नवीन समाचार, नैनीताल, 10 मई 2023। उत्तराखंड उच्च न्यायालय में एक अलग तरह का मामला आया है। यहां एक 22 वर्षीय अविवाहित हिंदू युवती ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अपने 35 वर्षीय सहकर्मी के साथ नमाज पड़ने की इजाजत मांगी है। युवती का कहना है कि नमाज पढ़ना उसकी धार्मिक स्वतंत्रता है। याचिका उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने युवती को गुरुवार को न्यायालय में प्रस्तुत होने को कहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हरिद्वार की एक प्रतिष्ठित फार्मा कंपनी में नौकरी करने वाली मध्य प्रदेश निवासी युवती का कहना है कि वह अपने सहकर्मी 35 वर्षीय मुस्लिम युवक फरमान के साथ रहती है। दोनों हरिद्वार की फार्मा कंपनी में साथ नौकरी करते हैं। युवती का कहना है कि उसका नमाज पढ़ने का मन करता है।
लेकिन जब वह पिरान कलियर में नमाज अदा करने के लिए जाती है तो हिंदू संगठन उसका विरोध करते हैं जबकि यह उसकी धार्मिक स्वतंत्रता का मामला है। लिहाजा उसने फरमान के साथ धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का हवाला देते हुए नमाज पढ़ने की अनुमति दिलाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। यह भी पढ़ें : उच्च न्यायालय में हुई बैठक, स्थानांतरित करने पर मंथन की चर्चा…
उनकी याचिका पर उच्च न्यायालय की वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करने के बाद युवती को व्यक्तिगत रूप से बृहस्पतिवार को कोर्ट में बुलाया है। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
(A 22-year-old Hindu girl living with a 35-year-old man filed a petition in the High Court for namaz, saying, “she wants to offer Namaz, 35 varsheey yuvak ke saath rah rahee 22 varsheey yuvatee ne haeekort daayar kee yaachika, kaha-usaka namaaj padhane ka man karata hai)