नवीन समाचार, श्रीनगर, 9 फरवरी 2023। आज के दौर में हृदयाघात के साथ कैंसर सबसे बड़ी व भयावह बीमारी है। कैंसर के विरुद्ध मानव की ओर से चल रही बड़ी लड़ाई में गढ़वाल केंद्रीय विवि में एमए हिंदी में पढ़ने वाली एक छात्रा रीना शाही ने स्त्रियों के सबसे बड़े आभूषण यानी अपने बाल कैंसर पीड़ितों के लिए दान कर दिए हैं। रीना के इस कदम को मानव सभ्यता एवं खासकर जानलेवा कैंसर के विरुद्ध चल रही जंग में एक बड़ी पहल माना जा रहा है। माना जा रहा है इसके बाद कैंसर पीड़िता का यह जंग जीतने का संकल्प और मजबूत होगा। यह भी पढ़ें : नैनीताल में गृहस्वामी गए बेटी का निकाह कराने, चोरों ने खंगाल दिया बंद घर…
रीना शाही मूल रूप से जनपद पिथौरागढ़ के ग्राम धामी भैस्कोट की रहने वाली है। उन्होंने हाईस्कूल की पढ़ाई अपने गांव चामी भैस्कोट से और इंटरमीडिएट नैनीताल के मोहन लाल शाह बालिका विद्या मंदिर से किया है। ग्राफिक इरा से स्नातक व परास्नातक करने के बाद वह दिल्ली, बेंगलुरू और दुबई में 5 साल नौकरी करने के बाद उत्तराखंड लौटी हैं। उनका परिवार कई सालों से देहरादून के गजियावाला में रह रहा है। उनके पिता चंद्रभानु सिंह शाही पेशे से अध्यापक है। रीना के दो भाई हैं। उन्हें कविताएं लिखने का शौक है। उनका पहला कविता संग्रह ‘जंगली फूल’ पिछले वर्ष प्रकाशित हो चुका है। यह भी पढ़ें : नैनीताल: हल्द्वानी हाईवे के पास पेड़ पर लटकता मिला गुलदार का शव….
रीना ने बताया कि वह अपने बालों को ‘मदद चैरिटेबल ट्रस्ट’ के माध्यम से कैंसर से जूझ रहे व्यक्तियों को डोनेट करेगी। कैंसर के कारण अपने बालों को खोने वाले मरीज उनके बालों के जरिये समाज में मुस्कारते हुए अपना आगे का इलाज जारी रख पाएंगे। इस पहल में उन्हें उनके परिवार और दोस्तों का पूरा सहयोग किया है। यह भी पढ़ें : अवैध संबंधों की परिणति: पत्नी रात्रि में चुपके से पड़ोसी के पास चली गई, पीछे से आई पति ने पड़ोसी को कुल्हाड़ी से काट डाला…
उनकी दोस्त रिया करन ने उनकी इस पहल पर कहा, महिलाओं को उनके बाल सबसे ज्यादा प्रिय होते हैं। बाल ही उनके सबसे बड़े आभूषण है, जो रीना ने दान किये हैं। उन्हें नीना पर गर्व की अनुभूति होती है। वहीं गढ़वाल विवि में ही पढ़ने वाले कार्तिक बहुगुणा ने कहा कि रीना गढ़वाल विवि में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। यह भी पढ़ें : उत्तराखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश को पितृशोक, शोक की लहर अंतिम संस्कार की तैयारी…
इसलिए है कैंसर पीड़ितों के लिए बाल दान करने की महत्ता
गौरतलब है कि कैंसर पीड़ितों के इलाज के दौरान बाल गिर जाते हैं। खासकर महिलाएं और युवतियां बिना बालों के अजीब सा महसूस करती है। ऐसे में कुछ महिलाएं और युवतियां विग लगाने लगती है। कैंसर सर्वाइवल के लिए विंग मुंबई और केरल के कैंसर चिकित्सा हॉस्पिटलों की निगरानी में तैयार किए जाते हैं। बताया जाता है कि इस तरह की लिंग बनाने के लिए 12 इंच से लंबे बाल चाहिए होते हैं। लड़कों के बाल इतने लंबे नहीं होते हैं, इसलिए लड़कियों, महिलाओं के बाल ये बिग बनाने के लिए उपयोगी होते हैं। रीना शाही ने यही सोचकर अपने 15 इंच से लंबे बाल दान कर दिए। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : प्रदेश के एक आईएएस अधिकारी ने सुशासन दिवस पर पेश किया अनुकरणीय उदाहरण
नवीन समाचार, देहरादून, 26 दिसंबर 2022। प्रदेश के एक आईएएस अधिकारी महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा एवं निदेशक पंचायती राज बंशीधर तिवारी ने सुराज दिवस के अवसर पर शासन और जनता के बीच में दूरी मिटाने का अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। श्री तिवारी सुराज दिवस के मौके पर जनपद देहरादून के थानों तथा टिहरी के कुढारना गांवों में आयोजित चौपाल में शामिल हुए, और इस दौरान ग्रामीणों के बीच जमीन पर बैठकर ग्रामीणों से गांव की समस्याओं पर चर्चा की तथा समस्याओं से अवगत हुए और समस्याओं के समाधान का आश्वासन भी दिया। यह भी पढ़ें : अभी बड़ी कार दुर्घटना, भाजयुमो नेता सहित 2 लोगों की मौत
ग्राम पंचायत थानों में पानी की समस्या के बारे में बताये जाने पर उन्होंने समस्या को जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया। साथ ही स्वयं सहायता समूह से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में प्रतिभाग करने के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया। उन्होंने लोगों से आजीविका सुधार के लिए गौपालन एवं पंचायत में गेस्ट हाउस बनाने का सुझाव भी दिया। उन्होंने ग्राम पंचायत थानो में उपस्थित लोगों के साथ प्रधानमंत्री के मन की बात भी सुनी। यह भी पढ़ें : निःसंतान बुआ की गोद भरने को भतीजे बने अपहरणकर्ता
उन्होंने ग्राम वासियों से क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं के विकास के साथ ही स्वास्थ्य शिक्षा के प्रति जागरूकता पर ध्यान देने को भी कहा। कहा कि गांवों की समृद्धि विकास से जुड़ा विषय है। इसके लिए सभी को गांवों की आर्थिकी के विकास पर ध्यान देना होगा। सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का उद्देश्य भी गांवों को मजबूती देना है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : सुबह का अनुकरणीय समाचार: दुनिया से जाने के बाद भी दुनिया को देखती रहेंगी 19 वर्षीय खुशी की आंखें
नवीन समाचार, हरिद्वार, 8 दिसम्बर 2022। शहर के व्यापारी नेता अजय अरोड़ा की 19 वर्षीय पुत्री खुशी अरोड़ा की आंखें मरने के बाद भी इस दुनिया को देखेंगी। बीमारी के चलते खुशी अरोड़ा का मंगलवार की रात निधन हो गया था। इसके बाद उसके पिता ने बेटी की आंखें दान करने का फैसला किया। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी में विधवा महिला से शादी का झांसा देकर लगातार दुष्कर्म, अभियोग दर्ज
उत्तरी हरिद्वार स्थित बिरला फार्म निवासी भीमगोड़ा व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष अजय अरोड़ा की पुत्री खुशी ऋषिकेश राजकीय डिग्री कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष में अध्ययनरत थीं। वह काफी समय से अस्वस्थ चल रही थी। कुछ दिन पहले तबीयत बिगड़ने पर खुशी को देहरादून स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी लेकिन मंगलवार की रात अचानक फिर से तबीयत बिगड़ गई। यह भी पढ़ें : नैनीताल की दूरबीन ने रिकॉर्ड किया 1 अरब प्रकाश वर्ष दूर किलोनोवा उत्सर्जन, विश्व की सर्वोच्च शोध पत्रिका ‘नेचर’ में मिला स्थान
इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लायंस क्लब से जुड़े रामशरण चावला ने परिवार को सांत्वना देने के साथ ही उन्हें बेटी के आंखें दान करने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद पिता भी बेटी की आंखें दान करने के लिए तैयार हो गए। रात में ही ऋषिकेश एम्स से एक टीम पहुंची और नेत्रदान करने की प्रक्रिया पूरी की गई। इस प्रकार पिता ने गहरे दुःख के क्षणों में भी एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया, जिससे उनकी बेटी के दुनिया से जाने के बाद भी बेटी की आंखें दुनिया को देखती रहेंगी। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : ऐसी बिटिया के निर्णय और त्याग को प्रणाम… बेटी ने अपना लीवर देकर बचाई अपने पिता की जान
नवीन समाचार, हल्द्वानी 27 सितंबर 2022। बागेश्वर जनपद के काकड़ा (खोली) ग्राम निवासी 1988 से 2009 तक भारतीय सेना में रहे और 2011 से हल्द्वानी में सिक्योरिटी गार्ड के रूप में कार्य कर रहे बिपिन कांडपाल का लीवर खराब होने पर उनकी बेटी पायल ने उन्हें अपना लीवर देकर उनकी जान बचाई। ऐसी बेटी को एमबीपीजी कालेज हल्द्वानी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले चुके प्राध्यापक डॉ सन्तोष मिश्र ने उनके घर जाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर सोनू तिवारी, प्रिया तिवारी, गीता मिश्र आदि उपस्थित रहे।
श्री मिश्र ने बताया कि सेवानिवृत्त सैनिक बिपिन कांडपाल को जब उनका लीवर खराब होने की जानकारी लगी तो उन्होंने हल्द्वानी से लेकर एम्स ऋषिकेष और वहां से दिल्ली के आईएलबीएस यानी इंस्टीट्यूट और बाइलरी साइंसेस और फिर गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में तक इलाज कराने हुए लीवर डोनर की तलाश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। उल्टे उनका स्वास्थ्य बिगड़ता ही जा रहा था। ऐसे में उनके परिवार की ओर से उन्हें लीवर देने की पहल हुई।
पत्नी ने उन्हें अपना लीवर देने की पेशकश की, किंतु जांच में उनका लीवर फैटी होने की बात सामने आई। बेटा अंडर वेट निकला। बड़ी बेटी प्रिया तिवारी के विवाहित होने के कारण कानूनी, कागजी दांवपेंच आड़े आए। ऐसे में रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली से आखों का चिकित्सक बनने की पढ़ाई कर रही छोटी बेटी पायल सामने आई और उसने अपने पिता की जान बचाने के लिए खुद का लीवर डोनेट करने की बात रखी।
उसे उसके भविष्य को लेकर समझाया गया, इसके नुकसान बताए गए, लेकिन बेटी पायल अपने निर्णय पर अडिग रही और उसने पिता के प्रति प्रेम व त्याग की मिसाल पेश करते हुए जिद करते हुए बेटी होते हुए पिता को अपना अंग देकर उनके लिए जीवनदायिनी बन गई। बताया कि अभी पायल को अपना लीवर दान करने के बाद चल फिर पाने में भी असमर्थ है।
उसे सामान्य जीवन के स्तर तक आने में अभी महीनों का समय लग सकता है, लेकिन बेटी का आत्मविश्वास उसे स्वस्थ होने में मदद कर रहा है। मानसिक रूप से मजबूत बिटिया वह जल्द ही अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए अपने साथियों के बीच होगी। श्री मिश्र ने कहा, बिटिया पायल के निर्णय और त्याग को प्रणाम। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : सरकारी विद्यालय की शिक्षिका को मिली एक लाख रुपए की स्कॉलरशिप
नवीन समाचार, अल्मोड़ा, 31 मार्च 2022। जनपद के धौलादेवी विकासखंड के राजकीय कन्या जूनियर हाई स्कूल चौसाला में कार्यरत शिक्षिका और लेखिका मीना जोशी को वोडाफोन फाउंडेशन की ओर से वित्त पोषित और आईपीई ग्लोबल सेंटर की ओर से संचालित जिज्ञासा कार्यक्रम के तहत नवाचारी शिक्षक के रूप में छात्र-छात्राओं के लिए विशेष योगदान देने के लिए एक लाख रुपये की स्कॉलरशिप प्राप्त हुई है।
नगर के रानीधारा मोहल्ले में रहने वाली शिक्षिका मीना जोशी ने बताया कि एक राष्ट्रीय स्तर के शोध कार्य एवं साक्षात्कार के उपरांत उन्हें यह स्कॉलरशिप प्राप्त हुई है। उनकी इस उपलब्धि से उनके परिजनो के साथ उनके विद्यालय परिवार एवं जान पहचान वालों में खुशी का माहौल है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : पहाड़ का एक 19 साल का किशोर पिछले 20 घंटों में बन गया हीरो, बड़े-बड़े कर रहे तारीफ…
नवीन समाचार, नई दिल्ली, 20 मार्च 2022। पहाड़ के बच्चों की जिंदगी, उनका जज्बा पहाड़ सा ही कठोर होता है, और उनके लिए पहाड़ों की ऊंचाइयों को चढ़ना उनकी दिनचर्या में शामिल होता है। बस उन्हें इस बात का अहसास होने की ही देर होती है कि पहाड़ों से ऊंचा तो केवल आसमान ही होता है। उत्तराखंड का एक ऐसा ही बच्चा पिछले करीब 20 घंटों में हीरो बन गया है। क्रिकेटर हरभजन सिंह से लेकर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीश सिसोदिया, फिल्म अभिनेता मनोज बाजपेयी सहित अनेक हस्तियां उसकी तारीफ कर रहे हैं। पहले देखें यह वीडियो और फिर जानें एक पहाड़ी बच्चे के हीरो बनने की पूरी कहानी:
हुआ यह कि शनिवार रात्रि करीब 12 बजे एक बालक पीछ पर बैेग लेकर सड़क पर दौड़ता नजर आया। उत्तराखंड के ही पिथौरागढ़ से आने वाले पूर्व पत्रकार व फिल्मकार विनोद कापड़ी ने उन्हें रात्रि में इस तरह दौड़ते देखा तो उससे कहा कि वह उन्हें कार में छोड़ देंगे, लेकिन लड़के ने इससे इंकार करते हुए बताया कि वह 19 साल का प्रदीप मेहरा है। भारतीय सेना में भर्ती होने के लिए तैयारी कर रहा है। मैकडोनॉल्ड में नौकरी करता है। दौड़ने का समय नहीं मिलता है, इसलिए हर रोज इसी तरह 10 किलोमीटर दौड़कर अपने कमरे पर पहुंचता है। अल्मोड़ा उत्तराखंड का रहने वाला है। उसकी मां करीब एक वर्ष से बीमार है। भाई भी रात्रि की शिफ्ट में नौकरी करता है, इसलिए उसे घर जाकर भाई के लिए खाना भी बनाता है।
विनोद ने यह वीडियो रविवार की शाम डाला और इसे करीब 63 हजार लोग देख चुके हैं। साथ ही आम व खास लोग इस पर प्रतिक्रिया कर रहे हैं। खुद विनोद कापड़ी ने लिखा हैै, नोएडा की सड़क पर कल रात 12 बजे मुझे ये लड़का कंधे पर बैग टांगें बहुत तेज दौड़ता नजर आया। मैंने सोचा, किसी परेशानी में होगा, लिफ्ट देनी चाहिए। बार बार लिफ्ट का ऑफर किया पर इसने मना कर दिया। वजह सुनेंगे तो आपको इस बच्चे से प्यार हो जाएगा। वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने लिखा है, अनगिनत बार देख कर भी मन नही भर रहा है। इतनी साफगोई और खुद्दारी महज 19 साल की उम्र में। मेरी तो बिसात ही क्या, बड़े बड़े आईएएस, राजनेता भी शायद छोटा महसूस करंे इस बच्चे के जज्बे ओर लगन के आगे, जियो मेरे चीते। बस यही दुआ है ऊपर वाले से आपके सारे सपने पूरे हो।
वहीं अन्य ने लिखा है, इतने कम उम्र में भी शरीर से ज्यादा बोझ लेकर आर्मी के लिए दौड़ रहा है इस बच्चे को जज्बे को सलाम ! अल्लाह इस बच्चे को कामयाब बनाए ! ढेरों दुआएं हैं इस बच्चे को, ढेर सारा प्यार। मुल्क का शानदार मुस्तकबिल। देख भाई उत्तराखंड का पहाड़ी लड़का स्वाभिमानी और मेहनत करने वाला होता है, यह बात हर कोई जानता है , इसलिए मुझे मेरे पहाड़ी भाइयों पर गर्व है, अल्मोडा का प्रदीप हो या लक्ष्य सेन बस एक मौके की तलाश रहती है हमको… ऐसे ही ना जाने कितने लाखों प्रदीप गांव के ग्राउंड और रोड पर दौड़ लगा रहे हैं लेकिन पिछले 3 वर्षों से आर्मी की भर्ती नहीं आई। बच्चे लगातार ‘आउट आफ एज’ हो रहे हैं… यकीनन प्रदीप की उत्सुकता और लगन करोड़ों युवाओं को प्रेरित और एक नई सीख देगी। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : देशी बाबू ने 15 साल पहाड़ में नौकरी की और 50 की उम्र में ले ली सेवानिवृत्ति, कारण-अनुकरणीय..
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 24 दिसंबर 2021। हल्द्वानी महाविद्यालय में हिंदी के प्राध्यापक हैं प्रो. संतोष मिश्र। 1971 में प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश में पैदा हुए। 1997 में राजकीय महाविद्यालय स्याल्दे अल्मोड़ा में हिन्दी प्राध्यापक के रूप में सेवा में आए। 15 वर्ष पहाड़ की सेवा की। 2012 से अब तक यानी करीब 9 वर्ष एमबीपीजी हल्द्वानी में अध्यापनरत रहे। अभी 50 वर्ष के हैं। चाहते तो 2036 तक यानी 15 वर्ष और सरकारी नौकरी में रह सकते थे। कोई परेशानी भी नहीं है। फिर भी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले रहे हैं।
कारण बहुत दिलचस्प होने के साथ अनुकरणीय भी है। डॉ. मिश्र कहते हैं, ‘आजादी के आंदोलन में देश की स्वतंत्रता के लिए लाखों लोगों ने अपनी नौकरियां छोड़ीं। अब समय आ गया है कि बेरोजगारी से निपटने के लिए सक्षम लोग स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले लें।’ उल्लेखनीय है कि सक्षम लोगों से कुछ इसी तरह का, गैस सब्सिडी आदि छोड़ने का आह्वान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किया था।
डॉ. मिश्र का कहना है, ‘मेरी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के कारण उच्च शिक्षा में एक पद रिक्त होगा, जो किसी उच्च शिक्षित युवा के लिए सुनहरा अवसर होगा। बेरोजगारी रूपी रावण को परास्त करने के लिए रामसेतु में सहयोग करने वाली गिलहरी की तरह ही मेरा यह कदम है। भारतीय आश्रम व्यवस्था के अनुसार अब मैं वानप्रस्थ आश्रम की ओर अग्रसर हूँ। पुराने जमाने के हिसाब से वन में जाना तो सम्भव और उचित नहीं है, परंतु घर पर रहते हुए समाज, राष्ट्र की बेहतरी के लिए तन, मन, धन से समर्पित होना नये युग का वानप्रस्थ कहा जायेगा।‘
इसी के साथ ही उनका यह भी कहना है, ‘केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर ऐसी नीति बनानी चाहिए कि ऐसे कर्मचारियों, अधिकारियों की सामाजिक सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित हो सके। जनकल्याणकारी राज्य की अवधारणा के कारण सरकार सभी के लिए पुरानी पेंशन, जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा अनिवार्य रूप से लागू करे। यदि कोई स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति के पश्चात भी अपने अनुभवों का लाभ सरकार को देना चाहता है तो उसे सम्मानपूर्वक अवैतनिक पुनर्नियुक्ति अवश्य दी जाय।’
वह यह भी कहते हैं, ‘अगर युवाओं को समय पर, यानी प्रौढ़ होते-होते नहीं बल्कि युवा रहते ही नौकरी मिलने लगे तो विभिन्न सामाजिक बुराइयों जैसे नशा, चोरी, छिनैती, मारपीट आदि में स्वतः कमी आ जायेगी। आजकल बेरोजगारी के कारण शादियां भी 35-40 के उम्र में होने लगी हैं। इसका दुष्प्रभाव पूरे सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश पर पड़ता है। सरकार खुद मानती है कि 21 की उम्र शादी के लायक होती है। कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाय तो अधिकांश युवक-युवतियों को 25 की उम्र तक संतोषजनक नौकरी नहीं मिलती। ऐसे में शादी की योजना बनते-बनाते वे प्रौढ़ावस्था को पहुंच जाते हैं। फिर देर से बच्चों का जन्म, उनकी पढ़ाई-लिखाई करते-कराते व्यक्ति बूढ़ा होने लगता है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : आशा और अभिनव ने शादी के लिए जो गुण मिलाया, उसे मिलाना कोई पसंद नहीं करता, पर उन्होंने पेश किया है ‘आशा भरा अभिनव’ उदाहरण
नवीन समाचार, हल्द्वानी, 16 अक्टूबर 2021। पति-पत्नी को दो जिस्म-एक जान और दोनों के बीच सात जन्म का पवित्र रिश्ता बताया जाता है। दोनों के सफल वैवाहिक जीवन के लिए उनके गुण मिलाए जाते हैं। लेकिन शुक्रवार को दशहरे के दिन विवाह बंधन में बंधने वाले पिथौरागढ़ जिले के मुन्स्यारी की निवासी आशा दास्पा और यहीं के डीडीहाट के रहने वाले अभिनव पांगती ने शादी के लिए ऐसा गुण मिलाया है कि इसकी मिसाल दी जा सकती है।

दोनों के बीच यह एक गुण है अंगदान। आशा ने आठ वर्ष पहले अपने भाई हीरा दास्पा की जान बचाने लिए उसे अपनी एक किडनी दी थी। जबकि अभिनव दो वर्ष पूर्व अपनी बहन दीपा की किडनी से नया जीवन जी रहा है। यानी दोनों के शरीर में एक ही किडनी है। आशा ने अपनी किडनी अपने भाई को दी है, और अभिनव अपनी बहन से किडनी ले चुका है। दोनों दशहरे के दिन हल्द्वानी में विवाह बंधन में बंध गए हैं, और उनकी शादी अंगदान को लेकर एक प्रेरक उदाहरण के तौर पर चर्चा में है।
32 वर्षीय आशा का कहना है कि आमतौर पर लोग अंग प्रदान करने व प्राप्त करने वाले से रिश्ता करने से बचते हैं। जबकि ऐसा गलत है। क्योंकि ऐसा करने वाले लोग भी सामान्य व्यक्ति की तरह जीवन जी सकते हैं। आशा के भाई हीरा दास्पा चंडीगढ़ में ट्रांसकेयर नाम की ऐसी संस्था से जुड़े हैं, जो लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित करने के साथ ही अंगदान करने वालों की देखरेख का काम भी करती है। इसी संस्था के माध्यम से उन्हें अभिनव के बारे में पता चला और दोनों परिवारों के बीच उनके विवाह पर बात आगे बढ़ी। दोनों के परिवारों ने उनके रिश्ते को स्वीकार किया। दोनों को विश्वास है कि उनका रिश्ता समाज में सकारात्मक संदेश देगा। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : नैनीताल के एक नव दंपति के 6 माह पुराने ‘पहाड़ी विजन’ को मिला देश भर के स्टार्ट-अप्स में तीसरा पुरस्कार
-लॉक डाउन में शुरू किया स्टार्ट-अप ‘पहाड़ी विजन’, आधा दर्जन युवाओं को रोजगार देकर पेश की है मिसाल
-करते हैं बड़ी फैक्टरियों-संस्थानों में लगे सीसीटीवी कैमरों की ऑनलाइन मॉनीटरिंग

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 9 अक्टूबर 2021। आज का दौर नवोन्मेश का है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवोन्मेश के साथ स्टार्ट-अप्स को लगातार प्रोत्साहित कर रहे हैं। लेकिन कम ही युवा हैं जो ऐसा कुछ नया कर पाते हैं। जनपद के तिरछाखेत-भवाली निवासी एक नवदंपति ने केवल छह माह पूर्व ऐसा करके न केवल मिसाल पेश की है, वरन उनके नवोन्मेष स्टार्ट-अप ‘पहाड़ी विजन’ को छह माह के भीतर ही देश भर के स्टार्ट-अप्स में तीसरा स्थान मिला है। खास बात यह है कि दोनों सरकारी स्कूल-कॉलेजों से पढ़े हैं, और बड़े मुकाम की ओर अग्रसर हैं।
यह है धीरेंद्र व गुंजन का नवोन्मेष स्टार्टअप-‘पहाड़ी विजन’
नैनीताल। आम तौर पर लोग अपने प्रतिष्ठानों, संस्थानों, फैक्टरियों, कंपनियों आदि में दर्जनों की संख्या में सुरक्षा व देखभाल के दृष्टिकोण से क्लोज सर्किट यानी सीसीटीवी कैमरे तो लगा लेते हैं, लेकिन वास्तव में उनकी मॉनीटरिंग नहीं कर पाते हैं। कैमरों की रिकॉर्डिंग भी आमतौर पर तभी देखी या खंगाली जाती है जब कोई घटना हो जाती है या किसी खास उद्देश्य के लिए उसे देखना जरूरी होता है। धीरेंद्र व गुंजन अपने स्टार्ट-अप ‘पहाड़ी विजन’ के जरिए बड़े संस्थानों में लगे कितने भी अधिक संख्या में लगे सीसीटीवी कैमरों की अपने संस्थान में बैठकर 24 घंटे ‘लाइव मॉनीटरिंग’ करते हैं, और हर जरूरी बात की जानकारी, यहां तक कि बारिश होने पर किसी सामग्री के फैक्टरी के बाहर भीगने, कर्मचारियों के अनावश्यक गप्पें मारने या मोबाइल पर बात करने जैसी वांछित जानकारियां भी कंपनी प्रबंधन को उपलब्ध करते हैं। यानी सीसीटीवी कैमरे लगाने और ‘पहाड़ी विजन’ को इनकी लाइव मॉनीटरिंग का काम देने के बाद हर तरह की चिंता से मुक्ति मिलती है, और संस्थानों की कार्यदक्षता एवं सुरक्षा दोनों बढ़ती हैं।
देश भर के स्टार्ट-अप्स के राष्ट्रीय स्टार्टअप शिखर सम्मेलन में मिला तीसरा पुरस्कार
नैनीताल। युवा उद्यमी गुंजन बेलवाल और धीरेंद्र रावत के स्टार्ट-अप पहाड़ी विजन को रोटरी इंडिया द्वारा कानपुर में आयोजित देश भर के स्टार्ट-अप्स के राष्ट्रीय स्टार्टअप शिखर सम्मेलन में तीसरा पुरस्कार प्राप्त हुआ है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के आर्थिक मामलों के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल व रोटरी क्लब के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मुकेश सिंघल ने उन्हें पुरस्कार प्रदान किया। इससे क्षेत्रवासी भी खुश हैं। डीएसबी परिसर के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट ने कहा कि धीरेंद्र व गुंजन ने अपने स्टार्टअप ‘पहाड़ी विजन’ का प्रतिनिधित्व करके क्षेत्र के साथ पूरे उत्तराखंड राज्यको गौरवान्वित किया है।
ऐसे हुई ‘पहाड़ी विजन’ की शुरुआत
नैनीताल। धीरेंद्र रावत व उनकी पत्नी गंुजन रावत नैनीताल जनपद के भवाली के निवासी हैं और भवाली के स्थानीय विद्यालयों के साथ नैनीताल के डीएसबी परिसर से पढ़े हैं। इसके बाद गुंजन ने हल्द्वानी के एक निजी संस्थान से कम्प्यूटर कोर्स किया है। धीरेंद्र डीएसबी परिसर के छात्रसंघ कोषाध्यक्ष भी रहे हैं। इधर पढ़ाई के पूरा होने के बाद कोरोना व लॉक डाउन के दौरान जब पूरा देश-दुनिया थमी हुई सी थी, इसी दौरान करीब छह माह पहले दोनों की शादी हो गई। शादी के बाद दोनों ने कुछ अलग करने की ठानी और तिरछाखेत स्थित अदनान वाहनवटी के हील फॉर्म स्थित शून्य-वन फाउंडेशन और स्टीलबर्ड इंटरप्राइज की वित्तीय एवं अन्य मदद से अपना स्टार्ट-अप ‘पहाड़ी विजन’ शुरू किया। धीरेंद्र पहाड़ी विजन के निदेशक बने और गुंजन प्रबंधक। अपनी तरह का नया प्रयोग होने के कारण उन्हें लगातार कई संस्थानों से अनुबंध मिलते गए और उनका काम आगे चल पड़ा। अब वे छह माह में ही करीब आधा दर्जन युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : इस रक्षाबंधन अपने ‘ब्रो’ज को पहनाएं ‘ऐपण गर्ल्स’ के हाथों की बनीं राखियां
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 28 जुलाई 2021। एक ओर पहाड़वासियों की दुनिया दाज्यू, दीदी, भुला से भाई, ब्रदर होते हुए ‘ब्रो’ व ‘सिस’ की ओर जा रही है, वहीं दूसरी ओर पहाड़ की संस्कृति को वापस उसकी परंपराओं की ओर लौटाने के प्रयास भी हो रहे हैं। इसी कड़ी में उत्तराखंड की प्राचीन लोक कला ऐपण राज्य की प्रतीक-पहचान बनते जा रही है। कभी लाल मिट्टी या गेरू से पुती घर-मंदिरों की दीवारों व सीढ़ियों के साथ नामकरण, उपनयन व शादी-व्याह आदि संस्कारों व दीपावली जैसे त्योहारों पर धार्मिक आयोजनों पर चौकियों पर बनने वाले ऐपण अब आधुनिकता के दौर में प्लास्टिक की पन्नियों पर छपने के बाद नए-नए प्रयोगों में भी दिखाई दे रहे हैं। उत्तराखंड के प्रतीक चिन्ह के रूप में भी ऐपण की फ्रेम लगी कलाकृतियां काफी पसंद की जा रही है।

वहीं इस रक्षाबंधन के त्योहार पर ऐपण युक्त राखियां आने जा रही हैं। अभी से इनकी ऑनलाइन बुकिंग भी शुरू हो गई है। आप भी चाहें तो इस बार अपने भाइयों के साथ ही अन्य परिवारजनों को ऐपण वाली खास राखियां मंगवाकर कर बांध सकती हैं। पिथौरागढ़ की रहने वाली ममता जोशी भी एक ऐसी ऐपण कलाकार हैं, जो ‘ऐपण गर्ल’ ने जो कि काफी समय से उत्तराखंड की ऐपण संस्कृति के लिए काम कर रही है और इस क्षेत्र में काफी हद तक अपना अच्छा नाम भी बना चुकी है। ममता ऐपण की नेम प्लेट, पूजा थाल, तोरण, फ्लावर पॉट व दियों के साथ मंदिर के आसन व राखियां बना रही हैं। उनसे राखियां व ऐपण के उत्पाद प्राप्त करने के लिए उन्हें फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर (Aipan World Official) सर्च करके संपर्क किया जा सकता है।

वहीं ‘ऐपण गर्ल’ के नाम से रामनगर नैनीताल की मीनाक्षी खाती भी अपनी पहचान बना रही हैं। उन्होंने दादी, ददा, बैंणी, भुला, भैजी, बौज्यू व ब्रो सहित विभिन्न नामों से राखियां तैयारी की हैं, जो काफी पसंद की जा रही हैं। मीनाक्षी के अनुसार इन ऐपण राखियों की खाशियत यह भी है कि यह पर्यावरण के अनुकूल पदार्थों व तरीके से बनाई गई हैं। इनमें प्लास्टिक जैसी चीजों का उपयोग नहीं किया गया है। साथ ही राखियों के लिफाफों पर कोरोना को भगाने, टीकाकरण करने, सामाजिक दूरी बरतने, नशामुक्त उत्तराखंड बनाने, पेड़ लगाकर धरती पर हरियाली लाने और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे संदेश भी दिए जा रहे हैं। मीनाक्षी की बनाई राखियों को मीनाकृति-द ऐपण प्रोजेक्ट के जरिए ऑनलाइन मंगाया जा सकता है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : ‘वोकल फॉर लोकल’-‘आत्मनिर्भर भारत’ : भाईयों की कलाई पर बधेंगी ‘स्पर्श गंगा-जैविक राखियां’, भीगने पर सैनिटाइजर का कार्य करेंगी..
-बच्चों ने शिक्षक द्वारा ऑनलाइन दिये गये निर्देशों पर अपने घर पर शून्य लागत में, आसपास मिलने वाले जंगली फल, फूलों व घासों से तैयार की हैं जैविक राखियां

नवीन जोशी, नैनीताल। इन दिनों कोरोना की महामारी व लॉक डाउन के कारण स्कूल नहीं पा रहे बच्चे भी अच्छे रचनात्मक शिक्षकों के माध्यम से कई उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं। ऐसा ही एक उल्लेखनीय कार्य किया है अल्मोड़ा जनपद के विकासखंड धौलादेवी के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय बजेला के बच्चों ने। इस विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत शिक्षक भास्कर जोशी ने बताया कि इस दौरान वे बच्चों को व्हाट्सएप के जरिये ऑनलाइन कक्षाएं चलाकर पढ़ा रहे हैं। साथ ही बच्चों से नये-नये क्रियाकलाप भी करा रहे हैं। इसी कड़ी में बच्चों ने इन दिनों मिलने वाले फूल, पत्तियों, मक्के के जंेेमस यानी नर फूल, बाबिल घास व घिंघारू के फलों आदि का प्रयोग कर 100 फीसद जैविक सामग्रियों से ‘जैविक राखियां’ तैयार की हैं। दिखने में बेहद सुंदर, बेमिसाल इन राखियों को बनाने में शून्य लागत आई है। शिक्षा के साथ-साथ बच्चो में राष्ट्रीय मूल्यों की अलख जगाने, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ ‘वोकल फॉर लोकल’ के आह्वान को आगे बढ़ाते हुए तथा बच्चों की सृजन क्षमता को विकसित करने के उद्देश्य से इस गतिविधि को बच्चों से उनके घरों पर ही कराया गया व चित्र कक्षा समूह में साझा किये गये। जोशी ने कहा कि यह बच्चों की रचनात्मकता का अलग सोपान है। इस कोरोना काल में बच्चे विद्यालय से भौतिक रूप में दूर अवश्य हैं परंतु विभिन्न शैक्षिक व पाठ्य सहगामी क्रियाओं से अपनी रचनात्मकता का लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
आत्मनिर्भर भारत: भाईयों की कलाई पर बधेंगी ‘स्पर्श गंगा राखियां’, भीगने पर सैनिटाइजर का कार्य करेंगी

नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के आईपीएसडीआर में शुक्रवार को छात्राओं ने हस्तनिर्मित सांस्कृतिक, मेडिकेटेड स्पर्श गंगा राखियों का प्रदर्शन किया। बीबीए की छात्रा स्वेता राणा ने बताया कि इन ‘स्पर्श गंगा राखियों’ में पहाड़ की परम्परागत औषधियों हल्दी, राई और कपूर का उपयोग किया गया है जो पानी से भीगने पर सेनेटाइजर का कार्य करेंगी। बीकॉम ऑनर्स की छात्रा दिव्या साह ने बताया कि इन राखियों को उत्तराखंड की लोक चित्रकला ‘ऐपण’ से सुसज्जित किया गया है जिससे हमारी परम्पराओं के प्रति जागरूकता उत्पन्न होगी। एमकॉम की छात्रा ऋचा पांडे ने बताया कि उन्होंने मेंहदी का उपयोग करते हुए राखियां तैयार की हैं। वहीं स्पर्श गंगा अभियान के राष्ट्रीय समन्वयक एवं आईपीएसडीआर के निदेशक प्रो. अतुल जोशी ने बताया कि पूरे प्रदेश में इस अभियान से जुड़ी मातृशक्ति द्वारा केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की प्रेरणा से ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने के संकल्प को पूरा करने के उद्देश्य को लेकर ‘स्पर्श गंगा अभियान’ से जुड़ी मातृशक्ति ने रक्षाबंधन के पवित्र त्योहार पर चाइनीज राखी का पूर्ण बहिष्कार कर, स्वनिर्मित राखियों को भाइयों की कलाई पर बांधने का संकल्प जताया है। उन्होंने बताया कि इस अभियान से जुड़ी रुड़की निवासी गीता कार्की ने गंगा तट के खूबसूरत चमकीले पत्थरों तथा परम्परागत पूजा अर्चना में प्रयुक्त किए जाने वाले कलावा धागों से स्पर्श गंगा रक्षा सूत्र बनाए हैं। हरिद्वार में रीता चमोली, पिथौरागढ़ में मोहन जोशी, हल्द्वानी में डॉ. एसडी तिवारी एवं सोनल पाण्डे के नेतृत्व में भी स्पर्श गंगा राखियाँ तैयार की जा रही हैं।
यह भी पढ़ें : फूलदेई हो तो ऐसी, शिक्षक ने स्कूल को ही बना दिया फुलवारी और बच्चों संग क्या खूब मनाई फूलदेई..
नवीन समाचार, नैनीताल, 13 मार्च 2021। जी हां, जहां सरकारी विद्यालयों का नाम आते ही अव्यवस्थाओं व असुविधाओं की ओर ध्यान जाता है, वहीं अल्मोड़ा जनपद के धौलादेवी विकासखंड का प्राथमिक विद्यालय बजेला सरकारी विद्यालय इन नकारात्मकताओं से कहीं अलग, अनेक खूबियों के साथ अन्य सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करने वाला है। लेकिन आज फूलदेई पर बात सिर्फ विद्यालय के फूलों की। यह विद्यालय अपने आप में किसी फुलवारी की तरह है। न केवल यहां तरह-तरह के फूल खिले हैं, वरन बच्चे भी फूलों की तरह ही मुस्कुराते नजर आते हैं। आज फूलदेई के मौके पर भी इस विद्यालय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें बच्चे फूलदेई मनाते नजर आ रहे हैं। विद्यालय के इस तरह बच्चों व फूलों की फुलवारी बनने के पीछे यहां के शिक्षक भाष्कर जोशी हैं जो खासकर फूलों व बच्चों के साथ न केवल फूलदेई मनाते वरन कई अन्य प्रयोग भी करते रहते हैं। पिछले वर्ष राखी पर उन्होंने फूलों की राखियां बनाई थी, जो काफी चर्चित रहीं। इसी तरह उनके विद्यालय के बच्चों का ‘स्कूल चलें हम’ गीत भी काफी पसंद किया गया था।
देखें विद्यालय के बच्चों का फूलदेई वाला वायरल वीडियो:
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-सांसद भट्ट ने किया मनरेगा से बन रहे महिला चेतना उपवन का निरीक्षण, इस उपवन में पर्यटन सुविधाओं के साथ महिला समूहों व स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 12 जून 2021। नैनीताल जनपद के गेठिया में मनरेगा से महिला चेतना उपवन विकसित किया जा रहा है। यह उपवन प्रदेश का ऐसा पहला उपवन होगा, जो मनरेगा से बन रहा है। इसमें पर्यटकों के पर्यटकों के मनोरंजन व आकर्षण के लिए रेस्टोरेंट, झरने व सेल्फी प्वाइंट आदि विभिन्न प्रकार की सुविधाएं होंगी, साथ ही इसके जरिए क्षेत्रवासियों को रोजगार के साथ ही महिलाओं के विभिन्न समूहों में बनाए जा रहे उत्पादों को बाजार भी मिलेगा।
शनिवार को नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने गेठिया में मनरेगा से बन रहे महिला चेतना उपवन का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने इसे पूरे प्रदेश के लिये आदर्श एवं अनुकरणीय उदाहरण बताते हुए कहा कि इससे महिला सशक्तिकरण और स्वालंबन में विशेष बल मिलेगा। उन्होंने ब्लाक प्रमुख डॉ. हरीश बिष्ट की इस अनूठी पहल की सराहना भी की। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य गीता बिष्ट, भाजपा मंडल अध्यक्ष पुष्कर जोशी, मंडल मंत्री राजेंद्र कोटलिया, सांसद प्रतिनिधि लक्ष्मण खाती, गोपाल रावत व टीका सिंह आदि भी मौजूद रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : भारतीय क्रिकेट टीम में चुनी गईं श्वेता ने बताया पहाड़वासियों के इरादे पहाड़ जैसे ही मजबूत होते हैं तो मंजिल अवश्य पाते हैं….
नवीन समाचार, बेरीनाग-पिथौरागढ़, 02 मार्च 2021। पहाड़वासियों के इरादे पहाड़ से ही मजबूत होते हैं, तभी वे पहाड़ों के बीच से भी अपनी मंजिलों के रास्ते निकाल लेते हैं। बस उन्हें अपनी मंजिलों के सपने खुली आंखों से देखने की जरूरत होती है। उत्तराखंड के दूरस्थ, दुर्गम व सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के थल क्षेत्र के जोग्यूड़ा गांव में जन्मी एक बेटी श्वेता वर्मा ने भी कुछ ऐसा ही किया, और आज वह अपनी मंजिल के करीब है। 24 साल की उम्र में श्वेता का चयन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आगामी सात मार्च से शुरू हो रही पांच मैचों की एक दिवसीय सीरीज में मिताली राज की कप्तानी वाली भारतीय महिला टीम में विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में हुआ है। एकता बिष्ट और मानसी के बाद श्वेता उत्तराखंड से तीसरी महिला खिलाड़ी हैं, जो भारतीय टीम में चुनी गईं हैं।
श्वेता की इस मुकाम तक पहुंचने की कहानी खुद को समस्याओं में घिरा बताने वाले हर किसी व्यक्ति के लिए प्रेरणादायी हो सकती है। बेहद गरीब परिवार से आने वाली श्वेता ने पिता के साथ टीवी पर क्रिकेट मैच देखते हुए भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानकर स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर से शुरुआती पढ़ाई करने के दौरान पांच साल की उम्र से ही कपड़े व प्लास्टिक की गैंद से रामगंगा नदी के किनारे गांव के सीढ़ीदार खेतों में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। गांव की लड़कियां लड़कों के माने जाने वाले इस खेल को खेलने के लिए साथ नहीं मिलती थीं तो श्वेता गांव के लड़कों के साथ ही क्रिकेट खेलने लगी थी। जीजीआईसी के सामने क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन देखकर उसने 10 वीं कक्षा में पढ़ते समय अपनी दोस्त सोना कन्याल से कहा था कि एक दिन वह क्रिकेट के क्षेत्र में अपना नाम बनाएगी। पिता जब तक रहे, उन्हें क्रिकेट में आगे बढ़ाने में पूरी मदद की। इंटर तक की पढ़ाई थल के जीजीआईसी से करने के बाद स्नातक की पढ़ाई के लिए वह अल्मोड़ा आईं तो एसएसजे परिसर अल्मोड़ा के क्रिकेट कोच लियाकत अली ने उन्हें प्रशिक्षण देना शुरू किया। इसके बाद काशीपुर की हाईलेंडर क्रिकेट एकेडमी में भी उन्होंने क्रिकेट की बारीकियां उनसे सीखीं। जहां हाईलेंडर के डायरेक्टर संजय ठाकुर ने क्रिकेट के प्रति उनकी ललक को देखते हुए एकेडमी में उसके रहने-खाने और मुफ्त प्रशिक्षण की व्यवस्था की। बेहतर प्रदर्शन के आधार पर 2016 में उनका चयन उत्तर प्रदेश की महिला क्रिकेट टीम में और इधर बीते साल भारतीय महिला क्रिकेट की ’ए’ टीम के लिए हुआ। इस बीच दो वर्ष पूर्व पिता मोहन लाल वर्मा का निधन होने के बाद भी उन्होंने अपने इरादे कमजोर नहीं होने दिये, और आंगनबाड़ी कार्यकत्री के तौर पर काम करने वाली मां कमला वर्मा को भी ढांढस बंधाया।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 21 फरवरी 2021। हवा के विपरीत उड़ने वाली पतंगें ही आसमान में ऊंची उड़ती हैं। काम करने वाले अवसरों की तलाश नहीं करते, बल्कि बुरे से बुरे वक्त को भी अवसर बना लेते हैं। ऐसा ही कुछ किया है हल्द्वानी के रहने वाले युवक परम सिंह ने। परम कोरोना काल में बेरोजगार होने के बाद आज जो कर रहे हैं, वह युवाओं के लिए अनुकरणीय मिसाल है।
परम बीएससी करने के बाद गोवा में अपना रोजगार कर रहे थे, लेकिन देश-दुनिया में हुए कोरोना के प्रकोप के दौरान लॉक डाउन लागू होने पर उन्हें हल्द्वानी आना पड़ा। पहले उन्होंने सोचा कि मात्र 21 दिन के लॉक डाउन पर घर आ रहे हैं। किंतु लॉक डाउन लंबा खिंचा तो उनकी जमा पूंजी खत्म हो गई। इस पर परम ने रोने या दूसरों की मदद लेने की जगह अपनी मदद खुद करने, इस समास्या से बाहर निकलने की अपनी राह खुद बनाने की ठानी। संसाधन नहीं थे तो अपनी पुरानी स्कूटी को ही रेस्टोरेंट बना डाला। इसमें वह रामपुर रोड पर अपने ग्राहकों को मात्र 30 रुपए में भरपेट स्वादिष्ट राजमा-चावल, कड़ी-चावल, छोले-चावल व पहाड़ी भोजन बनाकर बेचने लगे और इससे ही उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाने के साथ ही अपने रोजगार का पूरा प्रबंध कर लिया है। लोग अब उनके स्वादिष्ट व सस्ते भोजन का इंतजार करते हैं।
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-शिक्षा मंत्री ने दिया बेतालघाट में गणित विषय व एनसीसी शुरू कराने का आश्वासन
नवीन समाचार, नैनीताल, 24 जनवरी 2021। गत दिवस प्रदेश की राज्यपाल के बाद कुछ घंटों के अंतराल में ही प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा, पंचायती राज एवं खेल मंत्री अरविंद पांडे और पूर्व सांसद बलराज पासी बेतालघाट में बेतालेश्वर सेवा समिति के कार्यक्रम में पहुंचे। इस दौरान श्री पांडे ने विकासखंड बेतालघाट के 125 स्कूलों को कोरोना से बचाव के लिए मास्क, सेनेटाईजर, स्प्रे पम्प, थर्मल स्क्रेनर आदि वितरित किये, तथा हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में प्रथम श्रेणी पास प्रतिभावान विद्यार्थियों व शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहे शिक्षकों को सम्मानित किया।
इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने बेतालघाट के स्कूलों में एनसीसी की सुविधा व जीजीआईसी बेतालघाट में इंटरमीडिएट में गणित विषय की मांग की। इस पर श्री पांडेय ने इसी सत्र से गणित विषय की सुविधा उपलब्ध कराने को जिला शिक्षा अधिकारी को शीघ्र प्रस्ताव बनाकर भेजने के निर्देश दिये। साथ ही एनसीसी की सुविधा के लिए संबंधित विभाग व केंद्र से शीघ्र पत्राचार करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर भाजपा के मंडल अध्यक्ष प्रताप बोहरा, उपाध्यक्ष विजय कुमार, सीमा तिवारी, महामंत्री राजेंद्र जैड़, पूर्व मंडल अध्यक्ष दलीप बोहरा, आनंद रावत, गोपाल जैड़ा, जिला उपाध्यक्ष किसान मोर्चा दलीप बोहरा, जगदीश नाथ, दलीप नेगी, दीप रेखाडी, रमेश तिवारी, नीमा खुल्बे व शानू डौर्बी सहित गणमान्यजन उपस्थित रहे।
यह भी पढ़ें : राज्यपाल मौर्य ने बेतालघाट में किया वृद्धाश्रम, अनाथालय आदि का लोकार्पण-बेतालेश्वर सेवा समिति द्वारा किया गया है निर्माण
नवीन समाचार, नैनीताल, 21 जनवरी 2021। प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य बृहस्पतिवार को जनपद के के दूरस्थ क्षेत्र बेतालघाट पहुंचीं और यहां द्वारा नव निर्मित वृद्धाश्रम, अनाथालय, शिवालय मन्दिर, एंबुलैंस सेवा, पटोरी पार्क व अम्बेडकर मूर्ति का वैदिक मंत्रों के बीच लोकार्पण किया साथ ही प्रभु प्रेम आयुष धाम कार्य का शिलान्यास भी किया। कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष राहुल अरोरा द्वारा राज्यपाल को प्रतीक चिन्ह भेंट किया तथा अंग वस्त्र से भी सम्मानित किया। इस दौरान आयोजक संस्था बेतालेश्वर सेवा समिति द्वारा गरीबों को निःशुल्क कम्बल वितरित किये गये।
कार्यक्रम में उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने बेतालेश्वर सेवा समिति द्वारा क्षेत्र में किये जा रहे जनहित के कार्यों की सराहना की, और उन्हें प्रशंसनीय एवं प्रेरणादायक बताया और वृद्धाश्रम का नाम माता घर व अनाथालय का नाम भैया-बहन घर रखने का सुझाव दिया। समिति के अध्यक्ष राहुल अरोरा और सचिव दीप रिखाड़ी ने बताया कि आयुष धाम के अन्तर्गत 256 नाली भूमि पर 39 प्रकार की जड़ी बूटी उगायी जायेंगी और इनकी प्रोसेसिंग एवं पैकेजिंग की व्यवस्था भी यहीं पर की जायेगी। इससे स्थानीय लोगों के साथ ही महिलाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। कार्यक्रम में भवाली के नगर पालिका अध्यक्ष संजय वर्मा, दर्जा मंत्री राजेश कुमार, पीसी गोरखा, महंत रविशंकर महाराज, मूर्ति महाराज, भाजपा के प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट, रणदीप पोखरिया, नरेंद्र जी, इंदर रावत, अरविंद कनौजिया, अम्बा दत्त आर्य, दिलीप बोरा, प्रताप बोरा, समिति के कोषाध्यक्ष रमेश तिवारी, सदस्य हरीश चंद्र, शंकर जोशी, माही, भूपेंद्र जीना, तारा भंडारी, मोहित बिष्ट सहित डीएम सविन बंसल, एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी, संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन, प्रकाश आर्य, एडीएम केएस टोलिया, केएमवीएन के जीएम अशोक जोशी सहित अनेक क्षेत्रीय गणमान्य जन मौजूद रहे।
यह भी पढ़ें : कुछ अलग, दिलचस्प व अनुकरणीय : 11 साल की उम्र में ‘फील्ड बॉय’ से काम शुरू कर किया शिपिंग-एक्सपोर्ट का कारोबार, अब 40 की उम्र में समाजसेवा में राज्यपाल से पाया पुरस्कार
नवीन समाचार, नैनीताल, 6 नवम्बर 2020। मूलतः पंजाब के होशियारपुर के एक गांव के सामान्य परिवार से निकलकर एक 11 वर्ष के बालक राहुल अरोड़ा ने दिल्ली में एक कंपनी में ‘फील्ड बॉय’ के रूप में नौकरी शुरू की और एक दिन वैसी ही कंपनी का मालिक बन गया। आगे शिपिंग और एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट के कारोबार में बेशुमार दौलत हासिल कर कभी दिल्ली तो कभी दुबई और कभी लंदन से कारोबार का संचालन करने लगा। इस बीच नैनीताल जनपद के निवासी भेल में इंजीनियर एवं चिकित्सक माता पिता की चिकित्सक पुत्री भावना से मुलाकात और फिर शादी हुई। 2012 के आसपार इंजीनियर ससुर अपने गांव बेतालघाट लौट आए तो उनके साथ राहुल भी यहां ससुराल के नाते आ गए। यहां राहुल बेतालेश्वर महादेव का ऐसे आकर्षण में बंधे कि कोसी नदी किनारे 300 नाली जमीन खरीद ली। खनन से जुड़े लोगों ने इस भूमि पर क्रेसर बनाने की पहले सलाह और बाद में दबाव बनाया तथा प्रतिवर्ष तीन करोड़ रुपए कमाने का ऑफर दिया, किंतु राहुल ने इसकी जगह यहां 300 गायों की डेरी खोलकर पहाड़ के लोगों को रोजगार से जोड़ने का बीड़ा उठाया। उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने करीब तीन वर्ष पूर्व इस ‘ढिनाई डेरी’ का उद्घाटन किया था। आज श्रीमती मौर्य ने श्री अरोड़ा को उत्कृष्ट समाजसेवा के लिए सम्मानित और 75 हजार रुपए की धनराशि से पुरस्कृत किया तो अरोड़ा ने इस धनराशि से क्षेत्र में कूड़ेदान बनाने का ऐलान किया है। इस दौरान राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने यह भी कहा कि उनके कार्यों को देखकर ही उन्होंने हर वर्ष राज्य स्थापना दिवस से पूर्व उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों एवं कार्मिको को सम्मानित करने की शुरुआत की है।
राहुल अरोड़ा की कहानी इससे आगे भी काफी दिलचस्प है। शुक्रवार को नैनीताल राजभवन में सम्मानित होने के बाद पत्रकार वार्ता करते हुए उन्होंने बताया, समाजसेवा के बारे में उन्होंने कभी भी नहीं सोचा था। वर्तमान में 40 वर्षीय राहुल ने सोचा था कि 40 की उम्र में अपने कारोबार से सेवानिवृत्ति लेकर कहीं विदेश में शांति से रहेंगे। पर नियति पत्नी के साथ पहाड़ खींच लाई। यहां करीब तीन वर्ष पूर्व 7 माह से ह्वीलचेयर के लिए जगह-जगह गुहार लगा रहे एक व्यक्ति को ह्वीलचेयर दिलाने तथा बेतालघाट महोत्सव में सहयोग करने के साथ अनायास समाजसेवा करने का मौका मिला तो बेतालेश्वर सेवा समिति बनाकर इसी में रम गए। बकौल राहुल अब वे अपने कारोबार को केवल इसलिए जारी रखे हुए हैं कि इससे उनके समाज सेवा के कार्य चलते रहें। इस मौके पर उनके साथ बेतालेश्वर सेवा समिति के सचिव दीप रेखाड़ी एवं रमेश तिवाड़ी आदि सदस्य भी मौजूद रहे।
समाजसेवा में इतने कार्य कर चुके हैं राहुल
नैनीताल। राहुल की ढिनाई डेरी में वर्तमान में 50 गायें एसी एवं कालीनों का आनंद लेती हुई खास जैविक चारा खाती हैं। उनसे प्राप्त जैविक दूध प्रतिमाह लाखों रुपए के नुकसान के बावजूद बेतालघाट में मात्र 38 रुपए प्रति लीटर के भाव बेचा जाता है। राहुल ने बेतालघाट में तीन मंजिला ‘विकास भवन’ बनाया है, जहां क्षेत्रवासियों के सरकारी कार्यों के लिए आवेदन, प्रार्थना पत्र लिखने जैसे कार्य चार कार्मिकों के जरिए निःशुल्क होते हैं। यहां निःशुल्क बच्चों को ट्यूशन, कोचिंत, गीत-संगीत एवं नृत्य की शिक्षा तथा सिलाई-कढ़ाई एवं ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण दिया जाता है। बच्चों के लिए निःशुल्क पुस्तकालय भी खोला है। मंदिरों का सौंदर्यीकरण किया है। वह बेतालघाट में अपने खर्च पर खेल महाकुंभ व राज्य स्तरीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता करा चुके हैं। आगे उनकी योजना परित्यकता गायों के लिए गौसदन एवं आयुष फार्मिंग करने तथा अपने कार्य को बेतालघाट से बाहर भी यथाशक्ति फैलाने की है। साथ ही उन्होंने दावा कि इतने कार्य करने के बावजूद उनकी राजनीति में जाने के कई प्रस्तावों के बावजूद कोई योजना नहीं है।
यह भी पढ़ें : कर्म का जज्बा : नैनीताल के खुले डीएसए मैदान में उगा दिया उद्यान

नवीन समाचार, नैनीताल, 16 सितंबर 2020। कर्तव्यशील व्यक्ति जहां भी रहे, कुछ न कुछ सकारात्मक कर देता है। ऐसा ही कुछ नजारा इन दिनों नगर की खेल गतिविधियों के केंद्र, डीएसए के ऐतिहासिक फ्लैट्स मैदान में नजर आ रहा है। यहां भगवत यादव नाम के व्यक्ति ने खुले मैदान के किनारे, जहां पौधों की सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं है, एवं आवारा पशुओं-बंदर, लंगूरों से लेकर बच्चों व आम लोगों द्वारा भी छेड़छाड़ कर पौधों को हानि पहुंचाने का खतरा रहता है, लगातर देखरेख कर, बिना किसी अनुमति के ही सही, पर खाने योग्य पांगर, सूरजमुखी, टमाटर व गैंदा आदि के पौधों का छोटा सा उद्यान बना डाला है। भगवत के इस उद्यान में सूरजमुखी के फूल खिले हुए हैं, वहीं बड़े-बड़े टमाटर भी पके हुए हैं। इसे देखकर हर कोई भगवत की कर्तव्यशीलता की तारीफ कर रहा है।
यह भी पढ़ें : छात्रा ने कोरोना काल में प्राप्त किये 100 से अधिक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रमाण पत्र
नवीन समाचार, नैनीताल, 04 सितंबर 2020। नगर निवासी डीएसबी परिसर नैनीताल की एमए राजनीति विज्ञान चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा सोनी अनीश ‘एनी’ ने कोरोना काल में लगातार कई क्षेत्रों में कार्य करते हुए कई उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने इस दौरान घर में रहने इंटरनेट के माध्यम से International Forensic Science,Entrepreneurship and Startup India, Google Analytics for beginners, Advanced Google Analytics, Google Analytics for power users, Getting started with Google Analytics 360, Introduction to data Studio, Google tag manager fundamentals, Web App Beginner, Mobile App, National Level Quiz on Income Tax Quest, Constitution of India,Professional Digital Photography, World Environment, Indian Heritage and Culture, Library Science, Japanese Martial Art Judo, Microsoft Excel, SEMrush SEO tool kit, Ek Bharat Shreshtha Bharat, Entrepreneurship, IFS Forensic Investigation, Cyber Security, Artificial Intelligence and Machine Learning, AYUSH Yoga , Nutrition for Optical Health Learning Programme, Plastic Waste Management, International Programme on Computer Sciences, International Youth Day, Anti Drug Abuse, AYUSH Sanjivani, WASH Poshan Abhiyan Ministry of Women & Child Development, Basic Nutrition Poshan Abhiyan Ministry of Women & Child Development, Break the Stigma,E-Waste of Electronics and Information Technology, Entrepreneurship, Ministry of Youth Affairs and Sports, National Human Rights Commission India, National Commission for Women India, Ministry of Women and Child Development International Women’s Day, All India Council for Technical Skill Development, Be vocal about local, shreshth Gyan, International Forensic Science Investigation, National ( Electrical and Electronics Engineering), Social Media Marketing, National Service Scheme Cell APJ Abdul Kalam, Samanya Gyan, Cyber Security, International Yoga, Artificial Intelligence and Machine learning, Covid-19 awareness management and economy, Prime Minister self-reliant Indian movement, Accountancy, Indian Government and Politics, Feminism, Insolvency & Bankruptcy Board of India, Umang, Machine Learning, Basics of Computer Science, Theory of Machines, DNA Replication Transcription and Translation, All India Institute of Public and Physical Health Sciences ( AIIPPHS), Indian Constitution, Covid Awareness, International Level on Etiquettes and Manners, Aptitude and English Grammar, Business, Research Publication and Patent Creation, Cloud Computing, International Programme on Age of Exploration of Sea Routes, National Level programme in Python, EOT Crane Safety, National Level programme on Commerce, Skills for a Resilient Youth आदि में भागीदारी कर जिला, राज्य, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सौ से अधिक प्रमाण पत्र प्राप्त किए हैं। सोनी की राजनैतिक, सामाजिक और धार्मिक क्षेत्रों में भी भागीदारी रहती है। जहां कोरोना काल में लोग अपने घरों में असमंजस की स्थिति में भीतर बैठे थे, वहीं सोनी ने इंटरनेट का लाभ उठाते हुए अपनी योग्यता एवं जुझारू पन का परिचय देते हुए यह उपलब्धि हासिल की, जो कि युवाओं एवं छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरणादायी साबित हो सकती है।
यह भी पढ़ें : आशा ने लॉक डाउन में बना डालीं 190 पेंटिंग, कमाई से करेंगी केंसर पीड़ितों की मदद
नवीन समाचार, नैनीताल, 18 अगस्त 2020। बिड़ला विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य अनिल शर्मा की धर्मपत्नी एवं कई सामाजिक संगठनों से जुड़ी आशा शर्मा ने लॉक डाउन का सदुपयोग करते हुए करीब 190 पेंटिंग बनाई हैं। आगे वह इन पेंटिंग को बेचकर इससे प्राप्त होने वाली धनराशि को केंसर पीड़ितों को भेंट करना चाहती हैं।
श्रीमती शर्मा ने कहा कि उन्होंने यह कार्य महिलाओं को प्रेरित करने के लिए किया है कि कोई भी महिला अपने शौक को अपने रोजगार का जरिया बनाने के साथ ही लॉक डाउन जैसी परिस्थितियों में समय का सदुपयोग करने का माध्यम भी बना सकती है। उन्होंने कहा कि अपने शौक से इस तरह जुड़ना मेडिटेशन यानी ध्यान लगाने का सबसे अच्छा माध्यम भी है। इससे मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। क्योंकि इसमें सर्वाधिक ध्यान केंद्रित होता है। उन्होंने बताया कि यह पेंटिंग बनाने के लिए वह आठ घंटों तक लगातार रात्रि में बैठकर भी काम किया है।
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कैलाश जोशी @ नवीन समाचार, ज्योलीकोट, 16 जून 2020। कोरोना महामारी के कारण घोषित लॉकडाउन में समीपवर्ती बेलुवाखान में घर लौटी प्रवासी युवती कुमारी स्मृति बोरा ने अपने पैतृक आवास में लौट कर अपने स्वर्गीय पिता कमल बोरा की स्मृतियों को रंगों और ब्रश की जुगलबंदी से नई जान दे दी है। स्मृति ने अपने पारिवारिक आवासीय परिसर को भी नया रंगरूप देकर अपनी प्रतिभा का सदुपयोग किया है। उसके द्वारा टायरों, पुराने अनुपयोगी बर्तनों व गमलों के साथ ही घर के मंदिर को नया रूप दिया गया है, जिसे देख कर सभी लोग स्मृति की सराहना किये बिना नहीं रह पा रहे हैं।
पोस्ट ग्रेजुएट स्मृति बीते मार्च में अपनी माँ प्रवीणा बोरा के साथ फैजाबाद उत्तर प्रदेश से बेलुवाखान स्थित अपने पैतृक आवसीय परिसर शंकर सदन में स्थायी रूप से लौट आयी है, जहां परिवार के अन्य लोग भी पहले से ही रहते हैं। हालांकि स्मृति का अधिकांश समय बाहर ही व्यतीत हुआ है। वह वहां ब्यूटीशियन का कार्य करती थी और उसने कला सम्बंधित विधिवत शिक्षा भी ग्रहण नहीं कि है। फिर भी स्मृति बताती है कि कला की प्रेरणा और शिक्षा उसे अपने स्वर्गीय पिता कमल बोरा से मिली। लॉक डॉउन में उसे अपने हुनर को दिखाने का मौका मिला। स्मृति की भविष्य में इस कला को और निखारने व आगे बढ़ाने की इच्छा भी है। बताते चलंे कि बोरा परिवार के अन्य सदस्यों की तरह स्मृति के पिता स्वर्गीय कमल बोरा ज्योलीकोट की 70 वर्ष पुरानी रामलीला के स्तम्भ रहे हैं।
यह भी पढ़ें : बच्चियों ने गुल्लक तोड़कर पीएम केयर्स में जमा की पूरी राशि
नवीन समाचार, नैनीताल, 27 अप्रैल 2020। एक बोध कथा में एक नन्ही चिड़िया जंगल में आग लगने पर अपनी चोंच से दूर समुद्र से जल लाकर आग बुझाने का प्रयास करती थी। कुछ इसी भाव के साथ नगर की दो बच्चियों ने कोरोना की महामारी से लड़ने के लिए अपना गुल्लक तोड़कर इसमें मिली 2,313 रुपए की पूरी धनराशि सोमवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष नितिन कार्की के माध्यम से प्रधानमंत्री के पीएम केयर्स फंड में जमा करा दी है। बच्चियों ने यह धनराशि पिछले एक वर्ष में अपने जेब खर्च से बचाकर जमा की थी। इनमें एक बच्ची नगर के ऑल सेंट्स कॉलेज में छठी कक्षा की छात्रा 11 वर्षीया सुहार्दिका व दूसरी उसकी छोटी बहन छह वर्ष की पहली कक्षा में पढ़ने वाली याशिका है। वे कुमाऊं विवि के डीएसबी परिसर के पर्यटन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डा. अशोक कुमार व सुविध्या की पुत्रियां हैं।
यह भी पढ़ें : सेवानिवृत्त दरोगा को फंड मिले नहीं, फिर भी पीएम-सीएम राहत कोष में दिये 24 हजार
नवीन समाचार, नैनीताल, 25 अप्रैल 2020। विजिलेंस विभाग से नवंबर 2019 में सेवानिवृत्त हुए उपनिरीक्षक दीवान सिंह चम्याल ने कोरोना विषाणु कोविद-19 की महामारी में योगदान देकर अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। नगर के तल्लीताल क्लर्क क्वार्टर में रहने वाले चम्याल को सेवानिवृत्ति के करीब पांच माह बीतने तक अपने जीपीएफ सेवानिवृत्ति लाभ की धनराशि भी नहीं मिली है। इधर कोरोना व लॉक डाउन के कारण वे सरकारी पूल्ड आवास खाली करने के साथ अपने लिए घर भी नहीं बना पा रहे हैं। फिर भी उन्होंने अपने मार्च माह की पेंशन में 12 हजार रुपए प्रधानमंत्री के पीएम केयर्स फंड में तथा 12 हजार रुपए प्रदेश के मुख्यमंत्री के राहत कोष में शुक्रवार को जमा करा दिये हैं।
यह भी पढ़ें : सांसद अजय भट्ट के साथ ही उनकी पत्नी व पुत्री भी दे रहे कोरोना से जंग में योगदान
-सांसद ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में देश कोरोना से जंग जीतने की राह पर, विश्व में हो रही प्रशंसा
-पत्नी हल्द्वानी में घर पर स्वयं सिल रही हैं मास्क, वहीं पत्नी जम्मू में जरूरतमंदों को उपलब्ध करा रही हैं राशन

नवीन समाचार, नैनीताल, 23 अप्रैल 2020। नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा के सांसद अजय भट्ट का पूरा परिवार इन दिनों कोरोना की वैश्विक महामारी के दौरान लागू लॉक डाउन में जरूरतमंदों की मदद में जुटा हुआ है। स्वयं भट्ट जहां बतौर सांसद अपनी जिम्मेदारियों को अंजाम दे रहे हैं, और अपने वेतन के एक लाख रुपए पीएम केयर्स में जमा करा चुके हैं, वहीं उनकी अधिवक्ता पत्नी पुष्पा भट्ट हल्द्वानी स्थित घर में जरूरतमंदों के लिए घर पर स्वयं सिलाई मशीन पर मास्क सिलने में लगी हुई हैं, वहीं उनकी पुत्री मेघा घर से दूर जम्मू में अपने परिवार के साथ रहते हुए वहां भी जरूरतमंदों की मदद में जुटी गई हैं।
श्री भट्ट ने बताया कि इस आपातकाल में हर किसी को अपनी सामर्थ्य की ओर से फसल बचाने वाली गिलहरी व आग बुझाने वाली नन्ही चिड़िया की कहानियों की तरह अपना योगदान देने की जरूरत है। इसी कोशिश में वे स्वयं तथा उनके परिवार के सदस्य स्वयं अपनी प्रेरणा से अपना योगदान दे रहे हैं। कहा कि वर्तमान में यहां-वहां फंसे लोगों को उनके इच्छित स्थानों पर भेजना संभव नहीं है। बहरहाल, वे देश भर में फंसे उत्तराखंडी लोगों को उनके स्थान पर यथासंभव सुविधाएं उपलब्ध कराने के कार्य में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरुआत में ही लॉक डाउन का कड़ा निर्णय लेकर पूरे देश को कोरोना की महामारी से बचाने का प्रयास किया है। वहीं विश्व के दूसरे देशों की भी मदद की है। ऐसे में भारत पूरी दुनिया में कोरोना से लड़ने में नंबर-1 साबित हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में देश कोरोना से जंग जीतने की राह पर है, और पूरे विश्व में भारत की प्रशंसा हो रही है। कहा कि इस समय आर्थिक रूप से पूरे देश में नुकसान हो रहा है। लोग भी समस्याएं झेल रहे हैं। लेकिन उन्हें किसी तरह के क्षोभ या अवसाद में नहीं जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें : वाकई मित्र पुलिस: 100 किमी दूर से लाकर 180 किमी दूर वृद्धा के घर पर पहुंचाईं दवाइयां
नवीन समाचार, अल्मोड़ा, 21 अप्रैल 2020। अल्मोड़ा पुलिस ने लॉक डाउन के दौरान मुख्यालय से 180 दूर एक गांव में दवाई के लिए तरसती वृद्धा को 100 किमी दूर हल्द्वानी से दवाइयां मंगाकर और उसके घर पर पहुंचाकर वास्तव में मित्र पुलिस का नाम साकार कर दिया है। हुआ यह कि सल्ट क्षेत्र के एक सामाजिक कार्यकर्ता अमित रावत ने अल्मोड़ा पुलिस के फेसबुक पेज पर मधुमेह, अस्थमा आदि बीमारियों से पीड़ित करीब 80 वर्षीया वृद्धा झपरी देवी पत्नी स्व. दामोदर खंतवाल निवासी ग्राम कोट जसपुर पो. बॉगीधार को दवादयां न मिलने की शिकायत वृद्धा की भावुक वीडियो अपील के साथ पोस्ट की। इस पर अल्मोड़ा पुलिस के मीडिया सेल में कार्यरत पुलिस कर्मियों ने वृद्धा से दूरभाष पर बात की और उसकी समस्या से संतुष्ट होने पर एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने हल्द्वानी से दवाइयां मंगवाईं और मंगलवार को दवाइयां वृद्धा के घर पर दवाइयां पहुंचाईं। इस पर अल्मोड़ा पुलिस के साथ ही उत्तराखंड पुलिस को तारीफंे मिलनीं तय हैं।
यह भी पढ़ें : छात्र-छात्राओं ने घर पर रहकर तैयार कोलाज पोस्टर से दिया एकता से कोरोना को हराने का संदेश
नवीन समाचार, नैनीताल, 19 अप्रैल 2020। कोरोना विषाणु से बचाव व राहत कार्यों में समाज का हर वर्ग अपनी ओर से संभव योगदान कर रहा है। चिकित्सक चिकित्सा, पुलिस कर्मी सुरक्षा, पर्यावरण मित्र सफाई एवं समर्थ लोग प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री राहत कोष एवं अन्य माध्यमों से जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं तो अनेक लोग जागरूकता फैलाने में भी योगदान दे रहे हैं। ऐसा ही एक प्रयास कुमाऊं विवि के सर्वप्रमुख डीएसबी परिसर के छात्र-छात्राओं ने अपने एक कोलाज पोस्टर के जरिये कोरोना के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का संदेश दिया है। इस कोलाज पोस्टर में बीएससी व बीकॉम द्वितीय वर्ष के समीर राज आर्य, मीनाक्षी बिष्ट, प्रभात बजाज, जेबा नाज, समृद्धि बिष्ट, मनीष जोशी ,प्रियंका बिष्ट, धीरज कुमार, रेचेल, पंकज भट्ट, वर्षा, कृति, अक्षांश जोशी, जीत बिष्ट, पूजा जोशी, सूरज, हिमांशु मेहरा व कस्तूरबा कनवाल आदि छात्र-छात्राएं अपने हाथों में लिखे पोस्टरों से अंग्रेजी में लिखे पोस्टर में कह रहे हैं, ‘यह पूरी मानव सभ्यता के खिलाफ लड़ाई है। कुछ हारों के बावजूद अभी भी उम्मीदें जिंदा हैं कि हम इससे जीतेंगे। क्योंकि एकता सकारात्मकता को बढ़ाती है’। यह भी बताया जा रहा है इन छात्र-छात्राओं ने यह कोलाज पोस्टर अपने घरों पर मौजूद रहकर यानी बिना एक साथ आये, सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखकर तैयार किया है।
नैनीताल : यह भी पढ़ें : टीम ग्रीन अनूठे तरह से फैला रही कोरोना के प्रति जागरूकता
नवीन समाचार, नैनीताल, 18 अप्रैल 2020। कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर डीएसबी परिसर के छात्र-छात्राओं की ‘टीम ग्रीन’ अनोखे तरीके से लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है। छात्र-छात्राओं ने एक फोटो के जरिये लोगों से घर पर रहने का संदेश दिया है। कोलाज कर बनाई गई फोटो में छात्र छात्राएं अलग अलग अंग्रेजी शब्द को कागज पर लिखकर ‘स्टे होम-स्टे सेफ’ यानी घर पर रहिये-सुरक्षित रहिये का संदेश लिखे दिखाई दे रहे हैं। टीम ग्रीन के इस कोलाज में निर्मला, पल्लवी, भोला, शिखा, हिमांशु, मजहर, निहारिका, दीक्षा नेगी, गरिमा जोशी, मृदुल, तन्मय, विपुल, जलज, राहुल, तरुण राज, अक्षत कौशिक व प्रदीप शामिल हैं।
यह भी पढ़ें : पालिकाध्यक्ष ने खुद उठाया शहर से गुजरने वाले वाहनों को विसंक्रमित करने का जिम्मा

नवीन समाचार, नैनीताल, 11 अप्रैल 2020। निकटवर्ती भवाली नगर में शनिवार को नगर पालिका अध्यक्ष संजय वर्मा ने नगर के बाजार व नगर से गुजरने वाले वाहनों को सैनिटाईज करने का जिम्मा खुद संभाला। इस दौरान पालिका अध्यक्ष संजय वर्मा, ईओ ईश्वर सिह रावत, सभासद किशन अधिकारी, पूर्व सभासद इदरीश खान, पालिका लिपिक इंदर कपिल, मनोज तिवाडी, योगेश कुमार, दीपक भंडारी, रमेश भट्ट, राजा राम वाल्मिकी, समाजसेवी मनोज नयाल, मनीष साह, संजयलोहनी, कंचन बेलवाल, किशन नयाल, सोनू सिजवाली व दीपू कपिल आदि ने भवाली नगर व बाजार में आने-जाने वाले वाहनों को सैनिटाईज किया। साथ ही लोगों को सोसियल डिस्टेंसिंग व मुंह को मास्क, गमछे या रुमाल से ढककर रखने के लिए जागरूक किया।
यह भी पढ़ें : आवारा कुत्तों को अंडा दूध, ब्रेड व बेसहारा गाय-बैलों को हरा चारा खिलाया
-नगर पालिका भवाली की अभिनव पहल
नवीन समाचार, नैनीताल, 9 अप्रैल 2020। नगर.पालिका परिषद भवाली द्वारा नगर मे लगातार सैनिटाइजर करने का कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में बृहस्पतिवार को पालिका के पर्यावरण मित्रों ने नगर के बैंकों व विभिन्न क्षेत्रों को दवा छिडकाव कर सैनिटराईज किया। साथ ही पालिका कर्मचारियों तथा आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व आशा कार्यकत्रियों की सयुक्त टीम ने नगर के सभी बार्डो मे कोरोना के प्रति लोगो को जागरूक कर सामाजिक दूरी बनाये रखने का संदेश दिया। साथ ही नगर पालिकाध्यक्ष संजय वर्मा व ईओ ईश्वर सिह रावत के निर्देशन में पशु चिकित्सा विभाग के पशुचिकित्सा अधिकारी डा मोहन, पशुधन प्रसार अधिकारी राशिद हुसैन, अजय कुमार, मुकेश कुमार, पालिका के पर्यावरण मित्र प्रभारी शिशुपाल वाल्मिकी, रोहित कुमार, राजा राम वाल्मिकी ने नगर के आवारा कुत्तों को नंदा देवी सांस्कृतिक मंच, अल्मोडा रोड, नैनीताल रोड, भीमताल रोड व रामगढ रोड में अलग-अलग स्थानों पर अंडा दूध, ब्रेड व बेसहारा गाय-बैलों को हरा चारा खिलाया।
यह भी पढ़ें : इमरान के निकाह में ‘रिद्धि सिद्धि संग निमंत्रित हैं गौरी पुत्र गणेश और ब्रह्मा, विष्णु, महेश’, आप भी आकर दीजिएगा ‘आशीष’

नवीन समाचार, किच्छा (ऊधमसिंह नगर), 4 मार्च 2020। दिल्ली में दो धर्मों के लोगों को दंगों की आग में जलाने की कोशिश के बीच किच्छा दोनों धर्मों के दिलों को जोड़ने और देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को मजबूत करने वाला समाचार है। यहां हिंदुओं के घरों में निकटवर्ती ग्राम सैजना निवासी इमरान हुसैन सुपुत्र फरियाद हुसैन के इमराना बी सुपुत्री जान मोहम्मद निवासी गुलहिया मो. हुसैन तहसील बहेड़ी जिला बरेली यूपी परिणय बंधन का निमंत्रण देता कार्ड आया है। कार्ड की शुरुआत में लिखा गया है-रिद्धि सिद्धि सहित पधारो, गौरी पुत्र गणेश। कुटुंब सहित सब देव पधारो ब्रह्मा, विष्णु, महेश।। विघ्न हरण मंगल करण श्री गणपति महाराज, प्रथम निमंत्रण आपको, पूरण कीजै काज।।’ बीच में बाकायदा गणेश जी की फोटो भी बनी है। आगे नवयुगल को सस्नेह आशीष प्रदान करने हेतु आपकी उपस्थिति प्रार्थनीय भी बताई गई है। वहीं बारात के कार्यक्रम के अनुसार पांच मार्च को सुबह 9 बजे सेहराबंदी, 11 बजे बारात प्रस्थान, शाम चार बजे शुभ विवाह एवं शाम पांच बजे बारात वापसी है। ऐसे निमंत्रण के बाद ऐसी खास शादी में जाना तो बनता है।
बताया गया है कि दूल्हे इमरान के पिता कम पढ़े-लिखे हैं, परंतु इस कार्ड के जरिये उन्होंने देश के कथित धर्म निरपेक्ष कहलाकर दोनों धर्मों को लड़ाकर सियासत की रोटी सेंकने वाले सियासतदानों को बड़ा पाठ पढ़ाया है। उनका कहना है उनके चार बेटों-इमरान, उस्मान, जीशान व फैजान में इमरान सबसे बड़ा है। उन्होने इमरान के निकाह के लिए अपने हिंदू मित्रों के लिए यह खास कार्ड छपवाया है। उनका कहना है, हिंदू-मुसलमान आपस में भाई हैं। उनकी इस पहल से यह रिश्ता दोनों कौमों के लिए और मजबूत है, इसी सोच से यह कार्ड छपवाए गए हैं।
यह भी पढ़ें : सेवानिवृत्ति पर की गई अनुकरणीय पहल, आप भी कीजिएगा-अच्छा लगेगा..
-रोपा ‘एक पौधा धरती मां के नाम’
नवीन समाचार, नैनीताल, 1 मार्च 2020। कुमाऊं मंडल विकास निगम के पर्यटक आवास गृह रामगढ़ में एक अनुकरणीय पहल की गई। यहां के प्रबंधक चंद्र सिंह राठौर की सेवानिवृत्ति पर निगम के कर्मचारियों ने उन्हें विदाई देकर सम्मानित किया। साथ ही इस मौके पर कुमाऊं मंडल विकास एवं कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष दिनेश गुरुरानी की पहल ‘एक पौधा धरती मां के नाम’ अभियान के तहत आवास गृह परिसर में एक पौधा लगाया गया। गुरुरानी ने कहा कि राठौर का कार्यकाल सराहनीय रहा। उन्होंने अपनी सेवा के साथ-साथ कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए संगठन को भी महत्वपूर्ण सहयोग दिया। उनकी यादों को चिरस्थायी बनाने के लिए पौधे का रोपण किया जा रहा है। वहीं राठौड़ ने कहा कि निगम व महासंघ ने उन्हें जो सम्मान दिया उसे भुलाया नहीं जा सकता है। उल्लेखनीय है कि गुरुरानी लंबे समय से ‘एक पौधा धरती मां के नाम’ अभियान चलाए हुए हैं। वे निगम के माध्यम से कैलाश यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से भी पौधे लगवाते हैं। यहां तक कि अपने आंदोलन के दौरान सहित अन्य मौकों पर भी पौधे लगाते हैं। कार्यक्रम में दिल्ली से आये सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अशोक हुड्डा, मुंबई से आए श्री पांड्या, संजय कुमार, चंदन बिष्ट, कमल राठौर, जगदीश पलड़िया, राजू ,मोती व कुमार सहित पर्यटक व निगम कर्मचारी उपस्थित रहे।
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नवीन समाचार, देहरादून, 25 जनवरी 2020। चार साल पहले तक देहरादून के दर्शन लाल चौक पर भीख मांगने वाली लड़की चांदनी के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस खास बन गया। बतौर मुख्य अतिथि, मंच से जब उसने अपने बीते दिनों को बयां कर भविष्य के सपने साझा किए तो वहां मौजूद लोगों ने नम आंखों से उसकी जीवटता को सराहा। जीजीआईसी, राजपुर रोड में दसवीं की छात्रा चांदनी को बाल संरक्षण आयोग ने चौराहे पर भीख मांगने से रेस्क्यू कर पढ़ाया और राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित समारोह में उसे मुख्य अतिथि बनाया। जहां उसने बाल आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी, पुलिस मुख्यालय की एडिशनल एसपी क्राइम ममता बोरा, अनुसचिव रोशनी सती के साथ दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
चांदनी ने समारोह में अपने बीते दिनों का बयां करते हुए कहा कि, दर्शनलाल चौक पर मैंने भीख मांगी है। मुझे लगने लगा था कि यही मेरी दुनिया है। लेकिन मेरा समय बदला। आज मैं दर्शनलाल चौक पर नहीं, जीजीआईसी में हूं। मैं टीचर बनकर अपने जैसे हजारों बच्चों को भिक्षावृत्ति से निकालकर उनके सपनों को साकार करना चाहती हूं। वह बोलीं, कमजोर, लाचार, चांदनी से सशक्त, सक्षम चांदनी के रूप में इस तरह मुख्य अतिथि बनने के बारे में उसने सपने में भी नहीं सोचा था। बाल आयोग अध्यक्ष उषा नेगी ने चांदनी की जीवटता की प्रशंसा करते हुए बताया कि, चार साल पहले आश्रय संस्था ने उसे दर्शनलाल चौक से रेस्क्यू किया था। वह एक महीने में ही पढ़ना सीख गई थी। इसके बाद ओपन बोर्ड से उसे आठवीं कराकर जीजीआईसी, राजपुर में प्रवेश दिलाया गया। राजपुर रोड स्थित राजकीय छात्रावास में शिक्षिका संगीता और प्रिंसिपल हुकुम सिंह उनियाल की कड़ी मेहनत के दम पर चांदनी अब दसवीं की छात्रा है।
यह भी पढ़ें : अनुकरणीय : एसडीएम ने सरकारी अस्पताल में कराया पत्नी का प्रसव
नवीन समाचार, पिथौरागढ़, 30 दिसंबर 2019। उत्तरकाशी की बड़कोट तहसील में एसडीएम के पद पर तैनात पीसीएस अधिकारी अनुराग आर्य ने अपनी पत्नी सरिता महर का प्रसव पिथौरागढ़ के राजकीय महिला चिकित्सालय में कराकर अनुकरणीय मिसाल पेश की है। आर्य दंपति को पहली संतान के रूप में सिजेरियन ऑपरेशन के जरिए कन्या की प्राप्ति हुई है। आर्य इससे पूर्व पिथौरागढ़ व गंगोलीहाट में भी एसडीएम रह चुके हैं। उनका कहना है कि इस तरह अधिकारियों के सरकारी सुविधाओं के उपयोग से सरकारी सेवाओं में सुधार किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें : 80 की उम्र के बुजुर्ग ने कर दिया पढ़ाई के लिए कमाल
नवीन समाचार, सितारगंज, 14 दिसंबर 2019। कहते हैं पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती। एक 80 बुजुर्ग ने इस कहावत को चरितार्थ कर दिया है। शहर के निकटवर्ती चकरपुर निवासी 80 वर्षीय बुजुर्ग दानी राम ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान से इस वर्ष 10वीं की परीक्षा 60.2 फीसद अंकों के साथ यानी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है। इससे वह पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनने के साथ ही बीच में पढ़ाई छोड़ने एवं पढ़ाई से दूर करने वालों के लिए अनुकरणीय हो गए हैं।
उल्लेखनीय है कि दानी राम सीआईएफ से सूबेदार मेजर पल पद से सेवानिवृत्त हैं। उनके 3-3 पुत्र-पुत्रियां व 5 पोते हैं। अब तक वे आठ पास थे। उनका कहना है कि कोई उनके पोतों को न चिढ़ाए कि उनके दादा कम पढ़े लिखे हैं, इसलिये उन्होंने हाई स्कूल किया। आगे वह इंटर की पढ़ाई भी करेंगे।
यह भी पढ़ें : नैनीताल घूमने आये गुजरात के सैलानी की मौत, कानपुर के घायल हुए सैलानी की लोगों ने की मदद..
नवीन समाचार, नैनीताल, 1 नवंबर 2019। गुजरात से नैनीताल घूमने आए एक सैलानी की हृदयाघात से मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सोंप दिया है। पुलिस के अनुसार दीपक रावल (69) पुत्र दिनकर रावल निवासी शिवम फ्लैट्स बड़ोदरा गुजरात अपने परिजनों के साथ नैनीताल घूमने आए हुए थे, और यहां मल्लीताल स्थित स्टार गेस्ट हाउस में ठहरे हुए थे। गुरुवार देर रात अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई। आनन-फानन में परिजन उन्हें लेकर बीडी पांडे जिला चिकित्सालय पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इधर शुक्रवार को कानपुर यूपी के एक करीब 70 वर्षीय कमाल खान नाम के सैलानी मल्लीताल बड़ा बाजार क्षेत्र में चलते-चलते दो बार चक्कर आने से गिर पड़े। इससे उनके पीछे के हिस्से से रक्तस्राव होने लगा। नगर के रामा मांटेसरी स्कूल की प्रधानाचार्या नीलू एल्हेंस ने कंचन व साजिद हुसैन आदि स्थानीय युवकों की मदद से मल्लीताल कोतवाली से सटे होटल में रह रहे उनके परिजनों तक उन्हें पहुंचाकर घायल बुजुर्ग की मदद करने की मिसाल पेश की।
यह भी पढ़ें : नैनीताल नगर पालिका अध्यक्ष एवं सभासदों ने मिसाल की पेश, घायल महिला सैलानी को खुद रिक्शा चलाकर पहुंचाया अस्पताल
नवीन समाचार, नैनीताल, 30 अक्टूबर 2019। नगर के प्रथम नागरिक यानी नगर पालिका अध्यक्ष सचिन नेगी और उनके साथी सागर आर्या, पुष्कर बोरा व भगवत रावत ने बुधवार को मानवता की अनूठी मिसाल पेश की। उन्होंने एक महिला सैलानी के अचानक गिर कर घायल होने पर किसी अन्य को मदद के लिए बुलाने के बजाय खुद ही पास पड़ा रिक्शा चलाकर घायल महिला को अस्पताल पहुंचाया।
हुआ यह कि शाम करीब साढ़े चार-पांच नगर के मल्लीताल क्षेत्र में स्थित कैपिटॉल सिनेमा के पास देहरादून निवासी करीब 60 वर्षीय महिला सैलानी कुसुम रावत सीढ़ियों पर अचानक चक्कर खाकर गिर पड़ी, जिससे उनके सिर और पैर में गंभीर चोटें आईं। संयोग से वहीं निरीक्षण कर रहे पालिकाध्यक्ष श्री नेगी एवं सभासदों ने उन्हें देख लिया। उन्होंने तुरंत पास ही खड़े रिक्शे चलाकर उन्हें करीब 500 मीटर दूर बीडी पांडे जिला चिकित्सालय पहुंचाया। जहां महिला के सिर में दो-तीन टांके आये और उसे प्राथमिक उपचार के उपरांत सिर में लगी चोट को देखते हुए सीटी स्कैन के लिए हल्द्वानी भेज दिया गया।
यह भी पढ़ें : एक बच्ची ने बताया, निरुपयोगी व परेशानी का कारण बने पिरूल से यह भी हो सकता है…

नवीन समाचार, नैनीताल, 15 अक्टूबर 2019। जनपद के दूरस्थ अल्मोड़ा जनपद की सीमा से लगे रामगढ़ विकासखंड के गांव खैरदा निवासी नौवीं कक्षा की छात्रा ईशा आर्या व उसकी ममेरी बहन किरन आर्या ने पिरूल से डलिया व टोकरियां बनाने का नया प्रयोग किया है। उनका यह नया प्रयोग निरुपयोगी एवं वनाग्नि का बड़ा कारण बनने वाले पिरूल के इस अनुप्रयोग से रोजगार की नई संभावनाएं जगाने वाला है। ईशा पिरूल कही जाने वाली चीड़ की हरी पत्तियांे से बिना सुंदरता के लिए कोइ्र अतिरिक्त प्रबंध किये सुंदर टोकरियां बनाती हैं, जो देखने में तो सुंदर हैं ही, टेबल पर पेन स्टेंड व पूजन सामग्री आदि रखने की टोकरी व रोटियां रखने की छापरी के साथ ही सजावटी डडिया सहित अन्य प्रयोगों में भी इनका प्रयोग किया जा सकता हैं, और प्लास्टिक के छोटे सजावटी उत्पादों का बेहतर विकल्प भी हो सकती हैं। आगे इनकी तरह और भी मिलते-जुलते सुंदर उत्पाद पिरूल की पत्तियांे से बनाने की संभावना साफ नजर आती हैं, और चूंकि पिरूल की पत्तियों की उम्र भी काफी होती है, इसलिए इन उत्पादों को काफी समय तक सुरक्षित भी रखा जा सकता है। जनपद के राइंका ल्वेशाल में नौवीं कक्षा की छात्रा र्इ्रशा के अनुसार उन्होंने यह कला अपनी ताई से सीखी है। अपनी पढ़ाई व अन्य कार्यों के बीच समय मिलने पर वह इस कला को आगे बढ़ा रही हैं।
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यह भी पढ़ें : अनुकरणीय मिसाल: चार धर्मों के चार छायाकारों ने 750 किमी साथ चलकर दिया अनूठा संदेश

नवीन समाचार, नैनीताल, 24 सितंबर 2019। देश मे कथित ‘असहिष्णुता’ होने के राजनीतिक शोर के बीच प्रदेश के चार छायाकारों ने साम्प्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश की है। इत्तफाकन चार अलग-अलग धर्मो को मानने वाले नैनीताल के छायाकार अमित साह (हिन्दू, 37) व सूरज एहरन सिंह (ईसाई, 37), अल्मोड़ा के छायाकार कमाल खावर (मुस्लिम, 43) व बाजपुर के छायाकार हृदयपाल सिंह खेड़ा (सिख, 23) ने साथ मिलकर राज्य के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित व्यास घाटी, ‘ऊं’ पर्वत और आदि कैलाश की समुद्र की सतह से 15000 फिट तक की ऊंचाई से गुजरते हुए रोमांचक यात्रा की, और प्रकृति के अद्भुत नैसर्गिक सुंदरता युक्त चित्रों का संकलन किया।
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अमित ने बताया कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य देश की जनता को धार्मिक सद्भाव व एकता का संदेश देना था। इस 600 किलोमीटर की सड़क मार्ग से वाहनों पर व 157 किलोमीटर की यात्रा पैदल कठिन यात्रा को एक साथ पूरा करने में उन्हें 14 दिन का समय लगा। बताया कि चारों गत 10 सितंबर को अल्मोड़ा में इकट्ठे हुए और 23 को धारचूला लौटे। उन्होंने कहा कि जिस तरह उन चारों ने साथ मिलकर इस कठिन यात्रा को आसानी से पूरा किया, उसी तरह देशवासी भी साथ मिलकर देश को कठिन परिस्थितियों में भी आगे ले जाने का काम करें। यही संदेश वे सभी देशवासियों को देना चाहते हैं।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 14 अगस्त 2019। कुमाऊं विवि के डीएसबी परिसर में कार्यरत वाणिज्य विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष अतुल जोशी के द्वारा बुधवार को नगर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय तल्लीताल में विद्यार्थियों के लिए एक छोटी सी पहल कर सभी समर्थ लोगों को बड़ा संदेश दिया। उन्होंने अपने विद्यालय को उसकी जरूरत के लिए साउंड सिस्टम भेंट किया गया। साथ ही स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मिष्ठान वितरण हेतु भी वित्तीय सहयोग भी दिया। इस अवसर पर प्रो. जोशी ने बताया कि इस विद्यालय में उन्होंने प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की है और उन्हें अत्यंत लगाव भी है। वह चाहते हैं कि जन सहयोग से इस विद्यालय में पढाई कर रहे विद्यार्थियों को हर वह सुविधा मिल सके जिससे यह विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा सके।
इस अवसर पर उपस्थित संयुक्त शिक्षा निदेशक आरएल आर्या ने कहा कि अगर सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर अच्छे मुकाम पर पहुंचे सभी प्रतिष्ठित और सक्षम लोग मदद करें और अपने पूर्व स्कूलों के कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी निभायंे तो देश की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन आ सकता है। इस अवसर पर सहायक प्राध्यापक केके पांडेय, आलोक जोशी, मोहम्मद नफीस, जगदीश नेगी, संगीता त्रिपाठी एवं उज्जवला चौधरी आदि भी उपस्थित रहे।
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नवीन समाचार, पिथौरागढ़, 28 जुलाई 2019। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की सीमांत तहसील धारचूला के बॉर्डर में रहने वाली दो महिलाओं ने कुछ ऐसे काम किये हैं, जिन पर अभी तक पुरुषों का ही कब्जा था। आपदाग्रस्त गांव जिप्ती की गीता ठाकुर ने जहां अपने परिवार को पालने के लिए पोर्टर यानी कुली का काम शुरू किया है, वहीं बालिंग गांव की आशा बंग्याल ‘आदि कैलाश’ यात्रियों के लिए गाइड का काम कर रही है। यह पहला मौका है जब चीन सीमा पर रहने वाली महिलाएं पोर्टर और गाइड जैसे पेशों को अपना रहीं हैं। वहीं करीब 150 किमी की दुर्गम मार्गों पर पैदल चलकर किये जाने वाले यह कार्य इतने कठिन हैं कि युवा पुरुष भी इन कार्यों को करने से डरते हैं।
गीता ने गत दिवस आदि कैलाश यात्रियों के 7 वें दल के 22 यात्रियों के साथ पोर्टर के रूप में कार्य शुरू करते हुए 140 किलोमीटर की दुर्गम पैदल यात्रा की। गीता ने बताया कि पोर्टर का काम शुरू करने पर उसे गांव के कई लोगों का विरोध भी झेलना पड़ा। लेकिन उसने लम्बी दुर्गम पैदल यात्रा को सफलता के साथ पूरा कर विरोध करने वालों को करारा जवाब दिया है। गरीब परिवार की बेटी गीता के 6 भाई-बहन हैं और माता-पिता जिप्ती गांव में ही छोटी जोत पर खेती करते हैं। वहीं गीता धारचूला में किराये पर कमरा लेकर अपनी बहन और भतीजी को पढ़ा भी रही है। घर का खर्चा चलाने के लिए गीता ने उसने यह नया बेहद कठिन पेशा अपनाया है।
गीता की तरह आशा बंग्याल ने भी गाइड का काम शुरू किया है। 40 साल की आशा विधवा हैं और उनके दो बच्चे भी हैं, जिनकी परवरिश का पूरा जिम्मा उन्हीं पर है। आशा ने ट्रैकर लक्ष्मण सिंह के साथ गाइड का काम शुरू किया है। वे पर्यटकों को पंचाचूली ग्लेशियर, आदि कैलाश जैसे स्थलों पर सुरक्षित पहुंचाती हैं। आशा ने दारमा घाटी में पहली बार हुई आदि कैलाश यात्रियों के 21 सदस्यों के दल के साथ गाइड का काम किया। आशा एक अच्छी गायिका भी हैं, जो यात्रा के दौरान स्थानीय संस्कृति पर आधारित लोक गीत गाकर सैलानियों के सफर को आसान भी बना देती हैं। आदि कैलाश यात्री दल के टीम लीडर चैतन्य का कहना है कि आशा को पूरी दारमा घाटी के बारे बेहतरीन जानकारी है और उनका व्यवहार ऐसा है कि 140 किलोमीटर का पैदल सफर कब पूरा हुआ पता भी नहीं चला। (इनपुट हिंदी न्यूज 18)
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उनके इन्ही प्रयासों से प्रभावित हो कर कुछ स्वयं सेवी संस्थाएं दुर्गम एवं विकास से अछूते बजेला गाँव के बच्चो की मदद को आगे आई हैं। इन्हीं में एक खुसी उन्नति केंद्र यानी ‘कुक एनजीओ’ ने बच्चों को शाम को पढ़ाने के लिए गांव की ही एक शिक्षित बेरोजगार युवती को 1500 रुपय के मानदेय पर नियुक्त किया है, जहां सभी बच्चे पढाई के साथ नई-नई गतिविधिया करते हैं। इससे जहां गांव की बेरोजगार युवती को रोजगार मिला है वहीं बच्चों को निःशुल्क सायंकालीन कक्षाएं प्राप्त हो रही हैं, और शिक्षकों का शैक्षिक उन्नयन का प्रयास और अधिक फलीभूत भी हो रहा है। उन्होंने बताया कि कुक एनजीओ ने ने भविष्य मे गांव के पढे़-लिखे बेरोजगार युवकों को मोबाइल रिपेयरिंग का प्रशिक्षण देने और क्षेत्र के गरीब और वंचितो हेतु कंप्यूटर शिक्षा प्रदान करने की बात भी कही है।
उत्तराखंड बोर्ड के विद्यार्थियों को 10 दिवसीय निःशुल्क प्रशिक्षण देंगे शिक्षक
शीतावकाश में निशुल्क पढ़ सकेंगे बोर्ड के विद्यार्थी
- विद्यार्थियों-कक्षाओं के लिए एकैडेमिक सेल उत्तराखण्ड द्वारा चलाएगा जाएगा विशेष कार्यक्रम
- निःशुल्क विशेष कक्षाओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रारम्भ
- 2 दिसम्बर से शुरू हो गया ऑनलाइन पंजीकरण
- 28 दिसम्बर तक कर सकते है पंजीकरण
- हाईस्कूल व इंटर के बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए है ये सुविधा
- गत तीन वर्षों से लगातार चल रही है यह एकेडमी
दानसिंह लोधियाल, धानाचूली। प्रति वर्ष शीतावकाश में उत्तराखण्ड बोर्ड के कक्षा 10 तथा 12 के विद्यार्थियों के लिए शासकीय तथा अशासकीय शिक्षकों के ‘एकैडेमिक सेल उत्तराखण्ड’ द्वारा हल्द्वानी में विभिन्न विषयों में निःशुल्क कक्षाएं संचालित की जाती हैं। इस शैक्षिक सत्र में भी 02 जनवरी 2019 से 10 जनवरी 2019 तक कक्षाएं चलायी जाएंगी। यह जानकारी डॉ गोकूल मर्तोलिया ,कोर्डिनेटर एकैडेमिक सेल उत्तराखण्ड द्वारा दी गयी। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड बोर्ड के छात्र एवं छात्रायें पंजीकरण कर इस व्यवस्था का लाभ उठा सकेंगे । निःशुल्क कक्षाओं के लिये 02 दिसम्बर 2018 से ऑनलाइन पंजीकरण प्रारम्भ हो चुका है। ऑनलाइन पंजीकरण 28-12-2018 तक जारी रहेगाऑनलाइन पंजीकरण वेबसाइट www.academiccell.in के माध्यम से हो गया। जबकि ऑफलाइन पंजीकरण के लिए सीधे फॉर्म जमा करना होगा।
■ ऐसे करें ऑनलाइन पंजीकरण
वेबसाइट www.academiccell.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन सेक्शन में जाना है तथा ऑनलाइन फॉर्म में नाम ,ई मेल ,पिता का नाम ,जन्म तिथि,लिंग,विद्यालय का नाम, प्रधानाचार्य का नाम,केंद्र का नाम, विषय, मोबाइल नंबर भरकर सेंड का बटन क्लिक करना है। डाउनलोड सेक्शन से आवेदन पत्र तथा परिचय पत्र का प्रारूप डाउनलोड करना करके उसे भरकर अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य से हस्ताक्षरित कर दिनांक 29 दिसम्बर 2018 को राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज हल्द्वानी में एकैडेमिक सेल के प्रतिनिधि के पास जमा करना होगा। पंजीकरण के बाद पंजीकरण कोड मोबाइल नंबर पर आ जाएगा।
■ लाभ कौन – कौन ले सकेगा
उत्तराखण्ड बोर्ड के कक्षा 10, कक्षा 12 के विज्ञान वर्ग तथा मानविकी विषय के कोई भी छात्र तथा छात्रा निःशुल्क कक्षाओं का लाभ ले सकते हैं।
■ क्या है एकैडेमिक सेल
उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों के शासकीय तथा अशासकीय शिक्षकों का प्रकोष्ठ है जो प्रतिवर्ष शीतकालीन अवकाश में बोर्ड विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा की तैयारी कराते हैं।
■ नैनीताल जिले में 6 केंद्र हैं
1- राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज हल्द्वानी (केवल बालिकाओं के लिए )। 2. एच.एन.इण्टर कॉलेज हल्द्वानी, (केवल बालकों के लिए । 3- राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज भीमताल (केवल बालिकाओं के लिए )। 4- लीलावती पन्त राजकीय इण्टर कॉलेज भीमताल (केवल बालकों के लिए )। 5 – राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज कालाढूंगी (केवल बालिकाओं के लिए। 6- राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज कालाढूंगी (केवल बालकों के लिए )
■ केन्द्रवार कौन-कौन से विषय पढ़ाये जायेंगे।
कक्षा 10 – विज्ञान,गणित,अंग्रेजी (सभी केंद्रों पर)
कक्षा 12 (विज्ञान ) -भौतिक विज्ञान,रसायन विज्ञान,गणित,जीव विज्ञान, अंग्रेजी (सभी केंद्रों पर )
कक्षा 12 (मानविकी ) – राजनीति विज्ञान,अंग्रेजी, अर्थशास्त्र (केवल राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज हल्द्वानी में )
कक्षाओं का समय – 10 AM से 03 PM तक प्रतिदिन (2 जनवरी से 10 जनवरी 2018)
■ किसी भी जानकारी के लिए इन शिक्षकों से सम्पर्क सकते है।
1. अमर सिंह बिष्ट, प्रवक्ता गणित 9412967078(W) – केंद्र प्रभारी -राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज हल्द्वानी
2. हेमन्त डुंगराकोटी,प्रवक्ता (अंग्रेजी ) 9412044080(W), -राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज हल्द्वानी
4. पी.सी.जोशी प्रवक्ता (अंग्रेजी ) 9719971736(W), -केन्द्र प्रभारी, एच.एन.इण्टर कॉलेज हल्द्वानी
5. सौरभ दयाल,प्रवक्ता (रसायन विज्ञान) 9410589277 -केन्द्र प्रभारी, एच.एन.इण्टर कॉलेज हल्द्वानी
6 . गिरीश पाण्डे प्रवक्ता (गणित) 9411705002 (W) -केंद्र प्रभारी -राजकीय इण्टर कॉलेज कालाढूँगी
8. बी.एम.तिवारी,प्रवक्ता (जीव विज्ञान) -9634756717 -केंद्र प्रभारी -राजकीय इण्टर कॉलेज भीमताल
9. हेम त्रिपाठी,प्रवक्ता (भौतिक विज्ञान) -9761269253 – (पूछताछ )
नोट। प्रत्येक केंद्र पर छात्र पंजीकरण संख्या के आधार पर केंद्र संख्या, स्थान, तथा पढ़ाये जाने वाले विषयों की संख्या में परिवर्तन किया जा सकते है।