क्या है उत्तराखंड की पांचों लोक सभा सीटों पर जनता का मूड, एक नजर में…

डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 17 अप्रैल 2024। उत्तराखंड में लोक सभा चुनाव के लिये मतदान के लिये अब कुछ ही घंटे बचे हैं। ऐसे में ‘नवीन समाचार’ के माध्यम से हम उत्तराखंड की विभिन्न सीटों के मतदाताओं का मन-मूड अपने पाठकों के समक्ष रखने जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि चुनाव में पहली बार बिना किसी जातीय आधार पर हो रहा है। सभी सीटों पर खासकर प्रमुख राजनीतिक दलों-भाजपा कांग्रेस से सजातीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। वहीं भाजपा के सभी उम्मीदवार अपने नाम-काम की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निर्भर हैं, जबकि कांग्रेस के साथ ऐसी स्थिति भी नहीं है। वह केवल अपने परंपरागत कट्टर कांग्रेसी मतदाताओं के भरोसे रह गये हैं।
पौड़ी गढ़वाल (Public Mood in 5 Lok Sabha seats of Uttarakhand)
इस सीट पर भाजपा ने अनिल बलूनी को राज्य सभा से हटाकर लोक सभा का टिकट दिया। उनके समर्थन में प्रधानमंत्री मोदी से लेकर अमित शाह व राजनाथ सिंह तथा योगी आदित्यनाथ के अलावा मुख्यमंत्री धामी ने आधा दर्जन से अधिक, और कहें तो भाजपा ने इस सीट पर ही प्रदेश में सर्वाधिक जोर लगाया है। साथ ही इस लोकसभा के एकमात्र कांग्रेस विधायक सहित कई पूर्व में विधानसभा का चुनाव लड़े कांग्रेसी नेताओं को भाजपा में शामिल कराया गया है।
इससे लगता है कि भाजपा भी इस सीट को सर्वाधिक कठिन मानकर चल रही है। कारण इस सीट पर बलूनी का मुकाबला पूर्व में विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ को हराकर चौंकाने वाले कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल से है, जो स्थानीय गढ़वाली भाषा में उद्बोधन देकर अपनी जमीन से कटे बताये जाने वाले बड़े नेता बलूनी को परेशान किये हुये हैं।
टिहरी-गढ़वाल (Public Mood in 5 Lok Sabha seats of Uttarakhand)
टिहरी सीट प्रदेश की राजशाही की सीट मानी जाती रही है। आजादी के बाद से ही टिहरी नरेश व महारानी इस सीट से पहले कांग्रेस और अब भाजपा के टिकट पर लगातार जीतते रहे हैं। कांग्रेस की ओर से इस सीट पर प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला कमजोर नजर आते हैं, लेकिन बेरोजगार नेता बॉबी पंवार ने यहां लड़ाई जनता बनाम राजा की लड़ाई बना कर त्रिकोणीय और दिलचस्प जरूर बना दिया है। भाजपा प्रत्याशी महारानी राजलक्ष्मी पर प्रदेश की सर्वाधिक उम्र की एवं जनता के बीच कम सक्रिय रहने के आरोप भी हैं। फिर भी लगता है कि पलड़ा भाजपा के पक्ष में ही है।
हरिद्वार (Public Mood in 5 Lok Sabha seats of Uttarakhand)
हरिद्वार लोक सभा सीट पर तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा सीधे तौर पर दांव है। भाजपा से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत प्रत्याशी हैं, जबकि इससे पहले अन्य पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ इस सीट से सांसद थे और केंद्रीय शिक्षा मंत्री भी बने थे। वहीं कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बड़े बेटे वीरेंद्र रावत प्रत्याशी हैं।
हरीश रावत भी पूर्व में हरिद्वार से सांसद रहे हैं, जबकि अभी उनकी पुत्री अनुपमा रावत यहां से विधायक हैं। लेकिन यहां अन्य निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा ने बड़ा खर्चा कर चुनाव को त्रिकोणीय बनाने का पूरा प्रयास किया है। उत्तराखंड के सर्वाधिक अल्पसंख्यक मतदाताओं वाली इस सीट पर अल्पसंख्यक वीरेंद्र व उमेश में से किसके पक्ष में जाते हैं, इससे चुनाव का परिणाम काफी हद तक निर्भर करेगा।
नैनीताल
-ऊधमसिंह नगर (Public Mood in 5 Lok Sabha seats of Uttarakhand)
इस सीट पर स्पष्ट तौर पर भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट को बढ़त नजर आ रही है। कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी मौजूदा सांसद एवं भाजपा के पक्ष में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही लहर के सापेक्ष अपेक्षित मेहनत नहीं कर पाये। न ही उनकी पार्टी ने उनका साथ दिया। कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी उनकी लोक सभा से लगते पीरूमदारा में आयीं लेकिन नैनीताल को उन्होंने छुवा भी नहीं। चाहतीं तो यहां आकर भी अपने भाई राहुल गांधी के करीबी बताये जाने वाले प्रकाश के लिये दो बोल बोल सकती थीं। (Public Mood in 5 Lok Sabha seats of Uttarakhand)
प्रकाश बमुश्किल अजय भट्ट पर सांसद निधि खर्च न करने के आरोप लगा पाये, लेकिन उनके इन आरोपों को सूचना के अधिकार से तुरत-फुरत मिली जानकारी और चुनाव आयोग ने झूठा करार दे दिया। ऐसे में दो बार पूर्व में चुनाव हार चुके प्रकाश के जीवन में इस बार भी प्रकाश होना मुश्किल नजर आ रहा है। जबकि पिछली बार हरीश रावत को प्रदेश में सर्वाधिक और नैनीताल सीट के अब तक के रिकॉर्ड-सर्वाधिक वोटों से हरारे वाले अजय भट्ट मोदी और किस्मत के रथ पर सवार हो आसानी से जीतते नजर आ रहे हैं। (Public Mood in 5 Lok Sabha seats of Uttarakhand)
अल्मोड़ा (Public Mood in 5 Lok Sabha seats of Uttarakhand)
अल्मोड़ा संसदीय सीट कभी कांग्रेस की सीट रही है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यहां तत्कालीन भारतीय लोकदल के उम्मीदवार मुरली मनोहर जोशी को हराकर अपनी लगातार जीतों का सिलसिला शुरू किया था जो बाद में भाजपा के लिये जीवन शर्मा ने तोड़ा तो फिर भाजपा के बची सिंह रावत ने जीत की हैट-ट्रिक बनायी और अब भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा हैट-ट्रिक की कोशिश में चुनाव मैदान में हैं। (Public Mood in 5 Lok Sabha seats of Uttarakhand)
इससे पूर्व उनका कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा से 2002 में निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ने से मुकाबला होता रहा है। और कुल मिलाकर तब से दोनों दो विधानसभा व तीन लोकसभा चुनावों में आमने सामने रहे हैं और दो लोक सभा व एक विधानसभा चुनाव जीते हैं। ऐसे में अल्मोड़ा पर इस बार भी अजय के ही अजेय रहने की संभावना नजर आ रही है। (Public Mood in 5 Lok Sabha seats of Uttarakhand)
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