बात नहीं हुई है। राज्य सरका जहां केंद्र से धनराशि मिलने की बात कह रही है, वहीं केंद्र सरकार की ओर उच्च न्यायालय के स्थानांतरण पर सकारात्मक रुख दिखाने के बावजूद धनराशि के बारे में कोई बात नहीं की है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय को हल्द्वानी में स्थानांतरित करने के लिए कई सालों से चर्चा चल रही है। अब कैबिनेट ने भी इस पर मुहर लगा दी है। आज हुई कैबिनेट बैठक में गौलापार स्थित निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम से लगी करीब 26 हेक्टेयर भूमि पर उच्च न्यायालय बनाने की मंजूरी दे दी है। अब वन विभाग भूमि हस्तांतरण की कार्रवाई शुरू करेगा।
ज्ञात हो कि गत 28 अगस्त को मुख्यमंत्री धामी के नैनीताल दौरे पर अधिवक्ताओं ने उन्हें उच्च न्यायालय को इसके लिए प्रस्ताव सौंपा था। इस पर सीएम धामी ने प्रस्ताव पर विचार करने की बात कही थी। नैनीताल से उच्च न्यायालय स्थानांतरित करने के लिए उच्च न्यायालय ने भी अपने वेबसाइट पर लोगों से सुझाव भी मांगे थे। जहां 70ः लोगों ने उच्च न्यायालय को स्थानांतरित करने की हामी भरी, जबकि नैनीताल बार एसोसिएशन ने इसका विरोध किया था।
बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड के सदस्य सचिव मेहरबान सिंह कोरंगा ने बताया नैनीताल की भौगोलिक परिस्थिति विपरीत होने के चलते उच्च न्यायालय में आने वाले लोगों और अधिवक्ताओं को काफी परेशानी होती थी। वहां का मौसम 12 महीने एक जैसे होने के चलते बरसात और भूस्खलन की समस्या बनी रहती है। यहां तक कि उच्च न्यायालय चाइना पिक की पहाड़ी से लगा हुआ है, जो कभी भी भूस्खलन और आपदा की जद में आ सकता है। यहां वकीलों को रहने की भी वहां पर व्यवस्थाएं नहीं हो पा रही थी।
उन्होंने बताया उच्च न्यायालय को नैनीताल से स्थानांतरित करने के लिए पूर्व में कई बार हस्ताक्षर अभियान भी चलाए गए। यहां तक कि दिसंबर 2021 में बार काउंसलिंग ऑफ उत्तराखंड ने प्रस्ताव भी पारित किया था जिसका संज्ञान राज्य सरकार और केंद्रीय विधि मंत्रालय ने भी संज्ञान लिया। जिसके बाद उच्च न्यायालय को आखिरकार गौलापार में स्थानांतरित करने की कार्रवाई चल रही है।
इसी वर्ष मार्च महीने में केंद्रीय विधि मंत्रालय ने उच्च न्यायालय को गौलापार स्थानांतरित करने पर सैद्धांतिक मंजूरी दी। इस पर अधिवक्ता परिषद उत्तराखंड की हल्द्वानी इकाई के अधिवक्ता ने पीएम नरेंद्र मोदी, तत्कालीन केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू और मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का आभार भी जताया था।
आज कैबिनेट ने भी गौलापार स्थित निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम से लगी करीब 26 हेक्टेयर भूमि पर उच्च न्यायालय बनाने की मंजूरी दे दी है। इस फैसले के बाद अब उच्च न्यायालय को हल्द्वानी स्थानांतरित होने की कवायद शुरू तेज हो गई है। (Dhami Cabinet Approves Transfer of High Court from Nainital to Haldwani’s Gaulapar: Funding and Location Questions Arise) (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।