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November 8, 2024

हल्द्वानी के बहुचर्चित रेलवे अतिक्रमण मामले में सर्वोच्च न्यायालय में एक और सुनवाई हुई, मिला 2 माह का समय

Banbhoolpura Haldwani Navin Samachar

नवीन समाचार, हल्द्वानी, 8 सितम्बर 2024 (Haldwani Encroachment-Hearing in Supreme Court) हल्द्वानी के बहुचर्चित रेलवे अतिक्रमण मामले में आज बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय में एक और सुनवाई हुई। इससे पहले 24 जुलाई को मामले की सुनवाई हुई थी, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और रेलवे से प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए समाधान पेश करने के साथ-साथ रेलवे की जमीन का ब्यौरा मांगा था।

(Haldwani Encroachment-Hearing in Supreme Court)

आज की सुनवाई में रेलवे और राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को जानकारी दी कि पिछली सुनवाई में दिए गए निर्देशों पर तेजी से काम किया जा रहा है, लेकिन अभी काम पूरा करने के लिए दो महीने का समय और चाहिए। प्रभावित लोगों की ओर से अधिवक्ता कोलिन गोनज़ल्वेज़ ने यह भी बताया कि रेलवे स्टेशन के पास सुरक्षा दीवार का निर्माण पूरा हो चुका है, जिससे अब किसी व्यक्ति या परिवार को हटाने की संभावना नहीं लगती।

इस पर न्यायालय ने सुरक्षा दीवार का वीडियो देखने की बात कही और रेलवे एवं राज्य सरकार को समाधान पेश करने के लिए दो महीने का समय दिया। प्रभावित पक्ष के वकील ने भी इस पर सहमति जताई। हालांकि अदालत से लिखित आदेश अभी प्राप्त नहीं हुआ है, इसलिए अगली सुनवाई की तारीख स्पष्ट नहीं हो पाई है।

गौरतलब है कि बनभूलपुरा क्षेत्र के रेलवे लाइन के नजदीक अतिक्रमण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 24 जुलाई को सुनवाई की थी। तब न्यायालय ने राज्य सरकार को 4365 घरों को हटाने से प्रभावित लोगों के पुनर्वास का प्रबंध करने और भूमि चिन्हित करने का आदेश और राज्य के मुख्य सचिव को रेलवे प्रशासन और रेल मंत्रालय के साथ बैठक करने का निर्देश दिया था।

मामला क्या है ? (Haldwani Encroachment-Hearing in Supreme Court)

2013 में एक जनहित याचिका में रेलवे स्टेशन के पास गौला नदी में अवैध खनन की बात सामने आई थी। याचिका में कहा गया था कि अवैध खनन के कारण 2004 में गौला नदी पर बना पुल गिर गया था। रेलवे ने 1959 का नोटिफिकेशन, 1971 का राजस्व रिकॉर्ड और 2017 का लैंड सर्वे दिखाकर यह दावा किया कि यह जमीन रेलवे की है, जिस पर अवैध अतिक्रमण हुआ है। इसके बाद उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 20 दिसंबर 2022 को रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया। बाद में प्रभावित लोगों ने इस आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालयका रुख किया, जहां मामले की सुनवाई जारी है। (Haldwani Encroachment-Hearing in Supreme Court)

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