शर्मनाक: देखिए ‘अपुणि सरकार’ (Apuni Sarkar) उत्तराखंड में कैसे-कैसे, बोलने में भी शर्म आने वाले पेशों को दे रही मान्यता !
Apuni Sarkar, The Uttarakhand Government’s e-service portal ‘Apuni Sarkar’ has come under scrutiny for its recognition of professions that are considered shameful to speak about. The portal’s verification of tenants includes categories of businesses that are not only objectionable but also raise serious questions about the mindset and work ethics of the administration. Options such as liquor smuggling, brokerage, contract killing, prostitution, nomadism, and illegal drug selling have been listed, causing shock, distress, and shame among the readers. Media reports suggest that these options may have been copied and pasted without proper consideration. This raises concerns about the competence and intentions of the officials responsible for creating the app, as it reflects poorly on the government’s image.
नवीन समाचार, देहरादून, 22 जून 2023। उत्तराखंड सरकार के ई-सर्विस पोर्टल ‘अपुणि सरकार’ पोेर्टल किरायेदारों के सत्यापन में ऐसे-ऐसे व्यवसायों की श्रेणियां दी हैं कि कोई भी शरमा जाए, अब कही जा रही है जांच कराने और सुधार की बात
नवीन समाचार, देहरादून, 22 जून 2023। (Apuni Sarkar) उत्तराखंड राज्य के लोगों को घर बैठे अनेक सुविधाएं एक मंच पर देने के लिए बनाए गऐ ई-सर्विस पोर्टल-‘अपुणि सरकार’ (Apuni Sarkar) के माध्यम से किरायेदारों के सत्यापन कराने सहित 200 से अधिक सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। लेकिन इन सेवाओं को कैसे प्रदान किया जा रहा है इसका उदाहरण इस पर मांगे जाने वाली जानकारियों से होता है। इन्हें पढ़कर कोई भी व्यक्ति हैरान, परेशान व शर्मसार हो सकता है।
Apuni Sarkar
aमीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस ऐप पर किरायेदारों के सत्यापन के लिए दिए गए व्यवसायों के आगे ऐसे-ऐसे विकल्प दिए गए हैं जो आभाष करा रहे हैं इस ऐप को बनाने वालों की बिन देखे, कहीं और से इन विकल्पों को उड़ा कर ‘कॉपी-पेस्ट’ कर दिया होगा। इसमें व्यवसाय की अनेक ऐसी श्रेणियां दी गई है जो न सिर्फ अति आपत्तिजनक है अपितु शासन-प्रशासन में बैठे लोगों की सोच और कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करती है। इसमें व्यवसाय की श्रेणियों में शराब तस्करी, दलाली, कांटेªक्ट किलिंग यानी भाड़े पर की जाने वाली हत्या, वेश्यावृत्ति, खानाबदोश, अवैध दवा विक्रेता सहित अत्यंत आपत्तिजनक विकल्प भी दिए गए हैं।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या उत्तराखंड का शासन-प्रशासन शराब तस्करी, वेश्यावृत्ति, दलाली और भाड़े पर हत्या करने आदि को व्यवसाय मानता है या यह बातें देवभूमि में कानूनी रूप से वैध मानी जाती हैं और व्यवसाय की श्रेणी में आती हैं ? सवाल यह भी उठ रहा है कि यह ऐप किन अधिकारी ने और किनके माध्यम से ऐसे लापरवाह तरीके से बनाया है और सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें सहयोग करें..
Shameful: See how the ‘Apuni Sarkar’ in Uttarakhand is giving recognition to professions that are ashamed to speak!
Naveen Samachar, Dehradun, 22 June 2023. More than 200 services, including verification of tenants, are being made available through the e-service portal ‘Apuni Sarkar’, created to provide various facilities to the people of Uttarakhand state at home. But examples of how these services are being provided are reflected in the information it seeks. Any person can be shocked, upset and ashamed after reading these.
According to media reports, such options have been given in front of the businesses given for the verification of tenants on this app, which are giving the impression that the makers of this app have copied and pasted these options from somewhere else. ‘ must have done. In this, many such categories of business have been given which are not only very objectionable but also raise questions on the thinking and working style of the people sitting in the administration. In this, very objectionable options have also been given in the categories of business, including liquor smuggling, brokerage, contract killing, prostitution, nomadism, illegal drug seller.
In such a situation, the question is arising whether the administration of Uttarakhand considers liquor smuggling, prostitution, brokerage and hired killings as business or these things are considered legally valid in Devbhoomi and come under the category of business? The question is also arising as to which officer and through whom this app has been made in such a careless manner and has tried to tarnish the image of the government.