
इसीलिए चाहिए सरकारी नौकरी ? पुलिस के उच्चाधिकारी के घर की बिजली बिल कम कराने की सौदेबाजी, पकड़े गए, फिर ‘नियमानुसार’ छूट गए…
नवीन समाचार, हल्द्वानी, 25 नवम्बर 2020। वाह विद्युत व उनके जैसे भ्रष्टाचार ग्रस्त अन्य सरकारी विभाग ! यह समाचार उन लोगों के लिए भी है, जो सरकारी विभागों में नौकरियां इसलिए ही चाहते हैं कि भर्ती होकर भ्रष्टाचार करें, और नौकरियां न निकलने का रोना रोते हैं। हल्द्वानी में बिजली विभाग के दो कर्मचारियों ने पुलिस के उच्चाधिकारी के घर जाकर मीटर बदलकर बिल कम करवाने की सौदेबाजी की। दोनों मौके पर उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में पकड़े गए, और ‘नियमानुसार’ छोड़ भी दिए गए।
हुआ यह के देवलचौड़ के ईसाईनगर में परिवार के साथ रहने वाले सीओ यानी पुलिस क्षेत्राधिकारी के घर सोमवार को प्रभारी अवर अभियंता मनोहर सिंह और मीटर रीडर प्रकाश पुनेठा मीटर चेक करने के लिए पहुंचे। उन्होंने सीओ के परिवार वालों से कहा कि यदि आप लोग चाहें तो महीने का बिजली बिल कम हो जाएगा। इसके एवज में कुछ पैसा देना होगा। सीओ की बेटी ने उन्हें पिता से बात करने को कहा और मोबाइल नंबर दे दिया। सीओ ने बताया कि उनका बिजली का बिल 22 हजार आया था। उन्होंने दस हजार रुपये जमा कर दिए हैं। शेष 12 हजार रुपये भी जल्द जमा हो जाएंगे। इस पर कर्मचारियों ने उनसे कहा कि आप कुछ लेनदेन करें तो बिजली का बिल कम हो जाएगा। सीओ ने दोनों को मंगलवार को अपने घर बुलाया, और घटना की पूरी जानकारी एसडीओ को फोन पर दी और तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध किया। इस बीच, कर्मचारियों ने सीओ से पूछे बिना ही नया मीटर मंगा लिया।
इधर, एसडीओ ने अवर अभियंता (फूलचौड़) धर्मेंद्र कुमार को सीओ के घर भेज दिया। अवर अभियंता के समक्ष कर्मचारियों की पोल खुल गई। अवर अभियंता की तहरीर पर कोतवाल संजय कुमार के निर्देश पर पुलिस ने कर्मचारी प्रकाश पुनेठा और मनोहर सिंह के खिलाफ धारा 135 (ग) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। उधर, कोतवाल संजय कुमार का कहना है कि दोनों नामजद कर्मचारियों को नोटिस देकर छोड़ा गया है।
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नवीन समाचार, देहरादून, 7 मार्च 2020। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने राज्य में प्रस्तावित विद्युत दरों पर आम उपभोक्ताओं की आपत्तियों के लिए अंतिम जन-सुनवाई की गई। इस दौरान आयोग ने आम उपभोक्ताओं का पक्ष सुना। राज्य की विद्युत कम्पनियों यूपीसीएल, पिटकुल, यूजेवीएन लि. एवं एसएलडीसी द्वारा वित्तीय वर्ष २०२०-२१ की विद्युत दरों में बढोत्तरी का प्रस्ताव आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। इस संबन्ध में आयोग ने राज्य के विभिन्न स्थानों में आम उपभोक्ताओं का पक्ष जानने के लिए जन-ंसुनवाइयां आयोजित की।
जन सनवाई में यूपीसीएल से 7.7 प्रतिशत बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव आया, वहीं कुल मिलाकर अन्य विद्युत निगम से १३ प्रतिशत बढोत्तरी का प्रस्ताव आया है। इससे पूर्व आयोग टैरिफ को लेकर चम्पावत, रुद्रपुर व उत्तरकाशी में जन सुनवाई कर चुका है। कई संगठनों व लोगों ने दिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली में जब बिजली में मुफ्त में मिल सकती है यह तो ऊर्जा प्रदेश है लिहाजा फ्री न हो बल्कि रेटों में ५० से ७० प्रतिशत की कटौती होने चाहिए। उद्योग जगत, पीटीडब्ल्यू, घरेलू एवं गैरघरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं की आपत्तियों को सुनने के बाद आयोग द्वारा निर्णय सुरक्षित रख लिया गया। आयोग उनका अध्ययन करने के बाद मार्च अंतिम सप्ताह में निर्णय लिया जाएगा। जन-सुनवाई में विद्युत नियामक आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष व सदस्य (विधि) डीपी गैरोला, मनोज कुमार जैन, सदस्य (तकनीकी), नीरज सती (सचिव), रजनी माथुर सहित आदि मौजूद थे।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 2 मार्च 2020। बिजली विभाग ने उच्च स्तरीय शोध करने वाले कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर स्थित नैनो साइंस सेंटर की सामान्य से कई गुना बिल आने के बाद विद्युत संयोजन काट दिया है। इससे सेंटर में पिछले पांच दिन से शोध गतिविधियां ठप पड़ गई हैं। उल्लेखनीय है नैनो साइंस सेंटर ने बेकार प्लास्टिक व बांज की पत्तियों से बहुमूल्य ग्रेफीन तैयार करने एवं ग्रेफीन की मदद से जल शोधन की बड़ी खोज की हैं, और इन खोजों के पेटेंट भी फाइल किए गए हैं, जो कि कुमाऊं के इतिहास में पहली बार हैं।
बताया गया है कि सामान्यतया नैनो साइंस सेंटर का बिजली का बिल करीब रुपए आता था, किंतु इस वर्ष नवंबर 2019 माह का बिल 1.59 लाख रुपए का आ गया। इससे हड़कंप मच गया। विभाग एवं परिसर स्तर से इस बिल के सुधार के लिए विद्युत विभाग से संपर्क किया गया, लेकिन बिल में सुधार होना दूर, दिसंबर माह का बिल 5.24 लाख का और जनवरी 2020 का 5.41 लाख का आ गया। इसमें सुधार के प्रयास चल ही रहे थे कि गत 27 फरवरी को विद्युत विभाग ने सेंटर का बिजली का कनेक्शन ही काट दिया। इस संबंध में डीएसबी परिसर के निदेशक ने भी विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता को पत्र लिखकर सेंटर के मीटर की जांच करने और सुधार करने की मांग की है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 8 अक्टूबर 2019। जनपद में बिजली के बिलों में भारी गलतियां देखने में आ रही हैं। मुख्यालय के एल्बनी विला निवासी मनीष तिवारी का दो माह का बिजली का बिल 44 हजार 418 रुपए का आया है। वहीं जनपद के दूरस्थ ढोलीगांव सहित आधा दर्जन से अधिक गांवों में भी बिजली के ऊल-जुलूल भारी-भरकम बिल आने की शिकायत है।
नगर के मनीष तिवारी ने बताया कि उनका घर का बिल अब तक 500-700 रुपए आता रहा है, लेकिन इस माह 44,418 रुपए का बिल आया है। पूर्व के बिल चुकाने के बावजूद इसमें प्रारंभिक रीडिंग शून्य और वर्तमान 7600 दिखाई गई है। किंतु चौकाने वाली बात यह भी है कि वर्तमान रीडिंग 7600 होने के बावजूद 7670 यूनिट का बिल बनाया गया है। मनीष ने करीब एक पखवाड़े पूर्व इसकी शिकायत विभाग में की है, किंतु अब तक उन्हें बिल सही होने की जानकारी नहीं दी गयी है। वहीं पूछे जाने पर विद्युत वितरण खंड के उप खंड अधिकारी पर्यंक पांडे ने मामले का संज्ञान लेने की बात कही।
इधर, बिजली के भारी-भरकम बिल आने पर गुस्साये ग्रामीणों ने सोमवार को बिजली विभाग के कार्यालय का घेराव किया। उनका कहना था कि पिछले 4 महीने बाद भी अनाप-शनाप बिजली के बिल भुगतान के लिए आ रहे हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि स्पॉट बिलिंग का कार्य प्राइवेट कंपनी को दिया गया है। कंपनी फोटो मीटर रीडिंग मशीन से मीटर रीडिंग करा कर बिल देने का दावा करती है, जो कि गलत आ रहे हैं, साथ ही कंपनी के लोग किसी का बिल किसी और को दे रहे हैं। इससे बिल गायब हो रहे है और लोग अपने बिल के लिए परेशान हो रहे हैं। घेराव करने वालों में कमल पांडे, युवराज सिंह बिष्ट, कैलाश पांडे, त्रिलोक सिंह बिष्ट, भीम सिंह, सुंदर आर्य, हरीश राम, प्रकाश जोशी, आन सिंह फर्त्याल व कमल फर्त्याल सहित कई उपभोक्ता शामिल रहे।