लोक सभा चुनाव के मौके पर उत्तराखंड के लाखों तदर्थ व संविदा कर्मियों को मिल सकता है नियमितीकरण का बड़ा तोहफा…
नवीन समाचार, देहरादून, 15 मार्च 2024 (Uttarakhand-Lakhs of Workers will be regularize)। उत्तराखंड की धामी सरकार लोक सभा चुनाव के मौके पर राज्य में तदर्थ व संविदा के आधार पर कार्यरत कर्मियों को नियमितीकरण का बड़ा तोहफा देने जा रही है। राज्य की धामी सरकार के मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के निर्णय के क्रम में विनियमितीकरण नियमावली को मंजूरी दे दी है। इस नीति के अनुसार प्रदेश में 10 वर्ष तक तदर्थ व संविदा कर्मी के रूप में सेवा देने वाले कर्मचारी नियमित हो सकेंगे। यह भी पढ़ें : उत्तराखंड के हजारों अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिये उच्च न्यायालय से आया बड़ा फैसला
अब कार्मिक विभाग तय करेगा कट आफ डेट (Uttarakhand-Lakhs of Workers will be regularize)
अब कार्मिक विभाग नियमावली से लाभान्वित होने वालों की कट आफ डेट तय करने के साथ ही यह तय करेगा कि नियमावली को मौजूदा परिप्रेक्ष्य में किस तरह से लागू किया जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मंत्रिमडल के इस निर्णय से सरकारी विभागों, निगमों, परिषदों व स्वायत्तशासी संस्थाओं में 10 वर्ष तक लगातार कार्य करने वाले तदर्थ व संविदा कर्मियों के नियमित होने की राह खुल गई है।
बताया गया है कि मंत्रिमंडल की बैठक में अधिकांश मंत्री इस बात के पक्षधर थे कि आज की तिथि तक 10 साल की सेवा पूरी कर चुके जितने भी अस्थायी कर्मचारी हैं, सरकार उन्हें नियमित कर दे। वहीं, मुख्यमंत्री ने कार्मिक एवं न्याय विभाग को इस प्रस्ताव पर न्यायिक व विधिक परामर्श लेने के निर्देश भी दिए।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने वर्ष 2013 में सरकारी विभागों के साथ निगमों, परिषदों एवं स्वायत्तशासी संस्थाओं में काम करने वाले तदर्थ व संविदा कर्मियों के विनियमितीकरण के लिये एक नियमावली तैयार की थी। इसमें प्रविधान किया गया कि वर्ष 2011 में बनाई नियमावली के तहत जो कर्मचारी विनियमित नहीं हो पाए, उन्हें विनियमित किया जाएगा। (Uttarakhand-Lakhs of Workers will be regularize)
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इसके बाद सरकार ने वर्ष 2016 में संशोधित विनियमितीकरण नियमावली जारी की, जिसमें 10 वर्ष की सेवा अवधि को घटाकर पांच वर्ष तक सीमित कर दिया गया। इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई, और उच्च न्यायालय ने नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी। (Uttarakhand-Lakhs of Workers will be regularize)
अब बीते फरवरी माह में उच्च न्यायालय ने 2013 की विनियमितीकरण नियमावली को सही ठहराया है, जिसमें 10 साल तक कार्य करने वाले संविदा व तदर्थ कर्मियों को विनियमित करने की व्यवस्था है। न्यायालय के इस निर्णय के क्रम में कार्मिक विभाग ने वर्ष 2013 की विनियमितीकरण नियमावली की तर्ज पर ही संशोधित नियमावली मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत की, जिसे मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान कर दी है। (Uttarakhand-Lakhs of Workers will be regularize)
हाई कोर्ट ने दिया था यह आदेश (Uttarakhand-Lakhs of Workers will be regularize)
उल्लेखनीय है कि इस मामले में उत्तराखंड उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने इस संबंध में सभी याचिकाओं को निस्तारित करते हुए निर्णय दिया है कि चार दिसंबर 2018 से पूर्व जिन कार्मिकों को नियमितीकरण किया जा चुका है उन्हें नियमित माना जाए और अन्य को दस वर्ष की दैनिक वेतन के रूप में सेवा करने की बाध्यता के आधार पर नियमित किया जा सकता है।
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