नैनीताल बैंक के खातों से 16 करोड़ रुपयों से अधिक की साइबर ठगी कर रुपये संदिग्ध खातों में स्थानांतरित किये गये, आरबीआई सहित कई एजेंसियां जांच में जुटीं
नवीन समाचार, नोएडा, 14 जुलाई 2024 (Cyber fraud of more than 16Cr in Nainital Bank)। नैनीताल बैंक के आरटीजीएस यानी रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट चैनल में सेंधमारी कर 16 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि साइबर ठगी के माध्यम से निकाले जाने की बड़ी घटना सामने आयी है। आरबीआई यानी भारतीय रिजर्व बैंक से लेकर भारत सरकार की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम भी इस मामले की जांच कर रही है और नैनीताल बैंक में भी मुख्यालय स्तर से इस मामले में कड़ी सतर्कता बरती जा रही है।
इसके फलस्वरूप नैनीताल बैंक से विभिन्न बैंकों के खातों में भेजे गये करीब 70 लाख रुपये संबंधित बैंकों ने फ्रीज कर वापस भी कर दिये हैं। नैनीताल बैंक मुख्यालय भी जल्द इन स्थितियों पर अपना पक्ष रख सकता है।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले माह 17 से 21 जून के बीच नोएडा के सेक्टर-62 स्थित नैनीताल बैंक के सिस्टम सर्वर को हैक कर विभिन्न खातों में 16 करोड़ एक लाख 83 हजार 261 रुपये की धनराशि साइबर ठगी कर स्थानांतरित की गयी। साथ ही आरटीजीएस के माध्यम से भी रुपये कई बैंकों के खातों में स्थानांतरित कर दिए गए।
बैंक द्वारा कई दिनों तक बैलेंस सीट का मिलान सही ना हो पाने के बाद मामले की जांच की गई। इस दौरान बैंक के सर्वर में घुसपैठ कर हैकिंग का मामला सामने आया। इसको लेकर नैनीताल बैंक के आईटी मैनेजर ने साइबर क्राइम थाने के साथ ही आरबीआई की एसएसएम, सीएसआईटीई एवं सर्ट-इन, इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम और अन्य बड़ी एजेंसियों से मामले की शिकायत की है।
अब धोखाधड़ी से स्थानांतरित की गई धनराशि को वापस प्राप्त करने के लिए संबंधित बैंकों को ई-मेल भेजकर खाते फ्रीज करने और जिन खातों में राशि संदिग्ध तरीके से स्थानांतरित हुई है, बैंकों से उनके खाताधारकों के केवाईसी दस्तावेज की जांच के लिए भी कहा गया है। इस पूरे मामले में पांच फर्जी लेनदेनों की 69,49,960 की राशि को बैंकों ने फ्रीज कर वापस कर दिया है।
यह की गयी है शिकायत (Cyber fraud of more than 16Cr in Nainital Bank)
पुलिस को दी गई शिकायत में नैनीताल बैंक के आईटी मैनेजर सुमित कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वह सेक्टर-62 स्थित नैनीताल बैंक में आईटी मैनेजर के पद पर तैनात हैं। उनके बैंक में बीते 17 जून को आरबीआई सेटलमेंट आरटीजीएस खाते के नियमित समाधान के दौरान बैलेंस सीट में 3 करोड़ 60 लाख 94 हजार 20 रुपये का अंतर पाया गया।
इसके अलावा सीबीएस यानी कोर बैंकिंग सिस्टम और एसएफएमएस यानी स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मैसेजिंग सिस्टम में भी कुछ कमियां मिलीं। इसके बाद इसे देर से आरटीजीएस संदेश का मामला मानते हुए आरटीजीएस टीम ने अगले कार्य दिवस तक इंतजार करने का फैसला किया। इसके बाद 18 जून को भी आरबीआई बैलेंस सीट मेल नहीं खा रहा थी और 2,19,23,050 का अंतर पाया गया। इस दौरान जांच में कुछ संदिग्ध गतिविधि नजर आई।
शुरुआत में आरटीजीएस टीम का विचार था कि सिस्टम लाइन में कुछ समस्या है, जिसके कारण शेष राशि का मिलान नहीं हो रहा। हालांकि 20 जून को आरबीआई प्रणाली की समीक्षा के बाद यह पाया गया कि 85 प्रतिशत लेन-देन रुपये में किया गया है। यह भी पता चला कि बैंक से 84 बार लेन-देन धोखाधड़ी के जरिये हुए हैं। पुलिस इस मामले में विभिन्न बिन्दुओं पर जांच कर रही हैं और बैंक कर्मियों से भी घटना को लेकर पूछताछ की जाएगी। (Cyber fraud of more than 16Cr in Nainital Bank)
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