नेता प्रतिपक्ष ने रविवार को आयोग द्वारा कराई गई परीक्षा पर उठाये बड़े सवाल…
नवीन समाचार, नैनीताल, 24 नवंबर 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय से उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त कर्मचारियों के बारे में बहुप्रतीक्षित एवं महत्वपूर्ण फैसला आ गया है। उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने एकलपीठ के 228 बर्खास्त कर्मचारियों को बहाल किए जाने के आदेश को चुनौती देने वाली विधान सभा की ओर से दायर विशेष अपीलों पर गुरुवार को सुनवाई करने के बाद एकलपीठ के बीते अक्टूबर माह के आदेश को निरस्त करते हुए विधान सभा सचिवालय के आदेश को सही ठहराया है। खंडपीठ ने कहा कि बर्खास्तगी के आदेश को रोका नहीं जा सकता है। यह भी पढ़ें : महिला अधिवक्ता से साथी अधिवक्ता ने किया ब्लैकमेल कर दुष्कर्म
उल्लेखनीय है कि विधान सभा सचिवालय की ओर से एकलपीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती देते हुए कहा गया था कि बर्खास्त किए गए कर्मचारियों की नियुक्ति काम चलाऊ व्यवस्था के तहत की गई थी। शर्तों के अनुसार उनकी सेवाएं कभी भी बिना नोटिस व बिना कारण के समाप्त की जा सकती हैं। यह भी कहा कि उनकी नियुक्तियां विधान सभा सेवा नियमावली के विरुद्ध की गई हैं। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी में बस में महिलाओं से अभद्रता कर दो पुलिस कर्मियों ने खाकी को किया शर्मसार
जबकि बर्खास्त कर्मचारियों की ओर से कहा गया कि उनको बर्खास्त करते समय अध्यक्ष ने संविधान के अनुच्छेद 14 का पूर्ण रूप से उल्लंघन किया है। अध्यक्ष ने 2016 से 2021 तक के कर्मचारियों को ही बर्खास्त किया है, जबकि ऐसी ही नियुक्ति विधान सभा सचिवालय में 2000 से 2015 के बीच भी हुई हैं, जिनको नियमित भी किया जा चुका है। यह भी पढ़ें : सुबह-सुबह कई व्यवसायियों के घरों-प्रतिष्ठानों में छापेमारी से हड़कंप
यह नियम सब पर एक समान लागू होना था। उन्हें ही बर्खास्त क्यों किया गया। इस मामले में उमा देवी बनाम कर्नाटक राज्य का निर्णय उन पर लागू नहीं होता क्योंकि यह वहां लागू होता है, जहां पद खाली नहीं हो और बैकडोर नियुक्तियां की गई हों। यहां खाली पदों पर ही नियुक्तियां हुई हैं। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : अग्निवीर भर्ती के लिए युवाओं से एक करोड़ से अधिक की ठगी !
नवीन समाचार, दिनेशपुर, 8 नवंबर 2022। उत्तराखंड में अग्निवीर की भर्ती के लिए एक करोड़ रुपए से अधिक की ठगी का मामला सामने आ रहा है। पिछले दो-तीन दिनों में 15 से अधिक युवाओं ने दिनेशपुर पुलिस से संपर्क कर हाल में गिरफ्तार हुए टेरिटोरियल आर्मी जाट रेजीमेंट के जवान और एक अन्य आरोपित पर उनसे भी ठगी करने का आरोप लगाया है। यह भी पढ़ें : महज इतने के लिए की गई पुलिस कर्मी की पत्नी की हत्या ! इससे ज्यादा के तो पुलिस टीम को मिल गए ईनाम !
पांच युवाओं ने इनके खिलाफ लिखित में दिनेशपुर पुलिस को शिकायती पत्र भी दिया है। दिनेशपुर थाना पुलिस सभी युवाओं के बयान दर्ज कर रही है। वहीं बड़ी संख्या में युवाओं से धोखाधड़ी के मामले सामने आने के बाद अब दिनेशपुर पुलिस आरोपितों को पुलिस कस्टडी रिमांड (पीसीआर) पर लेने के लिए न्यायालय में आवेदन करने की तैयारी कर रही है। यह भी पढ़ें : जनहित संगठन ने बताया-क्यों खूंखार होकर लोगो को नोंच रहे हैं आवारा कुत्ते….
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अग्निवीर योजना के नाम पर ठगी करने वाले इन आरोपियों ने अब तक एक करोड़ से अधिक की धनराशि युवाओं से ठगी हो सकती है। दिनेशपुर के थाना प्रभारी अनिल उपाध्याय ने बताया कि दो-तीन दिनों से लगातार चम्पावत और खटीमा के युवा दिनेशपुर थाने में आ रहे हैं। उन्होंने भी आरोपितों पर ठगी का आरोप लगाया है। यह भी पढ़ें : नैनीताल : नेहा, कृति व शिवानी ने उत्तीर्ण की नेट-जेआरएफ परीक्षा
आरोपितों ने किसी से 50 तो किसी से 20 और किसी से 30 हजार रुपये लिए हैं। उन्होंने कहा कि आरोपितों ने युवाओं के मूल शैक्षिक प्रमाणपत्र भी लिए हैं, जिनका मिलना बेहद जरूरी है। ऐसे में आरोपितों की पीसीआर के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र देने की तैयारी की जा रही है। यह भी पढ़ें : नैनीताल : फिर तोड़े गए किलबरी रोड पर वाहनों के शीशे
एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल ने बताया कि पूछताछ में 200 युवाओं से अग्निवीर बनाने के नाम पर रुपये लेने की बात सामने आई थी। अब तक ठगी के शिकार हुए चम्पावत और खटीमा के 15 से अधिक युवा दिनेशपुर थाने पहुंच चुके हैं। धोखाधड़ी के शिकार हुए युवाओं ने पुलिस से आरोपितों से दस्तावेज बरामदगी की मांग की है। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : सुुबह का सुखद समाचार : उत्तराखंड में बनेगा कड़ा नकलरोधी कानून, जानें क्या होंगे प्राविधान
नवीन समाचार, देहरादून, 6 नवंबर 2022। उत्तराखंड सरकार की हाल के दिनों में भर्ती परीक्षाओं में प्रश्न पत्र लीक मामले में काफी छीछालेदर हुई है। अब राज्य सरकार इस पर नकेल कसने के लिए कड़ा कानून लाने जा रही है। राज्य में अब भर्ती परीक्षाओं के लिए घूस लेने वालों के साथ ही देने वालों को भी जेल होगी। नकल करने पर परीक्षार्थी को अगले पांच साल तक प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। इसके साथ ही एक लाख रुपये जुर्माना और अधिकतम तीन साल की सजा भी हो सकती है। यह भी पढ़ें : फॉलोअप: पुलिस कर्मी की पत्नी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई, हत्यारे के लिए चाय बनाने गई थी महिला, तभी किए गए हथौड़े से प्रहार…!
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने बताया कि भर्ती परीक्षाओं में नकल माफिया पर लगाम लगाने के लिए कठोर नकलरोधी विधेयक लाया जा रहा है। इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इसी विधानसभा सत्र में यह विधेयक पेश किया जाएगा। यह भी पढ़ें : कुमाऊं विवि के पूर्व प्रोफेसर धामी के निधन पर शोक की लहर
सूत्रों के अनुसार प्रस्तावित नकलरोधी विधेयक में यह प्राविधान भी होगा कि यदि परीक्षा कराने वाली कंपनी के संचालकों की ही नकल कराने में मिलीभगत पाई जाती है तो उस पर पांच करोड़ रुपए तक अर्थदंड लगाया जा सकता है। साथ ही कंपनी संचालकों के लिए सजा का प्रावधान दस साल तक किया जा सकता है। नकलरोधी कानून में क्या और कड़े प्राविधान होने चाहिए इस पर आप भी अपनी राय दे सकते हैं। हम कोशिश करेंगे कि आपके सुझावों को सरकार तक पहुंचा सकें। यह भी पढ़ें : मुख्यमंत्री की फ्लीट को सही रास्ते से कार्यक्रम स्थल नहीं ले जा पाए इंस्पेक्टर पर एसएसपी ने की कार्रवाई, निलंबित…
इसके अलावा यूकेएसएसएससी ने राज्य में नकल पर अंकुश लगाने के लिए प्री और मेंस दोनों परीक्षाएं कराने का भी सरकार को प्रस्ताव भेजा है। इससे नकल के जरिए भर्ती होने की गुंजाइश काफी कम हो जाएगी। साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अफसरों को देश के अन्य आयोगों की भी व्यवस्था परखने के निर्देश दिए हैं। आयोग के अफसर इन राज्यों में जाकर वहां कंपनी के चयन की व्यवस्था से लेकर प्रश्न पत्र बनाने वाले विशेषज्ञों, स्ट्रांग रूम की व्यवस्था और केंद्रों में परीक्षाओं के संचालन के बाबत हर छोटी-बड़ी जानकारी जुटाएंगे। पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के आयोगों की व्यवस्थाओं को अभी सटीक माना जाता है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले में सीबीआई जांच की याचिका खारिज
नवीन समाचार, नैनीताल, 19 अक्तूबर 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायलय ने यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड चयन आयोग की भर्ती परीक्षा में हुई धांधली की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर दायर की गई प्रदेश के उपनेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी की याचिका को खारिज कर दिया है। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने बुधवार को इस मामले में 12 अक्टूबर को सुरक्षित रखे निर्णय को सुनाते हुए एसआईटी की जांच पर भरोसा जताते हुए यह निर्णय लिया है। ‘नवीन समाचार’ के माध्यम से दीपावली पर अपने प्रियजनों को शुभकामना संदेश दें मात्र 500 रुपए में… संपर्क करें 8077566792, 9412037779 पर, अपना संदेश भेजें saharanavinjoshi@gmail.com पर… यह भी पढ़ें : भारी पड़ी जन्मदिन पर घरवालों की रोकटोक के बावजूद दोस्तों के साथ जाने की जिद, जन्मदिन पर 23 वर्षीय बेटे की मौत से परिवार पर टूटा दुःख का पहाड़…
उच्च न्यायालय के इस निर्णय से विपक्ष व खासकर कांग्रेस पार्टी के इस मामले में राजनीतिक लाभ लेकर सरकार को घेरने के मंसूबे पर पानी फिर गया है। ऐसा इसलिए भी कि कांग्रेस नेता इस मामले में न्यायालय को समझा नहीं सके कि एसआईटी जांच में क्या कमी है, और क्यों वह सीबीआई जांच चाहते हैं। यह भी पढ़ें : लड़की को अकेली देख झपटा युवक, मोबाइल लेकर हुआ फरार, सीसीटीवी में कैद हुई घटना…
सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व शासकीय अधिवक्ता गजेंद्र सिंह संधू ने कहा कि इस मामले में 80 प्रतिशत जांच पूरी हो चुकी है। इस मामले में 46 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनमें से 28 से 30 आरोपितो के खिलाफ आरोप पत्र भी दायर हो चुके है। यह भी पढ़ें : शिक्षिका को भारी पड़ा सातवी कक्षा के छात्र को टोकना, छात्र ने नहीं, जिन्होंने मारा शिक्षिका को थप्पड़, हुए गिरफ्तार……
उल्लेखनीय है कि ऊधमसिंह नगर जिले के खटीमा विस क्षेत्र से कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी ने उच्च न्यायलय में याचिका दायर कर कहा था कि यूकेएसएसएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जांच एसटीएफ सही तरीके से नहीं कर रही है। मामले में अभी तक जो गिरफ्तारियां हुई हैं छोटे-छोटे लोगों की हुईं हैं। मामले में एक भी बड़े व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं हुई। जबकि इसमें उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के कई बड़े अधिकारी व नेता शामिल हैं। आरोप लगाया था कि सरकार उन्हें बचा रही है। इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। यह भी पढ़ें : अब उत्तराखंड में भाजपा नेता ने दोहराया राहुल गांधी का ‘लड़कियां छेड़ने मंदिर जाने’ वाला बयान, तो मच गया हंगामा..
हालाँकि बाद में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अमित कापडी ने कोर्ट को अवगत कराया था कि उनके संशोधित प्रार्थना पत्र उच्च न्यायालय में पेश करने के बाद एसटीएफ ने आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ आरबीएस रावत को गिरफ्तार किया। अभी भी सरकार बड़े लोगों को बचा रही है। ऐसे ही नकल करने से सम्बंधित मामले में 2020 में मंगलौर व पौड़ी में दो प्राथमिकी दर्ज हुई थी परन्तु उन पर भी कोई कार्यवाही नही हुई। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : अभी भी भर्ती परीक्षाओं में धांधली, उत्तराखंड के प्रतिष्ठित सैन्य संस्थान की परीक्षा में ब्लू टूथ से नकल करते 3 मुन्ना भाई धरे गए
नवीन समाचार, देहरादून, 17 अक्तूबर 2022। उत्तराखंड में लंबे समय से भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ियों के बड़े चर्चें हैं। यूकेएसएसएससी के भर्ती घोटाले में 42 लोग जेल में हैं, जबकि 21 पर गैंगस्टर लग चुकी है, इसके बावजूद नकलची अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। यह भी पढ़ें : फिर बड़ी वारदात : दिनदहाड़े पुलिस कर्मियों पर बदमाशों ने की फायरिंग, दो पुलिस कर्मी घायल
बीते कल राजधानी में एसएसएससी दिल्ली द्वारा आयोजित दिल्ली पुलिस की भर्ती परीक्षा में देहरादून से एक मुन्ना भाई धरा गया है, जबकि रविवार फिर प्रतिष्ठित आईएमए यानी इंडियन मिलिटरी एकेडमी की ग्रुप सी परीक्षा के दौरान ब्लूटूथ से नकल करते हुए 3 लोगों को सेना के कक्ष निरीक्षकों ने पकड़ा। इसे सेना में जबर्दस्ती नकल करके घुसने व सेना को कमजोर करने का प्रयास भी माना जा रहा है। यह भी पढ़ें : शादी का झांसा देकर युवती से दुष्कर्म करने का आरोपित गिरफ्तार
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को आईएमए देहरादून में आयोजित होने वाली ग्रुप सी परीक्षा के दौरान ब्लूटूथ से नकल करते हुए जींद हरियाणा निवासी 3 लोगों-सुखबीर पुत्र जयवीर, रोहित पुत्र हरमेरा व श्रवण कुमार पुत्र अजमेर को आर्मी के कक्ष निरीक्षकों ने पकड़ा, और ब्लूटूथ उपकरण के साथ थाना कैंट पुलिस को सुपुर्द कर दिया। यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग: हल्द्वानी के 2 स्पा सेंटरों से मुक्त कराई गईं 10 युवतियां
इस संबंध में थाना कैंट में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 तथा 3/9 उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 1998 और आईटी एक्ट की धारा 66क के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया है। मामले की विवेचना प्रभारी निरीक्षक राजेंद्र रावत द्वारा की जा रही है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : आयोग ने की 8 भर्ती परीक्षाएं निरस्त करने की सिफारिश
नवीन समाचार, देहरादून, 15 अक्तूबर 2022। यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के नए निजाम ने आयोग साख को बचाने या कहें कि लौटाने के लिए आयोग द्वारा पूर्व में कराई गई आठ भर्ती परीक्षाओं की गोपनीयता पर संदेह व्यक्त करते हुए सरकार से इन्हें निरस्त करने की सिफारिश की है। यह भी पढ़ें : नैनीताल ब्रेकिंग : रात्रि में खाई में गिरा युवक, सुबह पता चलने पर बचाया, पर हुई मौत
इन परीक्षाओं में से वैयक्तिक सहायक, कनिष्ठ सहायक, एलटी व पुलिस रैंकर्स का पूर्व में परिणाम भी जारी हो चुका है, जबकि वाहन चालक, अनुदेशक, मत्स्य निरीक्षक, मुख्य आरक्षी दूरसंचार का परिणाम आना अभी शेष है। ये परीक्षाएं पूर्व में निरस्त की गई परीक्षाओं के अतिरिक्त हैं। यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग: हल्द्वानी के 2 स्पा सेंटरों से मुक्त कराई गईं 10 युवतियां
आयोग के नए सचिव एसएस रावत की ओर से सचिव कार्मिक को भेजे गए पत्र में कहा गया कि इन में से सात परीक्षाओं में विवादित भर्ती एजेंसी आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस की भूमिका रही है। आयोग ने यह भी कहा है कि यदि फिर भी शासन परिणाम जारी करने का निर्णय लेता है, तो इसके लिए सफल अभ्यर्थियों का पिछला रिकार्ड देखा जाना चाहिए। यह भी पढ़ें : महिला की मौत मामले में उत्तराखंड में जिस खनन माफिया जफर की तलाश में घुसी…
रावत ने पत्र में लिखा कि आरएमएस टैक्नोसॉल्यूशन के मालिक और कई कार्मिक पेपर लीक मामले को लेकर जेल में बंद हैं, इसलिए उक्त एजेंसी द्वारा कराई गई परीक्षा का परिणाम जारी करना हमेशा संदेह के घेरे में रहेगा। इन सभी परीक्षाओं को मिलाकर कुल पदों की संख्या चार हजार से अधिक बैठ रही है। यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग: हल्द्वानी के 2 स्पा सेंटरों से मुक्त कराई गईं 10 युवतियां
इसके अलावा आयोग के पत्र से वैयक्तिक सहायक परीक्षा में भी धांधली के संकेतों का इशारा किया है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यह परीक्षा एनसीईआईटी ने कराई थी। एनसीईआरटी द्वारा कराई गई वन दरोगा भर्ती में भी जांच चल रही है। इस परीक्षा के परिणाम तैयार करने के दौरान इसमें एक ही जिले के युवाओं का पास प्रतिशत सामान्य से अधिक नजर आ रहा है। इसके अलावा पुलिस रैंकर्स भर्ती में लिखित परीक्षा का परिणाम जारी हो चुका है, लेकिन शारीरिक परीक्षा और विभागीय अंक नहीं जुड़ने के कारण अब तक अंतिम परिणाम तैयार नहीं हो पाया था, इस बीच अब इस परीक्षा पर भी संकट आ गया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : UKSSSC भर्ती में हुई गजब धांधली, सचिव के घर में बनाया रिजल्ट, आयोग के अध्यक्ष की मौजूदगी में भरे ओएमआर सीट के खाली छुड़वाए गए गोले
नवीन समाचार, देहरादून, 9 अक्तूबर 2022। यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा कराई गई वीपीडीओ भर्ती में धांधली में एक के बार एक नए खुलासे हो रहे है। आयोग के अधिकारियों ने वीपीडीओ भर्ती में घपला करवाने के लिए सचिव एमएस कन्याल की पत्नी का घर किराये पर लिया था। इसी घर में अध्यक्ष, सचिव, परीक्षा नियंत्रक और कंपनी के सीईओ की मौजूदगी में ओएमआर शीटों को स्कैन कर फाइनल रिजल्ट तैयार किया गया। इसके लिए पहले ही पैंसे देने वाले अभ्यर्थियों से ओएमआर शीट में उत्तरों के गोले खाली छुड़वाए गए थे और परिणाम तैयार करने के कमरे में ओएमआर शीट पर सही उत्तरों के गोलों को काला किया गया था।
उल्लेखनीय है कि इन सात लोगों में से पांच जेल जा चुके हैं, जबकि दो को सरकारी गवाह बनाया गया है। एसटीएफ की जांच में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। एसटीएफ के अनुसार, इस मामले में आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. आरबीएस रावत मास्टरमाइंड बताया जा रहे है। जांच में पाया गया कि रावत के कहने पर ही कन्याल ने आरएमएस कंपनी के सीईओ राजेश पाल से संपर्क किया था। परीक्षा में धांधली की पूरी कहानी राजेश पाल ने तैयार की थी। रावत के कहने पर आयोग के नाम से पित्थूवाला स्थित एमएस कन्याल की पत्नी के नाम के घर के दो कमरे किराये पर लिये थे।
यहीं आरोपितों ने पहले से ही लगभग 50 अभ्यर्थियों की ओएमआर शीटों में खाली छोड़े गए गोले काले किए थे। इसके बाद ओएमआर शीटों की स्कैनिंग कर परिणाम निकाला गया। इस दौरान वहां आरबीएस रावत, एमएस कन्याल, आरएमएस कंपनी का सीईओ राजेश पाल, कर्मचारी विपिन बिहारी, परीक्षा नियंत्रक राजेश पोखरिया मौजूद थे। इनमें से अध्यक्ष, सचिव और परीक्षा नियंत्रक को शनिवार को जेल भेजा गया है। जबकि, सीईओ राजेश पाल और विपिन बिहारी पहले ही जेल जा चुके हैं। दो को एसटीएफ ने सरकारी गवाह बनाया है।
बताया गया है कि इस परीक्षा में करीब 50 अभ्यर्थियों से प्रति अभ्यर्थी सात से आठ लाख रुपये का सौदा हुआ था। इनमें ऊधमसिंह नगर जिले के एक गांव के 20 से ज्यादा अभ्यर्थी भी शामिल बताए गए हैं। नकल सिंडीकेट के कहने पर यह सभी आयोग के सचिव कन्याल से मिले थे। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : बड़ा समाचार : पुलिस भर्ती घोटाले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, नकल माफिया सहित 12 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज..
नवीन समाचार, हल्द्वानी, 8 अक्तूबर 2022। उत्तराखंड में हुई दारोगा भर्ती मामले में शनिवार को बड़ी कार्रवाई हुई है। पुलिस ने जांच रिपोर्ट के आधार पर हल्द्वानी में 12 लोगों पर पहला मुकदमा दर्ज कर लिया है। इनमें परीक्षा हेतु अधिकृत संस्थान के नरेन्द्र सिंह जादौन, दिनेश चन्द्र जोशी, नकल माफिया हाकम सिंह, चन्दन मनराल, केन्द्र पाल, सादिक मूसा, रूपेश जायसवाल, राजेश कुमार चौहान, संजीव कुमार चौहान, राजेश पाल, विपिन बिहारी व नितीश गुप्ता आदि सिडिकेट के सदस्य शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि इस मामले में विजीलेंस के निदेशक ने शासन से भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 466, 467, 201 व 120बी तथा उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा-अनुचित साधनों की रोकथाम अधिनियम 1998 की धारा 3, 45, 7, 9 व 10 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1998, संशोधित 2018 की धार 7ए, 12, 13-1ए व 13-2 में अभियोग पंजीकृत किए जाने का अनुरोध किया था, इस पर शासन से विजीलेंस को शासन से स्वीकृति मिल गई थी। इसके बाद अब मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
यह भी पढ़ें : यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले में आरोपितों को जमानत मिलनी शुरू…
नवीन समाचार, देहरादून, 8 अक्तूबर 2022। उत्तराखंड के बहुचर्चित यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षाओं के भर्ती घोटाले में आरोपितों को जमानत मिलनी शुरू हो गयी है। शुक्रवार को पंतनगर विश्वविद्यालय के अधिकारी रहे दिनेश जोशी सहित 4 आरोपितों को देहरादून की आशुतोष कुमार मिश्रा की अदालत ने दो दिन तक चली बहस के बाद जमानत दे दी।
अदालत ने माना कि पुलिस एवं एसटीएफ आरोपितों के विरुद्ध लगाए गए आरोपों के समर्थन में पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए। एसटीएफ की ओर से आरोप लगाए लगाए गए थे कि दिनेश जोशी ने 80 लाख रुपए लेकर अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र बेचा था मगर एसटीएफ आरोपित से इतनी धनराशि बरामद नही कर पाई और न ही अभ्यर्थियों के प्रश्न पत्र खरीदने के लिखित बयान दर्ज करा पाई। मात्र मौखिक बयानों को आधार पर आरोप लगाए गए। इस कारण आरोप न्यायालय में टिक नहीं पाए।
इस आधार पर अदालत ने दिनेश जोशी सहित 4 आरोपितों-अंकित रमोला, तुषार चौहान और भावेश जगूड़ी को एक-एक लाख रुपए के निजी मुचलके और एक लाख के बांड के आधार पर जमानत पर रिहा करने के आदेश दे दिये। अलबत्ता उनके देश छोड़ने पर अदालत ने रोक लगाई है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में गौरतलब है कि एसटीएफ ने इस मामले में 41 आरोपितों की गिरफ्तारी की है और इनमे से 21 आरोपितों पर पर गैंगस्टर एक्ट भी लगाया गया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : 2015 के दरोगा भर्ती फर्जीवाड़े में बड़ा समाचार: शासन ने दी विजीलेंस को दी अभियोग पंजीकृत करने की स्वीकृति
नवीन समाचार, देहरादून, 7 अक्तूबर 2022। वर्ष 2015 में में हुई 238 पुलिस उप निरीक्षकों यानी दरोगाओं की भर्ती के फर्जीवाड़े में बड़ा समाचार है। शासन ने इस मामले में शुक्रवार को सतर्कता अधिष्ठान यानी विजीलेंस के निदेशक को अभियोग पंजीकृत करने की स्वीकृति दे दी है।
अपर सचिव ललित मोहन रयाल ने शुक्रवार को इस बारे में विजीलेंस के निदेशक को पत्र लिखकर कहा है कि शासन स्तर पर इस बारे में विजीलेंस के प्रस्ताव पर सहमति देते हुए दोषियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत करने का निर्णय लिया गया है।
पत्र में ही बताया गया है कि विजीलेंस के निदेशक ने इस मामले में शासन से भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 466, 467, 201 व 120बी तथा उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा-अनुचित साधनों की रोकथाम अधिनियम 1998 की धारा 3, 45, 7, 9 व 10 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1998, संशोधित 2018 की धार 7ए, 12, 13-1ए व 13-2 में अभियोग पंजीकृत किए जाने का अनुरोध किया था जिसकी स्वीकृति अब विजीलेंस को मिल गई है। इसके बाद इस मामले में आरोपित पुलिस दरोगाओं के नाम सामने और पूरे मामले की जांच होने के साथ उनकी नौकरी पर तलवार लटक गई है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : पुलिस दरोगा भर्ती जांच मामले में बड़ा समाचार, अब सामने आएंगे फर्जी तरीके से भर्ती दरोगाओं के नाम…
नवीन समाचार, देहरादून, 22 सितंबर 2022। 2015 में हुई दरोगा भर्ती की जांच मामले में बड़ा समाचार है। इस मामले की जांच कर रही उत्तराखंड पुलिस के हल्द्वानी स्थित कुमाऊं सतर्कता मुख्यालय ने शासन को पत्र भेजकर प्राथमिकी दर्ज कराने की अनुमति मांगी है।
इस संदर्भ में पुलिस अधीक्षक सतर्कता प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि शासन द्वारा उन्हें सतर्कता जांच के निर्देश मिले थे। जांच में प्रथम दृष्टया कमियां मिली हैं। लिहाजा इसके बाद मामले में प्राथमिकी कराने के लिए शासन की अनुमति मांगी गई है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उन उप निरीक्षकों के नाम सामने आएंगे जो अवैधानिक तरीके से सेवा में आए हैं।
उल्लेखनीय है कि 2015 में 339 पदों पर उप निरीक्षक पद पर भर्ती हुई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इस नियुक्ति की गड़बड़ी की जांच सतर्कता को सौंपी गई है। अब कुमाऊं सतर्कता दल ने जांच प्रारंभ कर दी है जल्द ही अनियमित रूप से भर्ती हुए दारोगाओं पर कार्रवाई होगी। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : उत्तराखंड पुलिस की दरोगा भर्ती की विजीलेंस जांच शुरू, टॉपर होने के बावजूद फिसड्डी दरोगाओं में हड़कंप !
नवीन समाचार, हल्द्वानी, 22 सितंबर 2022। विजिलेंस ने उत्तराखंड पुलिस की दरोगा भर्ती की जांच शुरू कर दी है। प्रदेश के डीजीपी अशोक कुमार ने इसी पुष्टि करते हुए कहा है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी।
बताया जा रहा है कि विजिलेंस की जांच शुरू होते ही राज्य में खासकर 2015 बैच के दरोगाओं यानी सब इंस्पेक्टरों यानी उप निरीक्षकों में हड़कंप मचा है। विजिलेंस सूत्रों के अनुसार वर्ष 2015 में उत्तराखंड में 339 दारोगा भर्ती हुए। इनमें से कुमाऊं में 120 दारोगा तैनात हैं। इनमें 46 ऊधमसिंह नगर व 38 नैनीताल, पिथौरागढ़ में 15 और अल्मोड़ा, चंपावत व बागेश्वर में सात-सात दरोगा सेवारत हैं। सभी दारोगाओं का मुख्यालय से रिकार्ड लेकर जांच शुरू कर दी गई है।
यह भी बताया जा रहा है कि विजीलेंस के निशाने पर सबसे पहले वह टॉपर दरोगा हैं, जिनकी कार्यशैली लचर है। बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ दरोगाओं को हिंदी लिखने में भी दिक्कत होती है। चर्चा है कि वह केस डायरी भी नहीं लिख पाते और यह काम पैंसे देकर या कोई बहाना बनाकर अपने मातहतों से कराते हैं। ऐसे दारोगाओं पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : पुलिस दरोगा भर्ती में हुई धाधली में 30-35 दरोगाओं की जा सकती है नौकरी, नकल करके पास हुए, केस डायरी भी नहीं भर पाते…
नवीन समाचार, देहरादून 6 सितंबर 2022। उत्तराखंड में भर्तियों में हुई धांधली को लेकर बवाल मचा है। विधानसभा सचिवालय में पिछले दरवाजे से हुई नियुक्तियों के साथ ही पुलिस दरोगा भर्ती में हुई धांधली की भी जांच शुरू हो गई है।
गोपनीय जांच में पता चला है कि वर्ष 2015 में भर्ती हुए 30 से 35 दरोगा फजीर्वाड़ा कर पास हुए। यह सख्या उस वर्ष भर्ती हुए कुल दरोगाओं की 10 फीसदी बताई जा रही है।
पता चला है कि यह अपना मूल काम केस डायरी तक लिखना नहीं जानते हैं। इसके लिए वे अक्सर व्यस्तता का दावा कर अपने साथियों और जूनियरों को पैसे देते हैं ताकि समय पर केस डायरी लिखी जा सके। विभाग में ऐसे दरोगाओं की इन दिनों खूब चर्चा है। उल्लेखनीय है कि दरोगा भर्ती को लेकर पहले भी आरक्षण को लेकर विवाद हो चुका है। पहले भर्ती में विवाद हुआ था।
प्रदेश के डीजीपी ने इस मामले में विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके बाद ऐसे दरोगाओं पर सख्त कार्रवाई तय मानी जा रही है। जांच में इनके नकल कर पास होने की पुष्टि हुई तो उन्हें नौकरी से हाथ भी धोना पड़ सकता है। इतना ही नहीं गड़बड़ी पाए जाने पर कुछ विभागीय अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है, क्योंकि बिना उनकी मिलीभगत के भर्ती में गड़बड़ी करना असंभव है।
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि प्राथमिक पड़ताल में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इसी कारण उन्होंने विजिलेंस जांच की सिफारिश की थी। जांच में कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : यूकेएसएसएससी के स्नातक स्तरीय परीक्षा प्रश्न पत्र के लीक मामले में आरोपित हाकम की करोड़ो की संपत्ति पर पहुंच गए हैं बुल्डोजर
नवीन समाचार, उत्तरकाशी, 4 अक्तूबर 2022। यूकेएसएसएससी के स्नातक स्तरीय परीक्षा प्रश्न पत्र के लीक मामले में आरोपित पूर्व भाजपा नेता व जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत के सांकरी मोरी स्थित वन विभाग की भूमि पर बने दो रिसॉर्टों पर आज मंगलवार को बुलडोजर चलने की पूरी संभावना है। बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन की ओर से विभिन्न थानों के पुलिस बल मौके पर तैनात हो गए हैं।
बताया गया है कि इसके लिए प्रशासन व वन विभाग ने लोक निर्माण विभाग की दो जेसीबी मौके पर बुलाई हैं। वहीं रिसॉर्ट तोड़े जाने की सूचना पर हाकम सिंह की पत्नी व परिजन भी बड़ी संख्या में मौके पर पहुंचे हैं। मौके पर ग्रामीणों की भारी भीड़ भी जमा है। लोग फिर से जांच करने की मांग कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर एसडीएम कोर्ट ने पुनः हाकम सिंह रावत के सांकरी रिसॉर्ट की नाप-छाप के निर्देश दिए थे। जांच में हाकम के राजस्व विभाग की 1.128 हेक्टेयर भूमि पर बने आलीशान रिसॉर्ट सहित तीन भवन राजस्व भूमि पर चिन्हित किए गए हैं। जबकि दो भवन और 0.907 हेक्टेयर भूमि पर 130 पेड़ों का सेब का बागीचा गोविंद वन्यजीव विहार राष्ट्रीय उद्यान की भूमि पर चिन्हित किया गया है।
इन रिसॉर्ट का निर्माण पिछले 12 वर्षों के अंतराल में हुआ है। इन रिसॉर्ट को बनाने की न तो कहीं से अनुमति ली गई और न इनका कोई पंजीकरण किया। जो पूरी तरह से अवैध हैं। जांच के बाद अवैध रिसॉर्ट को ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया है। जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने इसकी पुष्टि की है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 29 सितंबर 2022। यूकेएसएसएससी परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करने के मामले में आरोपित उत्तरकाशी का जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत अपनी रिहाई के लिए उत्तराखंड उच्च न्यायालय पहुंच गया है। यहां उसने अपने रिमांड आदेश को चुनौती दी है।
वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने उसकी याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से एक सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले हाकम की पत्नी भी अपने घर के ध्वस्तीकरण के विरुद्ध उच्च न्यायालय पहुंच गई थी।
हाकम सिंह ने याचिका में कहा है कि उसे रिमांड पर गलत तरीके से लिया गया। रिमांड पर लेते समय भारतीय दंड संहिता की धारा 41 ए का अनुपालन नहीं किया गया। उसे किस अपराध के लिए रिमांड पर लिया गया, इसकी जानकारी नहीं दी गई और बिना कारण बताए उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया। पहले पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 में मुकदमा दर्ज किया और बाद में उसमें 467, 468, 471 व 34 धाराएं भी बढ़ा दीं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : हाकम सिंह के भवन पर ध्वस्तीकरण के नोटिस को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती, हाईकोर्ट ने गैंद याची के ही पाले में डाली…
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 27 सितंबर 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की पीठ ने यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले के आरोपित निष्कासित भाजपा नेता व जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह की पत्नी की याचिका पर सरकारी भूमि पर बनाए गए अवैध भवन के ध्वस्तीकरण की प्रशासन की कार्रवाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। अलबत्ता, न्यायालय ने हाकम सिंह की पत्नी से 28 सितंबर को शाम 4 बजे तक अपने जमीन संबंधित कागजात उप जिलाधिकारी पुरोला के समक्ष पेश करने को कहा है।
न्यायालय ने कहा है कि यदि याचिकाकर्ता विवादित मकान के सम्बंध में दस्तावेज दिखाने में सफल होती है तो उसे ध्वस्त नहीं किया जाएगा और यदि वह दस्तावेज पेश नहीं कर सकी तो ध्वस्तीकरण में खर्च को भी याचिकाकर्ता से वसूल किया जाएगा। साथ ही प्रशासन को दस्तावेज पेश न होने पर सर्वे टीम की रिपोर्ट के बाद अतिक्रमण पर कार्रवाई करने को कहा है।
मंगलवार को हाकम सिंह की पत्नी विशुली देवी की याचिका पर उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि जिस भूमि पर मकान बना है, वह उनकी निजी भूमि है। उसके पति जेल में हैं और प्रशासन निर्माण पर कार्रवाई कर रहा है। स्थानीय प्रशासन की ओर से उन्हें बुधवार सुबह दस बजे तक इस भूमि पर से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिये हैं। लिहाजा याचिका में उत्तरकाशी जिला प्रशासन की ओर से जारी नोटिस पर रोक लगाने की मांग की गई थी। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 26 सितंबर 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने यूकेएसएसएससी की परीक्षा में हुई गड़बड़ी की सीबीआई जांच की मांग को लेकर कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड सरकार से एक सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता के संसोधन प्रार्थना पत्र पर आपत्ति पेश करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 अक्तूबर की तिथि नियत की है।(डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : बड़ा समाचार: आज एक और निष्कासित भाजपा नेता की अवैध संपत्तियों पर चलेगा बुल्डोजर….?
नवीन समाचार, देहरादून, 25 सितंबर 2022। उत्तराखंड सरकार ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में भाजपा से संबंध रखने वाले डॉ. विनोद आर्य व डॉ. अंकित आर्य तथा उनके बेटे व भाई पुलकित आर्य पर कड़ी कार्रवाई की है। यहां तक उसके रिजॉर्ट के गेट आदि पर बुल्डोजर भी चलाया। अब उत्तराखंड सरकार भाजपा से संबंध रखने वाले एक और अपराधी, नकल माफिया हाकम सिंह की अवैध संपत्तियों और रिजॉर्ट आदि पर आज बुल्डोजर चलाने की बात की जा रही है। बताया जा रहा है कि इसकी तैयारियां हो गई हैं। मौके पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। माना जा रहा है कि उत्तराखंड सरकार भाजपा से संबंध रखने वाले नेताओं के खिलाफ इस तरह की कड़ी कार्रवाई कर राज्य में अपराधियों के खिलाफ कोई मुरौबत न बरतने की नजीर पेश करने की कोशिश कर रही है।
उत्तराखंड एसटीएफ यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले के चर्चित नकल माफिया हाकम सिंह संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई में लगी हुई है। हाकम सिंह द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई संपत्तियों का उत्तराखंड एसटीएफ ने प्रशासन और राजस्व की टीम के साथ मिलकर आंकलन किया है, जिसे अब जब्त किया जाएगा। बताया गया है कि हाकम सिंह के तहसील मोरी में ग्राम सिदरी में निर्मित रिजॉर्ट और भवन की एसटीएफ एवं राजस्व पुलिस द्वारा की गई संयुक्त जांच में यह रिजॉर्ट राज्य सरकार की भूमि पर तथा गोविंद वन्यजीव विहार पुरोला की जमीन पर अवैध रूप से निर्मित पाया गया है। रिजॉर्ट का पंजीकरण होम स्टे के लिए आवेदन करने के उपरांत सही कागजात न होने पर नहीं कराया गया, लिहाजा इसका अवैध संचालन किया जा रहा था। ऐसे में आज अवैध रिजॉर्ट पर बुलडोजर सरकार चला सकती है।
हाकम सिंह के राजस्व भूमि पर बनाए गए अवैध रिजॉर्ट को राजस्व विभाग उत्तरकाशी द्वारा अपर जिला अधिकारी के नेतृत्व में नष्ट किया जाना प्रस्तावित है, लिहाजा मौके पर आवश्यक पुलिस बल तैनात किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। हाकम सिंह की 5 हजार वर्ग मीटर जमीन कोटगांव में, 1250 वर्ग मीटर जमीन ग्राम भीतरी में, 3000 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन कोट गांव के पास, 2850 वर्ग मीटर जमीन भीतरी गांव के पास हैं। हाकम सिंह ने देहरादून में भी करीब 1000 वर्ग मीटर भूमि पर तीन मंजिला मकान बना रखा है। उत्तराखंड एसटीएफ की जांच में इन अवैध संपत्तियों की कीमत करोड़ों रुपए में है। इसके अलावा हाकम सिंह के पास कुछ लग्जरी गाड़ियां भी है।
उल्लेखनीय है कि यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आदेश दिया था कि आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की जाए और 14 (1) के तहत आरोपितों की अवैध रूप से अर्जित की गई संपत्ति को जब्त किया जाए। उसी के तहत डीजीपी अशोक कुमार के आदेश पर एसटीएफ ने सबसे पहले हाकम सिंह की सेब के बागान, आलीशान रिसॉर्ट, बेशकीमती भवन, 7 बैंक खाते समेत करोड़ों रुपए की संपत्ति की जांच की है। उत्तराखंड एसटीएफ अब इन संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई कर रही है। उसके बैंक खातों में पड़ी करीब 16 लाख रुपए की धनराशि को फ्रीज भी कर दिया गया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : बड़ा समाचार : विधानसभा में बैकडोर से हुई नेताओं के चहेतों की नियुक्ति पर विधानसभा अध्यक्ष ने कर दिया कार्रवाई का ऐलान, फूटने लगे आंसू…
नवीन समाचार, देहरादून, 23 सितंबर 2022। विधानसभा में बैकडोर से हुई भर्तियों के मामले में पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने सख्ती दिखाते हुए सभी भर्तियां निरस्त करने का ऐलान कर दिया हैं। उन्होंने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल के समय की गईं भर्तियों को निरस्त करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि भर्तियों को निरस्त करने के लिए उत्तराखंड सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। देखें विडियो :
शुक्रवार को विधानसभा में आयोजित पत्रकार वार्ता में खंडूड़ी ने बताया कि जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें भर्तियों में कई अनियमिताओं को उजागर किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भर्तियों के लिए किसी भी चयन समिति का गठन नहीं किया गया। भर्तियों के लिए न ही कोई विज्ञापन निकाला और न ही कोई सार्वजनिक सूचना प्रकाशित की गई।
बताया कि 2016 में 150, 2020 में छह और 2021 की 72 भर्तियों को निरस्त करने का प्रस्ताव तत्काल सरकार को भेजा जा रहा है। बताया कि अनुमोदन प्राप्त होते ही सभी नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी जाएंगी। उपनल द्वारा की गईं 22 भर्तियों को भी निरस्त कर दिया जाएगा। इसके साथ ही, विधानसभा में 32 पदों के लिए मार्च में आयोजित भर्ती परीक्षा को भी निरस्त कर दिया गया है। भर्ती परीक्षा कराने वाली एजेंसी जांच के दायरे में है और इस भर्ती परीक्षा का अभी तक रिजल्ट घोषित नहीं किया गया है। खंडूड़ी ने बताया कि भर्ती परीक्षा में विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल की भूमिका भी संदिग्घ है और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित भी किया गया है।
फैसला आते ही निकल गए कर्मचारियों के आंसू
2016 के बाद नियुक्त सभी कमर्चारियों की नियुक्ति निरस्त किए जाने का फैसला सामने आते ही प्रभावित कर्मचारियों ने विरोध शुरू कर दिया है। विरोध करते हुए महिला कर्मचारियों ने तत्काल विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के कार्यालय के बाहर जमा होकर विरोध दर्ज करना शुरु कर दिया है। कई महिलाएं इस दौरान रो रही हैं। उन्होंने 2016, 2020 और 2021 के कमर्चारियों को टारगेट किए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने राज्य गठन के समय से नियुक्त सभी कर्मचारियों के लिए एक मानक रखने की मांग की है। इसके साथ ही विधानसभा में गहमागहमी तेज हो गई है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : उत्तराखंड विधानसभा में हुई विवादास्पद भर्तियों की विशेषज्ञ समिति ने जांच पूरी कर रिपोर्ट विस अध्यक्ष को सौंपी…
नवीन समाचार, देहरादून, 23 सितंबर 2022। उत्तराखंड विधानसभा में हुई विवादास्पद भर्तियों की जांच पूरी कर विशेषज्ञ समिति ने रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट की सिफारिशों का खुलासा विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण अगले एक-दो दिन में इसका खुलासा कर सकती हैं। समिति की जांच में राज्य गठन के बाद से 2022 तक कांग्रेस व भाजपा सरकारों के कार्यकाल में विधानसभा में बैक डोर से, नेताओं द्वारा अपने रिश्तेदारों व जान-पहचान वालों की की गई भर्तियां शामिल हैं।
श्रीमती खंडूड़ी ने स्वयं इस बात का खुलासा करते हुए शुक्रवार को सोशल मीडिया पर लिखा है, ‘कल देर रात्रि को कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र से भ्रमण के बाद देहरादून अपने शासकीय आवास पर पहुंचने पर विधानसभा भर्ती प्रकरण से संबंधित जांच रिपोर्ट जांच समिति द्वारा मुझे सौंप दी गई है। इस अवसर पर जांच समिति के अध्यक्ष डीके कोटिया जी, एसएस रावत जी एवं अवनेंद्र सिंह नयाल जी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि पूर्व आईएएस डीके कोटिया की अध्यक्षता में गठित सुरेंद्र सिंह रावत और अवनेंद्र सिंह नयाल की विशेषज्ञ समिति ने 20 दिन में भर्तियों की जांच पूरी कर रिपोर्ट तैयार की है। विशेषज्ञ समिति की जांच रिपोर्ट आने के बाद हलचल बढ़नी तय है। सूत्रों के अनुसार जांच समिति ने विधानसभा में भर्तियों, अधिकारियों व कर्मचारियों की पदोन्नतियों में नियमों का पालन न करने की बात कही है। इसके बाद सबकी निगाहें विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण की ओर से जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई को लेकर टिकी हैं।
गौरतलब है कि भर्तियों की जांच के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने की घोषणा करते समय अध्यक्ष खंडूड़ी ने प्रदेशवासियों को आश्वस्त किया था कि जांच रिपोर्ट आने पर दूध का दूध और पानी का पानी होगा। विधानसभा की गरिमा को बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने से भी वह पीछे नहीं हटेंगी। समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष कार्रवाई के लिए क्या फैसला लेती हैं। इसका खुलासा एक-दो दिन में हो सकता है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : Big Breaking : यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले में दो लाख का ईनामी सादिक मूसा और एक लाख का ईनामी योगेश्वर राव गिरफ्तार
नवीन समाचार, देहरादून, 11 सितंबर 2022। यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के प्रश्न पत्र प्रकरण में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के क्रम में आज शाम दोनो ईनामी आरोपितों को यूपी एसटीएफ द्वारा लखनऊ पॉलीटेक्निक चौराहे से गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही कुछ घंटों में पहुंची एसटीएफ उत्तराखंड की टीम को दोनो को सुपर्द कर हिरासत में ले लिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आज सूचना प्राप्त हुई कि दो लाख का ईनामी सादिक मूसा और एक लाख का ईनामी योगेश्वर राव लखनऊ और आसपास के किसी स्थान पर आ सकता है जिसपर उत्तराखंड एसटीएफ की एक विशेष टीम को रवाना किया गया था। पूर्व में ईनाम घोषित होने पर लगातार उत्तर प्रदेश एसटीएफ से उत्तराखंड एसटीएफ का समन्वय बना हुआ था,जिसपर यूपी एसटीएफ लगातार सक्रिय थी। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले में हुई सुनवाई, सरकार से जवाब तलब…
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 12 सितंबर 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की वरिष्ठ न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं के घोटाले की सीबीआई जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है। एकलपीठ ने सरकार से पूछा है कि परीक्षा में किस किस की नियुक्ति कैसे कैसे हुई, उसका पूरा चार्ट बनाकर जवाब कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई की तिथि 21 सितम्बर से पहले दाखिल करें।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि यूकेएसएसएससी द्वारा कराई गई परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी की जाँच एसटीएफ सही तरीके से नही कर रही है। अभी तक जो गिरफ्तारियां हुई है वे छोटे-छोटे लोगो की हुई है। जबकि बड़े लोगों की अभी तक एक भी गिरफ्तारी नही हुई है। इसमे यूपी और उत्तराखंड के कई बड़े-बड़े अधिकारी और नेता शामिल हैं और सरकार उनको बचा रही है। इसलिए इस मामले की जाँच एसटीएफसे हटाकर सीबीआईसे कराई जाए।
हालांकि पूर्व में एकलपीठ ने याचिकाकर्ता से भी आज 12 सितम्बर तक यह बताने को कहा था कि वह इस मामले की जांच सीबीआईसे क्यों कराना चाहते हैं? उन्हें एसटीएफ की जाँच पर क्यों संदेह हो रहा है ? क्या एसटीएफ जांच में किसी को बचा रही तो वह नाम बताएं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : यूकेएसएसएससी पेपर लीक घोटाले की उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई, जानें क्या हुआ ?
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 5 सितंबर 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग की परीक्षाओ में प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में सीबीआई जांच की मांग करने वाली कांग्रेस विधायक व उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी की याचिका पर सोमवार को वरिष्ठ न्यायमुर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने सुनवाई की।
इस दौरान एकलपीठ ने याची से 12 सितम्बर तक यह बताने को कहा है कि वह इस मामले की जांच सीबीआईसे क्यों कराना चाहते हैं? उन्हें एसटीएफ की जाँच पर क्यों संदेह हो रहा है ? क्या एसटीएफ जांच में किसी को बचा रही तो वह नाम बताएं। मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी।
उल्लेखनीय है कि उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने उच्च न्यायलय में याचिका दायर कर कहा है कि यूकेएसएसएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जाँच एसटीएफ सही तरीके से नही कर रही है। अभी तक जो गिरफ्तारियां हुई है वे छोटे-छोटे लोगो की हुई है। जबकि बड़े लोगों की अभी तक एक भी गिरफ्तारी नही हुई है। इसमे यूपी और उत्तराखंड के कई बड़े-बड़े अधिकारी और नेता शामिल हैं और सरकार उनको बचा रही है।
इसलिए इस मामले की जाँच एसटीएफ से हटाकर सीबीआई से कराई जाए। याचिकाकर्ता ने याचिका में संशोधन के लिए न्यायालय से समय भी मांगा है। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर, मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत व शासकीय अधिवक्ता गजेंद्र सिंह संधु की ओर से कहा गया कि याचिका राजनीतिक कारणों से दाखिल की गई है इसलिए पोषणीय नहीं है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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नवीन समाचार, देहरादून, 11 सितंबर 2022। यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के प्रश्न पत्र प्रकरण में अब जांच का शिकंजा एक कदम आगे बढ़ते हुए आयोग के उच्चाधिकारियों की गरदनों तक पहुंचने जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शासन ने आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी सहित पांच अधिकारियों के खिलाफ विजिलेंस जांच की अनुमति दे दी है। विजिलेंस से इस जांच को जल्द पूरा करने को कहा गया है। माना जा रहा है कि विजिलेंस इन अधिकारियों की संपत्ति की भी जांच करेगी।
उल्लेखनीय है कि यह भर्ती घपला सामने आने के बाद यूकेएसएसएससी के अध्यक्ष व पूर्व आइएएस एस राजू ने पद से इस्तीफा दे दिया था, जबकि शासन ने सचिव संतोष बडोनी को पद से हटाने के बाद निलंबित कर दिया था। इस क्रम में पुलिस मुख्यालय ने शासन को पत्र भेजकर मामले की जांच विजिलेंस से कराने और आरोपित अधिकारियों के खिलाफ जांच की अनुमति देने का अनुरोध किया था। जिसमें सामने आया कि परीक्षा आयोजित करवाने वाली कंपनी आरएमएस टैक्नोसॉल्यूशन का अनुबंध अक्तूबर 2019 में ही समाप्त हो गया था। इसके बावजूद कंपनी से ना सिर्फ काम लिया गया बल्कि 22 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया गया।
एसटीएफ ने इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका भी स्पष्ट की थी। अब शनिवार को इसी रिपोर्ट के आधार पर सीएम से अनुमोदन लेने के बाद सतर्कता विभाग ने आयोग के तत्कालीन सचिव व कुछ समय तक परीक्षा नियंत्रक का पदभार देखने वाले संतोष बडोनी, पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी के अलावा अनुभाग अधिकारी बृज लाल शाह, दीपा जोशी और कैलाश नैनवाल शामिल परीक्षा नियंत्रक सहित छह के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। ये तीनों आयोग के गोपन व अति गोपन अनुभागों में तैनात रहे हैं।
बताया गया है कि पीसीएस अधिकारी डांगी इसी साल जनवरी में सेवानिवृत्त हो गए थे, इसके बाद परीक्षा नियंत्रक की भूमिका भी बड़ोनी के पास थी। इसके साथ ही आयोग में गोपन विभाग के अनुभाग अधिकारी बृजलाल बहुगुणा, दीपा जोशी, कैलाश नैनवाल भी जांच के दायरे में आए हैं। कंपनी को किए गए भुगतान की फाइल में इन सभी के हस्ताक्षर हैं। इसके साथ ही आरएमएस टैक्नोसॉल्यूशन के मालिक राजेश चौहान की भी विजिलेंस जांच होगी। इसमें से संतोष बडोनी को आयोग से हटाने के बाद सरकार निलंबित भी कर चुकी है। जबकि पीसीएस अधिकारी डांगी अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। बहुगुणा और दीपा जोशी की नियुक्ति मूल रूप से दूसरे विभागों में है, दो साल पहले ही उनका कैडर मर्जर किया गया।
इधर, पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को लेकर मंत्रिमंडल के निर्णयों पर आपत्ति व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि आयोग की पांच परीक्षाएं निरस्त करने से पहले परीक्षा के लिए निर्धारित आयु सीमा पार कर चुके अभ्यर्थियों के बारे में निर्णय लिए जाने चाहिए थे।
दूसरी ओर नैनीताल में केंद्रीय रक्षा व पर्यटन राज्य मंत्री तथा क्षेत्रीय सांसद अजय भट्ट ने कहा कि जरूरत पड़ने पर मामले की सीबीआई जांच कराई जाएगी। गौरतलब है कि इस मामले में देहरादून में बड़े प्रदर्शन के बाद अब हल्द्वानी में आगामी 14 सितंबर को बड़े प्रदर्शन की तैयारी युवाओं के द्वारा की जा रही है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : यूकेएसएसएससी पेपर लीक घोटाले में आयोग के पूर्व सचिव व वित्त नियंत्रक सहित 5 अधिकारी भी आ सकते हैं जांच के दायरे में…
नवीन समाचार, देहरादून, 6 सितंबर 2022। यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के प्रश्न पत्र लीक घोटाले में आयोग के पूर्व सचिव और परीक्षा नियंत्रक सहित पांच अधिकारियों की भूमिका की भी जांच हो सकती है। एसटीएफ ने पुलिस मुख्यालय के माध्यम से शासन को पत्र लिखकर इन अधिकारियों जांच कराने का अनुरोध किया है। बताया गया है कि आयोग की स्नातक स्तरीय और सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा तथा वन दारोगा भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी व पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी सहित तीन अन्य अधिकारियों की संलिप्तता भी सामने आ रही है।
विदित हो कि 4 व 5 दिसंबर 2021 को आयोग ने विभिन्न विभागों में स्नातक स्तर के 916 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की थी। इसके छह माह बाद 22 जुलाई 2022 को उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने भर्ती परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिकायत की। इस पर मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को भर्ती की जांच कराने का आदेश दिया। पुलिस महानिदेशक के आदेश पर रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया और प्रकरण की विवेचना एसटीएफ को सौंपी गई।
जांच में सामने आया कि आयोग ने लखनऊ के जिस प्रिंटिंग प्रेस आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस प्रा. लि. को प्रश्न पत्र छापने और परीक्षा कराने की जिम्मेदारी सौंपी थी, उसके मालिक ने ही प्रश्न पत्र लीक कर दिया। एसटीएफ अब तक प्रिंटिंग प्रेस के मालिक सहित 34 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है
एसटीएफ से जुड़े सूत्रों की मानें तो प्रिंटिंग प्रेस के मालिक और स्टाफ से हुई पूछताछ के बाद शक की सुई पूर्व सचिव व पूर्व परीक्षा नियंत्रक समेत आयोग के पांच अधिकारियों की तरफ भी घूम गई है। एसटीएफ को प्रश्न पत्र लीक मामल में इनके शामिल होने का संदेह है।
इसके अलावा सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा में भी इन अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। इस परीक्षा का प्रश्न पत्र देहरादून में आयोग के मुख्यालय के भीतर स्थापित प्रिंटिंग प्रेस में छापा गया था, वहां से भी आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस के स्टाफ ने प्रश्न पत्र लीक कर दिया। इसके अलावा वन दारोगा भर्ती परीक्षा में भी आयोग के अधिकारियों की भूमिका शक के दायरे में है। आयोग ने मुंबई की जिस एनएसईआइटी कंपनी को आनलाइन परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी थी। इस कंपनी से मध्य प्रदेश में तीन भर्ती परीक्षाएं आनलाइन कराई थीं। इनमें नकल का मामला सामने आने पर मध्य प्रदेश सरकार ने तीनों परीक्षाएं निरस्त कर कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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नवीन समाचार, देहरादून, 4 सितंबर 2022। एसटीएफ उत्तराखंड ने रविवार को भी यूकेएसएसएससी पेपर लीक घोटाला मामले में गिरफ्तारियो का सिलसिला जारी रखा है। आज उत्तर प्रदेश के नकल सरगना सादिक मूसा के अहम साथी संपन्न राव गोमतीनगर लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है। यह इस मामले में 34वीं गिरफ्तारी है।
बताया गया है कि पुख्ता तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पकड़ा गया मूल रूप से गाजीपुर उत्तर प्रदेश का निवासी है और नकल सरगना सादिक मूसा का साथी है। उस पर आरोप है कि उसने अन्य आरोपितों के साथ परीक्षा से पहले हल्द्वानी में आकर रुकना और पेपर लीक करने में अहम भूमिका निभाई थी। आरोपित से 3.80 लाख रुपए भी बरामद हुए है।
उल्लेखनीय है कि एसटीएफ उत्तराखंड द्वारा पूर्व में गिरफ्तार अन्य आरोपित विपिन बिहारी के घर से 6 लाख रुपए उसके लखनऊ स्थित आवास से बरामद किए गए है। साथ ही बताया गया है कि इस मामले में अब तक कुल 92 लाख रुपए की नगदी बरामद की जा चुकी हैं। साथ ही पूर्व में गिरफ्तार आरोपितों से करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति का भी पता लगाया गया है। दर्जनों बैंक खातों को भी फ्रिज किया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि एसटीएफ उत्तराखंड की रिपोर्ट पर आज थाना रायपुर में इस मामले के 21 आरोपितों पर गैंगस्टर अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। इसके बाद आरोपितों की अवैध चल-अचल संपत्ति को जब्त करने की विधिवत कार्यवाही भी शुरू हो पाएगी। इसके अलावा एसएसपी एसटीएफ उत्तराखंड द्वारा पेपर लीक के सरगना और साथी सैय्यद सादिक मूसा निवासी अंबेडकर नगर उत्तर प्रदेश और योगेश्वर राव निवासी लखनऊ उत्तर प्रदेश पर पर 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : UKSSSC पेपर लीक घोटाले में 33वीं गिरफ्तारी, अब यूकेएसएसएससी का कर्मी ही गिरफ्तार
नवीन समाचार, नैनीताल, 3 सितंबर 2022। पेपर लीक मामले में एसटीएफ उत्तराखंड ने शनिवार को 33वीं गिरफ्तारी कर ली है। यूकेएसएसएससी के पीआरडी कर्मचारी संजय राणा पुत्र हयात सिंह राणा निवासी भीमतला जिला चमोली को आज गिरफ्तार किया गया है।
बताया गया है कि आज पकड़े गए आरोपित ने पूर्व पीआरडी कर्मचारी मनोज जोशी के साथ मिलकर अपने घर मे लखनऊ से लीक प्रश्न पत्र की फोटो कॉपी करवाई थी और अपनी पत्नी को प्रश्न पत्र देकर चयनित करवाया था। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : UKSSSC पेपर लीक घोटाले में 32वी गिरफ्तारी
नवीन समाचार, देहरादून, 1 सितंबर 2022। यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में उत्तराखंड एसटीएफ ने शुक्रवार को 32वीं गिरफ्तारी कर ली है। राजबीर निवासी लक्सर हरिद्वार को गिरफ्तार किया गया है। उस पर आरोप है कि उसने हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र के कुछ परीक्षार्थियों को साथ ले जाकर धामपुर में नकल के सेंटर में प्रश्न पत्र लीक कराया था।
बताया गया है कि उसे गवाहों के बयान एवं तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। आरोपित राजबीर वर्तमान में राजकीय पॉलीटेक्निक हिंडोलखाल टिहरी गढ़वाल में कनिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्त है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : UKSSSC घोटाले में अब उत्तराखंड-यूपी के बाद गोवा से 30वीं गिरफ्तारी
नवीन समाचार, नैनीताल, 31 अगस्त 2022। यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक कराने मामले में एसटीएफ ने बुधवार को माफिया और सौदागर के बीच की एक और कड़ी जोड़ ली है। पेपर लीक मामले में उत्तर प्रदेश के नकल माफिया के एक गुर्गे- फिरोज हैदर पुत्र सैयद मोहम्मद रिजवी निवासी प्लॉट नंबर 2 श्याम विहार कॉलोनी सीतापुर रोड लखनऊ को नॉर्थ गोवा के पणजी से गिरफ्तार कर लिया गया है। यह इस मामले में 30वीं गिरफ्तारी है।
बताया गया है कि पूर्व में गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ और साक्ष्यों के आधार पर एसटीएफ की एक टीम को संदिग्ध की जानकारी के लिए गोवा भेजा था। इस टीम को अब सफलता मिली है। गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ आरोपित को दून ले आई है और पूछताछ कर रही है।
बताया गया है कि आरोपित फिरोज हैदर लखनऊ के माफिया गिरोह का सदस्य था, जो परीक्षा के प्रश्न पत्र लेकर अन्य के साथ हल्द्वानी आया। उसने प्रश्न पत्र शशिकांत को उपलब्ध कराया था। उसके धामपुर जाने और वहां के नकल माफिया केंद्रपाल से संपर्क में होने की भी पुष्टि हुई है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : UKSSSC घोटाले में कुमाऊं से एक और शिक्षक गिरफ्तार…
नवीन समाचार, देहरादून, 30 अगस्त 2022। उत्तराखंड एसटीएफ ने प्रश्न पत्र लीक मामले में कुमाऊं से एक और शिक्षक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय लोहाघाट सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत बलवंत सिंह रौतेला को गिरफ्तार कर लिया है।
बताया गया है कि बलवंत सामूहिक पेपर लीक घोटाले के अंतर्गत दो रिजॉर्टों में 55-60 परीक्षार्थियों को सामूहिक तौर पर नकल कराते हुए ऑनलाइन परीक्षा कराने वाले शशिकांत का दाहिना हाथ था। बलवंत कभी पीसीओ चलाता था, और छोटे इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बेचने की दुकान भी चलाता था।
उस पर पहले भी इस तरह की करतूतों में लिप्त रहने का आरोप है। बताया गया है कि वर्ष 2012-2013 में भी बलवंत को नैनीताल पुलिस ने हल्द्वानी के एक होटल से पेपर लीक मामले में संदिग्ध भूमिका के कारण दबोचा था। बाद में सबूत नहीं मिलने पर उसे छोड़ दिया गया था। अब यह खुलासा भी हुआ है कि कुमाऊं के के दो रिजॉर्टों में नकल कराई गई है। दस्तावेजी साक्ष्य में इसकी पुष्टि हुई है।
यह भी पढ़ें : UKSSSC घोटाले में 28वीं गिरफ्तारी….
नवीन समाचार, देहरादून, 29 अगस्त 2022। एसटीएफ यानी स्पेशल टास्क फोर्स ने यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में यूपी कनेक्शन की कड़ी में विपिन बिहारी निवासी सीतापुर उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार किया है। यह अब तक इस मामले में कुल 28 आरोपितों की गिरफ्तारी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार को आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारी विपिन बिहारी निवासी सीतापुर उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार किया गया है। आरोपित वर्ष 2013 से प्रश्न पत्र छपवाने वाली इस कंपनी में कार्यरत था। उसने पूर्व गिरफ्तार आरोपित अभिषेक वर्मा से प्रश्न पत्र की फोटो कॉपी प्राप्त कर आरोपित पंतनगर विवि के पूर्व अधिकारी दिनेश मोहन जोशी को बरेली में उपलब्ध कराया था।
दिनेश जोशी ने इस प्रश्न पत्र को चुनिंदा परीक्षार्थियों को हल्द्वानी व आसपास के छात्रों को उपलब्ध कराकर लीक किया था। इससे यूकेएसएसएससी की वीपीडीओ भर्ती में कुछ छात्रों ने मेरिट लिस्ट में अच्छा स्थान प्राप्त किया। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : UKSSSC घोटाले में नया बड़ा खुलासा, नैनीताल के धानाचूली में कराई थी ऑनलाइन परीक्षा, हुई 27वीं गिरफ्तारी…
नवीन समाचार, देहरादून, 28 अगस्त 2022। यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामल में उत्तराखंड एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के नकल माफिया के एक और गठजोड़ का रविवार को पर्दाफाश किया है। साथ ही नकल के नए केंद्र का भी खुलासा हुआ है।
साथ ही आज वीपीडीओ परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में वर्तमान में हल्द्वानी में रहने वाले उत्तर प्रदेश के चंदौली निवासी शशिकांत हाल निवासी हल्द्वानी को गहन पूछताछ और पुख्ता साक्ष्यों पर गिरफ्तार किया है। यह इस मामले में अब तक की 27वीं गिरफ्तारी है। बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के नकल माफिया शशिकांत पर उत्तराखंड में वर्ष 2013 में सीटीईटी परीक्षा में नकल कराने पर हल्द्वानी में भी है मुकदमा दर्ज है।
नया खुलासा यह भी है कि नैनीताल के धानाचूली स्थित दिगांता रिजॉर्ट में नकल कराई गई थी। यहां नकल करने वाले 35 छात्रों को चिन्हित किया गया है। बताया गया है कि आरोपित ने हल्द्वानी, अल्मोड़ा, चम्पावत व पिथौरागढ़ में अपने खुद के 4 ऑनलाइन परीक्षा केंद्र बनाए थे। इन परीक्षा केंद्रों में अब तक जानकारी के अनुसार 40 से अधिक परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की गई हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : UKSSSC घोटाले में अभी-अभी अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, प्रिंटिंग प्रेस के मालिक के रूप में 25वीं गिरफ्तारी
नवीन समाचार, देहरादून, 27 अगस्त 2022। उत्तराखंड एसटीएफ ने यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण में शनिवार को अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए आरआईएमएस कंपनी लखनऊ के मालिक राजेश चौहान को गिरफ्तार कर लिया है। यह इस मामले में 25वीं गिरफ्तारी है।
बताया गया है कि राजेश चौहान उस प्रिंटिंग प्रेस का मालिक है, जिसमें यूकेएसएसएससी प्रश्न पत्र छपवाता था। बताया गया है कि उसे एसटीएफ उत्तराखंड ने पेपर लीक करने और केंद्रपाल व अन्य के माध्यम से सौदा करने के साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व इस मामले में शुक्रवार शाम धामपुर नकल सेंटर के मुख्य आरोपित केंद्रपाल को टीचर कॉलोनी धामपुर से गिरफ्तार किया था। बताया गया है कि अभी भी इस मामले में कई लोग पुलिस के रडार पर हैं। हालांकि इस मामले में सीबीआई जांच की मांग भी की जा रही है, और सरकार पर सीबीआई जांच न कराने के आरोप लग रहे हैं। कहा जा रहा है कि ऐसा करने पर राजनीति से जुड़े कई बड़े सफेदपोश भी गिरफ्त में आ सकते हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : UKSSSC की स्नातक स्तर की प्रश्न पत्र लीक मामले की जांच की आंच 7 साल पुरानी कांग्रेस शासन काल में हुई दरोगा भर्ती तक पहुंची
नवीन समाचार, देहरादून, 26 अगस्त 2022। भाजपा शासन में यूकेएसएसएसी यानी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के द्वारा कराई गई स्नातक स्तर की प्रश्न पत्र लीक होने के मामले की जांच की आंच अब बाद सात साल पहले हरीश रावत सरकार के कार्यकाल में उत्तराखंड में वर्ष 2015 में हुई 339 सब इंस्पेक्टरों की भर्ती तक पहुंच गई है। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने इस संबंध में मिली शिकायत पर शासन को पत्र लिखकर विजिलेंस जांच का अनुरोध किया है।
बताया गया है कि यूकेएसएसएसी के स्नातक स्तर की परीक्षा लीक मामले में एसटीएफ की ओर से गिरफ्तार किए गए गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय के असिस्टेंट एस्टेब्लिसमेंट आफिसर (एईओ) दिनेश चंद्र की गिरफ्तारी के बाद इस भर्ती परीक्षा पर तलवार लटक गई है। क्योंकि यह परीक्षा गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय के माध्यम से ही कराई गई थी और दिनेश चंद्र 2006 से 2016 तक विश्वविद्यालय के परीक्षा सेल में कार्यरत था। आशंका जताई जा रही है कि दिनेश चंद्र ने हाकम सिंह के साथ मिलकर भर्ती में गड़बड़ी करवाई है।
बताया गया है कि एसटीएफ की जांच में दरोगा भर्ती में गड़बड़ी की संभावना जताई गई, इसके बाद पुलिस मुख्यालय की ओर से शासन को भर्ती की जांच अलग एजेंसी से करवाने का प्रस्ताव भेजा गया था। बताया जा रहा है कि गृह विभाग की ओर से विजिलेंस को जांच कराने के लिए आदेशित किया गया। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : आज UKSSSC पेपर लीक घोटाले में बागेश्वर से हुई 22वीं गिरफ्तारी….
नवीन समाचार, देहरादून 21 अगस्त 2022। उत्तराखंड पुलिस के एसटीएफ यानी विशेष कार्यबल ने यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय पेपर लीक मामले में रविवार को बागेश्वर के सरकारी शिक्षक को गिरफ्तार किया है। इसके साथ इस मामले में अब तक कुल 22 को आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अभी और भी लोग पुलिस के रडार पर हैं।
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि इस मामले में परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले कुछ छात्रों के बयानों, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों और गहन पूछताछ उपरांत जगदीश गोस्वामी पुत्र गोपाल बाबू गोस्वामी निवासी चांदी खेत पोस्ट ऑफिस गनाई थाना चौखुटिया जिला अल्मोड़ा को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया।
आरोपित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मलसूना, कांडा जिला बागेश्वर में नियुक्त है। आरोपित ने अपने इलाके और आसपास के छात्रों को इकठ्ठा कर परीक्षा की पहले रात को उन्हें वाहन से धामपुर ले जाकर प्रश्न पत्र व उत्तर याद कराये, और उन्हें परीक्षा केंद्रों पर भी छोड़ा। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : UKSSSC पेपर लीक घोटाले में नैनीताल जिले से 21वीं गिरफ्तारी, कितना कमा चुका है जान कर दंग रह जाएंगे…
नवीन समाचार, देहरादून, 20 अगस्त 2022। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में एसटीएफ ने नैनीताल जनपद के रामनगर से एक एनजीओ संचालक के रूप में 21वीं गिरफ्तारी की है। पकड़े गए घोटालेबाज की पहचान 63 वर्षीय चंदन सिंह मनराल पुत्र झगड़ सिंह मनराल निवासी लखनपुर रामनगर के रूप में बताई गई है।
एसटीएफ की टीम ने संदिग्ध चयनित परीक्षार्थियों से पूछताछ के आधार पर उसे गिरफ्तार किया है। बताया गया है कि चंदन मनराल ने कई अभ्यर्थियों को परीक्षा से एक दिन पहले धामपुर ले जाकर एक घर पर प्रश्न पत्र याद करवाया था। विवेचना में यह तथ्य भी प्रकाश में आया कि चंदन सिंह पूर्व में गिरफ्तार आरोपितों के सम्पर्क में था और उसने कई को प्रश्नपत्र उपलब्ध करवाया था।
एसटीएफ आरोपिता चंदन मनराल को पूछताछ हेतु अपने कार्यालय ले गयी है, जहां पर उससे विस्तृत पूछताछ करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में उसने बताया कि वह अन्य आरोपितों से पिछले कुछ सालों से संपर्क में था और वर्ष 2021 में आयोजित वीडीओ भर्ती परीक्षा में अपने क्षेत्र के कई लोगों को लाखों रुपए लेकर प्रश्न पत्र उपलब्ध करवाया था।
उसने यह भी बताया कि उसने करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित की है।
इसमें करीब 15 एकड़ जमीन पीरुमदारा में, करीब 10 बीघा खेती की भूमि रामनगर में, मनराल स्टोन क्रेशर के नाम से एक स्टोन क्रेशर पीरुमदारा में जिसमें करीब सात बड़े ट्रक एवं तीन पोकलैंड भी हैं। साथ ही मनराल ट्रैवल्स एजेंसी जिसमें 10 स्कूल बसें व तीन पहाड़ पर चलने वाली बसें, बाल महिला कल्याण समिति नाम से एनजीओ तथा रामनगर में 3 मंजिला मकान व ऑफिस एवं आधा बीघा मुख्य सड़क पर कमर्शियल प्लाट व आधा दर्जन से अधिक बैंक खाते शामिल हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : UKSSSC पेपर लीक घोटाले में अब कुमाऊं के 2 कारोबारी व इंजीनियर दंपति STF के रडार पर..
नवीन समस्या, देहरादून, 19 अगस्त 2022। पेपर लीक मामले में अब कुमाऊं के दो कारोबारियों और एक एक इंजीनियर दंपति का नाम इन्होंने भी उत्तरकाशी के हाकम सिंह रावत की तरह दर्जनों अभ्यर्थियों को लाखों रुपये लेकर पेपर मुहैया कराए थे। एसटीएफ इनके बारे में पूरी जानकारी जुटा चुकी है। जल्द इन पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है।
बताया गया है कि इनमें एक खनन से जुड़ा है और दूसरा कृषि उत्पाद की प्रोसेसिंग यूनिट चलाता है। सूत्रों के अनुसार एसटीएफ ने इनमें से एक कारोबारी से पूछताछ भी कर ली है। जल्द ही कुमाऊं से कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। बताया जा रहा है कि इन्होंने भी 20 से ज्यादा युवाओं को नकल कराई थी। इसके एवज में 15 से 20 लाख रुपये एक-एक से लिए गए थे। बताया जा रहा है कि कुछ और लोग भी इनके संपर्क में हो सकते हैं। इनका हाकम से संबंध है या नहीं, इस बारे में भी एसटीएफ जानकारी जुटा रही है।
पेपर लीक में एक इंजीनियर दंपति का नाम भी सामने आ रहा है। यह दंपति एक निगम में तैनात है। इनकी तैनाती भी आयोग की ओर से कराई गई भर्ती परीक्षा से हुई थी। इस मामले में अभी तथ्य जुटाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इस दंपति का भी स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में हुई धांधली में हाथ हो सकता है। फिलहाल, एसटीएफ इस मामले में सुबूतों को इकट्ठा कर रही है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड पुलिस ने कुछ अन्य परीक्षाओ की जाँच को भी इस मामले में गठित एसटीएफ को सौंप दिया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : Big Breaking : UKSSSC घोटोले में हुई अब एक नेता की गिरफ्तारी
नवीन समाचार, नैनीताल, 14 अगस्त 2022। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की भर्ती परीक्षा में एसटीएफ ने पेपर लीक और नकल करवाने के मामले में एक नेता को गिरफ्तार कर लिया है। बताया गया है कि गिरफ्तार किया गया नेता उत्तरकाशी जखोल से जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत है। अब एसटीएफ उससे देहरादून स्थित अपने मुख्यालय में पूछताछ कर रही है।
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि इस मामले में कुछ और बड़े नेताओं की भी गिरफ्तारी हो सकती है। उन्होंने बताया कि चार और पांच दिसंबर 2021 को हुए स्नातक स्तर की परीक्षा से पहले हाकम सिंह रावत के परिचित व लेनदेन का हिसाब-किताब रखने वाले शिक्षक तनु शर्मा ने 20 से 22 छात्रों को रायपुर स्थित अपने कमरे में प्रश्न पत्र देकर हल करवाया था। वह 25 से 30 छात्रों को धामपुर ले गया था, जहां उसने उनसे परीक्षा की तैयारी करवाई थी। इसके बाद सभी छात्रों को उनके परीक्षा केंद्र पर छोड़ा था। इसके ऐवज में प्रति अभ्यर्थी से 12 से 15 लाख रुपए का सौदा किया था।
इसमें कुछ धनराशि अग्रिम के तौर पर ली गई थी, जबकि शेष परीक्षा में पास होने के बाद देने का वादा किया गया था। उसने अपनी एक करीबी परिचित महिला से भी चार लाख रुपये लिए और स्नातक स्तर की परीक्षा में नकल करवाई, जिसमें महिला अच्छी रैंक से पास हुई। अब एसटीएफ की रडार पर यह महिला भी आ गई है। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व हुई भर्ती में भी हाकम सिंह रावत का नाम सामने आ रहा है। इसलिए उसे रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ की जाएगी। गिरोह में उत्तर प्रदेश से भी कुछ लोगों के जुड़ने के संकेत मिले हैं।
यह भी बताया जा रहा है कि हाकम सिंह यह प्रकरण सामने आने के बाद कुछ दिनों तक बैंकाक की सैर पर निकल गया था। वह वहां से नौ अगस्त को भारत लौटा था। एसटीएफ ने उसे शनिवार को हिमाचल प्रदेश की सीमा पर आराकोट से हिरासत में लिया। सूत्रों के अनुसार एसटीएफ ने पिछले दो दिनों से मोरी क्षेत्र में डेरा डाला हुआ था। वह भाजपा के एक पूर्व मुख्यमंत्री सहित कई दिग्गज नेताओं और नौकरशाहों से अपनी निकटता बताता था। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
यह भी पढ़ें : UKSSSC में परीक्षा घोटाले की गाज अब आयोग के सचिव पर पड़ी
नवीन समाचार, देहरादून, 13 अगस्त 2022। उत्तराखंड राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में हुए घोटाले की गाज आयोग के सचिव संतोष बड़ोनी पर गिर गई है। शासन ने आयोग के सचिव संतोष बडोनी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। उनके स्थान पर संयुक्त सचिव सुरेंद्र रावत को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव का इस पद का प्रभार दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि स्नातक स्तर की भर्ती परीक्षा में नकल और पेपर लीक का मामला उजागर होने से चर्चाओं में चल रहे उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के अध्यक्ष एस राजू ने गत दिवस त्यागपत्र दे दिया था। जबकि इनके अलावा शूरवीर सिंह चौहान, कुलवीर सिंह (स्वामी डेल्टा कोचिंग सेंटर करनपुर देहरादून), मनोज जोशी (बर्खास्त पीआरडी जवान), गौरव नेगी, जयजीत दास (प्रोग्रामर, आरएमएस टेक्नो सोल्यूशन लखनऊ), मनोज जोशी (न्यायिक कर्मचारी सितारगंज), अभिषेक वर्मा (कर्मचारी आरएमएस टेक्नो सोल्यूशन लखनऊ), दीपक चौहान (मेडिकल यूनिवर्सिटी एचएनबी सेलाकुई में संविदा कर्मचारी), भावेश जगूड़ी (मेडिकल यूनिवर्सिटी एचएनबी सेलाकुई में संविदा कर्मचारी), दीपक शर्मा, अंबरीष कुमार (ऊधमसिंह नगर में तैनात उत्तराखंड पुलिस का आरक्षी), महेंद्र चौहान (न्यायिक कर्मचारी नैनीताल), हिमांशु कांडपाल (न्यायिक कर्मचारी रामनगर), तुषार चौहान, गौरव चौहान (अपर निजी सचिव लोनिवि), सूर्य प्रताप सिंह (अपर निजी सचिव न्याय विभाग) व शिक्षक तनुज शर्मा (वर्तमान में रायपुर चौक देहरादून निवासी) को गिरफ्तार किया जा चुका है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
यह भी पढ़ें : UKSSSC पेपर लीक मामले में सचिवालय से एक और गिरफ्तारी
नवीन समाचार, देहरादून, 12 अगस्त 2022। यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में एसटीएफ की कार्रवाई जारी है। एसटीएफ ने शुक्रवार को मामले में सचिवालय में नियुक्त सूर्य प्रताप निवासी ग्राम निवाड़ मंडी जसपुर जनपद ऊधमसिंह नगर को गिरफ्तार किया है। सूर्य प्रताप वर्तमान में न्याय विभाग में अपर निजी सचिव के पद पर तैनात था।
उल्लेखनीय है कि एसटीएफ की लगातार गिरफ्तारियों से पेपर लीक मामले में शामिल लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। एक के बाद एक अब तक 16 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिनमें कई पूर्व कर्मचारी और कई निजी कंपनी के कर्मचारी है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें