उच्च न्यायालय को नैनीताल से स्थानांतरित करने पर आर्थिकी के नुकसान के साथ पलायन बढ़ेगा
नवीन समाचार, नैनीताल, 14 मई 2024 (Opinion on High Court Shifting from Nainital)। कूटा यानी कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय को नैनीताल से अन्य जगह स्थानांतरित करने पर कहा है कि ऐसा होने पर पहाड़ पर कुछ भी नही बचेगा।
कूटा के अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी व महासचिव डॉ विजय कुमार ने कहा है कि उत्तराखंड राज्य एक पहाड़ी राज्य है तथा राज्य की स्थापना भी इसी उद्देश्य से हुई थी कि पहाड़ी इलाकों को भी विकास का लाभ मिले। ऐसे में यदि सब कुछ तराई के इलाकों में चला जायेगा तो पलायन कैसे रुकेगा। उत्तराखंड राज्य स्थापना की अवधारणा कैसे पूरी होगी।
उच्च न्यायालय को नैनीताल से दूसरी जगह स्थानांतरित न किया जाये (Opinion on High Court Shifting from Nainital)
उन्होंने कहा राज्य गठन के 23 वर्षो के बाद भी राज्य में ‘इधर से उधर’ की बातें हो रही हैं। बार-बार स्थान बदलने से आर्थिकी में भी असर पड़ता है। यदि नैनीताल में उच्च न्यायालय के लिये अपर्याप्त स्थान है और गौलापार में पेड़ कटने की समस्या है तो रानीबाग की एचएमटी की खाली पड़ी जगह ही एकमात्र विकल्प हो सकती है। यदि उच्च न्यायालय अन्य जगह स्थानांतरित होता है तो इससे पलायन भी एक बार और बढ़ेगा। इसलिए सरकार से निवेदन है कि उच्च न्यायालय को नैनीताल से दूसरी जगह स्थानांतरित न किया जाये। (Opinion on High Court Shifting from Nainital)
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