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October 18, 2024

(Live-in Relationship rules in Uttarakhand UCC1) लिव-इन संबंधों पर क्या है उत्तराखंड के नये यूसीसी विधेयक में, कौन रह सकते हैं लिव इन में-कौन नहीं, बाहरी लोगों पर भी लागू होगा यूसीसी…

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Live-in Relationship rules in Uttarakhand UCC

Moradabad Premi Premika

नवीन समाचार, नैनीताल, 8 फरवरी 2024 (Live-in Relationship rules in Uttarakhand UCC) । उत्तराखंड विधानसभा ने बुधवार 7 फरवरी को समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड-2024 को दो दिन तक चली लंबी चर्चा के बाद पारित कर दिया है। इस विधेयक को लेकर जहां धार्मिक व सामाजिक आधार पर अनेक चर्चाएं हैं, वहीं युवा पीढ़ी इस विधेयक में लिव-इन रिलेशन यानी सहवासी संबंधों से संबंधित प्राविधानों पर सर्वाधिक उत्सुक व चिंतित है। आइये जानते हैं विधेयक में लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर क्या नए नियम (Live-in Relationship rules in Uttarakhand UCC) बनाए गए हैं जो अब युवाओं को मानने ही होंगे।

रजिस्ट्रार के सामने लिव-इन रिलेशनशिप का विवरण पेश करना जरूरी (Live-in Relationship rules in Uttarakhand UCC)

UCC, Live-in Relationship rules in Uttarakhand UCC, यूसीसी विधेयक के अनुसार चाहे आप उत्तराखंड के रहने वाले हैं या नहीं, अगर उत्तराखंड में लिव-इन रिलेशनशिप में रहना चाहते हैं तो आपको रजिस्ट्रार के सामने धारा 381 की उपधारा (1) के तहत अपने संबंध का विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य है। वहीं, उत्तराखंड का रहने वाला कोई व्यक्ति अगर दूसरे राज्य में भी लिव-इन में रहता है तो उसे भी रजिस्ट्रार (जिसके अधिकार क्षेत्र में उसका घर है) के सामने अपने संबंध का विवरण प्रस्तुत करना होगा।

इस स्थिति में नहीं होगा लिव-इन का पंजीकरण (Live-in Relationship rules in Uttarakhand UCC)

बिल के अनुसार अगर लिव-इन में रहने के इच्छुक लड़का-लड़की में से कोई एक व्यक्ति विवाहित है या नाबालिग है अथवा विवाह के नियमों के तहत यदि उनका विवाह नहीं हो सकता, तो उनका लिव-इन रिलेशनशिप भी पंजीकृत नहीं किया जाएगा। अलबत्ता लिव-इन में रहने वाले दंपति के बच्चों को अन्य बच्चों की तरह वैध बच्चा माना जाएगा।

लिव-इन रिलेशनशिप के पंजीकरण की प्रक्रिया (Live-in Relationship rules in Uttarakhand UCC)

रजिस्ट्रार के सामने निर्धारित प्रारूप में लिव-इन रिलेशनशिप का विवरण पेश करना होगा। रजिस्ट्रार लिव-इन के विवरण की जांच करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि रिलेशनशिप धारा 380 के तहत है। रजिस्ट्रार उप-धारा (2) के तहत विवरण की जांच करने के लिए किसी दूसरे व्यक्ति को बुला सकता है और उनसे रिलेशनशिप के बारे में अतिरिक्त जानकारी देने या सबूत पेश करने के लिए कह सकता है।

जांच के बाद रजिस्ट्रार अगर संतुष्ट होता है तो 30 दिन के भीतर लिव-इन रिलेशनशिप को पंजीकृत कर एक प्रमाण पत्र जारी करेगा। अन्यथा रिलेशनशिप को पंजीकृत करने से इनकार करते हुए इसकी वजह के बारे में संबंधित व्यक्तियों को लिखित रूप में जानकारी देगा।

लिव-इन रिलेशनशिप को कैसे खत्म किया जा सकता है? (Live-in Relationship rules in Uttarakhand UCC)

लिव-इन के दोनों भागीदार या उनमें से कोई भी एक रिलेशनशिप को तोड़ सकता है और निर्धारित प्रारूप में रजिस्ट्रार के सामने इसका विवरण पेश कर सकता है। यदि केवल एक भागीदार संबंधों को समाप्त करता है तो ऐसे बयान की एक प्रति दूसरे भागीदार को भी देनी होगी।

लिव-इन रिलेशनशिप का कोई भी बयान रजिस्ट्रार द्वारा रिकॉर्ड के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी को भेजा जाएगा। यदि भागीदारों में से कोई भी 21 साल से कम आयु का होगा तो उनके माता-पिता या अभिभावकों को भी इस बारे में जानकारी दी जाएगी। यदि रजिस्ट्रार को भागीदारों पर संदेह होता है तो वह कार्रवाई के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी को इसकी जानकारी देगा। लिव इन

रिलेशनशिप का पंजीकरण न करने पर सजा (Live-in Relationship rules in Uttarakhand UCC)

अगर कोई भी एक महीने से अधिक समय तक बिना पंजीकरण के लिव-इन रिलेशनशिप में रहता है तो उसे न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा दोषी ठहराए जाने पर उसे तीन महीने की सजा या 10 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है। इसके अलावा, यदि कोई भी व्यक्ति लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर गलत दावा करता है तो उसे 3 महीने की सजा या 25 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है। वहीं, अगर कोई भागीदार नोटिस मिलने पर भी लिव-इन रिलेशनशिप का विवरण प्रस्तुत नहीं करता है तो उसे छह महीने तक की सजा या 25 हजार रुपये जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

लिव इन पार्टनर ने अगर महिला को छोड़ दिया तो क्या होगा? (Live-in Relationship rules in Uttarakhand UCC)

अगर किसी महिला को उसका लिव-इन पार्टनर छोड़ देता है, तो वह अपने लिव-इन पार्टनर से भरण-पोषण का दावा करने की हकदार होगी। इसके लिए उसे उस स्थान पर अधिकार क्षेत्र रखने वाले सक्षम न्यायालय से संपर्क करना होगा, जहां वे दोनों एक साथ रहते थे। (Live-in Relationship rules in Uttarakhand UCC)

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