G-20 CSAR Summit : जी-20 देशों के प्रतिनिधियों ने लिया मडुवे के कुकीज, बाल मिठाई व बुरांश के जूस का स्वाद..
नवीन समाचार, नैनीताल, 30 मार्च 2023 (Representatives of G-20 countries tasted Maduva cookies, Bal Mithai and Buransh juice)। रामनगर में आयोजित हुई दुनिया के 20 शक्तिशाली देशों के समूह जी-20 की बैठक और केएमवीएन यानी कुमाऊं मंडल विकास निगम के जरिये उत्तराखंड के परंपरागत मडुवा व बुरांश के उत्पाद तथा कुमाऊं मंडल की प्रसिद्ध बाल मिठाई विदेशी मेहमानों तक पहुंच गई है, और इन उत्पादों को पसंद भी किया गया है। यह भी पढ़ें : Indore Incident-30 March: रामनवमी पर बड़ा हादसा, 25 लोग मंदिर में 50 फिट की ऊंचाई से पानी में गिरे…
केएमवीएन के महाप्रबंधक एपी बाजपेयी ने बताया कि गुरुवार की सुबह तड़के जी-20 देशों के प्रतिनिधि विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट बाघ अभ्यारण्य की सैर पर गए, और वहां से लौटने पर उन्हें केएमवीएन की ओर से सुबह का नाश्ता परोसा गया। नाश्ते में खास तौर पर पारंपरिक मडुवे के आटे से बने कुकीज बिस्किट, बाल मिठाई व बुरांश का जूस भी परोसे गए। इसे सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने काफी पसंद भी किया। यह भी पढ़ें : पति के बाहर जाने पर पत्नी ने बुला लिया प्रेमी को, पति लौट आया तो बता दिया बदमाश, फिर मोबाइल से बचा प्रेमी और खुली पूरी कहानी…
श्री बाजपेयी ने कहा कि केएमवीएन दशकों से देश भर के पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की सेवा कर रहा है और अब जी-20 सीएसएआर के वैश्विक प्रतिनिधियों के माध्यम से ग्लोब की सेवा करने में गर्व महसूस कर रहा है। आज केएमवीएन द्वारा प्रतिनिधियों को कॉर्बेट नेशनल पार्क रामनगर के बिजरानी जोन मेंयात्रा के दौरान विशेष तौर पर कुमाऊं के पारंपरिक उत्पाद नाश्ते में परोसे और इसके जरिये समर्पित और हार्दिक आतिथ्य का संदेश दिया गया। यह भी पढ़ें : Nainital Fruit Prices-30 March : नैनीताल मंडी में फलों की कीमतों में लगी आग
इस अवसर पर निगम के प्रबंध निदेशक विनीत तोमर, पर्यटक आवास गृह भीमताल के प्रबंधक संजय कुमार, रामगढ़ के राजेंद्र प्रसाद, सूखाताल के हरीश राम व तल्लीताल के मुकेश कुमार ने भी योगदान दिया। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : रामनगर में आयोजित जी-20 की बैठक में बेहतर रोग नियंत्रण और महामारी की तैयारी पर हुई चर्चा
नवीन समाचार, रामनगर, नैनीताल, 29 मार्च 2023 (G-20 CSAR Summit in Ramnagar)। उत्तराखंड के नैनीताल जनपद में जिम कॉर्बेट की नगरी कहे जाने वाले रामनगर में दुनिया के प्रतिष्ठित जी-20 देशों की सीएसएआर यानी ‘चीफ साइंस एडवाइजर्स राउंडटेबल’ बैठक आज बुधवार सुबह से प्रारंभ हुई। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय के नेतृत्व में पहली बार भारत की अध्यक्षता में आयोजित हुई इस बैठक में सीमारहित पारस्परिक हित के मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। इस समाचार को अंग्रेजी में पढ़ें : G-20 discussed broad themes of Opportunities in Health for better disease control and pandemic preparedness…
बैठक में बेहतर रोग नियंत्रण और महामारी की तैयारी के लिए स्वास्थ्य उपचार में विद्वानों के वैज्ञानिक ज्ञान तक पहुंच का विस्तार करने के लिए वैश्विक प्रयासों को सक्रिय करने, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में विविधता, समावेशन, पहुंच और समावेशी, सतत और क्रिया-उन्मुख वैश्विक नीति संवाद के लिए एक संस्थागत तंत्र बनाने के साथ ही महामारी के लिए लचीली, अनुकूली और समय पर आधारित प्रतिक्रिया के लिए महामारी की तैयारी करने, मनुष्यों, पशुधन और वन्य जीवन के लिए एकीकृत रोग निगरानी तंत्र, एक स्वास्थ्य के रोगों के लिए अनुसंधान एवं विकास रोडमैप पर चर्चा की गई। यह भी पढ़ें : स्टीव जॉब्स, मार्क जुकरवर्ग, विराट कोहली को बुलंदियों पर पहुंचाने वाले बाबा नीब करौरी व उनके कैंची धाम के बारे में सब कुछ
इसके अलावा विद्वानों के वैज्ञानिक ज्ञान तक पहुंच का विस्तार करने के वैश्विक प्रयासों का तालमेल विषय के तहत भी चर्चा की गई कि पहुंच मुफ्त, तत्काल और सार्वभौमिक होनी चाहिए। उच्च सदस्यता और पत्रिकाओं द्वारा लगाए गए लेख प्रसंस्करण शुल्क को कम किया जाना चाहिए। साथ ही तीसरे विषय के रूप में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में विविधता, समानता, समावेशन और पहुंच पर भी चर्चा हुई। यह भी पढ़ें : जानें गैर सामाजिक (अवैध) प्रेम या शारीरिक सम्बन्ध से जुड़े ग्रह योग और कारणों को…
बैठक में भाग लेने वाले देशों ने बड़े वैज्ञानिक उद्यम में कम-प्रतिनिधित्व, कम-विशेषाधिकार प्राप्त, हाशिए के लोगों, जनजातीय व अल्पसंख्यकों के लिए मूल समुदायों तक पहुंच को आगे बढ़ाने के लिए अपने देशों में किए जा रहे कार्यों को भी साझा किया। सत्र में, वैज्ञानिक सत्यापन प्रक्रिया के माध्यम से ज्ञान की औपचारिक प्रणाली में पारंपरिक ज्ञान प्रणाली (टीकेएस) को शामिल करने और भाषा विविधता की क्षमता को पहचानने और वैज्ञानिक ज्ञान तक पहुँचने में आने वाली बाधाओं को दूर करने पर भी चर्चा की गई। यह भी पढ़ें : अपने नाम में ऐसे मामूली सा बदलाव कर लाएं अपने भाग्य में चमत्कारिक बदलाव…
आगे चौथे सत्र में समावेशी, सतत और क्रिया-उन्मुख वैश्विक विज्ञान एवं प्रौद्यागिकी नीति संवाद के लिए एक संस्थागत तंत्र की आवश्यकता पर चर्चा की गई। इस दौरान इस बात पर सहमति बनी कि वैज्ञानिक सलाहकार साक्ष्य-संचालित विज्ञान सलाह प्रदान करके नीतिगत विकल्पों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह मुख्य विज्ञान सलाहकारों की जिम्मेदारी है कि वे अंतर्राष्ट्रीय संवाद में सहयोग करें और इसमें शामिल हों। समूचे वैज्ञानिक उद्यम को प्रभावित करने वाले सीमापारीय मुद्दों का समाधान करने पर भी सहमति बनी ताकि विज्ञान और प्रौद्योगिकी सभी को लाभान्वित कर सकें। यह भी पढ़ें : नाम के पहले अक्षर से जाने अपने चाहने वालों का भविष्य
बताया गया कि आज चर्चा किए गए विषयों पर विचार-विमर्श अगस्त 2023 में अगली बैठक निर्धारित किए जाने तक जारी रहेगा। बैठक के बाद, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) प्रो. अजय सूद, वैज्ञानिक सचिव डॉ. परविंदर मैनी, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय और जी20 सचिवालय में अवर सचिव नमन उपाध्याय ने मीडिया के साथ बातचीत की। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।