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November 22, 2024

UCC in Uttarakhand Assembly-1 : आज देश भर की नजरें उत्तराखंड विधानसभा पर, यूसीसी के अलावा राज्य आंदोलनकारियों व खिलाड़ियों के आरक्षण बिल भी आएगा, देखें विधानसभा की कार्रवाई लाइव…

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UCC in Uttarakhand Assembly

Uttarakhand Vidhan Sabha

नवीन समाचार, देहरादून, 6 फरवरी 2024 (UCC in Uttarakhand Assembly)। सोमवार 5 फरवरी से शुरू हुऐ उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र का दूसरा दिन बहुत खास होने वाला है। धामी सरकार सत्र के दूसरे दिन न केवल यूसीसी विधेयक को विधानसभा (UCC in Uttarakhand Assembly) पटल पर रखेगी, जिस पर देशभर की नजर रहेगी। बल्कि इसके साथ ही राज्य से जुड़े कई और विधेयक भी इस सत्र में पारित किये जाएंगे। खासकर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों व खिलाड़ियों को आरक्षण देने वाला विधेयक भी इस दौरान सदन में रखा जाना है। देखें विधानसभा की कार्रवाई लाइव…

विधानसभा में यूसीसी पर विधेयक रख दिया गया है। इस दौरान विपक्षी हंगामा करता रहा। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने विधेयक का अध्ययन करने की बात कही। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी ने आर्य के आग्रह पर सभी सदस्यों को विधेयक का अध्ययन करने के लिये समय देते हुए सदन की कार्यवाही को अपराह्न 2 बजे तक के लिये स्थगित कर दिया है।

उत्तराखंड विधानसभा सत्र का दूसरा दिन उत्तराखंड ही नहीं बल्कि देश के लिए भी कई मायनों में खास होने वाला है। जिसके कारण राजनीतिक पार्टियों के साथ ही देशभर की निगाहें उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र पर रहने वाली हैं। ऐसा इसलिए कि इस दौरान राज्य की धामी सरकार यूसीसी यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड विधेयक (UCC in Uttarakhand Assembly) को सदन के पटल पर रखेगी।

इस विधेयक के पारित होने के साथ उत्तराखंड देशभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC in Uttarakhand Assembly) लागू करने वाला पहला प्रदेश बनेगा। विधानसभा से पारित होने के बाद उत्तराखंड में इसे लागू किया जाएगा। यह भी संभव है कि उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC in Uttarakhand Assembly) विधेयक के पारित होने के बाद केंद्र की मोदी सरकार देश के लिए उत्तराखंड के इसी ड्राफ्ट को थोड़े-बहुत संशोधनों के साथ स्वीकार कर ले। इस विधेयक को धामी सरकार की मंत्रिमंडल ने 4 फरवरी को मंजूरी दी थी।

(UCC in Uttarakhand Assembly) राज्य आंदोलनकारियों-खिलाड़ियों के लिए भी खास रहेगा यह सत्र

उत्तराखंड की धामी सरकार इस सत्र में राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण दिए जाने संबंधित विधेयक को भी सदन में रखने जा रही है। इसके साथ ही राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में चार फीसदी आरक्षण दिए जाने संबंधित विधेयक को भी इसी सत्र में पारित कराया जा सकता है।

इसके साथ ही व्यवसाय संघ (उत्तराखंड संशोधन) विधेयक, 2020 के निरसंग संबंधित प्रस्ताव को भी सदन के पटल पर रखा जाएगा। इसके अलावा कुछ अन्य विभागों की वार्षिक रिपोर्ट सहित अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी सदन के पटल पर रखे जा सकते हैं। जिसके कारण इस बार का विधानसभा सत्र कई मायनों में खास होने वाला है।

कांग्रेस का विरोध (UCC in Uttarakhand Assembly)

UCC in Uttarakhand Assemblyआज सोमवार से विधानसभा सत्र शुरू हो गया है। पहले दिन निधन प्रस्ताव के बाद सदन कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण की अध्यक्षता में हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में दूसरे दिन का एजेंडा तय किया गया। इस दौरान कांग्रेस पार्टी ने कार्यमंत्रणा समिति की बैठक का बहिष्कार किया।

इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य की अगुवाई में कांग्रेस विधायकों ने आज प्रदेश के राज्यपाल को एक ज्ञापन सोंपा। ज्ञापन में कहा गया है, ‘उत्तराखण्ड विधान सभा का वर्ष 2023 का द्वितीय सत्र जो 08 सितम्बर, 2023 के उपवेशन की समाप्ति पर अनिश्चित काल के लिये स्थगित हो गया था, को सोमवार दिनांक 5 फरवरी 2024 से आहूत किया गया था। विधान सभा सचिवालय की अधिसूचना से स्पष्ट है कि इस सत्र को विशेष सत्र नहीं माना जा सकता क्योंकि सत्रावसान हुआ ही नहीं है।

इसके अतिरिक्त सचिव, विधान सभा के आदेश से विधान सभा सचिवालय के पत्र संख्या 213 दिनांक 25 जनवरी, 2024 के माध्यम से भी एक पत्र सभी सदस्यों को जारी किया गया है जिसमें अविलम्बनीय लोक महत्व की सूचनाओं यथा नियम 53, 58, 299 एवं नियम 300 की सूचना को प्रत्येक उपवेशन को 6 फरवरी की प्रातः 8ः30 बजे से 9ः30 बजे तक विधान भवन में लिये जाने हेतु कहा गया है।

इन सारे तथ्यों के होते हुए भी कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में यूसीसी हेतु विशेष सत्र का हवाला देते हुए प्रश्नकाल एवं अविलम्बनीय लोक हित सूचनाओं को स्थगित करना कार्यसंचालन नियमावली का उल्लंघन है। इस तरह के अवैधानिक कार्य को कार्यमंत्रणा समिति में बहुमत के आधार पर पास किया जाना कदाचित उचित नहीं है।

सरकार द्वारा संवैधानिक मूल्यों की लगातार उपेक्षा की जा रही है। सत्रावसान किये बिना ही विशेष सत्र के नाम पर प्रश्नकाल, अविलम्बनीय लोक महत्व की सूचनाओं को स्थगित किया जा रहा है। इसलिये वह सभी निवेदन करते है कि संवैधानिक मूल्यों की रक्षा हेतु सरकार को निर्देशित करने की कृृपा करें।’ (UCC in Uttarakhand Assembly)

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