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November 21, 2024

बड़ा मामला: उच्च न्यायालय ने राज्य के सभी विभागों में कार्यरत संविदा व आउटसोर्स कर्मचारियों की सूची तलब की

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नवीन समाचार, नैनीताल, 15 मार्च 2024 (High Court seeks Contract & Outsourced Employees)। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने वन विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों की उन्हें न्यूनतम वेतनमान देने व नियमित किए जाने को लेकर दायर की गयी याचिका पर सुनवाई करते हुये राज्य सरकार से सभी विभागों में कार्यरत संविदा कर्मियों व आउटसोर्सिंग के माध्यम से लगे कर्मचारियों की सूची 3 सप्ताह में न्यायालय में पेश करने के आदेश दिए हैं।

खंडपीठ के इस आदेश से राज्य के अनियमित कर्मियों में नियमित होने की नई उम्मीद बन सकती है। उल्लेखनीय है कि खंडपीठ ने पिछले दिनों एक अन्य मामले में भी राज्य के गैर नियमित कर्मियों को नियमित करने का आदेश दिया था।

(High Court seeks Contract & Outsourced Employees)शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से प्रदेश भर में सभी विभागों में कार्यरत आउटसोर्स, संविदा सहित दैनिक वेतन कर्मचारियों का डाटा एकत्र करके 3 सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा है। ताकि इनके हितों के लिए कोई योजना बनायी जा सके। मामले की अगली सुनवाई मई माह की तिथि नियत की है।

सरकार ने कहा था जिन पदों पर नियुक्ति हुई है उनके सापेक्ष पद स्वीकृत नहीं हैं (High Court seeks Contract & Outsourced Employees)

उल्लेखनीय है कि वन विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि वे पिछले कई वर्षों से विभाग में कार्यरत हैं। उन्हें न तो नियमित किया जा रहा और न ही न्यूनतम वेतनमान दिया जा रहा है। पूर्व में एकलपीठ ने उनके हित में फैसला देते हुए कहा था कि उन्हें न्यूनतम वेतन दिया जाये व नियमित किया जाए। लेकिन सरकार ने इस आदेश को खंडपीठ में चुनौती देते हुए कहा कि जिन पदों पर वह कार्यरत हैं, उनके सापेक्ष स्वीकृत नहीं है। साथ ही सरकार के पास उन्हें न्यूनतम वेतन देने के लिये बजट का प्राविधान भी नहीं है। (High Court seeks Contract & Outsourced Employees)

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