‘नवीन समाचार’ के पाठकों के ‘2.11 करोड़ यानी 21.1 मिलियन से अधिक बार मिले प्यार’ युक्त परिवार में आपका स्वागत है। आप पिछले 10 वर्षों से मान्यता प्राप्त- पत्रकारिता में पीएचडी डॉ. नवीन जोशी द्वारा संचालित, उत्तराखंड के सबसे पुराने, जनवरी 2010 से स्थापित, डिजिटल मीडिया परिवार का हिस्सा हैं, जिसके प्रत्येक समाचार एक लाख से अधिक लोगों तक और हर दिन लगभग 10 लाख बार पहुंचते हैं। हिंदी में विशिष्ट लेखन शैली हमारी पहचान है। आप भी हमारे माध्यम से हमारे इस परिवार तक अपना संदेश पहुंचा सकते हैं ₹500 से ₹20,000 प्रतिमाह की दरों में। यह दरें आधी भी हो सकती हैं। अपना विज्ञापन संदेश ह्वाट्सएप पर हमें भेजें 8077566792 पर। अपने शुभकामना संदेश-विज्ञापन उपलब्ध कराएं। स्वयं भी दें, अपने मित्रों से भी दिलाएं, ताकि हम आपको निरन्तर-बेहतर 'निःशुल्क' 'नवीन समाचार' उपलब्ध कराते रह सकें...

November 22, 2024

पिछले वर्ष आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हुये कई बड़े नेताओं को रास नहीं आयी पार्टी, दिया इस्तीफा…

0

AAP

AAPUttarakhand

 

नवीन समाचार, देहरादून, 14 जनवरी 2024। लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी (AAP) को झटका लगा है। रविवार को पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट सहित कई पदाधिकारियों ने प्राथमिक सदस्यता से सामूहिक इस्तीफा दे दिया। पार्टी के प्रदेश सह प्रभारी रोहित मैहरोलिया ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा है कि भाजपा के दबाव में आकर कुछ लोगों ने इस्तीफा दिया है। इनकी पार्टी की कार्यप्रणाली में कोई आस्था नहीं थी।

रविवार को जोत सिंह बिष्ट के अलावा प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश बिष्ट, आरपी रतूड़ी, हिम्मत बिष्ट, प्रवक्ता कमलेश रमन, संगठन सचिव हेम आर्य, सचिव चंद्रशेखर पांडे व बलवंत पंवार द्वारा इस्तीफा देने की बात कही गयी है। जोत सिंह बिष्ट ने दावा किया कि उनके साथ प्रदेशभर से 200 कार्यकर्ताओं ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दिया है। इस प्रकार दिल्ली के बाद पंजाब में सरकार बनाने वाली आम आदमी एक बार फिर इस पर्वतीय प्रदेश में दूसरे दलों के कुछ नेताओं के साथ चढ़ने का प्रयास करते हुये फिर गिरती नजर आ रही है। देखें केजरीवाल के हल्द्वानी में संबोधन का वीडियो:

गौरतलब है कि जोत सिंह बिष्ट पिछले वर्ष कांग्रेस पार्टी से आम आदमी पार्टी (AAP) में गये थे। इसी तरह अन्य नेता भी दूसरे दलों में पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने सहित अन्य कारणों से आम आदमी पार्टी (AAP) में गये थे, लेकिन लगता है कि आम आदमी पार्टी (AAP) उन्हें अपने पिछले दलों की तरह भी रास नहीं आयी है। उधर देहरादून में डीके पाल के नेतृत्व में कुछ लोगों के आम आदमी पार्टी (AAP) की सदस्यता ग्रहण करने का समाचार भी है। देखें ‘आप’ के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष का नैनीताल आगमन का वीडियो:

आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यहां क्लिक कर हमें गूगल न्यूज पर फॉलो करें। यहां क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से, हमारे टेलीग्राम पेज से, कू से, कुटुंब एप से, डेलीहंट से, एक्स से, यूट्यूब से और हमारे फेसबुक ग्रुप से जुड़ें। हमारे माध्यम से अमेजॉन पर सर्वाधिक छूटों के साथ खरीददारी करने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें सहयोग करें..। 

यहाँ क्लिक कर सीधे संबंधित को पढ़ें

यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग नैनीताल: आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रदेश प्रवक्ता सहित दर्जनों से छोड़ी पार्टी….

नवीन समाचार, नैनीताल, 2 फरवरी 2023। आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रदेश प्रवक्ता सहित नैनीताल नगर के दर्जनों वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने आम आदमी पार्टी (AAP) की प्राथमिक सदस्यता के साथ ही अपने पदो से त्याग पत्र दे दिया है। इसके बाद नए दौर की राजनीति करने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) में इसकी स्थापना से जुड़े कार्यकर्ता बाहर हो गए हैं। यह भी पढ़ें : फोटो-वीडियो वायरल करने की धमकी दे रहा था युवक, युवती ने कर ली आत्महत्या !

इस्तीफा देने वालों में प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुमार दुम्का, पूर्व नगर अध्यक्ष एवं उतराखण्ड राज्य आंदोलनकारी शाकिर अली, पूर्व नगर महामंत्री महेश आर्य, पूर्व नगर उपाध्यक्ष हरीश बिष्ट, जिला अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष मोहम्मद शान बुरहान, वरिष्ठ नेता विनोद कुमार, नगर महिला मोर्चा अध्यक्ष विध्या देवी,

नगर महामंत्री रेखा रौतेला, सुनील कुमार, नवीन उप्रेती, पूरन बहुगुणा, राकेश कुमार, विजय साह, उमेश तिवारी, एलएम पंत, सुखविंदर सिंह, राम नारायण, गंगा सिह बिष्ट, विमला देवी, सुलतान अहमद, मोहम्मद शाहनवाज, सुरेश चंद्र, जमन राम व खड़क सिह आदि कार्यकर्ता शामिल हैं। यह भी पढ़ें : नैनीताल: डांठ पर कार से टकराई तेज रफ्तार स्पोर्ट्स बाइक, भयावह वीडियो भी आया सामने

इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने कहा है कि पार्टी के पुराने व निष्ठावान कार्यकर्ताओं की भावनाओं की उपेक्षा करते हुए पार्टी के तथाकथित जिले और प्रदेश के पदाधिकारियों द्वारा ऐसे लोगों को पद दिये जा रहे है, जिनका ना पार्टी की रीति-नीति से मतलब है, ना पार्टी की विचारधारा से। ना कोई राजनैतिक पृष्ठभूमि रही है, ना कोई समाज के लिए योगदान।

जिन लोगों ने इस पार्टी को खड़ा करने में संघर्ष किया है, उनकी उपेक्षा करके पूरे उतराखण्ड में आम आदमी पार्टी (AAP) को समाप्त करने की साजिशें रची जा रही है, जिसकी परिणति स्वरूप आज समूचे उतराखण्ड में आम आदमी पार्टी (AAP) गर्त में चली जा रही है। यह भी पढ़ें : नैनीताल के गजब के कुत्ते ही क्या पिल्ले भी, गुलदार दुम दबाकर भागा, देखें वीडियो…

उल्लेखनीय है कि गत दिनों आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा नगर एवं विधानसभा की नई कार्यकारिणी घोषित की गई थी। आज गुरुवार को नगर इकाई के चुनाव पर चर्चा के लिए नैनीताल क्लब में बैठक भी बुलाई गई थी, जिसमें जिला प्रभारी शिशुपाल रावत को आना है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : अब आम आदमी पार्टी (AAP) नैनीताल जिला, नगर, विधानसभा व युवा मोर्चा इकाइयों पर चला ‘झाड़ू’, की गईं भंग

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 30 अगस्त 2022। आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपनी नैनीताल जिला कार्यकारिणी, सभी विधानसभाओ की कार्यकारिणी, नगर कार्यकारिणी व युवा मोर्चा जिला नैनीताल की कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं नैनीताल-अल्मोड़ा के जिला प्रभारी एसपीएस रावत के हवाले से यह जानकारी दी गई है। यह भी पढ़ें : नैनीताल जनपद के ग्राम कुमाटी स्थित कुमाऊँ मंडल की सबसे लंबी बाखली 50 लाख रुपए से होगी पुर्नजीवित

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व गत विधानसभा चुनाव में पार्टी में शामिल हुए हेम आर्य ने मौजूदा इकाइयों की जगह अपनी ओर से नई इकाइयो की घोषणा कर दी थी। दो दिन पूर्व हेम आर्य द्वारा नई कार्यकारिणी की घोषणा के मौके पर पूर्व कार्यकर्ताओं ने मौके पर जाकर इसका विरोध भी किया था। माना जा रहा है कि ताजा घोषणा इसी जोरआजमाइश की कड़ी का अगला हिस्सा है। आगे देखने वाली बात होगी कि खासकर हेम आर्य का खेमा इस घोषणा को किस तरह लेता है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें (AAP) : अब आम आदमी (AAP) की नैनीताल इकाई में बवाल, नहीं पच रहे विधानसभा चुनाव लड़े नेता, कार्रवाई को असंवैधानिक बताया

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 21 अगस्त 2022। केंद्रीय नेतृत्व के स्तर पर पहले ही सीबीआई जांच झेलते हुए मुसीबत में आई आम आदमी पार्टी (AAP) की नैनीताल इकाई में भी सिर-फुटौव्वल की स्थिति नजर आ रही है। पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को गत विधानसभा चुनाव लड़े अपने ही प्रत्याशी हेम आर्य की कार्यशैली हजम नहीं हो पा रही है।

हेम आर्य ने पिछले दिनों पहले से नगर की इकाई होते हुए नगर के लिए नए अध्यक्ष की घोषणा कर दी थी। उनके इस कृत्य को पार्टी कार्यकर्ताओं ने असंवैधानिक बताया है और पूर्व नगर इकाई को ही मान्यता देने की बात कही है। रविवार को राज्य अतिथि गृह नैनीताल क्लब में पार्टी प्रदेश प्रवक्ता एवं वरिष्ठ नेता प्रदीप कुमार दुम्का की अध्यक्षता तथा वरिष्ठ नेता विनोद कुमार के संचालन में पार्टी की नैनीताल नगर इकाई के संस्थापक सदस्यों एवं वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की बैठक हुई।

बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओ ने विगत दिनों हाल में ही पार्टी में शामिल हुए नेता हेम चद्रं आर्य ने बिना वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को विश्वास में लिए अपने मनमाने तरीके से नगर इकाई का गठन करने पर कड़ा रोष व्यक्त किया, एवं सर्वसम्मति से हेम आर्य द्वारा गठित नई नगर कार्यकारिणी को असंवैधानिक मानते हुए उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी शाकिर अली की अध्यक्षता वाली नगर इकाई की पुरानी कार्यकारिणी को ही मान्यता प्रदान की।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदीप दुम्का ने कहा, यह बहुत ही आश्चर्य और चितांजनक स्थिति है कि एक व्यक्ति जिसको पार्टी में आये हुए अभी कुछ ही समय हुआ है। उसके ऊपर पार्टी ने विश्वास करके महत्वपूर्ण दायित्व भी दिए। पर उस व्यक्ति द्वारा बिना वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को विश्वास में लिए हुए अपने मनमाने तरीके से इस प्रकार कोई दूसरी कार्यकारिणी गठित करना उनकी राजनैतिक अदूरदर्शिता को प्रदर्शित करता है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने कहा कि नैनीताल जैसे महत्वपूर्ण नगर में इस तरीके के किसी भी व्यवहार को बिल्कुल भी सहन नहीं करेगे।

सभी ने एक स्वर में कहा कि अगर किसी भी व्यक्ति को चाहे वह कितना भी महत्वपूर्ण व्यक्ति या नेता हो, उसे बिना कार्यकर्ताओं को विश्वास में लिए पार्टी से संबंधित कोई भी कार्य नहीं करने दिया जायेगा। बैठक में नगर अध्यक्ष शाकिर अली, महामंत्री महेश आर्या, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरीश बिष्ट, अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष मोहम्मद शान बुराहान, महिला मोर्चा जिला उपाध्यक्ष विद्या देवी, वरिष्ठ नेता विनोद कुमार,

(AAP) एलएम पंत, गंगा सिह बिष्ट, विजय साह, सूरज कुमार, आदित्य पंत, अजय कोहली, विमला देवी, सुमन आर्यों, नवीन उप्रेती, सरदार सुखविंदर सिह, सुल्तान अहमद, नईम अहमद निम्मौ भाई, पूरन बहुगुणा, प्रमोद सहदेवा, बीपी लोहनी व रामनारायण आदि पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित रहे। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नैनीताल: आम आदमी पार्टी (AAP) में नए नगर-ब्लॉक अध्यक्षों की घोषणा, नैनीताल नगर अध्यक्ष पद पर संशय, हेम आर्य के पुत्र को मिली बड़ी जिम्मेदारी

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 8 अगस्त 2022। आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रदेश संगठन सचिव व जिला नैनीताल के सह प्रभारी ने नैनीताल विधान सभा अध्यक्ष व ब्लॉक अध्यक्षों की घोषणा कर दी है। नई जिम्मेदारियों के साथ जहां नैनीताल नगर अध्यक्ष के पद पर संशयपूर्ण स्थिति बन गई है, वहीं हेम आर्य ने अपने पुत्र को भी बड़ी जिम्मेदारी देकर राजनीति में सक्रिय तौर पर उतार दिया है।

शुभम कुमार को नैनीताल विधानसभा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वहीं भुवम कुमार आर्य को नैनीताल नगर अध्यक्ष बनाया गया है। अब तक शाकिर अली इस पद पर हैं। वहीं कंचन सुयाल को भवाली नगर अध्यक्ष, कुंदन सिंह कबडवाल को मंडल अध्यक्ष ज्योलीकोट, गोपाल रावत को गरमपानी का ब्लॉक अध्यक्ष, योगेश जोशी ‘योगी’ को मंडल अध्यक्ष सुयालबाडी, प्रमोद कुमार को ब्लॉक अध्यक्ष बेतालघाट व डूंगरगढ़ सिंह को ब्लॉक अध्यक्ष कोटाबाग पर्वतीय बनाया गया है।

हेम आर्य ने कहा कि यह नियुक्तियां जिला अध्यक्ष की संस्तुति पर की गई हैं। सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों से संगठन की मजबूती के लिए काम करने की अपेक्षा की गई है। दूसरी ओर नगर अध्यक्ष शाकिर अली ने खुद को पद से हटाये जाने एवं अन्य को नगर अध्यक्ष बनाए जाने की जानकारी से इंकार किया है। जबकि हेम आर्य ने कहा शाकिर अली को जिला उपाध्यक्ष पद पर पदोन्नत किया जा रहा है। हेम ने कहा कि कांग्रेस के अवसान के साथ उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी (AAP) का ही भविष्य है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : आम आदमी पार्टी (AAP) को फिर बड़ा झटका, कोठियाल-भूपेश के बाद एक और प्रदेश अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा…

क्या असलियत है…आप प्रत्याशी दीपक बाली की वायरल वीडियो का सच ? | India Nazarनवीन समाचार, काशीपुर, 13 जून 2022। उत्तराखंड में मुंह की खाने के बाद हिमांचल प्रदेश का ख्वाब देख रही आम आदमी पार्टी (AAP) की दाल उत्तराखंड में एक बार फिर चूल्हे से उतरती नजर नहीं आ रही है। पिछले दिनों पार्टी के अध्यक्ष व विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का चेहरा रहे कर्नल अजय कोठियाल व कार्यकारी अध्यक्ष भूपेश उपाध्याय ने 18 व 19 मई को पार्टी से इस्तीफा देने के बाद भाजपा का दामन थाम लिया था। एक बाद फिर पार्टी के एक और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बाली ने इस्तीफा दे दिया है। ऐसी स्थिति देश के राजनीतिक इतिहास में शायद ही किसी पार्टी के साथ आई हो।

सोमवार देर रात पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बाली ने पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष पद व पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। आप के केंद्रीय संयोजक तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री को भेजे अपने त्यागपत्र में उन्होंने कहा कि वह आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ खुद को असहज महसूस कर रहे हैं इसलिए वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद के साथ ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहे हैं।

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के बाद अगले साल निकाय चुनाव के लिहाज से पार्टी को बड़ा झटका माना जा रहा है। उन्हें पार्टी ने विधानसभा चुनावों में बदतर परिणाम आने के बाद कमान सौंपी थी ताकि निकाय चुनाव में वह बेहतर प्रदर्शन कर सके।

राजनीति बदलने का नारा देकर आम आदमी पार्टी (AAP) में कदम रखने वाले दीपक बाली का कहना है कि उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी सुप्रिमों अरविंद केजरीवाल को सौंप दिया है। आगे राजनीति के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह राजनीति में आए हैं तो पीछे नहीं हटेंगे और जल्द ही अपने आगे की रणनीति मीडिया के सामने बताएंगे। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : आम आदमी पार्टी (AAP) को लगातार दूसरे दिन दूसरा झटका, कप्तान के बाद उप कप्तान ने कहा अलविदा

Imageडॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 19 मई 2022। उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी (AAP) के कप्तान रहे कर्नल अजय कोठियाल के साथ उप कप्तान भूपेश उपाध्याय ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया है। इस प्रकार पार्टी को दो दिन के भीतर दूसरा बड़ा झटका लग गया है।

भूपेश उपाध्याय के ऊपर नई जिम्मेदारी ,आप को खास बनाएंगे Bhupesh Upadhyay  Latest Update - News Nationपार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में भूपेश ने कहा है कि उन्होंने 24 अगस्त 2021 को केजरीवाल के समक्ष पार्टी की सदस्यता ली। इस दौरान उन्हें केजरीवाल ने जो पार्टी की कार्यप्रणाली व विचारधारा समझायी गई थी, पार्टी का कार्यकारी उपाध्यक्ष बनने के बाद उन्हें महसूस हुआ कि पार्टी उन चीजों से बहुत दूरी है, और आम आदमी पार्टी (AAP) की विचारधारा व कार्यप्रणाली आम उत्तराखंडी व उत्तराखंडी के हित में नहीं है। इसी कारण पार्टी को गत विधानसभा चुनाव में जनता ने ठुकराया।

यह भी कहा है कि केजरीवाल के द्वारा जबरन थोपे गए प्रदेश प्रभारी व सह प्रभारी उत्तराखंड में ईस्ट इंडिया कंपनी के एजेंटों की तरह प्रदेश में पार्टी को हांक कर अपने निजी हितों को साधने का काम कर रहे हैं इससे पार्टी की उत्तराखंड व उत्तराखंड वासियों के प्रति सो भी स्पष्ट होती है। इन स्थितियों में वह पार्टी के अंदर असहज महसूस कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि भूपेश पूर्व में बसपा, भाजपा आदि अन्य पार्टियों में भी रहे हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : आम आदमी पार्टी (AAP) को उत्तराखंड में सबसे बड़ा झटका, चेहरे कर्नल कोठियाल ने दिया इस्तीफा

Imageनवीन समाचार, देहरादून, 18 मई 2022। उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी (AAP) का बड़ा झटका लगा है। गत विधानसभा चुनाव में पार्टी का चेहरा एवं मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे कर्नल अजय कोठियाल ने आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा दे दिया है।

पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को भेजे गए इस्तीफे में उन्होंने लिखा है, ‘मैं 19 अप्रैल 2021 से 18 मई 2021 तक आम आदमी पार्टी (AAP) का सदस्य रहा हू। पूर्व सैनिकों, पूर्व अर्धसैनिकों, बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं तथा बुद्धिजीवियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, मैं आज दिनांक 18 मई 2022 को, आम आदमी पार्टी (AAP) की सदस्यता से अपना त्यागपत्र दे रहा हूँ।’

उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी (AAP) ने विधान सभा चुनाव के बाद खुद भी कर्नल कोठियाल का नाम लेना बंद कर दिया था और काशीपुर निवासी दीपक बाली को पार्टी की कमान सोंप दी थी। आगे देखने वाली बात होगी कि हिमांचल प्रदेश चुनाव की तैयारियों में लगी आम आदमी पार्टी (AAP) पर कर्नल कोठियाल के इस्तीफे का क्या प्रभाव पड़ता है, और कर्नल कोठियाल की राजनीति का अगला पड़ाव कहां होता है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : आम आदमी पार्टी (AAP) को मिला नया प्रदेश अध्यक्ष, वह भी कुमाऊं मंडल से…

Imageनवीन समाचार, देहरादून, 29 अप्रैल 2022। उत्तराखंड में शुक्रवार को ही कार्यकारिणी भंग करने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने आज ही नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान कर दिया है। राज्य के कुमाऊं मंडल के काशीपुर निवासी दीपक बाली को पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।

यह संयोग है कि कांग्रेस के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी कुमाऊं मंडल से प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की है। गौरतलब है कि वर्तमान में प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा नेता प्रतिपक्ष एवं उप नेता प्रतिपक्ष भी संयोग से कुमाऊं मंडल से ही हैं।

शुक्रवार शाम को आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रदेश कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया ने प्रदेश अध्यक्ष के लिए दीपक बाली के नाम की घोषणा की। दीपक बाली काशीपुर से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं और पार्टी के चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष भी रहे हैं।

पार्टी ने यह चुनाव कुमाऊं मंडल के ही एसएस कलेर को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर कर्नल अजय कोठियाल के नेतृत्व में लड़ा था, किंतु वह न स्वयं और न ही अपने प्रत्याशियों के लिए चुनाव में कुछ खास कर पाए। माना जा रहा है कि इस कारण ही उन्हें हटाकर पार्टी संगठन का पुर्नगठन किया गया है। दीपक बाली के नाम की घोषणा के मौके पर निवर्तमान अध्यक्ष कर्नल अजय कोठियाल नहीं देखे गए। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : अरविंद केजरीवाल की उत्तराखंड के अपने ही पार्टी कार्यकर्ताओं पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’, सभी इकाइयां भंग

नवीन समाचार, देहरादून, 29 अप्रैल 2022। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हालिया विधानसभा चुनाव में पार्टी की ‘सूपड़ा साफ’ हार के बाद अपने ही पार्टी कार्यकर्ताओं पर बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने उत्तराखंड के पार्टी संगठन और अन्य सभी प्रकोष्ठ की इकाइयां भंग कर दी हैं। इसे पार्टी द्वारा राज्य में पार्टी के संगठन की सर्जरी किया जाना और ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ कहा जा रहा है।

आप के प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया ने ट्वीट कर बताया है कि आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर उत्तराखंड के संगठन और प्रकोष्ठ की सभी इकाइयां भंग की जाती है। संगठन का पुनर्निर्माण होगा, काम की राजनीति को उत्तराखंड के घर-घर तक लेकर जाना होगा लक्ष्य, आम आदमी पार्टी (AAP) के हकों के लिए लड़ते रहेंगे, लड़ेंगे, जीतेंगे।

उन्होंने आगे बताया कि आप पार्टी जनता के हक हकूकों के लिए पहले भी लड़ती आई है और लगातार जनसरोकारों के मुद्दों को उठाती रहेगी। पार्टी विधानसभा चुनाव बड़ी ही मजबूती से लड़ते हुए सभी सीटों पर चुनाव लड़ा और आगे भी पार्टी प्रदेश की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि जनता के हक हकूकों के लिए संघर्ष करती रहेगी। नए संगठन निर्माण के साथ ही अन्य सभी इकाइयां को जल्द पूरा तैयार करके पार्टी को मजबूत किया जाएगा।

बहरहाल, पार्टी नेतृत्व की इस कार्रवाई से विधानसभा चुनाव में सब कुछ खोने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपने पद भी खो दिए हैं। इससे उनका मनोबल और गिरना तय है, जबकि अब तक पद न पाये लोग पद पाने की उम्मीद कर सकते हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : ब्रेकिंग: आम आदमी पार्टी (AAP) के नैनीताल विधानसभा मीडिया प्रभारी ने दिया इस्तीफा

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 11 फरवरी 2022। राज्य की राजनीति के जरिए ‘राष्ट्रीय पार्टी’ का दर्जा हासिल करने का ख्वाब देख रही आम आदमी पार्टी (AAP) को लगातार झटके पर झटके लग रहे हैं। पार्टी के जिलाध्यक्ष संतोष कबडवाल व नैनीताल विधानसभा के घोषित प्रत्याशी डॉ. भुवन आर्य के बाद अब नैनीताल विधानसभा के मीडिया प्रभारी मो. खुर्शीद हुसैन ‘आजाद’ ने अपने पद एवं पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

शनिवार को चुनाव से पूर्व खुर्शीद ने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को भेजे गए त्याग पत्र में कहा है कि पार्टी के वर्तमान हालातों से व्यथित होकर वह पार्टी व पद से त्यागपत्र दे रहे हैं। यह भी कहा है कि वह पार्टी की जिस विचारधारा से प्रभावित होकर पार्टी से जुड़े थे, लेकिन पार्टी के वर्तमान हालातों को देखते हुए वह व्यक्तिगत रूप से व्यथित एवं उत्तराखंड में पार्टी के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

हालांकि उन्होंने व्यथित होने के हालातों का खुलासा नहीं किया है। गौरतलब है कि गत दिनों पार्टी के नैनीताल जिलाध्यक्ष सहित कई पदाधिकारियों ने पार्टी के प्रदेश प्रभारी पर टिकट बेचने के आरोप लगाकर त्यागपत्र दिया था। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : तो मतदान से पहले ही चुनाव हारी आम आदमी पार्टी (AAP) ! प्रत्याशी, जिलाध्यक्ष के बाद अब जिले के पर्यवेक्षक व प्रवक्ता ने दिया इस्तीफा

नवीन समाचार, कालाढुंगी, 10 फरवरी 2022। लगता है राज्य में राजनीतिक विकल्प व किंग मेकर बनने का ख्वाब देख रही आम आदमी पार्टी (AAP) मतदान से पहले ही मनोवैज्ञानिक तौर चुनाव हारने की तैयारी में है। नैनीताल सहित पूरे प्रदेश में आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकताओ का लगातार इस्तीफा देना आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रत्याशियों की मुश्किलें बढ़ा रहा है।

नैनीताल जिले की कालाढूंगी विधानसभा के पार्टी के जिला पर्यवेक्षक सार्थक बिंद्रा व युवा जिला प्रवक्ता अधिवक्ता भानु कबडाल ने सयुक्त रूप से प्रेस वार्ता कर अपने पद से इस्तीफा देते हुए पार्टी प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया पर गम्भीर आरोप लगाए। दोनों ने संयुक्त रूप से कहा कि वह आम आदमी पार्टी (AAP) की विचारधारा को देखते हुए पार्टी से जुड़े थे।

मगर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने दिनेश मोहनिया को उत्तराखंड़ प्रदेश का प्रभारी बनाकर बहुत बड़ी भूल की। दिनेश मोहनिया ने पार्टी की विचारधारा को दरकिनार कर उत्तराखंड़ में जमीनी कार्यकताओ को नजर अंदाज कर पूंजीपतियों से सांठ-गांठ कर टिकट वितरण किए है। जिससे पार्टी से जुड़े पुराने कार्यकर्ताओ की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इसलिए वह अपने पद से इस्तीफा देने को मजबूर हो रहे हैं।

लिहाजा उन्होंने कालाढूंगी विधानसभा सहित संपूर्ण उत्तराखंड की जनता से आप के प्रत्याशियों को वोट ना करने अपील की। इस दौरान आसुतोष ने भी आप पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दिया। बताया गया है कि पार्टी के जिलाध्यक्ष कालाढूंगी विधानसभा से पिछले करीब 2 वर्ष से तैयारी कर रहे थे और चुनाव को त्रिकोणीय करने में समर्थ थे, लेकिन पहले उनकी जगह आईपीएस भंडारी का नाम आगे किया

और आखिर भाजपा से कांग्रेस होते हुए आप में उसी दिन आई मंजू भंडारी को टिकट दे दिया। इसी तरह नैनीताल विधानसभा में भी टिकट देने व नामांकन कराने के बाद प्रत्याशी भाजपा से कांग्रेस होते हुए उसी दिन आप में आए हेम आर्य को टिकट दे दिया। इस कारण आप जिलाध्यक्ष संतोष कबडवाल व नैनीताल के प्रत्याशी डॉ. भुवन आर्य पहले से पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले आप से वरिष्ठ नेता रविंद्र जुगरान, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अनन्त राम चौहान, प्रदेश उपाध्यक्ष मेजर जनरल चन्द्र किशोर जखमोला व विनोद कपरूवाण, सुबर्धन शाह, प्रदेश प्रवक्ता संजय भट्ट, राकेश काला, आशुतोष नेगी व अवतार राणा, प्रदेश सचिव जितेंद मलिक, राजेश शर्मा व एडवोकेट विनोद कुमार, प्रदेश संयुक्त सचिव मनोज द्विवेदी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अतुल जोशी,

अजय अग्रवाल व संजय पोखरियाल, संस्थापक सदस्य संजय सिलसुवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष महिला मोर्चा रुचि धस्माना, जिलाध्यक्ष परवादून रिंकू सिंह राठौर व जिलाध्यक्ष पछवादून गुरमेल सिंह राठौर, जिला महासचिव देहरादून संजय क्षेत्री सहित दीपक सेलवान, गौरव उनियाल, सुरेश भट्ट, संदीप नेगी, नवीन बिष्ट, सुनीता राणा, संदीप गोयल, राजू सिंह, पप्पू यादव, रविंद्र पड़ियार, राजेन्द्र प्रसाद गैरोला, रोहित रोहिला,

बिल्लू बाल्मीकि, सेवानिवृत्त आयकर उपनिदेशक अजय सोनकर, महाबीर अमोला, भूपेंद्र फरासी, त्रिलोक सिंह सजवाण, सुनील सिंघल, संजीव तोमर, रिंकी जॉर्ज, शशांक पाल, पंकज जोशी, शमशेर महर और उनके हजारों साथी, समर्थक व शुभचिंतक भी आम आदमी पार्टी से नाता तोड़ चुके हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : आम आदमी पार्टी (AAP) के नैनीताल जिलाध्यक्ष ने पत्र किया जारी, खोल देगा पार्टी कार्यकर्ताओं व समर्थकों की आंखें

नवीन समाचार, हल्द्वानी, 6 फरवरी 2022। गत दिवस नैनीताल जनपद में घोषित प्रत्याशी द्वारा नामांकन कर लिए जाने के बाद प्रत्याशी बदलने और अब उनके द्वारा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाने के बाद सोमवार को फिर आम आदमी पार्टी (AAP) के समक्ष अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई है।

राष्ट्रीय दल बनने की फिराक में दिल्ली के बाद पंजाब, उत्तराखंड व गोवा जैसे छोटे राज्यों में जनाधार बनाने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी (AAP) की पोल-पट्टी उसके नैनीताल जिलाध्यक्ष संतोष कबड्वाल ने खोल दी है।

कबडवाल ने सोमवार को पद के साथ ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए जो आरोप लगाए हैं, वह पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी को वोट देने का मन बना रहे आम लोगों के लिए आंखें खोलने वाला हो सकता है। 

प्रेस को जारी बयान में कबडवाल ने कहा है, ‘मैं संतोष कबड़वाल जिला अध्यक्ष आम आदमी पार्टी (AAP) नैनीताल अपने पद एवं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। यहां यह भी स्पष्ट करना चाहता हूं कि पार्टी के प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया के द्वारा लगभग प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों को टिकट बेचे गए है।

मैं आम आदमी पार्टी (AAP) को अन्य राजनीतिक दलों से बेहतर समझकर दल का सदस्य और पदाधिकारी बना था लेकिन दिनेश मोहनिया के नेतृत्व में दिल्ली, मेरठ, हरियाणा और बिहार आदि से उत्तराखंड आई टीम के इरादे हमारी आध्यात्मिक देवभूमि की संस्कृति से इत्तेफाक नहीं रखते हैं और साथ ही साथ उत्तराखंड के भविष्य के लिए यह बेहद घातक और भयावह भी है।

यहां यह भी स्पष्ट करना चाहता हूं कि इन लोगों की नजर उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधनों पर भी है प्रदेश के बाहरी इलाकों से आए इनके गिरोह के सदस्यों में से कोई यहां खनन के पट्टे कराना चाहता है तो कोई पहाड़ में जमीन खरीदकर कॉटेज बनाकर बाहरी लोगों को बेचने के सपने देख रहा है।

दिनेश मोहनिया और उसकी टीम यहां चुनाव को गंभीरता से ना लेकर सिर्फ टिकट बेचने और धन वसूली के कार्य में लगी है। दिनेश मोहनिया और उसकी टीम के उत्तराखंड की धरती पर पांव जमाने में अनजाने में मेरे द्वारा भी मदद की गई है इस पाप के लिए मैं स्वयं को भी जिम्मेदार मानते हुए प्रदेश की जनता से अनजाने मे की गई अपनी गलती के लिए भी क्षमा याचना करता हूं।

प्रदेश की देवतुल्य जनता से अपील करता हूं कि जो गलती मेरे जैसे कई कार्यकर्ता कर चुके हैं कृपया आप उसे ना दोहराएं, आम आदमी पार्टी (AAP) को दिया गया एक-एक वोट इस प्रदेश की अस्मिता और स्वाभिमान के लिए बहुत बड़ा खतरा होगा।

इस सच्चाई को जानते हुए भी मैं अपने पद में बना रहूं ये मेरी अंतरात्मा को स्वीकार्य नहीं है। अतः मैं अपने पद एवं आम आदमी पार्टी (AAP) के नाम से चल रहे इस गिरोह की सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।’ (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : 10 वर्ष में 16 गुना बढ़ गई आम आदमी पार्टी (AAP) प्रत्याशी हेम की संपत्तियां

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 28 जनवरी 2022। हेम आर्य ने अपने शपथ पत्र में खुद के पास 23.48 लाख एवं पत्नी नीमा आर्य के पास 5.47 लाख की चल संपत्ति तथा खुद के पास जिलिंग स्टेट में करीब 13.5 करोड़ रुपए मूल्य की 178 नाली भूमि सहित 14.5 करोड़ एवं पत्नी के पास 2 करोड़ रुपए यानी कुल करीब 17 करोड़ रुपए की संपत्ति बताई है,

अलबत्ता उन्होंने इस वर्ष करीब 4.85 लाख की आयकर विवरिणी भरी है। हेम पर 16.5 लाख के कार एवं कृषि लोन भी हैं। उन पर न ही कोई आपराधिक मामला लंबित है, और न ही किसी मामले में सजा हुई है।

गौरतलब है कि 2012 के विधानसभा चुनाव में तब भाजपा के प्रत्याशी रहे हेम आर्य पर उत्तराखंड ग्रामीण बैंक, यूनियन बैंक और पंजाब नेशनल बैंक के 62.5 लाख रुपये के ऋण थे, तथा उनके पास 8.31 लाख की चल एवं ग्राम डोब में 2100 वर्ग फीट में व मल्लीताल में 1000 वर्ग फीट में मकान तथा डोब ल्वेशाल में

20 लाख रुपये की 12 नाली व जिलिंग स्टेट पदमपुरी में 238 नाली व 12 नाली विरासतन भूमि सहित कुल 135.475 लाख रुपये की 2008 में खरीदी गयी यानी स्व अर्जित एवं पांच लाख रुपये की विरासतन प्राप्त अचल संपत्तियां दर्शाई थीं। यानी इस बीच उनकी संपत्तियां करीब 16 गुना बढ़ गई हैं।

बसपा प्रत्याशी के पास सिर्फ 5.5 लाख की संपत्ति
नैनीताल। बसपा प्रत्याशी राजकमल सोनकर हल्द्वानी के गांधी नगर वार्ड संख्या एक निवासी हैं। ग्राम गहलना पट्टी खुर्पाताल में भी उनकी कृषि भूमि है। राजकमल कुल 50 हजार 800 रुपए की चल एवं पांच लाख रुपए मूल्य के पैतृक घर की संपत्ति के मालिक हैं।

उक्रांद प्रत्याशी 80 लाख से अधिक की संपत्ति के मालिक
नैनीताल। उक्रांद प्रत्याशी ओम प्रकाश हाईस्कूल उत्तीर्ण हैं। उनके पास 7.23 लाख व पत्नी के पास 1.91 लाख की चल एवं ग्राम गहलना में 8 नाली विरासतन एवं 7.2 लाख में खरीदी हुई वर्तमान में करीब 64 लाख रुपए की 64 नाली सहित कुल 72 लाख रुपए मूल्य की अचल संपत्ति है। उन पर 7.78 लाख का बैंक ऋण भी है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नैनीताल में बढ़ी राजनीतिक हलचल: आम आदमी पार्टी ने आखिरी क्षणों में बदला टिकट, पार्टी कार्यकर्ता हतप्रभ, चार अन्य टिकट भी घोषित

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 28 जनवरी 2022। आम आदमी पार्टी (AAP) भी भाजपा-कांग्रेस की राह चल पड़ी है। पार्टी ने अपने नैनीताल प्रत्याशी के नामांकन कराने के बाद टिकट को आखिरी क्षणों में बदल दिया है। करीब 10 दिन पूर्व ही पांच वर्ष पूर्व भाजपा से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले और फिर कांग्रेस में शामिल होने के बाद इधर 10 दिन पूर्व भाजपा में शामिल हुए हेम आर्य को आम आदमी पार्टी (AAP) ने टिकट दे दिया है।

जबकि अभी यह भी साफ नहीं है कि उन्होंने कब आम आदमी पार्टी (AAP) की सदस्यता ग्रहण की। अलबत्ता पार्टी ने उन्हें पूर्व प्रत्याशी डॉ. भुवन आर्य को टिकट देने की तिथि को ही पार्टी का चुनाव चिन्ह आवंटित करने का पत्र दिया है, जिसके बाद हेम ने बिना पार्टी कार्यकर्ताओं की मौजूदगी के अपना नामांकन करा दिया है।

इसके अलावा पार्टी ने मनोज शाह को यमुनोत्री, प्यार सिंह नेगी को रुद्रप्रयाग, मंजू तिवारी को कालाढुंगी व नन्द लाल को टिकट दिया है। हेम आर्य को टिकट मिलने से आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकर्ता हतप्रभ रह गए हैं। किसी को कुछ कहते नहीं बन रहा है। अभी पार्टी जनों की आगामी रणनीति तय करने के लिए बैठक चल रही है।

उल्लेखनीय है कि पार्टी के पूर्व प्रत्याशी डॉ. भुवन आर्य के साथ ही उनकी भतीजी मीनाक्षी आर्या भी गुरुवार को पार्टी के डमी प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करा चुकी है। इसके अलावा आज नैनीताल से उत्तराखंड क्रांति दल के प्रत्याशी सुभाष कुमार ने भी नामांकन कराया है। जबकि भाजपा के अन्य किसी बागी ने नामांकन नहीं कराया है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : 63 लाख की संपत्ति के मालिक हैं आआपा प्रत्याशी भुवन

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 28 जनवरी 2022। आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रत्याशी एमए इतिहास एवं इतिहास में पीएचडी कर चुके डॉ. भुवन आर्य कुमाऊं विश्वविद्यालय के नैनीताल स्थित हिमालयन संग्रहालय में सहायक क्यूरेटर के पद पर व उनकी पत्नी जिलाधिकारी कार्यालय बागेश्वर में प्रशासनिक अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।

उनके पास स्वयं 9.01 लाख व पत्नी सुनीता आर्या के पास 18.2 लाख की चल संपत्ति है। साथ ही खुद के पास ग्राम दीनी तल्ली में करीब 16 लाख रुपए मूल्य की करीब 20 नाली विरासतन भूमि जबकि पत्नी के नाम ग्राम प्रेमपुर लोश्यानी में करीब डेढ़ लाख मूल्य में क्रय किया हुआ 2000 वर्ग फिट का वर्तमान में

करीब 10 लाख रुपए मूल्य भूखंड एवं करीब 30 लाख रुपए मूल्य का भवन है। इस प्रकार डॉ. भुवन आर्य पत्नी सहित करीब 67 लाख रुपए की संपत्ति के मालिक हैं। अलबत्ता खुद पर 18.53 लाख व पत्नी पर संयुक्त खाते में 15.7 लाख का बैंक कर्ज भी है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : पिछले चुनाव में कबीना मंत्री के खिलाफ 42 हजार वोट लाने वाली कांग्रेस प्रत्याशी सुनीता टम्टा बाजवा आप में शामिल

नवीन समाचार, नई दिल्ली, 26 जनवरी 2022। उत्तराखंड की बाजपुर विधानसभा में कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस नेता जगतार बाजवा पत्नी सुनीता टम्टा बाजवा सहित आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हो गए हैं। नई दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दोनों को पार्टी की सदस्यता दिलाई। इसके साथ यह साफ है कि सुनीता टम्टा बाजवा को बाजपुर से आम आदमी पार्टी (AAP) टिकट देगी।

उल्लेखनीय है बाजवा जहां बड़े किसान नेता हैं, वहीं सुनीता 2017 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी थी और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशपाल आर्य के खिलाफ भी उन्हें करीब 42 हजार 329 वोट मिले थे। उनके आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल होने से बाजपुर में जहां भाजपा, कांग्रेस व आप के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होना तय हो गया है, वहीं यशपाल आर्य की राह भी कठिन हो गई है। सुनीता यशपाल के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद से नाराज थीं।

यह भी पढ़ें : आप कार्यकर्ताओं ने किया विधायक प्रत्याशी का अभिनंदन, पार्टी में फूट भी उजागर

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 12 जनवरी 2022। आम आदमी पार्टी (AAP) की नगर इकाई ने बुधवार को पार्टी कार्यालय में पार्टी के नैनीताल विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी डॉ. भुवन आर्या का माल्यार्पण करके अभिनंदन किया। अलबत्ता, इस दौरान पार्टी की फूट भी उजागर हो गई।

पार्टी से 2016 से जुड़े एवं शुरू से प्रत्याशी के रूप में देखे जा रहे वरिष्ठ नेता देवेंद्र लाल के साथ ही कार्यक्रम में मौजूद नहीं रहे। पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं की भी स्वागत कार्यक्रम में उपस्थिति बेहद सीमित रही। अधिकांश नए, हाल में जुड़े कार्यकर्ता ही नजर आए।

इस अवसर पर डॉ. आर्या ने उपस्थित कार्यकर्ताओं एवं पार्टी नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने उन पर जो विश्वास किया है, वह उसमें पूरा खरा उतरेंगे। उन्होंने दावा किया कि पूरे विधानसभा क्षेत्र की जनता इस बार परिवर्तन का मन बना चुकी है, और विचारधारा और नीतियों से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में आम आदमी पार्टी (AAP) से जुड़ रही है।

इस दौरान पार्टी के नगर अध्यक्ष शाकिर अली ने समस्त कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार कार्य में जुट जाने का आह्वान किया। कार्यक्रम में नगर महामंत्री महेश आर्या, उपेंद्र बेदी, हरीश बिष्ट, असीम बख्श, मोहम्मद शान बुराहान, नईम निम्मौ, विनीत शर्मा, बीपी लोहनी, सरदार सुखविंदर सिंह, किशन लाल, सुनील कुमार, विध्या देवी, नीरज कुमार, कुनाल बेदी, काव्या बेदी, कार्तिक बेदी, अजय बेदी बाबा, रजत व हर्ष आदि शामिल रहे। संचालन विनोद कुमार ने किया।

अनुपस्थिति पर पूछे जाने पर देवेंद्र लाल ने कहा वह इन दिनों शहर से बाहर हैं। अपनी नाराजगी पर उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। अलबत्ता उनकी टीस जरूर दिखी। बोले 2016 से पार्टी को सींचा है। उल्लेखनीय है कि लाल काफी समय से पार्टी के कार्यक्रमों में भी नजर नहीं आ रहे हैं। जबकि पूर्व में उन्हीं के प्रतिष्ठान में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के कार्यक्रम होते रहे हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : प्रत्याशी घोषित होने के जोश में खुद के पार्टी में शामिल होने से पहले से रहे अध्यक्ष की भी कर दी नियुक्ति

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 11 जनवरी 2022। आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा प्रत्याशी घोषित करने के बाद पार्टी प्रत्याशी डॉ. भुवन आर्य ने नैनीताल विधानसभा में विभिन्न मंडलों की घोषणा करते हुए मंडल अध्यक्ष नियुक्त कर दिए हैं। इस जोश में उनके पार्टी में शामिल होने से पहले से नगर अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे नैनीताल अध्यक्ष शाकिर अली को भी अध्यक्ष बनाने का दावा किया गया है।

इनके अलावा बेतालघाट मंडल का अध्यक्ष शंकर लाल चौधरी को, सिमलखा मंडल का अंकुर आर्या को, खैरना-गरमपानी मंडल का नंद किशोर को, सिल्टोना मंडल का किशन लाल को, भवाली मंडल का मुकेश कुमार को, ज्योलीकोट मंडल का महेंद्र नगरकोटी व प्रमोद कुमार को तथा कोटाबाग मंडल का अध्यक्ष दयाल बिष्ट को बनाया गया है। नवमनोनीत मंडल अध्यक्षों ने कहा है कि वह इस जिम्मेदारी को पूर्ण रूप से निभायेंगे और विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी को भारी बहुमतों से जीत दिलाएंगे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : हटाई गई भोजनमाता ने आप की दिल्ली सरकार के पाले में डाली गैंद

भोजन माता से हटाई गईं सुनीता देवी ने दिल्‍ली सरकार का प्रस्‍ताव स्‍वीकार किया, पर रख दी ये शर्त
सुनीता देवी

नवीन समाचार, चंपावत, 26 दिसंबर 2021। राजकीय इंटर कालेज सूखीढांग में भोजन माता पद से हटाई गई सुनीता देवी को आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली सरकार में सरकारी नौकरी देने की बात कही थी। अब सुनीता ने गैंद आप की दिल्ली सरकार के पाले में डाल दी है।

सुनीता व उनके पति प्रेम राम ने बताया कि आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर से उन्हें फोन पर दिल्ली सरकार की ओर से सरकारी नौकरी देने की बात कही गई है। उन्होंने कहा है, यदि दिल्ली सरकार उसे सरकारी नौकरी देती है तो वह सहर्ष नौकरी के लिए दिल्ली जाएगी। लेकिन यदि सरकारी नौकरी नहीं मिली तो वह इंटर कालेज में भोजन माता पद के लिए फिर से आवेदन करेंगी।

उल्लेखनीय है कि भोजन माता प्रकरण को लेकर हुआ विवाद तूल पकडने और नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी पाए जाने के बाद शिक्षा विभाग ने सुनीता को इंटर कालेज सूखीढांग के भोजन माता पद से हटा दिया है। आगे नए सिरे से विज्ञप्ति जारी होने के बाद सुनीता भी अन्य महिलाओं की भांति इस पद के लिए आवेदन कर सकती है।

इस पद से हटाने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) की दिल्ली सरकार ने सुनीता को दिल्ली में सरकारी नौकरी देने की पेशकश की है। सुनीता के पति प्रेमराम ने बताया कि पार्टी की ओर से उनके मोबाइल पर फोन कर दिल्ली सरकार के निर्णय की जानकारी दी गई है। सुनीता और उनके पति प्रेम राम ने सरकारी नौकरी की पेशकश करने के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) का आभार भी जताया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : केजरीवाल के बाद अब सिसौदिया बढ़ाएंगे आम आदमी पार्टी (AAP) की चुनाव तैयारियों को आगे

-17 दिसंबर को भवाली में होगी जनसभा व रोड शो
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 13 दिसंबर 2021। आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मंगलवार को काशीपुर आगमन के बाद अब दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया कुमाऊं मंडल और यहां नैनीताल जनपद के भवाली आने जा रहे हैं।

इस संबंध में पार्टी की नगर इकाई की नगर अध्यक्ष शाकिर अली की अध्यक्षता तथा नगर महामंत्री महेश आर्यो के संचालन एवं प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप दुम्का की मौजूदगी में आयोजित हुई बैठक में बताया गया कि सिसौदिया की आगामी 17 दिसम्बर को भवाली नगर में ऐतिहासिक जनसभा, रैली व रोड शो आयोजित होगी।

रैली में सिसौदिया दिल्ली में उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किये गए कार्यो को विस्तार पूर्वक बतायेंगे। रैली में वाहनों की व्यवस्था के लिए अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष मौहम्मद शान बुराहान, विधानसभा युवा मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र बेदी को जिम्मेदारी सौपी गयी।

बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरीश बिष्ट, राकेश कुमार, प्रमोद सहदेवा, नईम अहमद निम्मौ, राम नारायण, असीम बख्श, उमेश जोशी, किशन लाल, अजय कुमार, सन्नी सेलवान, राजेंद्र कुमार, आदित्य पंत, पीसी मिश्रा, सुरेश, शमा परवीन, शबाना परवीन, विद्या देवी, रेखा रौतेला, विनोद कुमार, सुखविंदर सिहं, पूरन बहुगुणा, कीर्तन सिहं, नवीन उप्रेती, अब्दुल हुसैन, पदम सिंह राजपूत, सुनील कुमार, शहनवाज, आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : आम आदमी पार्टी (AAP) की 300 यूनिट फ्री बिजली देने के विरुद्ध दायर याचिका निस्तारित

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 9 दिसंबर 2021। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एकलपीठ ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने संबंधी केजरीवाल मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को निर्देश दिए कि वह दो सप्ताह के भीतर अपनी शिकायत से संबंधित प्रत्यावेदन भारत निर्वाचन आयोग को दे और निर्वाचन आयोग इसे विधि अनुसार निस्तारित करे। इसके साथ ही न्यायालय ने याचिका को निस्तारित कर दिया है।

असल में हुआ यह कि उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य विकासनगर (देहरादून) निवासी संजय जैन की इस याचिका पर सुनवाई के दौरान भारत निर्वाचन आयोग द्वारा न्यायालय को बताया गया कि याचिकाकर्ता ने किसी पार्टी की बजाए आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता कर्नल अजय कोठियाल को पक्षकार बनाया है। इसलिए इसमें भारत निर्वाचन आयोग की कोई भूमिका नहीं है। और याचिकाकर्ता ने इस संबंध में आयोग को कोई प्रत्यावेदन भी नहीं दिया है।

यह भी कहा कि आयोग का कार्य चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद प्रारंभ होता है। जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर से कहा गया कि पार्टी जनता के हित को देखते हुए यह कार्य करना चाहती है। दिल्ली और पंजाब में भी पार्टी ने बिजली, पानी और शिक्षा को लेकर चुनाव लड़ा है। यह पार्टी का अधिकार है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : आम आदमी पार्टी (AAP) की फ्री बिजली योजना को मिली उच्च न्यायालय में चुनौती

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 7 दिसंबर 2021। आम आदमी पार्टी (AAP) की 300 यूनिट फ्री बिजली देने सम्बन्धी ‘केजरीवाल मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड’ योजना को उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय में चुनौती दे दी गई है। उच्च न्यायालय की न्यायमुर्ति मनोज कुमार तिवारी एकलपीठ ने इस योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की और अगली सुनवाई 9 दिसम्बर को भी सुनने के लिए तिथि नियत कर दी है।

इस मामले में उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य रह चुके देहरादून के विकास नगर निवासी संजय जैन ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है कि आम आदमी पार्टी (AAP) के कर्नल अजय कोठियाल के द्वारा उत्तराखंड की जनता को उनकी सरकार आने पर फ्री में 300 यूनिट बिजली देने का केजरीवाल मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड जारी किया जा रहा है।

पार्टी द्वारा जारी मोबाइल नम्बर पर मिस्ड कॉल करने वालों को 300 यूनिट बिजली का गारंटी कार्ड जारी किया जा रहा है। यह कार्ड सदस्यो को संभाल के रखना है तभी उनको सरकार बनने पर 300 यूनिट बिजली फ्री में दी जाएगी। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है आम आदमी पार्टी द्वारा लिखित में पंजीकरण कराना पूरी तरह असंवैधानिक है।

आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा 300 यूनिट फ्री में देने का कोई लिखित पत्र सरकार को नहीं दिया, न ही उनकी सरकार है। इस तरह के गारंटी कार्ड भराना लोक प्रतिनिधि अधिनियम की धारा 123 के  विरुद्ध है। यह कृत्य भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता है, और जनता को गुमराह करने वाला है, इस पर आदर्श आचार संहिता  के अंतगर्त रोक लगाई जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में  आदर्श आचार संहिता कमीशन  बनाने के आदेश दिए थे। याचिकाकर्ता यह भी कहना है कि वह इसका विरोध नहीं करते है लेकिन बिना सरकार के गारंटी कार्ड देना जनता के साथ धोखा है, यह तो सरकार का काम है। याचिका में केंद्रीय निर्वाचन चुनाव आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग, आम आदमी के अजय कोठियाल को पक्षकार बनाया है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : नैनीताल निवासी काव्या बनी आम आदमी पार्टी की महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 6 दिसंबर 2021। नैनीताल नगर निवासी काव्या बेदी को आम आदमी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं महिला मोर्चा के प्रदेश प्रभारी शिशुपाल सिंह रावत की संस्तुति पर नैनीताल जिले का महिला मोर्चा का जिलाध्यक्ष मनोनीत किया गया है।

महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने पर काव्या ने कहा कि जो जिम्मेदारी उन्हें पार्टी द्वारा दी गई है, उसे वह पूरी निष्ठा एवं लगन से पूरा करेंगी। उनका पहला लक्ष्य नैनीताल जिले का भम्रण कर नैनीताल जिले में संगठन को मजबूत करना है।

उनकी नियुक्ति पर पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप दुम्का, नगर अध्यक्ष शाकिर अली, विधानसभा प्रभारी डॉ. भुवन आर्या, महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष हेमा भंडारी, पूजा मेहरा, किरण नौगाई, महासचिव कमला थापा, रीना भंडारी सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : कई लोगों ने ली आम आदमी पार्टी की सदस्यता

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 23 नवंबर 2021। मंगलवार को आम आदमी पार्टी की नैनीताल इकाई के राज्य अतिथि गृह में आयोजितएक कार्यक्रम में कई लोगों ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। महिला मोर्चा की नगर उपाध्यक्ष शबाना परवीन के नेतृत्व में युवा कार्यकर्ता उपेंद्र बेदी, काव्या बेदी, नगरपालिका के पूर्व कर्मचारी नेता प्रमोद सहदेव, शिक्षा विभाग के पूर्व कर्मचारी नेता उमेश जोशी सहित अनेक लोगों ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। सभी का पार्टी की टोपी एवं माला पहनाकर स्वागत एवं अभिनदंन किया गया।

इस अवसर पर पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप दुम्का, नगर अध्यक्ष शाकिर अली, विधानसभा प्रभारी डॉ. भुवन आर्य, विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद तिवारी, अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष मौहम्मद शान बुरहान, विनोद कुमार, हरीश बिष्ट आदि ने कहा कि आज आम आदमी पार्टी की विचारधारा से प्रभावित होकर नगर के सैकड़ों युवाओं और महिलाओं ने जो सदस्यता आम आदमी पार्टी की ग्रहण की है, उससे स्पष्ट पता चलता है, कि आम जनता इस बार 2022 के चुनावों में उतराखंड में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने जा रही है।

इस दौरान पार्टी के महेश आर्य, सुनील कुमार, सतनाम सिंह, पीसी मिश्रा, राकेश कुमार, सुरेंद्र सिंह बिष्ट, किशन लाल, अजय कुमार, पदम सिह राजपूत, निम्मो भाई, विनोद मेहता, नवीन उप्रेती, सन्नी सेलवान, गणेश कांडपाल, रघुवीर रावत, सुरेश राम, विद्या देवी, विमला देवी, जसप्रीत कौर, शमा परवीन, इंद्रा देवी, नसीम जहाँ, प्रेमा देवी आदि भी उपस्थित रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के युवा पुत्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

होटल में संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिला है। मृतक की पहचान सिकंदर कलेर के रूप में हुई है।नवीन समाचार, देहरादून, 30 सितंबर 2021। देहरादून के राजपुर रोड जाखन स्थित रोज़वुड होटल में बृहस्पतिवार को संदिग्ध परिस्थितियों में एक शव मिला। शव की शिनाख्त आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एसएस कलेर के 24 वर्षीय पुत्र सिकंदर कलेर के रूप में हुई। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने फॉरेंसिक टीम की मदद से जांच शुरू कर दी है। होटल के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। साथ ही हर दृष्टिकोण से मौत के कारण की जांच की जा रही है। अभी तक मौत के कारणों का स्पष्ट पता नही लग पाया है।

पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार सिकंदर ने बुधवार की शाम को होटल में कमरा लिया था। इधर जब बृहस्पतिवार को कमरा नहीं खुला तो होटल कर्मियों ने दूसरी चाबी से कमरा खोला। कमरे के अंदर सिकंदर अचेत अवस्था में पड़ा था। पास में ही उसने उल्टी भी की थी।

उल्लेखनीय है कि एसएस कलेर ने गत दिनों कर्नल अजय कोठियाल के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी घोषित होने के बाद आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और खटीमा से मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के खिलाफ आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : कोठियाल ने नयना देवी मंदिर से की रोजगार गारंटी पर चुनाव अभियान की शुरुआत

डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 25 सितंबर 2021। आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित होने के बाद कर्नल अजय कोठियाल शुक्रवार शाम पहली बार कुमाऊं मंडल मुख्यालय नैनीताल पहुंचे। यहां अपने चुनाव अभियान की शुरुआत उन्होंने सुबह नगर की आराध्य देवी माता नयना के मंदिर से की। इस दौरान उन्होंने माता नयना के दर्शन किए और शिवालय में जलाभिषेक किया।

स दौरान पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने पार्टी पर अन्य राजनीतिक दलों से हो रहे हमलों का जिक्र करते हुए सही दिशा में आगे बढ़ने और नयना देवी मंदि से रोजगार गारंटी योजना पर चुनाव अभियान की शुरुआत करने की बात कही। साथ ही लगे हाथ उत्तराखंड को राज्य की आध्यात्मिक राजधानी बनाने के स्टेंड पर भी बात की। आगे उनका नगर में चुनावी रोड शो करने का भी कार्यक्रम है।
इस अवसर पर मंदिर में ही पत्रकारों से बात करते हुए पूरे राजनीतिक रौ में आते हुए कोठियाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी अभी राज्य में कोई चुनाव नहीं लड़ी है, इसलिए पूरे तोर पर राज्य में राजनीतिक दल भी नहीं है, फिर भी जिस तरह से उस पर भाजपा व कांग्रेस आदि राजनीतिक दलों की ओर से हमले किए जा रहे हैं, इससे साफ है कि पार्टी सही दिशा में आगे बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि 300 यूनिट फ्री बिजली के बाद गत 19 सितंबर को हल्द्वानी से पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने रोजगार गारंटी योजना शुरू की है। इसके लिए आज से नयना देवी मंदिर से अभियान शुरू किया जा रहा है। यह अभियान राज्य की सभी विधानसभाओं में चलाया जाएगा।

नैनीताल के निकट न्याय के देवता ग्वेल के मंदिर का जिक्र करते हुए उन्होंने पार्टी का राज्य को आध्यात्मिक राजधानी बनाने का एजेंडा भी जोड़ दिया। कहा कि पार्टी इस पर कानून बनाएगी। दावा किया कि राज्य की जनता को इसका लाभ मिलेगा। इस दौरान पत्रकारों के दिल्ली के अर्थव्यवस्था निगरानी केंद्र के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में 27 फीसद युवाओं के बेरोजगार होने और सूचना के

अधिकार से दिल्ली में केवल 400 लोगों को रोजगार मिलने के खुलासों के प्रश्न को उन्होंने एक झटके में गलत ठहरा दिया और पार्टी के बारे गलत नजरिया बनाने का प्रयास बताया। गौरतलब है कि आगे उनका नगर में महावीर चक्र विजेता शहीद मेजर राजेश अधिकारी की मूर्ति पर माल्यार्पण के बाद नगर में रोड शो भी करने वाले हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : केजरीवाल ने कुमाऊं में भी फूंका चुनावी बिगुल, की दूसरी बड़ी घोषणा

Kejriwal promises job to each family, ₹5000 to unemployed Uttarakhand youth  - Hindustan Timesनवीन समाचार, नैनीताल, 19 सितंबर 2021। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल से भी विधानसभा का चुनावी बिगुल फूंक दिया है। इस दौरान उन्होंने राज्य में अपनी दूसरी बड़ी घोषणा करते हुए चुनाव जीतने पर एक लाख युवाओं को रोजगार देने की दूसरी बड़ी घोषणा की है।

उन्होंने कहा, उत्तराखंड पलायन का प्रदेश बन गया है। उनकी सरकार बनने के छह माह के अंदर एक लाख लोगों को रोजगार दिया जाएगा, और रोजगार देने से पहले हर परिवार के एक युवा को पांच हजार रुपए हर माह दिए जाएंगे। इससे पूर्व केजरीवाल पर स्याही के हमले की आशंका के दृष्टिगत पत्रकारों के पेनों की भी जांच की गई। हल्द्वानी में एक बैंक्वेट हाल में प्रेस वार्ता करते हुए केजरीवाल ने युवाओं को लेकर कई लोक लुभावन घोषणाएं कीं। कहा कि प्रदेश के हर युवा को रोजगार उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता में शामिल है। उन्होंने कहा, 21 सालों में सत्ताधारी पार्टियों ने राज्य की नदियों, पहाड़ और जंगलों का लूटा है। आम आदमी पार्टी 21 सालों की दुर्दशा को 21 महीने में दुरुस्त करेगी। सूबे के लोग बिजली बिलों से परेशान हैं। उत्तराखंड में आप की सरकार बनी तो 300 यूनिट बिजली फ्री देंगे। पुराने बिल माफ करेंगे। किसानों को फ्री बिजली बिल देंगे। दिल्ली में उन्होंने यह करके दिखाया है।

उन्होंने उत्तराखंड में पर्यटन का ढांचा तैयार करने की बात भी कही। कहा कि प्रदेश में इस क्षेत्र में असीमित संभावनाएं हैं। वाइल्ड लाइफ, एडवेंचर जैसे सेक्टरों को तैयार कर इनमें नौकरियां तैयार की जाएंगी। कर्नल कोठियाल को नौकरी देना आता है। उन्होंने तब दस हजार युवाओं को नौकरी दिलाई जब उनके पास कोई शक्ति नहीं थी। सत्ता में होंगे तो सोचिए क्या-क्या कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है। इसे देश की आध्यात्मिक राजधानी बनाएंगे। इससे भी इस क्षेत्र में ही असीमित नौकरियां तैयार होंगी। युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सकेगा।

वहीं भाजपा पर कटाक्ष करते हुए केजरीवाल ने कहा कि यदि आप भाजपा को सत्ता में लाते हैं तो आपको हर माह एक नया सीएम मिलेगा। और आप को सत्ता में लाते हैं। विकास और रोजगार मिलेगा। दिल्ली में हमने सरकार चलाकर दिखाया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : अनछुवे मतदाताओं को समेटने की मुहिम पर आम आदमी पार्टी

डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 4 सितंबर 2021। आम आदमी पार्टी की नजर ऐसे लोगों-मतदाताओं पर है, जिन्हें खुद से जोड़ने की अब तक किसी राजनीतिक दल ने पहल नहीं की है, लिहाजा वह अब तक किसी राजनीतिक दल से सीधे तौर पर नहीं जुड़े हैं। बताया जा रहा है कि ऐसे ही लोगों को पार्टी 300 यूनिट मुफ्त बिजली जैसी अपनी योजना का लाभ दिखाकर जोड़ने की मुहिम पर है। पार्टी की नगर इकाई द्वारा शनिवार को इसी कड़ी में नगर के सूखाताल स्थित चर्च कम्पाउंड मल्लीताल में क्षेत्रीय जनता के साथ बैठक कर उन्हें पार्टी की विचारधारा एवं नीतियों से अवगत कराया।

इस दौरान नगर अध्यक्ष शाकिर अली व प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप दुम्का ने बताया कि पार्टी उत्तराखण्ड में ‘उत्तराखंड नव निर्माण’ नारे के साथ आम जनता के बीच जा रही है, और लोगों का आह्वान कर रही है, कि 20 सालों का हिसाब आम जनता भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस से ले। सभा की अध्यक्षता पूर्व कर्मचारी नेता जमशेद अली ने की। इस मौके पर पार्टी के नैनीताल विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. भुवन आर्या, महासचिव विनोद कुमार, पूर्व सभासद असीम बख्श आदि ने भी विचार रखे।

इस दौरान क्षेत्रीय लोगों ने डा. भुवन आर्य का शॉल ओढ़ाकर सम्मान भी किया। इस दौरान लोगों को 300 यूनिट बिजली गारंटी कार्ड योजना से भी जोड़ा गया। इस मौके पर सलीम बख्श, माया देवी, वंदना देवी, नबाब बख्श, शहनाज, शबनम, जूली, जानकी देवी, कमल पांडे, मोहम्मद नफीस, राहुल, आसिफ आदि ने पार्टी की सदस्यता भी ग्रहण की। इस दौरान पार्टी के नगर मंत्री नवीन उप्रेती, अतीक, गौरव आर्या, नईम अहमद, लोकेश कुमार, प्रमोद कुमार, आशा यादव, नजर खान, कमल पांडे, तारिक, जानकी आदि भी मोजूद रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : चुुनाव अभियान पर गांव-गांव, वार्ड-वार्ड आप कार्यकर्ता, एक दर्जन लोगों ने ग्रहण की आप की सदस्यता

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 25 अगस्त 2021। नगर में आम आदमी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत एक दिन भी रुके बिना निरंतर अपने अभियान में जुटी है। इसी कड़ी में बुधवार को पार्टी कार्यकर्ताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की बिजली गारंटी कार्ड योजना का घर-घर जाकर जन संपर्क कर आम जनता को इस मुहिम से जोड़ने के लिए नैनीताल विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों-ग्राम मल्ला भूमियाधार व तल्ला भूमियाधार आदि में जन संपर्क किया गया। इस दौरान 100़ से अधिक लोगों का बिजली गारंटी कार्ड बनाया गया। पार्टी के नगर मीडिया प्रभारी जीकेए गौरव सीएस बब्बी ने बताया कि इस अभियान को जिला महामंत्री देवेंद्र लाल के नेतृत्व मे आयोजित किया गया। इस मौके पर पार्टी के श्रीकांत घिल्डियाल, आरसी पंत, प्रदीप साह, महेश आय, मोहित राजपूत, बब्बी व दिगंबर कुमार आदि कार्यकर्ता शामिल रहे।

इसके अलावा प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुमार दुम्का व नगर अध्यक्ष शाकिर अली ने आज नगर के शेरवुड कालेज एवं अमतुल्स पब्लिक स्कूल क्षेत्र में नुक्कड़ सभाओं का आयोजन कर आम जनता से आम आदमी पार्टी से जुड़ने का आह्वान किया। इस दौरान सरिता चौहान, मंजू देवी, शाहीन खान, भीम सिंह, जगदीश राम, पवन कुमार, अहमद, वितान, कलावती, गुमानी राम, मौहम्मद सलाम, उर्मिला देवी, आदि लोगों ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान पार्टी के विद्या देवी, नफीसा फातिमा, रिकीं, नवीन उप्रेती आदि कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : आखिरी क्षणों में टला केजरीवाल का दौरान, नड्डा-शाह का दौरा रहा कारण ?

Arvind Kejriwal has graduated to be a 'mass' leader- The New Indian Expressनवीन समाचार, देहरादून, 8 अगस्त 2021। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एक माह के भीतर उत्तराखंड का दूसरा बहुप्रचारित दौरा आखिरी क्षणों में निरस्त हो गया है। उनका सोमवार को एक दिवसीय दौरे पर देहरादून आने का कार्यक्रम था, लेकिन आज ही उनका दौरा निरस्त होने की बात बताई गई। इससे उनके आगमन के लिए प्रदेश भर से देहरादून बुलाए गए कार्यकर्ताओं की बुरी फजीहत हुई है। अब पार्टी का कहना है कि इसी माह केजरीवाल प्रदेश के दौरे पर आएंगे। इसके लिए जल्द ही कार्यक्रम तय किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि केजरीवाल का आज दून में रोड शो के साथ पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ संवाद का कार्यक्रम रखा गया था, लेकिन दिल्ली में जरूरी कार्य बताकर उनका दौरा निरस्त हो गया है। इस दौरान उनके द्वारा 300 यूनिट फ्री बिजली के बाद कोई नया बड़ा वादा करने की बात भी प्रचारित की जा रही थी। वहीं सूत्र बता रहे हैं कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं गृह मंत्री अमित साह के भी इसी बीच उत्तराखंड आने के कारण केजरीवाल को कम कवरेज मिलने की आशंका में कार्यक्रम को आखिरी क्षणों में स्थगित किया गया है। अब केजरीवाल भाजपा नेताओं के आने के बाद ही उत्तराखंड आ सकते हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : आम आदमी पार्टी सभी वार्डों में करेगी महिला मोर्चा की इकाई गठित

-हर वार्ड में 10 महिलाओं को पार्टी से जोड़ने का तय किया लक्ष्य
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 8 अगस्त 2021। आम आदमी पार्टी की महिला मोर्चा की नगर के सभी 15 वार्डों में महिला वार्ड इकाई का गठन किया जायेगा, तथा हर वार्ड में दस महिलाओं को पार्टी से जोड़ा जाएगा। रविवार को मल्लीताल स्थित हार्थन विला में आयोजित हुई पार्टी की नगर इकाई व महिला मोर्चा की बैठक में यह तय किया गया।

साथ ही यह भी तय किया गया कि बढ़ती हुई मंहगाई के विरोध में इस माह पार्टी के महिला मोर्चा के नेतृत्व में एक विशाल धरना प्रदर्शन तथा रैली का आयोजन किया जायेगा। नगर अध्यक्ष शाकिर अली एवं विधानसभा संगठन मंत्री प्रदीप साह ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आज वर्तमान समय में आम आदमी पार्टी की नीतियों से प्रभावित होकर आम जनता और विशेष तौर पर महिला वर्ग में पार्टी के प्रति उत्साह है, इसलिए नगर महिला मोर्चा के समस्त पदाधिकारियों का कर्तव्य बनता है, कि वह घर घर जाकर आम आदमी पार्टी की विचारधारा से लोगों को अवगत कराये।

बैठक की अध्यक्षता महिला मोर्चा की वरिष्ठ कार्यकर्ता कीर्ति देवी तथा संचालन नगर महामंत्री जसप्रीत कौर ने किया। बैठक में महिला मोर्चा की नगर अध्यक्ष विद्या देवी, उपाध्यक्ष शबाना परवीन, विमला देवी, गुलशन, शाहीन, पुष्पा भंडारी, रिंकी, सरिता, तपस्या, सुमन आर्य, राधा टम्टा, अंजुम बेगम, सावित्री साह, हरीतिमा बिष्ट, नीरजा, मोनिका साह, महेश आर्य, मोहित राजपूत व गौरव कुमार आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : तो AAP ने खुद के कार्यकर्ताओं को मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड बांटकर किया योजना का शुभारंभ!

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 22 जुलाई 2021। आम आदमी पार्टी की नगर इकाई ने बृहस्पतिवार को मंडल मुख्यालय में अरविंद केजरीवाल द्वारा उत्तराखंड राज्य में लाई जा रही ‘मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड योजना’ का मल्लीताल रामलीला मैदान में शुभारंभ किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया। प्रथम कार्ड पार्टी कार्यकर्ता नगर के रॉयल होटल कम्पाउंड निवासी शमा परवीन एवं विद्या देवी को सौंपा गया। बताया जा रहा है कि यह दोनों पार्टी की अपनी कार्यकर्ता हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ नेता पदम सिंह राजपूत ने व संचालन नगर अध्यक्ष शाकिर अली ने किया। इस मौके पर प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप दुम्का, जिला महामंत्री देवेंद्र लाल, विधानसभा महासचिव विनोद कुमार सहित डा. भुवन आर्य, महेश आर्य, हरीश बिष्ट, सुनील कुमार, उमेश तिवारी, मोहित राजपूत, विजय साह, नवीन उप्रेती, निम्मौ भाई, गौरव कुमार, विनोद जोशी, विद्या देवी, राहुल कुमार, सन्नी सेलवान, सुरेंद्र बिष्ट, राम नारायण, मोहम्मद शान बुरहान, साहिल खान, राजेश कुमार, किशन लाल, नफीस अहमद, अतीक अहमद, शमा परवीन, रेखा रौतेला, जसप्रीत कौर, अमन सिद्दीकी, भूपेंद्र कौर, भगवती जोशी, कमला आर्य, रेखा रौतेला, हुमा सिद्दीकी, शबाना सिद्दीकी आदि पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : तो कल से ‘मुफ्त के चिराग’ से वोट बटोरने के अभियान में जुटेगी आम आदमी पार्टी

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 21 जुलाई 2021। आम आदमी पार्टी को शायद लगता है कि आगामी चुनाव में वोट हासिल करने के लिए उसे ‘मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड योजना’ के रूप में अलादीन का ‘मुफ्त का चिराग’ हाथ लग गया है। इसलिए पार्टी की नैनीताल इकाई गुरुवार 22 जुलाई से नगर में ‘मुफ्त की बिजली से जलने वाले चिराग’ की गारंटी के कार्ड भरवाते हुए नगरवासियों को पार्टी से जोड़ने का अभियान शुरू करेगी। पार्टी की नगर इकाई की बुधवार को नैनीताल क्लब में आयोजित हुई बैठक के दौरान यह ऐलान किया गया। इस दौरान राजभवन क्षेत्र के कई लोगों ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

इस दौरान पार्टी पदाधिकारियों ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा उत्तराखंड राज्य की जनता के लिए की 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने व पुराने बिजली के बिलों को माफ करने की घोषणा पार्टी 2022 के चुनावों में जीत दिलाने में मददगार साबित होगी। आगामी 22 जुलाई को प्रात साढ़े ग्यारह बजे से नगर में मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड योजना का शुभारंभ करने के साथ नगर वासियों को पार्टी से जोड़ने का अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान राजेश कुमार, संदीप कुमार, सलीम खान, नफीसा बेगम एवं खुर्शीद अहमद ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। बैठक में प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुमार दुम्का, जिला महामंत्री देवेंद्र लाल, विधानसभा महासचिव विनोद कुमार, विधानसभा मंत्री डॉ. भुवन आर्य व नगर अध्यक्ष शाकिर अली सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : स्कूल में पार्किंग बनाने के मामले में आप भी कूदी…

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 10 जुलाई 2021। नगर के तल्लीताल स्थित मोटर गैराज परिसर में जिला प्रशासन के द्वारा जूनियर हाईस्कूल के प्रांगण में कुछ भवनों का ध्वस्तीरण कर पार्किंग बनाए जाने के मामले में आम आदमी पार्टी भी कूद पड़ी है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में यहां पूर्व से स्थापित विद्यालय के शिक्षक विरोध कर रहे हैं। शनिार को आम आदमी पार्टी की नगर इकाई ने यहां संचालित प्राईमरी एवं जूनियर हाईस्कूलों का भ्रमण किया और विद्यालयों के प्रधानाचार्य व शिक्षकों से पूरे मामले की जानकारी प्राप्त की।

पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप दुम्का ने आरोप लगाया कि भाजपा के वर्तमान शासन काल में उत्तराखंड प्रदेश में निर्धन बच्चों की पढ़ाई हेतु पूर्व में खोलें गये स्कूलों को बच्चों की कम संख्या का बहाना बनाते हुए निरंतर बंद किया जा रहा है। इस कारण गरीब आय वर्ग के बच्चों को भी महंगे पब्लिक स्कूलों में जाना पड़ता है। शिक्षा के मंदिरों को तोड़कर वहां पर दूसरी गतिविधियों को चलाना, दुःख और शर्म का विषय है। विधानसभा महामंत्री विनोद कुमार ने कहा कि प्रदेश में भाजपा का कार्य सिर्फ मुख्यमंत्री बदलने तक सीमित रह गया है। नगर अध्यक्ष शाकिर अली ने इस घटना के विरोध में आगामी दिनों में धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी।

गौरतलब है कि इस मामले में एसडीएम प्रतीक जैन ने कहा कि विद्यालय के भवन बेहद जीर्ण-शीर्ण थे तथा इनमें पिछले दिनों आग भी लग गई थी। इन भवनों के गिरने की संभावना के दृष्टिगत बच्चों की सुरक्षा के लिए राजस्व उप निरीक्षक बगड़ व नैनीताल की संयुक्त जांच आख्या पर गैराज स्टोर के ध्वस्तीकरण करने के आदेश दिए गए हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : बिजली-पानी के बिलों में बढ़ोत्तरी पर आप ने किया विरोध प्रदर्शन

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 08 जुलाई 2021। आम आदमी पार्टी की नगर इकाई ने बृहस्पतिवार को पार्टी के प्रदेशव्यापी आंदोलन पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बिजली-पानी के बिलों में हो रही बढ़ोतरी के विरोध में मंडल मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। इस दौरान मल्लीताल रामलीला मैदान में कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी और प्रर्दशन के माध्यम से प्रदेश की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शित किया, साथ ही मल्लीताल बड़ा बाजार मंे जुलूस भी निकाला।

इस दौरान आयोजित सभा में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं- प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप दुम्का, नगर अध्यक्ष शाकिर अली, जिला महामंत्री देवेंद्र लाल, प्रदीप साह, विनोद कुमार, आरसी पंत आदि ने प्रदेश और नैनीताल नगर में बढ़ते बिजली-पानी के बिलों पर प्रदेश सरकार को जमकर कोसा। कहा कि उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से लगातार दोनों राष्ट्रीय दलों भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने उत्तराखंड की जनता को ठगने का ही काम किया है। सरकार को आम जनता के हितों से कोई मतलब नहीं है, उन्हें बस मुख्यमंत्री बदलने के आलावा कोई दूसरा कार्य नहीं है। विरोध प्रदर्शन में महेश आर्य, हरीश बिष्ट, सुनील कुमार विजय साह, नवीन उप्रेती, निम्मो भाई, विद्या देवी, शमा परवीन, सुमन आर्य, विनोद जोशी, राजेश कुमार, मोहम्मद शान बुरहान, सन्नी सेलवान, सुरेंद्र बिष्ट, विनोद लाल, पदम सिंह राजपूत, ललित मोहन पंत, पूरन लाल, जमन राम, सचिन कुमार, युवा नेता गौरव कुमार, हीरा, गोपाल गिरि, उमेश तिवारी, राहुल कुमार व अंजुम बेगम आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें : कहीं पे निगाहें-कहीं पे निशाना: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी की और मांगा मुख्यमंत्री का इस्तीफा

-कोरोना जांच घोटाले में आप ने प्रदर्शन कर एक घड़ा फोड़ा

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 25 जून 2021। आगामी लोक सभा चुनाव के लिए मुद्दे तलाश रही आम आदमी पार्टी ने पहले ही जांच के अधीन चल रहे हरिद्वार कुंभ के दौरान कोरोना जांच मे हुई अनियमितताओं को लेकर जिला मुख्यालय में दूसरे दिन प्रदर्शन किया। मल्लीताल पंत पार्क में आयोजित हुए विरोध प्रदर्शन में भाजपा के ‘पाप का घड़ा बताकर एक घड़ा प्रतीकात्मक तौर पर फोड़ा गया, और नारेबाजी की गई। खास बात यह भी रही कि इस दौरान कार्यकर्ता हाथों में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ नारे लिखी तख्तियां लिए हुए थे, जबकि प्रदेश प्रवक्ता की ओर से मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की गई। वहीं नगर अध्यक्ष ने साफ तौर पर आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस को नकार कर आम आदमी पार्टी की जीत का खम ठोका।
इस दौरान आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व नैनीताल विधानसभा प्रभारी प्रदीप दुम्का ने इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से इस्तीफे तक की मांग कर डाली। नगर अध्यक्ष शाकिर अली ने कहा कि इस बार जनता भाजपा-कांग्रेस को दरकिनार करते हुए आम आदमी पार्टी को पूर्ण बहुमत से लेकर आएगी। जिला संगठन मंत्री प्रदीप साह ने भाजपा को ‘बढ़ता पाप पार्टी करार दिया। प्रदर्शन में शामिल जिला महामंत्री देवेंद्र लाल, विनोद कुमार, किशन लाल, सनी सेलवान, हरीश बिष्ट, सुनील कुमार, आरसी पंत, महेश आर्या, नईम अहमद, नवीन उप्रेती, विजय साह, मोहित राजपूत, गंगा सिंह, विद्या देवी, शमा परवीन, एलएम पंत, असीम बक्श, राजेश कुमार, सागर पांडे, सुरेंद्र बिष्ट, सनी चौहान, मनीष लाल, शान बुरहान, राजेंद्र साह, संजय, जय राम, तारा, नजर अली, अब्दुल हुसैन, अजय कुमार, पदम राजपूत, अंजुम, अब्दुल रसीद व देवी नेगी आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें : आवागढ़ व श्रीकृष्णापुर में चला आप का कोरोना मुक्त अभियान

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 13 जून 2021। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता इन दिनों गांव-गांव कोरोना मुक्त अभियान पर हैं। इसी कड़ी में शनिवार को पार्टी कार्यकर्ताओं ने नगर के आवागढ़ वार्ड के चार्टन लॉज कंपाउंड क्षेत्र में विधानसभा मीडिया प्रभारी मो. खुर्शीद हुसैन व नगर मंत्री मोहित राजपूत के नेतृत्व में तथा श्रीकृष्णापुर वार्ड के वीर भट्टी में युवा नेता शान अख्तर, महिला नेत्री सुनीता, सोनी व सनी के नेतृत्व में 100-150 क्षेत्रवासियों का ऑक्सीजन लेवल, पल्स रेट व टेम्प्रेचर चेक किया। ऑक्सीजन का स्तर सामान्य से कम तथा पल्स रेट सामान्य से अधिक आने पर चिकित्सकीय परामर्श लेने की सलाह दी गयी। दूसरी ओर जिला महामंत्री देवेंद्र लाल ने बताया कि आम आदमी पार्टी की ओर से निर्धन परिवारों में राशन वितरण किया। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : अरविंद केजरीवाल और आप :  इस ‘झाड़ू’ ने तो गंदगी ही अधिक फैला दी….

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल। शायद अपने कर्मों से अपनी नियति में ही ‘बिछड़े सभी बारी-बारी’ लिखा चुके केजरीवाल पर अब उनके प्रमुख सहयोगी कुमार विश्वास ने भी ‘अविश्वास ‘ जता दिया है। यह तब हुआ है जब केजरीवाल ने कभी कांग्रेस में रहते उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले और ‘अपनी गुप्ता बिरादरी’ के लोगों को बिना किसी ‘आन्दोलन  के इतिहास ‘ के राज्य सभा भेजने के लिए विश्वास पर तरजीह दे कर ‘विश्वास’ जताया है। अपनी कही बात सही ठहराई है, ‘हाँ मैं बनिया हूँ, धंधा समझता हूँ ‘.. जता दिया राजनीति में वे क्यों हैं , और लालू-मुलायम-मायावती के साथ वे क्यों खड़े होते हैं …।

वहीं इससे पूर्व ऐसी ही स्थिति तब आई थी जब केजरीवाल के पूर्व सहयोगी व मंत्री रहे कपिल मिश्रा ने उन पर दो करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के आरोप लगा दिए थे। यह आरोप भले साबित हों या नहीं भी, किन्तु इतना तय है कि इस आरोप के बाद केजरीवाल का चेहरा कभी भी पूर्ववत न जुड़ सकने योग्य स्थिति तक खंडित हो चुका है….।

केजरीवाल का राजनीतिक चेहरा बनने से कहीं अधिक बार और अनवरत टूटता रहा है। यह सिलसिला उनकी पार्टी बनने और इसके उत्थान से ही जारी है। पहली जीत के बाद वे दिल्ली विधानसभा में सरकार बनाना ही नहीं चाहते थे। बहुत मजबूरी-जनदबाव में बनानी पड़ी तो बना ली। और आगे हर कदम, एक कदम सत्ता सुख (बंगला-गाड़ी) बटोरते और फिर मानो याद आते ही ठुकराते चले। क्योंकि नजरें तो दिल्ली की बड़ी कुरसी पर लगी थीं। जन लोकपाल बिल शर्तिया गिर जाएगा, पता था। बिल पास ना होगा तो इस्तीफा दे देंगे, की घोषणा कर चुके थे। बिल विधानसभा के पटल पर रख भी दिया। फिर ठिठके, बिल रखे जाने पर सहमति-असहमति की वोटिंग करवाने को राजी हो गए। इस्तीफा दिया, और चलते बने। किसी ने कहा-पहले ही कहा था, “झाड़ू दो-तीन महीने से अधिक नहीं चलती। सफाई भी तब करती है, जब सफाई करने वाले हाथ अनुभवी हों, उन हाथों में सफाई करने की दृढ़ इच्छा शक्ति हो, नीयत हो। और ना हो, तो यही होता है, सफाई कम होती है-गंदगी अधिक फैल जाती है।” केजरीवाल सरकार ने 49 दिनों में क्या खोया-क्या पाया, इस पर बिना दिमाग खपाए भी विश्लेषण किया जाए तो हर कोई यही कहेगा-“इस झाड़ू ने तो गंदगी ही अधिक फैला दी।”

मैंने पूछा, साहब – आदमी या जनता से पहले “आम” शब्द क्यों लगाते हैं ? जैसे- आम जनता, आम आदमी… तो वे हँस पड़े,  बोले, “ताकि उसे चूसा जा सके… और काम निकल जाने पर गुठली की तरह फेंका भी जा सके।”

केजरीवाल ने पहले सभी सरकारी सुख-सुविधाएँ न लेने का वादा किया था, लेकिन पहले बड़े डुप्लेक्स, फिर गाड़ियों पर ललचा गए। गाडी पर बच्चे की क्रिकेट बॉल से हमला बता दिया। कानून मंत्री खुद ही पुलिस बन कानून तोड़ने लगे। दो पुलिस वालों को हटवाने के लिए धरना दिया, फिर भी उन्हें नहीं हटा पाए। पानी-बिजली के बिल घटाए भी तो सब्सिडी से और आधे किए तो सिर्फ ‘अपनों’ के (वह भी सरकार जाने के बाद पता नहीं होंगे भी या नहीं)। वादे के अनुरूप शीला के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। यानी कुल मिलाकर अपनी साख ही गिराई। जनता को उम्मीद बंधाकर उम्मीदों पर पानी फेर दिया। सरकार बनाते समय तो जनता की राय ली थी, गिराते वक्त राय नहीं ली। मौका था, लेकिन जरूरत ही नहीं समझी। इसका अंदाजा राजनीति के जानने वालों को पहले से ही था।

ऐसे में यह सवाल भी तभी से उठने लगे कि जो सीएम पद की कुर्सी पर 50 दिन पूरे नहीं कर पाये, क्या पीएम पद की कुर्सी पर 5 साल बैठने का ख्वाब देखने योग्य भी हें। उल्टे कहीं ‘आधी छोड़ सारी को धाये, आधी मिले न पूरी पावे’ कि उक्ति चरितार्थ हो जाये।

…क्या अरविन्द ही इकलौते ‘आम आदमी’ हैं ?

दिल्ली को मध्यावधि चुनावों की और धकेलने का फैसला अरविन्द केजरीवाल का था या कि उनके ‘कथित और पंजीकृत आम आदमी’ का ? क्या दिल्ली का ‘पंजीकृत आम आदमी’ वाकई यही चाहता था ? या केवल ‘आम आदमी’ के नाम पर ‘आम आदमी’ को ही ‘बेवकूफ’ बना रहे ‘आम आदमी पार्टी’ के सर्वेसर्वा-अरविन्द अपने दम्भ में यह चाहते थे ?

नहीं तो ‘आप’ भाजपा को जन लोकपाल व अन्य मुद्दों पर सशर्त समर्थन देने की बात कर रहे प्रशांत और पूर्व सहयोगी रही किरण बेदी की तो सुनते…, क्या वह ‘आम आदमी’ नहीं थे, या कि अरविन्द ही इकलौते ‘आम आदमी’ हैं ? कांग्रेस ने चुनाव के तत्काल बाद उन्हें बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान कर दिया था, उसे भी आप ने नहीं माना। या कि अरविन्द चुनाव पूर्व किसी भी अन्य राजनीतिक दल की तरह, अपने ही किये असम्भव से ‘चुनावी वादों’ को पूरा करने से डर गए थे ? वैसे भी अपने राजनीतिक गुरु अन्ना हजारे से लेकर किरन बेदी व स्वामी अग्निवेश आदि को एक-एक कर खो चुके अति ऊर्जावान अरविंद केजरीवाल की शख्सियत और उनका इतिहास आश्वस्त नहीं करता कि वह सबको साथ लेकर चल सकते हैं।

आम आदमी की नहीं ‘अकेले’ की (‘अ’ से अरविंद, ‘के’ से केजरीवा‘ले’ के दिमाग की उपज) है आप 

आम आदमी ने नहीं अरविंद के दिमाग ने जिताया है ‘आप’ को.. जी हां, भले विश्वास न हो, पर यही सही है। केवल एक सवाल का जवाब इस बात को स्वतः साबित कर सकता है। आम आदमी के प्रतीक-जरूरतें क्या होती हैं, जी हां, रोटी, कपड़ा और मकान। यह प्रतीक व जरूरतें भले आज के दौर में गाड़ी, बंगला भी हो गए हों तो भी झाड़ू तो कभी भी ना होंगे। केजरीवाल ने दिल्ली वालों के बिजली के कटे कनेक्शन जोड़कर और पानी के बड़े बिलों की बात से अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी, सो बिजली के कोई उपकरण यानी पानी के नल जैसे चुनाव चिन्ह भी उनके हो सकते थे, लेकिन ऐसा भी न हुआ। जितने लोग बीते दिनों दिल्ली की गलियों में झाड़ू हाथों में लहराते दिखे, उनमें से महिलाओं को छोड़कर कोई मुश्किल से ही अपने घर में भी झाड़ू लगाकर सफाई करते होंगे। 

लेकिन यही झाड़ू है, जिसने एक खास जाति वर्ग के लोगों को इस चुनाव चिन्ह की बदौलत ही ‘आप’ से जोड़ दिया। क्या यह सही नहीं है। और यह इत्तफाक है या कि सोची समझी रणनीति ? खुद सोच लें। यानी ‘आप’ की राजनीति जातिगत राजनीति से बाहर नहीं निकली है।

अब धर्म-पंथ की राजनीति की बात…. मौजूदा कांग्रेस-भाजपा की राजनीति से बात शुरू करते हैं। हिंदुओं और धारा 370 की बात करने वाली तथा बाबरी विध्वंस व गोधरा की आरोपी भाजपा दूसरे धर्म विशेष की घोषित रूप से दुश्मन नंबर एक है। सो इस धर्म विशेष के लोग उस पार्टी को वोट देते हैं, जिसमें भाजपा को हराने की क्षमता दिखती है, और इस कसौटी पर आम तौर पर लोक सभा चुनावों में कांग्रेस तो यूपी जैसे राज्यों के विधानसभा चुनावों में सपा और बसपा जैसी पार्टियों पर उनकी नेमत बरस पड़ती है। इधर दिल्ली के विस चुनावों में कांग्रेस की डूबती नैया को देखते हुए इस धर्म के मतदाताओं के पास एक ही विकल्प बचा-आप। यह है आप की जीत का दूसरा कारण। और साफ हो गया कि आप ने राजनीति को जाति व धर्म की राजनीति से बाहर नहीं निकाला। 

लेकिन इसके साथ ही अब तक देश में कांग्रेस के कुशासन के विकल्प के रूप में मोदी को देख रहे नवमतदाताओं के मन में दिल्ली विस चुनावों के दौरान आप निःसंदेह एक विकल्प के उभरी। अन्ना के आंदोलन और निर्भया मामले में दिल्ली की सड़कों पर उतरे दक्षिणपंथी व राष्ट्रवादी विचारों की राजनीति के इन नवांकुरों को भी लगा कि विस चुनावों में आप को आजमा लिया जाए, और यह फैक्टर भी आप की जीत का एक कारण बना। 

एक अन्य कोण पर दिल्ली में उपभोक्तावाद, पश्चिमीकरण आदि प्रतिमानों के साथ बामपंथी विचारधारा के लोगों के समक्ष अब तक किसी अन्य विकल्प के अभाव में कांग्रेस को ही वोट डालने की मजबूरी रहती थी। इस वर्ग को इस बार के चुनावों में आप अपने अधिक करीब नजर आई। उनके समक्ष अपने प्रभाव क्षेत्रों में खिसकती जमीन को उर्वर और उन्नत बताने की मजबूरी भी थी, सो उन्होंने  भी आप को वोट दिए, और हो गया इस राजनीतिक कॉकटेल से आप का पहले चुनावों में करिश्माई प्रदर्शन। 

भविष्य की चिंताएं… अब यह भी देख लें कि दिल्ली की जनता से प्रति परिवार प्रतिदिन 700 लीटर पीने का पानी और मौजूदा से आधी दर पर बिजली देने का वादा करने के बाद किसी तरह उसे पूरा करने का जोखिम लेने से बच रही आप का भविष्य क्या हो सकता है। 

देश के लोकतांत्रिक राजनीतिक इतिहास में यह 70 के दशक से ही देखा जा रहा है कि जिस दल या उसके नेता ने देश या किसी राज्य को अपनी हठधर्मिता के कारण मध्यावधि चुनाव की आग में धकेला उसका हश्र क्या हुआ। फरवरी-2005 के बिहार विधानसभा के चुनाव में आप की ही तरह राजद से अलग होकर बंगला चुनाव चिन्ह के साथ रामविलास पासवान अपनी लोक जन शक्ति पार्टी-लोजपा को 29 विधायक जिता लाए थे, लेकिन उन्होंने नितीश कुमार को समर्थन नहीं दिया, फलस्वरूप बिहार में राष्ट्रपति शासन लग गया, जिसके बाद अक्टूबर-2005 में हुए मध्यावधि चुनाव में लोजपा 10 सीटों पर और आगे 2010 के चुनाव में महज 4 सीटों पर सिमट गई, बाद में उनमें से भी तीन विधायक जदयू में शामिल हो गए। देश को मध्यावधि चुनावों की ओर धकेलने वाली मोरारजी देसाई सरकार के साथ भी यही कुछ हुआ था। 

आप की तरह आंध्र में 1983 में ‘तेलुगु देशम’ और 1985 में असम में तब महज छात्र संघ रहे प्रफुल्ल कुमार महंत की अगुवाई वाले ‘असम गंण परिषद’ ने अनुपात की दृष्टि से आप से भी अधिक सीटें हासिल की थीं, लेकिन बाद में वह भी मुख्य धारा की राजनीति में ही बिला गईं। 

आप वर्तमान दौर में एक-दूसरे के कार्बन कॉपी कहे जाने वाले कांग्रेस-भाजपा जैसे मौजूदा राजनीतिक दलों के बीच जनता में उपजी राजनीतिक थकान के बीच नई ऊर्जा का संचार करती हुई उम्मीद तो जगाती है, लेकिन अपने मुखिया और ना कहते हुए भी ‘एकोऽहम् द्वितियो नास्ति’ के पुरोधा नजर आ रहे अरविंद केजरीवाल के दंभ से डरा भी रही है, कि वह अपने पहले कदम से ही मौजूदा अन्य राजनीतिक दलों जैसा ही व्यवहार कर रही है। चुनाव परिणामों के बाद भाजपा की ही तरह उसने भी आम जनता की भावनाओं नहीं वरन राजनीतिक नफा-नुकसान देखकर सरकार बनाने से तौबा कर ली है। चुनाव के दौरान उसने कांग्रेस को निसाने पर लिया, और भाजपा के खिलाफ मुंह नहीं खोला, क्योंकि यहां उसे कांग्रेस को सत्ता से च्युत करना था और इस लड़ाई में उसके साथ मोदी को प्रधानमंत्री देखने वाले युवा भी थे। और परिणाम आने से हौंसले बुलंद होने के बाद भाजपा को नंबर वन दुश्मन करार दे दिया है, क्योंकि यहां से उन्हें लगता है कि आज के दौर के बड़े दुश्मन को वह हरा चुके हैं, और इस ताकत से वह अपने बड़े दुश्मन से भी पार पा लेंगे, नहीं भी तो इस लोक सभा चुनाव में अपनी राष्ट्रीय पहचान तो बना ही लेंगे। 

और आखिर में केवला इतना कि एक राजनीतिक दल के रूप में ‘आप’ जो कर रही है, उससे किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि उसे एक राजनीतिक दल के रूप में राजनीतिक नफे-नुकसान का हिसाब लगाकर हर निर्णय लेने की स्वतंत्रता और पूर्ण अधिकार है। बस अगर वह ‘आम आदमी’ का नाम लेकर ढोंग करेगी तो शायद जनता उसे दूसरा मौका नहीं देगी।

कैसे बना अरविंद केजरीवाल , जानिए पूरी कहानी!

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली एनजीओ गिरोह ‘राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी)’ ने घोर सांप्रदायिक ‘सांप्रदायिक और लक्ष्य केंद्रित हिंसा निवारण अधिनियम’ का ड्राफ्ट तैयार किया है। एनएसी की एक प्रमुख सदस्य अरुणा राय के साथ मिलकर अरविंद केजरीवाल ने सरकारी नौकरी में रहते हुए एनजीओ की कार्यप्रणाली समझी और फिर ‘परिवर्तन’ नामक एनजीओ से जुड़ गए। अरविंद लंबे अरसे तक राजस्व विभाग से छुटटी लेकर भी सरकारी तनख्वाह ले रहे थे और एनजीओ से भी वेतन उठा रहे थे, जो ‘श्रीमान ईमानदार’ को कानूनन भ्रष्टाचारी की श्रेणी में रखता है। वर्ष 2006 में ‘परिवर्तन’ में काम करने के दौरान ही उन्हें अमेरिकी ‘फोर्ड फाउंडेशन’ व ‘रॉकफेलर ब्रदर्स फंड’ ने ‘उभरते नेतृत्व’ के लिए ‘रेमॉन मेग्सेसाय’ पुरस्कार दिया, जबकि उस वक्त तक अरविंद ने ऐसा कोई काम नहीं किया था, जिसे उभरते हुए नेतृत्व का प्रतीक माना जा सके। इसके बाद अरविंद अपने पुराने सहयोगी मनीष सिसोदिया के एनजीओ ‘कबीर’ से जुड़ गए, जिसका गठन इन दोनों ने मिलकर वर्ष 2005 में किया था।
अरविंद को समझने से पहले ‘रेमॉन मेग्सेसाय’ को समझ लीजिए!
अमेरिकी नीतियों को पूरी दुनिया में लागू कराने के लिए अमेरिकी खुफिया ब्यूरो ‘सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए)’ अमेरिका की मशहूर कार निर्माता कंपनी ‘फोर्ड’ द्वारा संचालित ‘फोर्ड फाउंडेशन’ एवं कई अन्य फंडिंग एजेंसी के साथ मिलकर काम करती रही है। 1953 में फिलिपिंस की पूरी राजनीति व चुनाव को सीआईए ने अपने कब्जे में ले लिया था। भारतीय अरविंद केजरीवाल की ही तरह सीआईए ने उस वक्त फिलिपिंस में ‘रेमॉन मेग्सेसाय’ को खड़ा किया था और उन्हें फिलिपिंस का राष्ट्रपति बनवा दिया था। अरविंद केजरीवाल की ही तरह ‘रेमॉन मेग्सेसाय’ का भी पूर्व का कोई राजनैतिक इतिहास नहीं था। ‘रेमॉन मेग्सेसाय’ के जरिए फिलिपिंस की राजनीति को पूरी तरह से अपने कब्जे में करने के लिए अमेरिका ने उस जमाने में प्रचार के जरिए उनका राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय ‘छवि निर्माण’ से लेकर उन्हें ‘नॉसियोनालिस्टा पार्टी’ का उम्मीदवार बनाने और चुनाव जिताने के लिए करीब 5 मिलियन डॉलर खर्च किया था। तत्कालीन सीआईए प्रमुख एलन डॉउल्स की निगरानी में इस पूरी योजना को उस समय के सीआईए अधिकारी ‘एडवर्ड लैंडस्ले’ ने अंजाम दिया था। इसकी पुष्टि 1972 में एडवर्ड लैंडस्ले द्वारा दिए गए एक साक्षात्कार में हुई।
ठीक अरविंद केजरीवाल की ही तरह रेमॉन मेग्सेसाय की ईमानदार छवि को गढ़ा गया और ‘डर्टी ट्रिक्स’ के जरिए विरोधी नेता और फिलिपिंस के तत्कालीन राष्ट्रपति ‘क्वायरिनो’ की छवि धूमिल की गई। यह प्रचारित किया गया कि क्वायरिनो भाषण देने से पहले अपना आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए ड्रग का उपयोग करते हैं। रेमॉन मेग्सेसाय की ‘गढ़ी गई ईमानदार छवि’ और क्वायरिनो की ‘कुप्रचारित पतित छवि’ ने रेमॉन मेग्सेसाय को दो तिहाई बहुमत से जीत दिला दी और अमेरिका अपने मकसद में कामयाब रहा था। भारत में इस समय अरविंद केजरीवाल बनाम अन्य राजनीतिज्ञों की बीच अंतर दर्शाने के लिए छवि गढ़ने का जो प्रचारित खेल चल रहा है वह अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए द्वारा अपनाए गए तरीके और प्रचार से बहुत कुछ मेल खाता है।
उन्हीं ‘रेमॉन मेग्सेसाय’ के नाम पर एशिया में अमेरिकी नीतियों के पक्ष में माहौल बनाने वालों, वॉलेंटियर तैयार करने वालों, अपने देश की नीतियों को अमेरिकी हित में प्रभावित करने वालों, भ्रष्टायचार के नाम पर देश की चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने वालों को ‘फोर्ड फाउंडेशन’ व ‘रॉकफेलर ब्रदर्स फंड’ मिलकर अप्रैल 1957 से ‘रेमॉन मेग्सेसाय’ अवार्ड प्रदान कर रही है। ‘आम आदमी पार्टी’ के संयोजक अरविंद केजरीवाल और उनके साथी व ‘आम आदमी पार्टी’ के विधायक मनीष सिसोदिया को भी वही ‘रेमॉन मेग्सेसाय’ पुरस्कार मिला है और सीआईए के लिए फंडिंग करने वाली उसी ‘फोर्ड फाउंडेशन’ के फंड से उनका एनजीओ ‘कबीर’ और ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ मूवमेंट खड़ा हुआ है।
भारत में राजनैतिक अस्थिरता के लिए एनजीओ और मीडिया में विदेशी फंडिंग!
‘फोर्ड फाउंडेशन’ के एक अधिकारी स्टीवन सॉलनिक के मुताबिक ‘‘कबीर को फोर्ड फाउंडेशन की ओर से वर्ष 2005 में 1 लाख 72 हजार डॉलर एवं वर्ष 2008 में 1 लाख 97 हजार अमेरिकी डॉलर का फंड दिया गया।’’ यही नहीं, ‘कबीर’ को ‘डच दूतावास’ से भी मोटी रकम फंड के रूप में मिली। अमेरिका के साथ मिलकर नीदरलैंड भी अपने दूतावासों के जरिए दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में अमेरिकी-यूरोपीय हस्तक्षेप बढ़ाने के लिए वहां की गैर सरकारी संस्थाओं यानी एनजीओ को जबरदस्त फंडिंग करती है।
अंग्रेजी अखबार ‘पॉयनियर’ में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक डच यानी नीदरलैंड दूतावास अपनी ही एक एनजीओ ‘हिवोस’ के जरिए नरेंद्र मोदी की गुजरात सरकार को अस्थिर करने में लगे विभिन्‍न भारतीय एनजीओ को अप्रैल 2008 से 2012 के बीच लगभग 13 लाख यूरो, मतलब करीब सवा नौ करोड़ रुपए की फंडिंग कर चुकी है। इसमें एक अरविंद केजरीवाल का एनजीओ भी शामिल है। ‘हिवोस’ को फोर्ड फाउंडेशन भी फंडिंग करती है।
डच एनजीओ ‘हिवोस’ दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में केवल उन्हीं एनजीओ को फंडिंग करती है,जो अपने देश व वहां के राज्यों में अमेरिका व यूरोप के हित में राजनैतिक अस्थिरता पैदा करने की क्षमता को साबित करते हैं। इसके लिए मीडिया हाउस को भी जबरदस्त फंडिंग की जाती है। एशियाई देशों की मीडिया को फंडिंग करने के लिए अमेरिका व यूरोपीय देशों ने ‘पनोस’ नामक संस्था का गठन कर रखा है। दक्षिण एशिया में इस समय ‘पनोस’ के करीब आधा दर्जन कार्यालय काम कर रहे हैं। ‘पनोस’ में भी फोर्ड फाउंडेशन का पैसा आता है। माना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल के मीडिया उभार के पीछे इसी ‘पनोस’ के जरिए ‘फोर्ड फाउंडेशन’ की फंडिंग काम कर रही है। ‘सीएनएन-आईबीएन’ व ‘आईबीएन-7’ चैनल के प्रधान संपादक राजदीप सरदेसाई ‘पॉपुलेशन काउंसिल’ नामक संस्था के सदस्य हैं, जिसकी फंडिंग अमेरिका की वही ‘रॉकफेलर ब्रदर्स’ करती है जो ‘रेमॉन मेग्सेसाय’ पुरस्कार के लिए ‘फोर्ड फाउंडेशन’ के साथ मिलकर फंडिंग करती है।

माना जा रहा है कि ‘पनोस’ और ‘रॉकफेलर ब्रदर्स फंड’ की फंडिंग का ही यह कमाल है कि राजदीप सरदेसाई का अंग्रेजी चैनल ‘सीएनएन-आईबीएन’ व हिंदी चैनल ‘आईबीएन-7’ न केवल अरविंद केजरीवाल को ‘गढ़ने’ में सबसे आगे रहे हैं, बल्कि 21 दिसंबर 2013 को ‘इंडियन ऑफ द ईयर’ का पुरस्कार भी उसे प्रदान किया है। ‘इंडियन ऑफ द ईयर’ के पुरस्कार की प्रयोजक कंपनी ‘जीएमआर’ भ्रष्टािचार में में घिरी है।

‘जीएमआर’ के स्वामित्व वाली ‘डायल’ कंपनी ने देश की राजधानी दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा विकसित करने के लिए यूपीए सरकार से महज 100 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से जमीन हासिल किया है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ‘सीएजी’ ने 17 अगस्त 2012 को संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा था कि जीएमआर को सस्ते दर पर दी गई जमीन के कारण सरकारी खजाने को 1 लाख 63 हजार करोड़ रुपए का चूना लगा है। इतना ही नहीं, रिश्वत देकर अवैध तरीके से ठेका हासिल करने के कारण ही मालदीव सरकार ने अपने देश में निर्मित हो रहे माले हवाई अड्डा का ठेका जीएमआर से छीन लिया था। सिंगापुर की अदालत ने जीएमआर कंपनी को भ्रष्टााचार में शामिल होने का दोषी करार दिया था। तात्पर्य यह है कि अमेरिकी-यूरोपीय फंड, भारतीय मीडिया और यहां यूपीए सरकार के साथ घोटाले में साझीदार कारपोरेट कंपनियों ने मिलकर अरविंद केजरीवाल को ‘गढ़ा’ है, जिसका मकसद आगे पढ़ने पर आपको पता चलेगा।

‘जनलोकपाल आंदोलन’ से ‘आम आदमी पार्टी’ तक का शातिर सफर!
आरोप है कि विदेशी पुरस्कार और फंडिंग हासिल करने के बाद अमेरिकी हित में अरविंद केजरीवाल व मनीष सिसोदिया ने इस देश को अस्थिर करने के लिए ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ का नारा देते हुए वर्ष 2011 में ‘जनलोकपाल आंदोलन’ की रूप रेखा खिंची। इसके लिए सबसे पहले बाबा रामदेव का उपयोग किया गया, लेकिन रामदेव इन सभी की मंशाओं को थोड़ा-थोड़ा समझ गए थे। स्वामी रामदेव के मना करने पर उनके मंच का उपयोग करते हुए महाराष्ट्र के सीधे-साधे, लेकिन भ्रष्टानचार के विरुद्ध कई मुहीम में सफलता हासिल करने वाले अन्ना हजारे को अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली से उत्तर भारत में ‘लॉंच’ कर दिया। अन्ना हजारे को अरिवंद केजरीवाल की मंशा समझने में काफी वक्त लगा, लेकिन तब तक जनलोकपाल आंदोलन के बहाने अरविंद ‘कांग्रेस पार्टी व विदेशी फंडेड मीडिया’ के जरिए देश में प्रमुख चेहरा बन चुके थे। जनलोकपाल आंदोलन के दौरान जो मीडिया अन्ना-अन्ना की गाथा गा रही थी, ‘आम आदमी पार्टी’ के गठन के बाद वही मीडिया अन्ना को असफल साबित करने और अरविंद केजरीवाल के महिमा मंडन में जुट गई।

विदेशी फंडिंग तो अंदरूनी जानकारी है, लेकिन उस दौर से लेकर आज तक अरविंद केजरीवाल को प्रमोट करने वाली हर मीडिया संस्थान और पत्रकारों के चेहरे को गौर से देखिए। इनमें से अधिकांश वो हैं, जो कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के द्वारा अंजाम दिए गए 1 लाख 76 हजार करोड़ के 2जी स्पेक्ट्रम, 1 लाख 86 हजार करोड़ के कोल ब्लॉक आवंटन, 70 हजार करोड़ के कॉमनवेल्थ गेम्स और ‘कैश फॉर वोट’ घोटाले में समान रूप से भागीदार हैं।
आगे बढ़ते हैं…! अन्ना जब अरविंद और मनीष सिसोदिया के पीछे की विदेशी फंडिंग और उनकी छुपी हुई मंशा से परिचित हुए तो वह अलग हो गए, लेकिन इसी अन्ना के कंधे पर पैर रखकर अरविंद अपनी ‘आम आदमी पार्टी’ खड़ा करने में सफल रहे। जनलोकपाल आंदोलन के पीछे ‘फोर्ड फाउंडेशन’ के फंड को लेकर जब सवाल उठने लगा तो अरविंद-मनीष के आग्रह व न्यूयॉर्क स्थित अपने मुख्यालय के आदेश पर फोर्ड फाउंडेशन ने अपनी वेबसाइट से ‘कबीर’ व उसकी फंडिंग का पूरा ब्यौरा ही हटा दिया। लेकिन उससे पहले अन्ना आंदोलन के दौरान 31 अगस्त 2011 में ही फोर्ड के प्रतिनिधि स्टीवेन सॉलनिक ने ‘बिजनस स्टैंडर’ अखबार में एक साक्षात्कार दिया था, जिसमें यह कबूल किया था कि फोर्ड फाउंडेशन ने ‘कबीर’ को दो बार में 3 लाख 69 हजार डॉलर की फंडिंग की है। स्टीवेन सॉलनिक के इस साक्षात्कार के कारण यह मामला पूरी तरह से दबने से बच गया और अरविंद का चेहरा कम संख्या में ही सही, लेकिन लोगों के सामने आ गया।

सूचना के मुताबिक अमेरिका की एक अन्य संस्था ‘आवाज’ की ओर से भी अरविंद केजरीवाल को जनलोकपाल आंदोलन के लिए फंड उपलब्ध कराया गया था और इसी ‘आवाज’ ने दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए भी अरविंद केजरीवाल की ‘आम आदमी पार्टी’ को फंड उपलब्ध कराया। सीरिया, इजिप्ट, लीबिया आदि देश में सरकार को अस्थिर करने के लिए अमेरिका की इसी ‘आवाज’ संस्था ने वहां के एनजीओ, ट्रस्ट व बुद्धिजीवियों को जमकर फंडिंग की थी। इससे इस विवाद को बल मिलता है कि अमेरिका के हित में हर देश की पॉलिसी को प्रभावित करने के लिए अमेरिकी संस्था जिस ‘फंडिंग का खेल’ खेल खेलती आई हैं, भारत में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और ‘आम आदमी पार्टी’ उसी की देन हैं।

सुप्रीम कोर्ट के वकील एम.एल.शर्मा ने अरविंद केजरीवाल व मनीष सिसोदिया के एनजीओ व उनकी ‘आम आदमी पार्टी’ में चुनावी चंदे के रूप में आए विदेशी फंडिंग की पूरी जांच के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर रखी है। अदालत ने इसकी जांच का निर्देश दे रखा है, लेकिन केंद्रीय गृहमंत्रालय इसकी जांच कराने के प्रति उदासीनता बरत रही है, जो केंद्र सरकार को संदेह के दायरे में खड़ा करता है। वकील एम.एल.शर्मा कहते हैं कि ‘फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट-2010’ के मुताबिक विदेशी धन पाने के लिए भारत सरकार की अनुमति लेना आवश्यक है। यही नहीं, उस राशि को खर्च करने के लिए निर्धारित मानकों का पालन करना भी जरूरी है। कोई भी विदेशी देश चुनावी चंदे या फंड के जरिए भारत की संप्रभुता व राजनैतिक गतिविधियों को प्रभावित नहीं कर सके, इसलिए यह कानूनी प्रावधान किया गया था, लेकिन अरविंद केजरीवाल व उनकी टीम ने इसका पूरी तरह से उल्लंघन किया है। बाबा रामदेव के खिलाफ एक ही दिन में 80 से अधिक मुकदमे दर्ज करने वाली कांग्रेस सरकार की उदासीनता दर्शाती है कि अरविंद केजरीवाल को वह अपने राजनैतिक फायदे के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

अमेरिकी ‘कल्चरल कोल्ड वार’ के हथियार हैं अरविंद केजरीवाल!
फंडिंग के जरिए पूरी दुनिया में राजनैतिक अस्थिरता पैदा करने की अमेरिका व उसकी खुफिया एजेंसी ‘सीआईए’ की नीति को ‘कल्चरल कोल्ड वार’ का नाम दिया गया है। इसमें किसी देश की राजनीति, संस्कृति व उसके लोकतंत्र को अपने वित्त व पुरस्कार पोषित समूह, एनजीओ, ट्रस्ट, सरकार में बैठे जनप्रतिनिधि, मीडिया और वामपंथी बुद्धिजीवियों के जरिए पूरी तरह से प्रभावित करने का प्रयास किया जाता है। अरविंद केजरीवाल ने ‘सेक्यूलरिज्म’ के नाम पर इसकी पहली झलक अन्ना के मंच से ‘भारत माता’ की तस्वीर को हटाकर दे दिया था। चूंकि इस देश में भारत माता के अपमान को ‘सेक्यूलरिज्म का फैशनेबल बुर्का’ समझा जाता है, इसलिए वामपंथी बुद्धिजीवी व मीडिया बिरादरी इसे अरविंद केजरीवाल की धर्मनिरपेक्षता साबित करने में सफल रही।

एक बार जो धर्मनिरपेक्षता का गंदा खेल शुरू हुआ तो फिर चल निकला और ‘आम आदमी पार्टी’ के नेता प्रशांत भूषण ने तत्काल कश्मीर में जनमत संग्रह कराने का सुझाव दे दिया। प्रशांत भूषण यहीं नहीं रुके, उन्होंने संसद हमले के मुख्य दोषी अफजल गुरु की फांसी का विरोध करते हुए यह तक कह दिया कि इससे भारत का असली चेहरा उजागर हो गया है। जैसे वह खुद भारत नहीं, बल्कि किसी दूसरे देश के नागरिक हों?

प्रशांत भूषण लगातार भारत विरोधी बयान देते चले गए और मीडिया व वामपंथी बुद्धिजीवी उनकी आम आदमी पार्टी को ‘क्रांतिकारी सेक्यूलर दल’ के रूप में प्रचारित करने लगी। प्रशांत भूषण को हौसला मिला और उन्होंने केंद्र सरकार से कश्मीर में लागू एएफएसपीए कानून को हटाने की मांग करते हुए कह दिया कि सेना ने कश्मीरियों को इस कानून के जरिए दबा रखा है। इसके उलट हमारी सेना यह कह चुकी है कि यदि इस कानून को हटाया जाता है तो अलगाववादी कश्मीर में हावी हो जाएंगे।

अमेरिका का हित इसमें है कि कश्मीर अस्थिर रहे या पूरी तरह से पाकिस्तान के पाले में चला जाए ताकि अमेरिका यहां अपना सैन्य व निगरानी केंद्र स्थापित कर सके। यहां से दक्षिण-पश्चिम व दक्षिण-पूर्वी एशिया व चीन पर नजर रखने में उसे आसानी होगी। आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण अपनी झूठी मानवाधिकारवादी छवि व वकालत के जरिए इसकी कोशिश पहले से ही करते रहे हैं और अब जब उनकी ‘अपनी राजनैतिक पार्टी’ हो गई है तो वह इसे राजनैतिक रूप से अंजाम देने में जुटे हैं। यह एक तरह से ‘लिटमस टेस्ट’ था, जिसके जरिए आम आदमी पार्टी ‘ईमानदारी’ और ‘छद्म धर्मनिरपेक्षता’ का ‘कॉकटेल’ तैयार कर रही थी।

8 दिसंबर 2013 को दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में 28 सीटें जीतने के बाद अपनी सरकार बनाने के लिए अरविंद केजरीवाल व उनकी पार्टी द्वारा आम जनता को अधिकार देने के नाम पर जनमत संग्रह का जो नाटक खेला गया, वह काफी हद तक इस ‘कॉकटेल’ का ही परीक्षण है। सवाल उठने लगा है कि यदि देश में आम आदमी पार्टी की सरकार बन जाए और वह कश्मीर में जनमत संग्रह कराते हुए उसे पाकिस्तान के पक्ष में बता दे तो फिर क्या होगा?

आखिर जनमत संग्रह के नाम पर उनके ‘एसएमएस कैंपेन’ की पारदर्शिता ही कितनी है? अन्ना हजारे भी एसएमएस कार्ड के नाम पर अरविंद केजरीवाल व उनकी पार्टी द्वारा की गई धोखाधड़ी का मामला उठा चुके हैं। दिल्ली के पटियाला हाउस अदालत में अन्ना व अरविंद को पक्षकार बनाते हुए एसएमएस कार्ड के नाम पर 100 करोड़ के घोटाले का एक मुकदमा दर्ज है। इस पर अन्ना ने कहा, ‘‘मैं इससे दुखी हूं, क्योंकि मेरे नाम पर अरविंद के द्वारा किए गए इस कार्य का कुछ भी पता नहीं है और मुझे अदालत में घसीट दिया गया है, जो मेरे लिए बेहद शर्म की बात है।’’

प्रशांत भूषण, अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और उनके ‘पंजीकृत आम आदमी’ ने जब देखा कि ‘भारत माता’ के अपमान व कश्मीर को भारत से अलग करने जैसे वक्तव्य पर ‘मीडिया-बुद्धिजीवी समर्थन का खेल’ शुरू हो चुका है तो उन्होंने अपनी ईमानदारी की चासनी में कांग्रेस के छद्म सेक्यूलरवाद को मिला लिया। उनके बयान देखिए, प्रशांत भूषण ने कहा, ‘इस देश में हिंदू आतंकवाद चरम पर है’, तो प्रशांत के सुर में सुर मिलाते हुए अरविंद ने कहा कि ‘बाटला हाउस एनकाउंटर फर्जी था और उसमें मारे गए मुस्लिम युवा निर्दोष थे।’ इससे दो कदम आगे बढ़ते हुए अरविंद केजरीवाल उत्तरप्रदेश के बरेली में दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार हो चुके तौकीर रजा और जामा मस्जिद के मौलाना इमाम बुखारी से मिलकर समर्थन देने की मांग की।

याद रखिए, यही इमाम बुखरी हैं, जो खुले आम दिल्ली पुलिस को चुनौती देते हुए कह चुके हैं कि ‘हां, मैं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट हूं, यदि हिम्मत है तो मुझे गिरफ्तार करके दिखाओ।’ उन पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर रखा है लेकिन दिल्ली पुलिस की इतनी हिम्मत नहीं है कि वह जामा मस्जिद जाकर उन्हें गिरफ्तार कर सके। वहीं तौकीर रजा का पुराना सांप्रदायिक इतिहास है। वह समय-समय पर कांग्रेस और मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी के पक्ष में मुसलमानों के लिए फतवा जारी करते रहे हैं। इतना ही नहीं, वह मशहूर बंग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन की हत्या करने वालों को ईनाम देने जैसा घोर अमानवीय फतवा भी जारी कर चुके हैं।

नरेंद्र मोदी के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए फेंका गया ‘आखिरी पत्ता’ हैं अरविंद!
दरअसल विदेश में अमेरिका, सउदी अरब व पाकिस्तान और भारत में कांग्रेस व क्षेत्रीय पाटियों की पूरी कोशिश नरेंद्र मोदी के बढ़ते प्रभाव को रोकने की है। मोदी न अमेरिका के हित में हैं, न सउदी अरब व पाकिस्तान के हित में और न ही कांग्रेस पार्टी व धर्मनिरेपक्षता का ढोंग करने वाली क्षेत्रीय पार्टियों के हित में। मोदी के आते ही अमेरिका की एशिया केंद्रित पूरी विदेश, आर्थिक व रक्षा नीति तो प्रभावित होगी ही, देश के अंदर लूट मचाने में दशकों से जुटी हुई पार्टियों व नेताओं के लिए भी जेल यात्रा का माहौल बन जाएगा। इसलिए उसी भ्रष्टामचार को रोकने के नाम पर जनता का भावनात्मक दोहन करते हुए ईमानदारी की स्वनिर्मित धरातल पर ‘आम आदमी पार्टी’ का निर्माण कराया गया है।

दिल्ली में भ्रष्टाीचार और कुशासन में फंसी कांग्रेस की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की 15 वर्षीय सत्ता के विरोध में उत्पन्न लहर को भाजपा के पास सीधे जाने से रोककर और फिर उसी कांग्रेस पार्टी के सहयोग से ‘आम आदमी पार्टी’ की सरकार बनाने का ड्रामा रचकर अरविंद केजरीवाल ने भाजपा को रोकने की अपनी क्षमता को दर्शा दिया है। अरविंद केजरीवाल द्वारा सरकार बनाने की हामी भरते ही केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, ‘‘भाजपा के पास 32 सीटें थी, लेकिन वो बहुमत के लिए 4 सीटों का जुगाड़ नहीं कर पाई। हमारे पास केवल 8 सीटें थीं, लेकिन हमने 28 सीटों का जुगाड़ कर लिया और सरकार भी बना ली।’’

कपिल सिब्बल का यह बयान भाजपा को रोकने के लिए अरविंद केजरीवाल और उनकी ‘आम आदमी पार्टी’ को खड़ा करने में कांग्रेस की छुपी हुई भूमिका को उजागर कर देता है। वैसे भी अरविंद केजरीवाल और शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित एनजीओ के लिए साथ काम कर चुके हैं। तभी तो दिसंबर-2011 में अन्ना आंदोलन को समाप्त कराने की जिम्मेवारी यूपीए सरकार ने संदीप दीक्षित को सौंपी थी। ‘फोर्ड फाउंडेशन’ ने अरविंद व मनीष सिसोदिया के एनजीओ को 3 लाख 69 हजार डॉलर तो संदीप दीक्षित के एनजीओ को 6 लाख 50 हजार डॉलर का फंड उपलब्ध कराया है। शुरू-शुरू में अरविंद केजरीवाल को कुछ मीडिया हाउस ने शीला-संदीप का ‘ब्रेन चाइल्ड’ बताया भी था, लेकिन यूपीए सरकार का इशारा पाते ही इस पूरे मामले पर खामोशी अख्तियार कर ली गई।

‘आम आदमी पार्टी’ व उसके नेता अरविंद केजरीवाल की पूरी मंशा को इस पार्टी के संस्थापक सदस्य व प्रशांत भूषण के पिता शांति भूषण ने ‘मेल टुडे’ अखबार में लिखे अपने एक लेख में जाहिर भी कर दिया था, लेकिन बाद में प्रशांत-अरविंद के दबाव के कारण उन्होंने अपने ही लेख से पल्ला झाड़ लिया और ‘मेल टुडे’ अखबार के खिलाफ मुकदमा कर दिया। ‘मेल टुडे’ से जुड़े सूत्र बताते हैं कि यूपीए सरकार के एक मंत्री के फोन पर ‘टुडे ग्रुप’ ने भी इसे झूठ कहने में समय नहीं लगाया, लेकिन तब तक इस लेख के जरिए नरेंद्र मोदी को रोकने लिए ‘कांग्रेस-केजरी’ गठबंधन की समूची साजिश का पर्दाफाश हो गया। यह अलग बात है कि कम प्रसार संख्या और अंग्रेजी में होने के कारण ‘मेल टुडे’ के लेख से बड़ी संख्या में देश की जनता अवगत नहीं हो सकी, इसलिए उस लेख के प्रमुख हिस्से को मैं यहां जस का तस रख रहा हूं, जिसमें नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए गठित ‘आम आदमी पार्टी’ की असलियत का पूरा ब्यौरा है।

शांति भूषण ने इंडिया टुडे समूह के अंग्रेजी अखबार ‘मेल टुडे’ में लिखा था, ‘‘अरविंद केजरीवाल ने बड़ी ही चतुराई से भ्रष्टामचार के मुद्दे पर भाजपा को भी निशाने पर ले लिया और उसे कांग्रेस के समान बता डाला। वहीं खुद वह सेक्यूलरिज्म के नाम पर मुस्लिम नेताओं से मिले ताकि उन मुसलमानों को अपने पक्ष में कर सकें जो बीजेपी का विरोध तो करते हैं, लेकिन कांग्रेस से उकता गए हैं। केजरीवाल और आम आदमी पार्टी उस अन्ना हजारे के आंदोलन की देन हैं जो कांग्रेस के करप्शन और मनमोहन सरकार की कारगुजारियों के खिलाफ शुरू हुआ था। लेकिन बाद में अरविंद केजरीवाल की मदद से इस पूरे आंदोलन ने अपना रुख मोड़कर बीजेपी की तरफ कर दिया, जिससे जनता कंफ्यूज हो गई और आंदोलन की धार कुंद पड़ गई।’’

‘‘आंदोलन के फ्लॉप होने के बाद भी केजरीवाल ने हार नहीं मानी। जिस राजनीति का वह कड़ा विरोध करते रहे थे, उन्होंने उसी राजनीति में आने का फैसला लिया। अन्ना इससे सहमत नहीं हुए । अन्ना की असहमति केजरीवाल की महत्वाकांक्षाओं की राह में रोड़ा बन गई थी। इसलिए केजरीवाल ने अन्ना को दरकिनार करते हुए ‘आम आदमी पार्टी’ के नाम से पार्टी बना ली और इसे दोनों बड़ी राष्ट्रीय पार्टियों के खिलाफ खड़ा कर दिया। केजरीवाल ने जानबूझ कर शरारतपूर्ण ढंग से नितिन गडकरी के भ्रष्टािचार की बात उठाई और उन्हें कांग्रेस के भ्रष्टा नेताओं की कतार में खड़ा कर दिया ताकि खुद को ईमानदार व सेक्यूलर दिखा सकें। एक खास वर्ग को तुष्ट करने के लिए बीजेपी का नाम खराब किया गया। वर्ना बीजेपी तो सत्ता के आसपास भी नहीं थी, ऐसे में उसके भ्रष्टा चार का सवाल कहां पैदा होता है?’’

‘‘बीजेपी ‘आम आदमी पार्टी’ को नजरअंदाज करती रही और इसका केजरीवाल ने खूब फायदा उठाया। भले ही बाहर से वह कांग्रेस के खिलाफ थे, लेकिन अंदर से चुपचाप भाजपा के खिलाफ जुटे हुए थे। केजरीवाल ने लोगों की भावनाओं का इस्तेमाल करते हुए इसका पूरा फायदा दिल्ली की चुनाव में उठाया और भ्रष्टावचार का आरोप बड़ी ही चालाकी से कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा पर भी मढ़ दिया। ऐसा उन्होंने अल्पसंख्यक वोट बटोरने के लिए किया।’’
‘‘दिल्ली की कामयाबी के बाद अब अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय राजनीति में आने जा रहे हैं। वह सिर्फ भ्रष्टाीचार की बात कर रहे हैं, लेकिन गवर्नेंस का मतलब सिर्फ भ्रष्टाेचार का खात्मा करना ही नहीं होता। कांग्रेस की कारगुजारियों की वजह से भ्रष्टालचार के अलावा भी कई सारी समस्याएं उठ खड़ी हुई हैं। खराब अर्थव्यवस्था, बढ़ती कीमतें, पड़ोसी देशों से रिश्ते और अंदरूनी लॉ एंड ऑर्डर समेत कई चुनौतियां हैं। इन सभी चुनौतियों को बिना वक्त गंवाए निबटाना होगा।’’

‘‘मनमोहन सरकार की नाकामी देश के लिए मुश्किल बन गई है। नरेंद्र मोदी इसलिए लोगों की आवाज बन रहे हैं, क्योंकि उन्होंने इन समस्याओं से जूझने और देश का सम्मान वापस लाने का विश्वास लोगों में जगाया है। मगर केजरीवाल गवर्नेंस के व्यापक अर्थ से अनभिज्ञ हैं। केजरीवाल की प्राथमिकता देश की राजनीति को अस्थिर करना और नरेंद्र मोदी को सत्ता में आने से रोकना है। ऐसा इसलिए, क्योंकि अगर मोदी एक बार सत्ता में आ गए तो कांग्रेस की दुकान हमेशा के लिए बंद हो जाएगी।’’

‘आआपा’ से संबंधित ‘नवीन समाचार’ पर प्रकाशित पूर्व समाचार इस लिक पर देखें।

Leave a Reply

आप यह भी पढ़ना चाहेंगे :

You cannot copy content of this page