न्यायालय परिसर में हुई क्षेत्र पंचायत सदस्य की हत्या, 4 हत्याभियुक्तों को उम्रकैद (Politician murder)
Politician murder, In 2018, Kshetra Panchayat member Virendra Manral was brutally murdered in broad daylight in the court premises in Ramnagar, Nainital district. The District and Sessions Judge has recently pronounced a verdict in the case, sentencing the four murderers and conspirators to life imprisonment and imposing a fine of Rs. 50,000. The District Legal Services Authority has also been directed to facilitate compensation for the victim’s mother. The accused have been taken into custody and sent to jail to serve their sentences.
-वर्ष 2018 में रामनगर न्यायालय में की गई थी क्षेपं सदस्य वीरेंद्र मनराल की तमंचे से गोली मारकर हत्या
नवीन समाचार, नैनीताल, 15 जून 2023। (Politician murder) वर्ष 2018 में नैनीताल जनपद के रामनगर में न्यायालय परिसर में दिन दहाड़े क्षेत्र पंचायत सदस्य वीरेंद्र मनराल उर्फ वीरू मनराल की हत्या कर दी गई थी। इस माले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुजाता सिंह की अदालत ने वीरू के चार हत्यारोपित एवं हत्या के षडयंत्रकारियों को आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। साथ ही ‘उत्तराखण्ड अपराध से पीडित सहायता योजना 2013’ के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल को मृतक की माता को नियमानुसार प्रतिकर धनराशि शासन से दिलवाने के आदेश दिए हैं। सजा सुनाए जाने के बाद चारों अभियुक्तों को दंडादेश भुगतने के लिए हिरासत में लेकर जेल भिजवा दिया है।
मामले में पैरवी करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता-फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने अदालत को बताया कि 1 सितंबर 2018 को थाना रामनगर में मृतक क्षेपं सदस्य वीरू के भाई दीवान सिंह मनराल पुत्र शेर सिंह मनराल निवासी मदपुरा बोरा छोई रामनगर ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करायी थी। बताया था कि वह अपनी गाड़ी संख्या यूके19-2817 से एक सितंबर को अपने भाई वीरेंद्र मनराल व अपने गांव के कुलदीप सिंह मनराल पुत्र गोपाल सिंह मनराल के साथ अपने मामले में पैरवी करने हेतु अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय रामनगर में आये थे।
(Politician murder)
अभियुक्त देवेंद्र उर्फ बाउ भी इस तारीख पर न्यायालय में मौजूद था। ज बवह न्यायालय से सुनवाई के बाद बाहर आये तभी न्यायालय से 20 फिट आगे देवेंद्र ने सोनू कांडपाल को कहकर वीरेंद्र को गोली मार दी। मामले कि विवेचना थाना रामनगर से स्थानान्तरण होकर थाना मल्लीताल के तत्कालीन थाना प्रभारी विपिन चन्द्र पंत को उच्च अधिकारियों के आदेश से सुर्पद हुई। श्री पंत ने अभियुक्त देवेंद्र, दर्शन सिंह, गुरमीत सिंह के विरुद्ध विवेचना पूर्ण कर न्यायालय भादंसं बी धारा-302 व 120बी तथा आयुध अधिनियम के अन्तर्गत प्रेषित किया।
श्री शर्मा ने पैरवी के दौरान अभियोजन की ओर से कुल 19 गवाह न्यायालय में पेश किये। बहस के दौरान यह भी तर्क रखा कि घटना के रोज चारों अभियुक्तों की मोबाइल लोकेशन घटना स्थल के आस पास सिद्ध हुई तथा मामले के चश्मदीद पांच गवाहों द्वारा भी अभियोजन तथ्यों को पूर्ण रूप से साबित किया। हत्या में प्रयुक्त तमंचा देवेन्द्र बाऊ की निशान देही पर बरामद किया गया।
इस आधार पर न्यायालय ने मुख्य हत्यारे देवेंद्र सिंह उर्फ बाऊ पुत्र सुरजीत सिंह निवासी बैलपडाव कालाढूंगी, दर्शन सिंह पुत्र दिलबाग सिंह निवासी अलीगंज रोड बांसखेडा जिला ऊधमसिंह नगर, गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी निवासी बंदरज्यूडा, बैलपड़ाव कालाढूंगी व सोनू कांडपाल पुत्र स्वर्गीय राधा बल्लभ कांडपाल निवासी ग्राम पदमपुर डौलिया गैबुआ थाना कालाढूंगी जिला नैनीताल को भारतीय दंड संहिता की धारा-302 व 120बी में दोषी पाया है।
मुख्य हत्यारे देवेंद्र सिंह उर्फ बाऊ को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 व धारा 120बी के तहत आजीवन कारावास व 50,000 रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। अर्थदण्ड अदा न करने पर 3 वर्ष का अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनायी गयी है। साथ ही आयुध अधिनियम की धारा 25 के अन्तर्गत 3 वर्ष के कठोर कारावास व 3,000 रुपए अर्थदंड तथा अर्थदंड जमा न करने पर 6 माह के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा सुनायी है।
इसके अलावा सह अभियुक्त दर्शन सिंह, गुरप्रीत सिंह व संजय काण्डपाल को हत्या के शडयंत्र में शामिल होन के आरोप में धारा 120बी व धारा 302 के तहत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व 50,000रू अर्थदंड तथा अर्थदण्ड जमा न करने पर 3 वर्ष की सजा सुना दी है। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।