भवाली के शोधार्थी को मुंबई में मिली उत्तराखंड के वैदिक काल के मंदिरों एवं पर्वतीय वास्तुकला पर शोध उपाधि, अपनी तरह का पहला शोध (Research on vedic temple and Hill archeology)
Research on vadic temple and Hill archeology, Research student Arjun Purohit from Bhawali, Nainital, has achieved a groundbreaking research degree in Mumbai. His research focuses on the architectural marvels of ancient Vedic period temples and mountain structures in Uttarakhand. This pioneering study sheds light on the rich craftsmanship and artistry prevalent in these historic religious sites. Arjun’s remarkable achievement in obtaining a PhD degree for his research titled ‘Applied Vedic Architecture in Hindu Temples and Hill Architecture’ marks a significant milestone in the field. Explore his published research paper and uncover the hidden secrets of Uttarakhand’s ancient temples and their cultural significance.
नवीन समाचार, नैनीताल, 6 जून 2023। (Research on Vedic temple and Hill archeology) नैनीताल जनपद के भवाली निवासी शोध छात्र अर्जुन पुरोहित ने उत्तराखंड के वैदिक काल के प्राचीन एवं धार्मिक महत्व के मंदिरों एवं पहाड़ की की अति समृद्ध वास्तु एवं शिल्प कला के विशिष्ट विषय पर शोध उपाधि प्राप्त की है। उन्हें ‘एप्लाइड वैदिक आर्किटेक्चर इन हिंदू टेम्पल्स एंड हिल आर्किटेक्चर’ विषय पर उनके शोध के लिए पीएचडी की डिग्री प्राप्त हुई है। इस विषय पर अर्जुन का शोध पत्र भी प्रकाशित हुआ है।
चूंकि उत्तराखंड सदियों बदरीनाथ, केदारनाथ व जागेश्वर जैसे पुराने प्राचीन मंदिरों व उनके शिल्प के लिए भी जाना जाता है। फिर भी अब तक इन प्राचीन मंदिरों पर कोई शोध प्रकाश में नहीं आया है। अब राज्य के इस महत्वपूर्ण पर वर्षों के गंभीर शोध के उपरांत उन्हें यह शोध उपाधि मिली है। लिहाजा इसे भविष्य के लिहाज से भी बड़ा कार्य माना जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि मूलतः दिल्ली निवासी अर्जुन की माता डॉ. आभा पुरोहित भी उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र की प्राचीन व समृद्ध वास्तुकला में पीएचडी की डिग्री प्राप्त हैं और भवाली में कंस्टक्शन कंपनी चलाती है। अर्जुन ने जनरल बीसी जोशी आर्मी पब्लिक स्कूल पिथौरागढ़ व आर्मी पब्लिक स्कूल धौलाकुआं दिल्ली से पढ़ाई की है। वह कुमाऊं विवि एवं नैनीताल की शीला माउंट टीम से क्रिकेट भी खेलते रहे हैं।
अर्जुन ने अपना शोध समग्र स्वास्थ्य, वास्तु और सहित पूरक और वैकल्पिक चिकित्सा के विभिन्न क्षेत्रों में विज्ञान और आध्यात्मिकता, मूल अनुसंधान और अध्ययन के क्षेत्र में काम कर रहे 1983 में पंजीकृत और स्थापित तथा संयुक्त राष्ट्र में आधिकारिक तौर पर पंजीकृत मुंबई की अखिल भारतीय शाह बेहराम बाग सोसाइटी और जोरोस्टियन कॉलेज के द्वारा गत दिवस वैकल्पिक चिकित्सा, विज्ञान और आध्यात्मिकता की 37वीं विश्व कांग्रेस के वार्षिक पुरस्कार और दीक्षांत समारोह में प्राप्त की है।
उनकी इस उपलब्धि से क्षेत्र में एवं उनके परिचितों में खुशी का माहौल है। बताया गया है कि यह संस्था इससे पूर्प पाकिस्तान की तत्कालीन प्रधानमंत्री मरहूम डॉ. बेनजीर भुट्टो व प्रख्यात भविष्यवेत्ता व ज्योतिषी स्वर्गीय गणेश बेजन दारूवाला व टाटा ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमुख रतन टाटा जैसी हस्तियों को डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान कर चुकी है। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।