जमीन खरीदने के साथ रजिस्ट्री कराना पड़ेगा और भारी, 1 वर्ष में ही जमीनों के सर्किल रेट फिर बढ़ाने की तैयारी
नवीन समाचार, देहरादून, 22 सितंबर 2024 (Circle Rate-Registration of land will costlier)। उत्तराखंड में केवल एक वर्ष के बाद ही जमीनों की सरकारी सर्किल दरों में फिर वृद्धि हो सकती है। राज्य में एक वर्ष के बाद ही राज्य सरकार सरकारी सर्किल दरों को संशोधित करने की तैयारी में है। वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने इसकी पुष्टि की है और कहा कि वर्तमान सर्किल रेट और बाजार की स्थिति की व्यवहारिक एवं तकनीकी समीक्षा करते हुए नया सर्किल रेट तैयार किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि राज्य में वर्तमान में 15 फरवरी 2023 को कैबिनेट द्वारा तय किया गया सर्किल रेट लागू है। वित्त सचिव के अनुसार सर्किल रेट तय करने के लिए सभी पहलुओं का अध्ययन किया जा रहा है और राज्य व आमजन के हितों को ध्यान में रखते हुए इसे संशोधित किया जाएगा।
सर्किल रेट इससे पहले 2023 में और उससे पहले 2020 में बदले थे
उत्तराखंड में पिछली बार 15 फरवरी 2023 में जबकि उससे पहले 2020 में सर्किल रेट बदले गए थे, और वर्तमान में सर्किल दर इतने हैं कि लोगों को घरों के लिये जमीन खरीदने से अधिक उसकी रजिस्ट्री कराना भारी पड़ रहा है। इधर बताया जा रहा है राज्य में तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्रों पर इस बार के संशोधन में विशेष फोकस रहेगा, जहां विकास गतिविधियों में वृद्धि के साथ जमीनों की मांग भी बढ़ी है।
नैनीताल की अपर माल रोड वर्तमान में सबसे महंगी
उत्तराखंड में वर्तमान में लागू सर्किल रेट के अनुसार नैनीताल की अपर माल रोड के सर्किल रेट सबसे ज्यादा है। यहां प्रति वर्गमीटर सरकारी जमीन का मूल्य एक लाख रुयये तय है। जबकि मसूरी की माल रोड पर सर्किल रेट प्रति वर्गमीटर 28 हजार रुपये है। हल्द्वानी बरेली रोड का सर्किल रेट 50 हजार रुपये जबकि अल्मोड़ा पिथौरागढ़ मार्ग पर सर्किल रेट 10 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर भी है।
राज्य में बाहरी लोग तेजी से कर रहे जमीनों की खरीद, स्थानीय लोगों के लिए घर बनाना हुआ मुश्किल (Circle Rate-Registration of land will costlier)
पिछले कुछ वर्षों में उत्तराखंड के विशेष रूप से पर्यटक स्थलों पर जमीनों की खरीद-बिक्री में तेजी आई है। बाहरी राज्यों के लोग अधिक संख्या में इन स्थलों पर जमीन खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। नियमों के अनुसार बाहरी राज्यों के व्यक्ति उत्तराखंड में सवा नाली से अधिक जमीन नहीं खरीद सकते, लेकिन अलग-अलग नामों से रजिस्ट्री कराकर बड़ी मात्रा में जमीनें खरीदी जा रही हैं, और उन्हें फर्क भी नहीं पड़ रहा है, क्योंकि वे इन जमीनों पर आलीशान होटल और रिजॉर्ट बना रहे हैं।
उनके लिए भी सर्किल रेट समान हैं। कई स्थानों पर एनजीओ के नाम से जमीनें खरीदकर उनका व्यावसायिक उपयोग भी किया जा रहा है। स्थानीय लोग अपनी ही जमीनों के केयर टेकर यानी चौकीदार होकर रह गये हैं। स्थानीय लोग बढ़ती दरों से परेशान हैं। उनके लिए घर बनाना मुश्किल हो गया है। (Circle Rate-Registration of land will costlier)
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