नवीन समाचार, देहरादून, 6 मार्च 2024 (Harish Rawat gave advice to Congress Party)। लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पार्टी के चुनाव प्रबंधन को लेकर सोशल मीडिया पर लंबी पोस्ट लिखी है। हरीश रावत हमेशा कुछ न कुछ कहते-लिखते रहते हैं और जो कहते या लिखते हैं, उसके कई अर्थ मंतव्य होते हैं।
ऐसे में पोस्ट में जो लिखा है, उसके भी मंतव्य निकाले जा रहे हैं कि रावत क्या एक बुजुर्ग की तरह पार्टी की बेहतरी के लिये सुझाव दे रहे हैं या पार्टी के मौजूदा सिपहसालारों, खासकर प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा व नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य को चुनाव लड़ने के लिये उनके प्रेरित करने के भी कोई अन्य निहितार्थ हैं। सवाल यह भी है कि बूढ़े होते जा रहे हरीश रावत की सलाह क्या पार्टी या पार्टी जन मानेंगे भी ?
हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर कहा कि इस बार का लोकसभा चुनाव बेहद कठिन और असाधारण परिस्थितियों में हो रहा है। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को राज्य और केंद्र की दोनों एंटी इनकंबेंसी का सामना करना पड़ा। 2017 में असाधारण मोदी लहर में भी कांग्रेस वोट बैंक बचाने में सफल रही थी। लेकिन 2019 में तत्कालीन अध्यक्ष की अपने चुनाव में व्यस्तता के कारण प्रबंधन बेहतर नहीं हो पाया।
हरीश रावत ने कहा कि सभी लोग अध्यक्ष करन महरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या के नेतृत्व में काम करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। किसी को भी उनके योगदान पर संदेह करने का अधिकार नहीं है। बढ़ती उम्र के साथ क्षमता जरूर सीमित हो जाती है। पार्टी को चाहिए कि उनकी उपयोगिता व क्षमता का आकंलन कर ही उनसे अपेक्षा करें। वैसे भी क्रिकेट की भाषा में कोच और कप्तान को ही फ्रंट से नेतृत्व कर उदाहरण प्रस्तुत करना होता है।
हरीश रावत ने इच्छा जतायी है कि अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र से नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य चुनाव लड़ें। उनके न लड़ने की स्थिति में प्रदीप टम्टा एक स्वाभाविक दावेदार हैं। दोनों की विजय के लिए काम करना उनका धर्म है। (Harish Rawat gave advice to Congress Party)
चुनाव प्रबंधन पर लिखा लंबा लेख (Harish Rawat gave advice to Congress Party)
हरीश रावत ने चुनाव प्रबंधन पर लिखा है, चुनाव प्रबंधन मात्र उम्मीदवार चयन नहीं है उसके बाद हर लोकसभा क्षेत्र में समन्वय, उम्मीदवार और उम्मीदवारी की चाह रखने वाले लोगों के मध्य, उम्मीदवारी की चाह रखने वाले लोगों के समर्थक के मध्य समन्वय की जरूरत है। जबकि वर्तमान में अधिकांश विधानसभा क्षेत्रों में विधायक या विधायकी के पूर्व उम्मीदवारों और जिला कांग्रेस व ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों के मध्य भी समन्वय का अभाव दिखाई दे रहा है। (Harish Rawat gave advice to Congress Party)
रावत कहते हैं चुनाव प्रबंधन में प्रचार प्रबंधन भी महत्वपूर्ण है। प्रचारकों के साथ मीडिया मैनेजमेंट और दुष्प्रचार मैनेजमेंट भी आवश्यक है। बकौल रावत, 2022 में एक सफेद झूठ को भयंकर दुष्प्रचार का रूप दे दिया गया। कांग्रेस चुनाव प्रचार के दौरान उसका सफल प्रतिरोध नहीं कर पाई और परिणाम स्वरूप जीतती बाजी हार गयी। (Harish Rawat gave advice to Congress Party)
रावत कहते हैं, इस बार सौभाग्य से कांग्रेस के पास उत्तराखंड में कुछ अतिरिक्त दैवीय मददें उपलब्ध हैं, जिनमें कई जनवादी संगठन और गठबंधन के सहयोगी दल भी हैं। चुनाव जीतने के लिए उनकी क्षमताओं के उपयोग का प्रबंधन करना भी एक बड़ी आवश्यकता है। लेकिन उत्तराखंड में कांग्रेस का चुनाव प्रबंधन का नक्शा कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। पांच समन्वयकों की नियुक्ति की गयी है, मगर उन नियुक्तियों से आगे का रोड मैप पूरी तरीके से ओझल है। (Harish Rawat gave advice to Congress Party)
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