सूर्य पर भीषण विस्फोट: एक्स 7.1 श्रेणी की सौर ज्वाला से पृथ्वी पर प्रभाव की संभावना
नवीन समाचार, नैनीताल, 02 अक्टूबर 2024 (Massive explosion on Sun-X7-1 magnitude Flares)। सूर्य की सतह पर एक जबरदस्त विस्फोट के साथ एक्स 7.1 श्रेणी की सौर ज्वाला भड़की है, जिसे नासा की सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी ने मंगलवार को कैद किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि सूर्य की सतह पर सक्रिय सनस्पॉट समूह आने वाले दिनों में बड़े विस्फोटों के संकेत दे रहे हैं। यह गतिविधि भविष्य में और भी गंभीर सौर तूफानों का कारण बन सकती है, जिससे पृथ्वी पर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वैज्ञानिकों के अनुसार एक अक्टूबर को उठी ज्वाला अत्यधिक तीव्र थी। इससे पहले, 8 अगस्त 2024 को नासा के वैज्ञानिकों ने 24 घंटे के भीतर सूरज पर सैकड़ों सनस्पॉट्स (सूर्य धब्बे) देखे थे। जबकि डेढ़ माह पूर्व ही 15 मई 2024 को सूर्य पर X8.7 तीव्रता का सौर विस्फोट हुआ था। यह सूर्य की अपने 11 वर्ष के सौर चक्र में अत्यधिक सक्रियता का संकेत है, जिससे आने वाले समय में धरती पर और अधिक शक्तिशाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तूफानों की संभावना बढ़ गई है।
15 मई 2024 को हुआ था X8.7 तीव्रता का सौर विस्फोट (Massive explosion on Sun-X7-1 magnitude Flares)
उल्लेखनीय है कि इससे पहले करीब डेढ़ माह पूर्व ही 15 मई 2024 को सूर्य पर X8.7 तीव्रता का सौर विस्फोट हुआ था, जो पिछले 50 वर्षों में सबसे ताकतवर माना गया। उस समय इसरो के सूर्ययान ‘आदित्य-एल1’ ने इस विस्फोट को रिकॉर्ड किया था। भारत इस तूफान की चपेट में आने से बच गया था, लेकिन अमेरिका और प्रशांत महासागर के ऊपरी क्षेत्र इससे प्रभावित हुए थे। इस तीव्रता के कारण उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र में नॉर्दर्न लाइट्स दिखाई दीं और हाई-फ्रीक्वेंसी रेडियो सिग्नल्स प्रभावित हुए। देखें सूर्य पर कैसे उठती हैं लपटें :
आदित्य-एल1 और चंद्रयान-2 ने रिकॉर्ड किया था सौर तूफान
इसरो के अनुसार, 11 मई 2024 को आदित्य-एल1 ने X5.8 तीव्रता की सौर लहर को कैप्चर किया था, जबकि चंद्रयान-2 ने भी इस घटना का अवलोकन किया। नासा और NOAA ने भी इस गतिविधि को प्रमाणित किया है, और इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि आने वाले महीनों में और अधिक शक्तिशाली सौर तूफान हो सकते हैं।
सौर तूफानों के विभिन्न प्रकार
वैज्ञानिकों के अनुसार, सौर तूफानों को एम-क्लास और एक्स-क्लास की सौर लहरों में वर्गीकृत किया जाता है। वर्तमान में, सूरज अत्यधिक सक्रिय है और अगले आठ सालों तक इसी सक्रियता के बने रहने की संभावना है, जिससे और अधिक सौर तूफानों के खतरे बने रहेंगे। (Massive explosion on Sun-X7-1 magnitude Flares)
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