नवीन समाचार, रुद्रपुर, 29 अप्रैल 2022। कोरोना संक्रमण की चौथी लहर की आशंकाओं के बीच उत्तराखंड के सीमावर्ती ऊधमसिंह नगर जिले में स्वास्थ्य विभाग ने सप्ताहांत पर कोरोना जांच की तैयारी कर ली है। उत्तर प्रदेश व दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों से नैनीताल की ओर आने वाले पर्यटकों की उत्तराखंड आगमन पर जनपद में पड़ने वाली सभी सीमाओं पर हर शनिवार-रविवार को रैंडम सैंपलिंग की जायेगी।
बताया गया है कि ऊधमसिंह नगर जिले में रुद्रपुर-रामपुर बार्डर से प्रतिदिन अन्य राज्यों से 250 से 300 वाहनों की आवाजाही और किच्छा में पुलभट्टा बार्डर से 500 से 600 वाहनों की आवाजाही रहती है। इसके अलावा खटीमा के सत्रह मील मझोला बार्डर से प्रतिदिन 450 से 500 और नेपाल के मेलाघाट बार्डर से प्रतिदिन 100 से 200 वाहनों एवं काशीपुर में सूर्या बार्डर से 1000 वाहनों व अलीगंज बार्डर से 300 से 400 वाहनों की आवाजाही रहती है।
इसी तरह बाजपुर में दोहरा बार्डर से प्रतिदिन 500 से 600 वाहनों और जसपुर के धरमपुर बार्डर से 300 से 400 वाहनों की आवाजाही रहती है। जबकि शनिवार और रविवार को बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों की संख्या में दो से तीन गुना तक बढ़ोत्तरी हो जाती है। इनमें अधिकतर वे सैलानी होते हैं जो सप्ताहांत पर नैनीताल, अल्मोड़ा और अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में घूमने जाते हैं। इसे देखते हुये स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार और रविवार को सभी सीमाओं पर बाहर से आने वाले सैलानियों की कोरोना जांच करने का निर्णय लिया है। ताकि कोरोना के मामलों को बढ़ने से रोका जा सके।
जनपद की सीएमओ डॉ.सुनीता चुफाल ने कहा कि कोरोना की चौथी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना है। कोरोना के मामलों को देखते हुए हर शनिवार और रविवार को जिले की सीमाओं पर बाहर से आने वालों की कोरोना जांच की जाएगी। सीमा पर जांच और स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण में तेजी लाने के लिये विभाग ने जिले भर में 160 टीमों की तैनाती कर दी है।12 से 14 वर्ष के बच्चों के टीकाकरण में भी तेजी लायी जा रही है। (डॉ. नवीन जोशी)आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : देहरादून के बाद नैनीताल जिले में भी लागू हुईं कोरोना की पाबंदियां, 1000 रुपए तक लग सकता है जुर्माना
नवीन समाचार, देहरादून, 28 अप्रैल 2022। उत्तराखंड में राजधानी देहरादून के बाद नैनीताल जिले में भी कोरोना की पाबंदियां लागू हो गई हैं। नैनीताल के डीएम धिराज गर्ब्याल ने फिर कोरोना के बाबत बड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
अब जनपद में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में हो रही बढ़ोत्तरी के दृष्टिगत संक्रमण की रोकथाम के लिए हर व्यक्ति के लिए पूर्व की भाँति सार्वजनिक स्थान पर अथवा घर के बाहर मास्क, गमछा, रूमाल, दुपट्टा या स्कार्फ पहनना अनिवार्य होगा। साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर थूकना प्रतिबंधित रहेगा। इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करना उत्तराखण्ड राज्य महामारी कोविड-19 (द्वितीय संशोधन) विनियमावली 2021 में प्रदत्त व्यवस्था के अनुरूप् दण्डनीय अपराध होगा। इस पर 500 से 1000 रूपये तक जुर्माना वसूला जायेगा। (डॉ. नवीन जोशी)आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : चौथी लहर की आशंका के बीच दो बच्चे और शिक्षक आए संक्रमित, बच्चों के प्रति बढ़ी चिंता, सतर्कता के निर्देश…
नवीन समाचार, हल्द्वानी, 26 अप्रैल 2022। देश में कोविड-19 के नए ओमीक्रोन वेरिएंट के साथ चौथी लहर की आशंका के बीच देहरादून में दो बच्चे एवं एक शिक्षक भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। दूसरी ओर बच्चों-बड़ों सभी ने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क पहनने भी कमोबेश बंद कर दिए हैं। ऐसी परिस्थितियों में राज्य के खासकर विद्यालयों में बच्चों के प्रति चिंता बढ़ गई है।
ऐसी में स्वास्थ्य विभाग ने नैनीताल जनपद में कोरोना की जाचे बढ़ाने के साथ ही विद्यालयों को दिशा-निर्देश जारी किये हैं। छात्रों को मास्क के साथ-साथ साफ-सफाई और सैनिटाइजर का विशेष ध्यान देने को कहा गया है। ताकि नए वेरिएंट को फैलने से रोका जा सके।
अपर मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी रश्मि पंत ने कहा कि नए एक्सई वेरिएंट के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सचेत है। जनपद में विकास खंड स्तर पर जांच का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा सभी स्कूलों को कोरोना के प्रति सतर्कता बरतने और स्कूलों में साफ सफाई के साथ बच्चों के मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग करने के निर्देश दिये गये हैं।
इसके साथ ही लोगों से अपील की गयी है कि इस बीमारी से किसी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है। केवल बचाव ही इस बीमारी से बचने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है। इसके अलावा बुजुर्गों को घर-घर जाकर बूस्टर डोज लगायी जा रही है। चौथी लहर की आशंका को देखते हुए सभी तरह की व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई है। जल्द ही बैठक कर कुछ और दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। इसके अलावा शासन द्वारा जो भी गाइडलाइन आएगी, उसका पालन कराया जाएगा। (डॉ. नवीन जोशी)आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : कोरोना ने फिर चिंता में डाला, चौथी कक्षा की छात्रा के पॉजिटिव आने के बाद आज बंद करना पड़ा एक स्कूल..
नवीन समाचार, देहरादून, 23 अप्रैल 2022। देश के कुछ हिस्सों के साथ साथ उत्तराखंड में भी कोरोना एक बार फिर चिंता पैदा कर रहा है। राजधानी देहरादून के कर्जन रोड स्थित एक प्राइवेट स्कूल में एक चौथी कक्षा की छात्रा के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। आनन-फानन में शनिवार को स्कूल को बंद करवा दिया गया। आगे सोमवार को पूरी स्थिति का जायजा लेने के बाद स्कूल खोलने पर निर्णय होगा।
विद्यालय प्रबंधन ने बताया कि शुक्रवार शाम को छात्रा के परिजनों ने फोन पर उसके पॉजिटिव आने की जानकारी दी। इस पर उन्होंने तत्काल जिलाधिकारी और मुख्य शिक्षा अधिकारी को इसकी जानकारी दी। उनके निर्देश पर शनिवार को बच्चों की छुट्टी कर दी गई। हालांकि, राहत की बात यह है कि छात्रा तीन दिन से स्कूल नहीं आ रही थी। ऐसे में अन्य बच्चों में संक्रमण की आशंका कम है।
फिर भी स्कूल को पूरी तरह बंद कर सेनेटाइज किया गया है। रविवार को भी सेनेटाइजेशन किया जाएगा। विद्यालय में पहले से भी सेनेटाइजेशन, मास्क और अन्य तरह की एहतियात बरती जा रही है। आगे जो भी शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन की ओर से निर्देश मिलेंगे उसी के अनुसार स्कूल खोलने पर फैसला किया जाएगा। (डॉ.नवीन जोशी)आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : देश में कोरोना पाबंदियां हटाने की समयसीमा तय, लेकिन विशेषज्ञ अब भी जता रहे चिंता
नवीन समाचार, नई दिल्ली, 24 मार्च 2022। केंद्र सरकार ने देश में कोरोना से संबंधित प्रतिबंधों को हटाने के लिए आदेश जारी कर दिया है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इस बारे में पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि बीते 7 हफ्तों में कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट आई है। ऐसे में गृह मंत्रालय की ओर से 31 मार्च के बाद ‘डिजास्टर मैनेजमेंट ऐक्ट’ के तहत कोरोना से जुड़ा कोई आदेश जारी नहीं किया जाएगा, लेकिन महामारी पर अब भी सतर्क रहने की जरूरत है। जब भी मामले बढ़ें तो राज्य और केंद्र शासित प्रदेश स्थानीय स्तर पर तेजी से कदम उठा सकते हैं।
पत्र में लिखा गया है कि बीते 24 महीनों में कोरोना महामारी से जुड़े विभिन्न पहलुओं जैसे – जांच, निगरानी, मरीजों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने, इलाज, टीकाकरण आदि के बारे में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। आम जनता भी कोरोना से बचाव के उपायों के प्रति काफी जागरूक हुई है।
इस फैसले पर प्रश्न भी उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि यह फैसले उस वक्त लिए जा रहे हैं जब ओमीक्रोन के सब-वेरिएंट बीए.2 ने चीन, हान्गकॉन्ग, जर्मनी व यूरोप के अन्य देशों में कहर बरपा रखा है। साइंटिफिक जर्नल ‘नेचर’ ने अपने संपादकीय में कहा है कि बीए.2 के प्रसार को देखते हुए देशों को कोविड-19 सर्विलांस और ट्रैकिंग की रफ्तार धीमी नहीं करनी चाहिए। विशेषज्ञों ने चेताया है कि अगर लापरवाही बरती गई तो खतरा बढ़ जाएगा और संक्रमण और बड़े पैमाने पर फैल सकता है। यह रोग का बीच में उपचार छोड़ने जैसा खतरनाक हो सकता है।
नेचर ने अपने संपादकीय में लिखा है कि कई देशों ने पाबंदियां घटा दी हैं, लेकिन ऐसे फैसले भविष्य को ध्यान में रखकर नहीं किए जा रहे। जर्नल ने ऐंटीबॉयटिक्स की एनॉलजी दी है कि यह फैसले कुछ वैसे ही हैं कि लक्षण में राहत मिलने पर ऐंटीबॉयटिक्स का कोर्स बंद कर दिया जाए, जबकि इससे यह खतरा बढ़ जाता है कि संक्रमण वापस आ जाएगा।
दावा किया गया है कि नया वेरिएंट इस वक्त फैल रहे वेरिएंटस से काफी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, अब भी दुनिया की बड़ी आबादी का टीकाकरण नहीं हुआ है। ऐसे में वायरस को ट्रैक और ट्रीट करने में ढिलाई भारी पड़ सकती है। उन्होंने चेताया कि अगर सरकारें ही ढुलमुल रवैया अपनाएंगी तो पब्लिक और लापरवाह हो जाएगी। (डॉ.नवीन जोशी)आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : नैनीताल, हल्द्वानी, रामनगर पहुंचा ओमिक्रॉन, पुष्टि
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 16 जनवरी 2022। कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट नैनीताल जनपद मुख्यालय सहित जनपद के विभिन्न जनपदों में फैल गया है। रविवार रात्रि पूर्व में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए देहरादून भेजे गए कोरोना के 6 नमूनों में ओमिक्रॉन संक्रमण की पुष्टि हुई है।
जनपद की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. भागीरथी जोशी ने बताया कि इनमें एक नमूना शेरवुड परिसर नैनीताल, एक रामनगर तथा अन्य हल्द्वानी के दमुआढ़ूंगा, आरटीओ रोड आदि के लोगों के हैं। उन्होंने बताया कि यह नमूने पुराने हैं। वर्तमान में इनमें से सभी स्वस्थ हो चुके हैं। अलबत्ता अन्य लोगों में भी ओमिक्रॉन हो सकता है। इसलिए मौजूदा दौर में जबकि कोरोना अपने चरम की ओर बढ़ रहा है, आम जन को विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
प्रतीकात्मक चित्र
यह भी पढ़ें : नैनीताल: नए मामले एक दिन में 174 फीसद बढ़े, एक कॉलेज में ही आए 93 मामले
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 7 जनवरी 2022। देश-प्रदेश में ओमिक्रॉन व कोरोना की तीसरी लहर के साथ कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से हो रही बढ़ोत्तरी के साथ नैनीताल जनपद में भी पिछले करीब आठ माह के सर्वाधिक 233 लोग एक दिन में संक्रमित पाए गए हैं। जहां एक दिन पहले एक ही दिन में 85 लोग संक्रमित मिले थे, वहीं शुक्रवार को नए मामलों में 174 प्रतिशत की वृद्धि हो गई। इसमें अकेले 93 विद्यार्थी पाल नर्सिंग कालेज के हैं।
एसीएमओ डा. रश्मि पंत ने बताया कि 1169 लोगों की जांच रिपोर्ट में 233 लोग संक्रमित मिले हैं। इसमें पाल नर्सिंग कालेज में ही 450 छात्र-छात्राओं की जांच हुई। इसमें 93 विद्यार्थी संक्रमित पाए गए हैं। इसके बाद पॉल कालेज को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। कुछ विद्यार्थियों को छात्रावास में जबकि अन्य को उनके घरों पर ही क्वारंटाइन किया गया है। अधिकांश बच्चों में किसी तरह के लक्षण नहीं हैं। अलबत्ता, वर्तमान में जनपद में कोरोना संक्रमित छह मरीज भर्ती हैं। इसमें तीन मरीज निजी चिकित्सालयों में और तीन मरीज अस्थायी कोविड अस्पताल में भर्ती हैं।आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में एक दिन में आए ओमिक्रॉन के चार नए मामले…
नवीन समाचार, देहरादून, 1 जनवरी 2022। उत्तराखंड में शनिवार को ओमिक्रॉन के एक साथ चार नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ राज्य में ओमिक्रॉन के कुल मामलों की संख्या आठ हो गई है। गौरतलब है कि राज्य में ओमिक्रॉन के पहले आए चारों संक्रमित स्वस्थ हो चुके हैं। इस प्रकार राज्य में अभी ओमिक्रॉन के केवल चार मरीज ही सक्रिय हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दून मेडिकल कॉलेज की लैब द्वारा चार मरीजों की कोविड 19 जांच पॉजिटिव पाए जाने के बाद जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजी गई थी। जिसमें ओमिक्रॉन वैरिएंट होने की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार तीन मरीज देहरादून के हैं, जबकि एक 27 वर्षीय युवक गुजराज का रहने वाला है। जो ऋषिकेश आया था और लौट गया था। अब वह अहमदाबाद में आइसोलेशन पर है। चारों संक्रमितों की उम्र तीस साल से कम है। देहरादून निवासी ओमिक्रॉन संक्रमितों में 23 व 28 साल के दो युवक एक 15 वर्षीय किशोरी शामिल हैं। (डॉ.नवीन जोशी)आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में ओमिक्रॉन ने आज लगाई हैट-ट्रिक
नवीन समाचार, देहरादून, 27 दिसंबर 2021। देश-दुनिया को परेशान किए ओमिक्रॉन के सोमवार को उत्तराखंड में एक दिन में ही तीन नए मामले आए हैं, और इस तरह से ओमिक्रॉन ने हैट-ट्रिक लगा दी है। इसके साथ राज्य में अब ओमिक्रॉन से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़कर 4 हो गई है।
नए ओमिक्रोन पॉजिटिव मरीजों के बारे में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि 28 वर्षीय व्यक्ति का अमन से भारत आने पर मेला चिकित्सालय हरिद्वार में कोरोना जांच हेतु नमूना लिया गया था। जांच में कोरोना संक्रमित पाए जाने के उसे आइसोलेशन में भेजकर ओमिक्रॉन जांच हेतु उसका नमूना भेजा गया था। अब उसके ओमिक्रॉन संक्रमण की पुष्टि हुई है।
इसी तरह राजपुर रोड देहरादून निवासी दुबई से लौटे 74 वर्षीय पुरुष एवं 65 वर्षीय महिला में भी ओमिक्रोन वेरिएंट से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। उल्लेखनीय है कि गत 11 दिसंबर को स्काटलैंड से लौटी दून के बसंत विहार निवासी 34 वर्षीय महिला यात्री में भी ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई थी। बताया गया है कि इस महिला के माता-पिता भी कोरोना संक्रमित हैं। उनकी जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट का अभी इंतजार है।
राज्य में ओमिक्रोन वैरीअंट के मरीजों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडे ने आज समस्त जनपदों के सीएमओ को ओमिक्रोन वैरीअंट से बचाव एवं नियंत्रण को लेकर विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों में सभी चिकित्सा इकाइयों पर इन्फ्लूएंजा तथा गंभीर श्वसन संक्रमण ग्रसित मरीजों की सघन निगरानी करने, सभी मरीजों के कोविड-19 टेस्ट भी कराने, पूर्व से ही अन्य रोगों से पीड़ित संवेदनशील मरीजों को भी कोविड-19 जांच की परिधि में रखने, संक्रमित पाए जाने पर उन्हें होम आइसोलेशन अथवा चिकित्सा इकाइयों पर यात्रा उपचार की स्थिति अनुसार रखने को कहा गया है। बाहर से आए कोरोना संक्रमितों के बिना किसी विलंब के जिनोम सीक्वेंसिंग हेतु दून मेडिकल कॉलेज की लैब को जांच हेतु भेजने, होम आइसोलेशन क्वॉरेंटाइन एवं कंटेन्मेंट जाने बनाने जैसी गतिविधियों को प्रभावी तौर पर अमल में लाने के भी निर्देश दिए। (डॉ.नवीन जोशी)आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में आया ओमिक्रॉन का पहला मामला, युवती निकली पॉजिटिव
नवीन समाचार, देहरादून, 22 दिसंबर 2021। उत्तराखंड भी कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रान पहुंच गया है। राजधानी देहरादून में प्रदेश का पहला ओमिक्रान का मामला सामने आया है। देहरादून की कांवली रोड निवासी 23 वर्षीय युवती की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। युवती आठ दिसंबर को स्कॉटलैंड से भारत पहुंची थी। इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर उसकी कोरोना की आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट निगेटिव पाई गई, इसके बाद युवती उसी दिन शाम को कार से अपने माता-पिता के साथ देहरादून पहुंची थी।
इसके बाद 11 दिसंबर को युवती ने अपना सैंपल जांच के लिए एसआरएल लैब को अपने घर पर बुलाकर दिया। लैब रिपोर्ट के अनुसार युवती का सैंपल 12 दिसंबर को पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद युवती घर पर ही आइसोलेट हो गयी। युवती को जिला आईडीएसपी यूनिट ने 14 दिनों तक होम आइसोलेशन में रहने और होम आइसोलेशन के कड़े निर्देशों का पालन करने के लिए कहा था। अब उसमें ओमिक्रॉन की पुष्टि होने के बाद जिला सर्विलांस इकाई द्वारा युवती की निरंतर निगरानी की जा रही है और उसके माता-पिता का नमूना भी जांच के लिए भेज दिया गया है।
प्रदेश की स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ तुप्ति बहुगुणा ने बताया कि एसआरएल लैब को युवती के सैंपल की जीनोम सीक्वेसिंग जांच के लिए भेजे जाने के निर्देश दे दिए गए हैं, ताकि ओमिक्रान वेरिएंट को अलग किया जा सके। युवती में ओमिक्रान वेरिएंट के होने की पुष्टि दिल्ली स्थित आईडीएसपी यूनिट की ओर से भी कर दी गयी है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : उत्तराखंड पहुंचा ओमिक्रॉन ? दिल्ली में ओमिक्रॉन संक्रमित रिश्तेदारों से मिलकर लौटे दम्पति निकले संक्रमित
नवीन समाचार, देहरादून, 20 दिसंबर 2021। पूरी दुनिया में तीसरी लहर के रूप में दहशत फैलाने वाला कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट क्या उत्तराखंड पहुंच गया है ? यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि दिल्ली में ओमिक्रॉन संक्रमित रिश्तेदारों से मिलकर लौटे देहरादून के एक दम्पति में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो गई है। इसके बाद उनके नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है, जिससे पता चलेगा कि उन्हें हुआ कोरोना कहीं ओमिक्रॉन वैरिएंट की वजह से तो नहीं हुआ है। इसके बाद इन लोगों के राजपुर रोड स्थित अपार्टमेंट को कंटेनमेंट जोन घोषित करने की तैयारी भी चल रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली में एक परिवार के लोग कुवैत से लौटे थे, जिसके बाद उनमें ओमिक्रॉन के संक्रमण की पुष्टि हुई। इधर देहरादून के राजपुर रोड स्थित एक अपार्टमेंट के निवासी दंपत्ति दिल्ली में इन ओमिक्रॉन संक्रमित रिश्तेदारों से मिलकर लौटे तो उनमें भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो गई। जिले के सीएमओ डॉ. मनोज उप्रेती ने बताया कि इसके बाद उनके नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए दून मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब भेजे गए हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : नेपाल से भारत पहुंचे 25 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए
नवीन समाचार, टनकपुर, 15 दिसंबर 2021। उत्तराखंड के चंपावत जनपद के बनबसा में भारत-नेपाल सीमा पर कोरोना बम फूटा है। यहां नेपाल से भारत आ रहे 25 लोग एक ही दिन में संक्रमित पाए गए हैं। इनमें भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा में सवार 14 यात्री भी शामिल हैं। एक साथ कोरोना के इतने मामले सामने आने पर प्रशासन ने मैत्री बसों को नेपाल वापस लौटा दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब एक माह पहले भारत-नेपाल सीमा खुलने के बाद दोनों देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सामान्य आवाजाही शुरू हो गई थी। इधर देश-विदेश में ओमिक्रॉन की दस्तक के बाद चम्पावत जिले में कोरोना सैंपलिंग बढ़ा दी गई थी। इसी कड़ी में छह बसों में नेपाल से आए लोगों की जांच की गई।
बनबसा के चिकित्साधिकारी डॉ. दानिश ने बताया कि मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नेपाल से चौपहिया या दोपहिया में आने वाले दर्जनों लोगों रैपिड एंटीजन जांच की गई। इसमें 11 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए थे। शाम को नेपाल से आने वाली बसों के यात्रियों की भी जांच हुई। इस पर कुल 25 यात्री संक्रमित पाए गए। बाद में अधिकारियों ने बताया कि जिन मैत्री बसों में कोरोना मामले सामने आए, उन्हें वापस नेपाल भेजा जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कोविड जांच जारी है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : नैनीताल में कोरोना के प्रति फिर सतर्कता: कंटेनमेंट जोन में 75 एवं पुलिस कर्मियों की हुई करीब 375 जांचें
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 30 नवंबर 2021। जिला मुख्यालय के शेरवुड स्टाफ क्वार्टर में रहने वाली एक शिक्षिका के पति की कोरोना से सोमवार को मौत होने के बाद पुलिस ने इस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बना दिया है। जनपद में तीन माह के बाद इस तरह कंटेनमेंट जोन बना है। इसके बाद मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग ने इस क्षेत्र में शिक्षिका के संपर्क में आए 75 परिवारों की कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की गई है। साथ प्रदेश के डीजीपी अशोक कुमार के निर्देशों पर बीडी पांडे जिला चिकित्सालय में पुलिस, एलआईयू एवं अग्निशमन बलों के 132 लोगों की आरटीपीसीआर एंव 242 लोगों लोगों की रैपिड एंटीजन जांच की गई है। गनीमत है कि 242 लोगों की रैपिड एंटीजन जांच में किसी में भी कोरोना की पुष्टि नहीं हुई है।
आगे स्वास्थ्य विभाग बुधवार से पूर्व की तरह नगर के प्रवेश द्वारों पर बाहर से आने वाले सैलानियों की जांच के लिए अभियान चलाने वाली है। साथ ही चिकित्सालय में आने वाले रोगियों की भी कोरोना जांच की जाएगी। जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केएस धामी ने बताया कि शेरवुड कॉलेज के स्टाफ क्वार्टर्स में शिक्षिका के संपर्क में आए कॉलेज के कर्मियों के परिवारजनों की और जिला चिकित्सालय में आपातकालीन सेवाओं से जुड़े पुलिस विभाग से संबंधित कर्मियों की जांच की गई है।
इधर, नगर में पुलिस ने भी कोरोना के नए वैरिएंट के दृष्टिगत स्थानीय लोगों एवं सैलानियों को मास्क पहनने एवं सामाजिक दूरी बरतने के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि शेरवुड कॉलेज में कार्यरत शिक्षिका के 70 वर्षीय पति की मृत्यु के बाद संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन ने शेरवुड स्टाफ क्वार्टर क्षेत्र के एपी सिंह, प्रदीप भट्ट व पूजा रौतेला के घरों को कोरोना के संक्रमण की संभावना के दृष्टिगत अगले आदेशों तक माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। इस क्षेत्र में बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही प्रभावित परिवार के संपर्क में आए लोगों की कोरोना जांच कराने के आदेश दिए गए हैं।
जिला चिकित्सालय में बढ़े वायरल बुखार के मरीज नैनीताल। मुख्यालय में मौसम के बदलाव, ठंड की दस्तक के साथ वायरल बुखार का प्रकोप हो गया है। बीडी पांडे जिला चिकित्सालय के पीएमएस डॉ. केएस धामी ने बताया कि प्रतिदिन दो से ढाई सौ वायरल बुखार के मरीज पहुंच रहे हैं। अब बुधवार से इन सभी की कोरोना जांच भी कराई जाएगी। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : ओमिक्रॉन की दस्तक के बीच दक्षिण अफ्रीका सहित विदेशों से उत्तराखंड आऐ 25 लोग, 14 होम आइसोलेश में भेजे, शेष 11 की तलाश
नवीन समाचार, देहरादून, 30 नवंबर 2021। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की दस्तक के बीच उत्तराखंड में विदेशों से आए 25 लोग रडार पर हैं। इनमें से देहरादून आए 14 लोगों को अगले 15 दिन के लिए होम आइसोलेशन में रहने के निर्देश दिए गए हैं। सभी के सैंपल आरटीपीसीआर जांच के लिए भेजे गए हैं। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम उनकी निगरानी कर रही है। राज्य में शेष 11 की तलाश की जा रही है।
जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज उप्रेती ने बताया कि नई दिल्ली से 25 ऐसे लोगों की सूची भेजी गई थी, जो हाल ही में विदेश से लौटे हैं। इनमें से 14 लोग देहरादून जिले के हैं। छह लोग ऐसे हैं जो दक्षिण अफ्रिका से लौटे हैं। इन सभी के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। केंद्र और शासन से मिले दिशा-निर्देशों के क्रम में सभी 14 लोगों को होम आइसोलेशन में रहने के लिए कहा गया है। साथ ही उनके संपर्क में आए लोगों का भी पता किया जा रहा है। जिसके बाद उनका भी आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल लिया जाएगा।
इसके अलावा मंगलवार से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर और बुधवार से सीमावर्ती चौकियों पर कोरोना की आरटीपीसीआर और एंटीजन जांच शुरू की जा रही है। इसी तरह रेलवे स्टेशन, बस अड्डों पर भी फिलहाल रेंडम जांच शुरू की जाएगी। जिनके पास 72 घंटे की आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट होगी, उनकी जांच नहीं की जाएगी। (डॉ.नवीन जोशी)आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : दक्षिण अफ्रीका से अपनी शादी के लिए आया युवक, कोविड के नए वैरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ को लेकर सनसनी
नवीन समाचार, रुद्रपुर, 28 नवंबर 2021। दक्षिण अफ्रीकी देशों में फैले कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रान से दुनियाभर में फिर से फैली चिंता और उत्तराखंड में भी जारी हुए अलर्ट के बीच एक अफ्रीकी देश से एक युवक के आने से सनसनी फैल गई है। अफ्रीका के कांगों से ऊधमसिंह नगर के दिनेशपुर में एक 25 वर्षीय युवक आया है। स्वास्थ्य विभाग ने उसकी एवं उसके परिवार के लोगों के साथ ही उसके संपर्क में आए लोगों की सभी कोरोना जांच करा दी हैं। गनीमत है कि इनमें से ट्रूनेट और एंटीजन जांच में सभी की रिपोर्ट निगेटिव आ गई है। इसके बाद अब आरटीपीसीआर की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। सभी को आइसोलेट भी कर दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के जिला सर्विलांस अधिकारी-एसीएमओ डॉ. अविनाश खन्ना ने बताया कि सीएमओ अल्मोड़ा की ओर से जानकारी दी गयी थी कि मूल रूप से हवालबाग ब्लॉक के छानागोलू गांव निवासी 25 वर्षीय युवक बीती 25 नवंबर को कांगो से आया है और ऊधमसिंह नगर के दिनेशपुर में रह रहा है। जानकारी मिलते ही शनिवार की रात ही टीम ने दिनेशपुर से युवक और उसके माता-पिता-भाई और भाभी की ट्रूनेट और रैपिड एंटीजन टेस्ट कराये, जिसमें सभी की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। इस पर रात में ही उन्हें घर पर आइसोलेट रहने की सलाह देते हुए घर वापस भेज दिया गया।
एसीएमओ ने बताया कि युवक कांगो के किंचासा में प्रिंटिंग प्रेस में काम करता है। उसकी आगामी दो दिसंबर को शादी है। इस हेतु वह क्ररीब डेढ़ माह की छुट्टी पर पहले ही अपनी आरटीपीसीआर जांच कराकर आया है। युवक को निर्देश दिए गए है कि वह बिना अनुमति कहीं न जाए। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में कोरोना के नए खतरनाक वैरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ के लिए फिर से हाईअलर्ट, CM ने जारी किया विशेष सन्देश…
नवीन समाचार, देहरादून, 27 नवंबर 2021। दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नये खतरनाक वैरिएंट बी.1.1.529 को लेकर उत्तराखंड में भी खतरा बताया जा रहा है। डब्लूएचओ द्वारा ओमिक्रॉन नाम दिये गए व बेहद तेजी से फैलने वाले तथा खतरनाक बताए गए वैरिएंट के प्रति उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को विशेष संदेश जारी किया है। उन्होंने अपने अपने संदेश में प्रदेश वासियों से कहा है कि कोरोना के नए वैरिएंट के दृष्टिगत ‘कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर’ का पूरा पालन करें। जिन लोगों को अभी दूसरा टीका नहीं लगा है, वह समय होते ही टीकाकरण करा लें। मास्क का उपयोग जरूर करें एवं एक दूसरे से उचित दूरी बनाए रखें।
उन्होंने इस हेतु प्रदेश के मुख्य सचिव, डीजीपी एवं सचिव स्वास्थ्य को ‘कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर’ का पालन सुनिश्चित कराने एवं सभी आवश्यक व्यवस्थाएं कराने के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाय कि कोविड पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अस्पतालों में सभी व्यवस्थाएं हो। (डॉ. नवीन जोशी)आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में जहां आया था कोरोना का सबसे पहला मामला, वहीं फिर कोरोना संक्रमित मिले 11 प्रशिक्षु अधिकारी
नवीन समाचार, देहरादून, 25 नवंबर 2021। देहरादून में इंदिरा गांधी नेशनल फॉरेस्ट अकेडमी में मिड टर्म प्रशिक्षण के लिए बुलाए गए यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों के 11 प्रशिक्षु अधिकारी कोरोना संक्रमित मिले हैं। आईएफएस अधिकारियों के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद उन्हें एकेडमी में ही क्वारंटीन कर दिया गया है।
अकेडमी के अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विभिन्न राज्यों के 40 आईएफएस अधिकारियों को ‘मिड टर्म ट्रेनिंग’ के लिए यहां बुलाया गया था। इन अधिकारियों को पहले लखनऊ आईआईएम में प्रबंधन का प्रशिक्षण देने के बाद नई दिल्ली भेजा गया था। नई दिल्ली में सभी अधिकारियों का कोरोना टेस्ट कराया गया तो छह अधिकारी कोरोना संक्रमित पाए गए लेकिन रिपोर्ट आने से पहले ही सभी अधिकारी देहरादून पहुंच गए थे। अधिकारियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद एकेडमी में अधिकारियों की ओर से सुरक्षात्मक कदम उठा लिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में कोरोना का सबसे पहला मामला इंदिरा गांधी नेशनल फॉरेस्ट एकेडमी के ही प्रशिक्षु अधिकारियों में ही सामने आया था। उस वक्त प्रशिक्षु आईएफएस अधिकारियों का दल स्पेन समेत कई यूरोपीय देशों के भ्रमण पर गया था, और वहां से लौटने पर उनमें कोरोना की पुष्टि हुई थी। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : पुलिस द्वारा पकड़ा गया आरोपित निकला कोरोना पॉजिटिव, हड़कंप, कोतवाल सहित पुलिस कर्मियों की कराई गई जांच, कई अन्य भी आए संपर्क में
नवीन समाचार, हरिद्वार, 22 नवंबर 2021। रानीपुर कोतवाली में वाहन चोरी के मामले में पकड़े गए एक आरोपी के कोरोना पॉजिटिव निकलने से पुलिस में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में आरोपी को मेला अस्पताल पहुंचाया गया। साथ ही हवालात सहित कोतवाली परिसर को सैनिटाइज किया जा रहा है, तथा आरोपी के संपर्क में आए कोतवाल कुंदन सिंह राणा सहित पुलिसकर्मियों का कोरोना टेस्ट कराया गया है।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार वाहन चोरी के एक मामले में फरार चल रहे आरोपी को रविवार रात गिरफ्तार किया गया था। रविवार रात में उसे हवालात में रखने के बाद कोर्ट में पेश करने से पहले उसका मेडिकल कराया गया। मेडिकल जांच में आरोपी कोरोना के संक्रमित पाए जाने से पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया। बताया गया है कि आरोपी से कोतवाल कुंदन सिंह राणा ने भी पूछताछ की थी। वहीं, कोतवाल के संपर्क में भी कई अन्य लोग भी आए थे। उनका टेस्ट भी कराया जा सकता है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : नैनीताल जिले का एक विद्यालय बना कोरोना का हॉट स्पॉट, फिर चार बच्चे मिले संक्रमित…
डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 13 अक्टूबर 2021। नैनीताल जनपद का राजकीय इंटर कॉलेज रातीघाट कोरोना का नया हॉट स्पॉट बन गया है। गत दिनों यहां चार बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए थे, अब फिर यहां चार और बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इन्हें मिलाकर जनपद में आज राज्य के सर्वाधिक 9 नए मामले आए हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खैरना के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेश पंत ने बताया कि विद्यालय में चार छात्रों के गत दिवस संक्रमित पाए जाने के बाद उनके संपर्क में आए यहां के अन्य विद्यार्थियों के भी नमूने लिए गए थे। इन्हीं में से 9वीं-10वीं कक्षा के चार और बच्चे बृहस्पतिवार को कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इन बच्चों में से एक गरमपानी, एक चौरसा, एक रातीघाट व एक हरतपा का निवासी है। आगे इनके परिजनों एवं विद्यालय के शिक्षकों की भी कोरोना जांच कराई जाएगी। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में दूसरी बार पहुंचा कोरोना का डेल्टा वैरिएंट, और संक्रमित मरीज हुआ गायब, न जाने कितनों को संक्रमित कर चुका
नवीन समाचार, रुद्रपुर, 14 अगस्त 2021। जनपद में निकला कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट का दूसरा मरीज भी गायब हो गया है। समस्या यह भी रही कि मरीज की कोरोना की रिपोर्ट करीब एक माह बाद आई। युवक ने जो मोबाइल नंबर उपलब्ध कराया था वह बंद जा रहा है। आगे उसके द्वारा कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का संक्रमण समाज में न हो जाए, इस आशंका से प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं। स्वास्थ्य महकमे के बाद पुलिस ने उसका मोबाइल सर्विलांस में लगाकर उसकी तलाश शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले दिनेशपुर में लखनऊ निवासी युवक भी काफी दिनों बाद आई रिपोर्ट में डेल्टा प्लस वैरिएंट संक्रमित पाया गया था, और उसका पता नहीं चल पा रहा था। हालांकि पता चला था कि रिपोर्ट आने तक वह पूरी तरह स्वस्थ हो गया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में आठ जुलाई को संजय सिंह नाम के एक युवक ने आरटीपीसीआर जांच कराई थी। उसके नमूने को डेल्टा प्लस वैरिएंट की जांच के लिए भी लैब भेजा गया था। इधर गत 10 अगस्त को उसकी रिपोर्ट में डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला है। उसके संबंध में जानकारी जुटाई गई तो स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में उसका नाम और मोबाइल नंबर ही मिला। यह भी पता नहीं है कि डेल्टा प्लस मरीज जिले का है या फिर किसी अन्य प्रदेश और जिले का। इसकी मोबाइल नंबर पर कॉल करने पर वह बंद मिला। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने एसएसपी को पत्र भेजकर डेल्टा प्लस मरीज की तलाश करने में मदद मांगी। एसपी सिटी ममता बोहरा ने बताया कि डेल्टा प्लस मरीज की पुलिस तलाश कर रही है। इसके लिए पुलिस और एसओजी की टीम लगी है। साथ ही मरीज का मोबाइल नंबर भी सर्विलांस पर लगाया गया है, जल्द ही उसे बरामद कर स्वास्थ्य विभाग को अवगत करा दिया जाएगा। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए डीएम ने निकाला खास तरीका, देश-प्रदेश में भी अपनाया जा सकता है
-शिक्षक ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए रखेंगे बच्चों की सेहत पर नजर और कोई लक्षण मिलने पर स्कूलों के जरिए प्रशासन को सूचित करेंगे डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 18 जुलाई 2021। देश-प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर के शीघ्र ही आने और इससे बच्चों के सर्वाधिक प्रभावित होने की संभावना को देखते हुए नैनीताल के डीएम धीराज गर्ब्याल ने खास पहल की है। हो सकता है कि उनकी यह पहल आगे पूरे प्रदेश व देश में अपनाई जाए। डीएम कोरोना काल में कक्षाएं न चलने के बावजूद बच्चों को ऑनलाइन पढ़ा रहे शिक्षकों को योजना से जोड़ते हुए यह जिम्मेदारी देने जा रहे हैं। योजना के तहत शिक्षक बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाते हुए उनकी सेहत पर नजर रखेंगे। यदि उन्हें पढ़ाते हुए किसी बच्चे को खांसी, बुखार, जुकाम, डायरिया जैसे कोरोना के लक्षण नजर आएंगे तो वह इसकी जानकारी अपने विद्यालय को देंगे, और विद्यालय प्रशासन को इसकी जानकारी देगा। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग बच्चों के परिजनों से समन्वय बनाकर बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था कराएगा।
चूंकि कई बार बच्चों के परिजन इन लक्षणों को मामूली मानकर और कोरोना पॉजिटिव आने पर बच्चों को अस्पताल में भर्ती करने जैसे झंझट मानकर और घर में ही उपचार से बच्चों के स्वस्थ हो जाने की उम्मीद में स्वास्थ्य परीक्षण नहीं कराते हैं। ऐसे में देरी से चिकित्सा उपलब्ध होने के कारण कई बार स्थिति गंभीर हो सकती है। इसलिए शिक्षकों की बीमार बच्चों की पहचान करने में अच्छी भूमिका हो सकती है। वे पता कर सकते हैं कि कोई बच्चा उनकी ऑनलाइन कक्षा में बीमार तो नजर नहीं आ रहा है, और यदि कक्षा में उपस्थित नहीं हो रहा है, तो इसका कारण उसका बीमार होना तो नहीं है। डीएम गर्ब्याल ने बताया कि जनपद के मुख्य शिक्षाधिकारी के माध्यम से सभी शासकीय व गैर शासकीय विद्यालयों को इस बारे में आदेशित कर दिया गया है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : कोरोना की तीसरी लहर पर हाईकोर्ट की तीखी टिप्पणी के बाद हरकत में सरकार, देर रात्रि जारी की एसओपी
नवीन समाचार, देहरादून, 23 जून 2021। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की कोरोना के डेल्टा प्लस वैरियंट के कारण संभावित तीसरी लहर को लेकर सरकार व नौकरशाही को लेकर की गई तीखी टिप्पणियों के बाद सरकार आ गई लगती है। मुख्यमंत्री के मुख्यमंत्री आवास को भी कोरोना की तीसरी लहर के लिए समर्पित कर दिए जाने के बयान व पहल के बाद अब राज्य सरकार ने इस पर बीती देर रात्रि एसओपी भी जारी कर दी है। बृहस्पतिवार देर रात्रि जारी गई एसओपी में राज्य सरकार ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर और उसमें बच्चों के संक्रमित होने की आशंकाओं को देखते हुए विशेष निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत चिकित्सालयों में बाल रोग विशेषज्ञों की संख्या बढ़ाने के अलावा उनके उपचार के व्यापक प्रबंध करने के लिए महानिदेशक स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया है। कहा गया है कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का टीकाकरण जल्दी से जल्दी पूरा किया जाए।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश के हस्ताक्षरों से युक्त इस आदेश में कहा गया है कि हर जिले के सरकारी चिकित्सालयों में पर्याप्त संख्या में आक्सीजन युक्त बेड, आईसीयू व वेंटीलेटरों का इंतजाम किया जाए। यदि किन्ही कारणों से यह संभव नहीं हो पा रहा है तो नजदीकी मेडिकल कालेज से यह व्यवस्था बनाई जाए। इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को 1 लेबल का कोविड केयर सेंटर बनाया जाए। हर 1 लेबल के कोविड केयर सेंटर में दस बेडों की व्यवस्था होनी चाहिए। हर जिले में किसी अन्य बीमारी से पीढ़ित शून्य से 18 आयु वर्ग के बच्चों की सूची अभी से तैयार कर ली जाए ताकि कोरोना की तीसरी लहर के समय उनकी निगरानी भी की जा सके। एसओपी में यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार से प्राप्त हो रहे आक्सीजन सिलेंडरों के अलावा यदि जिलों में और भी सिलेंडरों की आवश्यकता पड़ती है तो उन्हें अभी से क्रय कर लिया जाए। हर डीसीएच और मेडिकल कालेज में आक्सीजन स्टोरेज टैंक की व्यवस्था की जाए जिनकी क्षमता कम से कम एक हजार लीटर प्रति मिनट होनी चाहिए। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : कोरोना मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी पर लगी रोक…
नवीन समाचार, नई दिल्ली, 17 मई 2021। देश में जारी कोरोना विषाणु के संकट के बीच इलाज के दौरान संक्रमित मरीजों को पिछले साल से दी जाने वाली प्लाज्मा थेरेपी पर रोक लगा दी गई है। आईसीएमआर और एम्स ने कोविड मरीजों के इलाज के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। अप्रैल महीने में शुरू हुई दूसरी लहर के दौरान इसकी मांग काफी ज्यादा बढ़ गई थी। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञ लगातार प्लाज्मा थेरेपी के असरदार नहीं होने की बात कहते आ रहे थे। आईसीएमआर ने प्लाज्मा थेरेपी को हटाने के फैसले की जानकारी देते हुए कहा, ‘कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग को प्रबंधन दिशा-निर्देश से हटा दिया गया है।’ प्लाज्मा थेरेपी को गाइडलाइन से हटाने संबंधी विमर्श ऐसे समय हुआ है जब कुछ चिकित्सकों और वैज्ञानिकों ने प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजयराघवन को पत्र लिखकर देश में कोविड-19 के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी के अतार्किक और गैर-वैज्ञानिक उपयोग को लेकर आगाह किया था। पत्र आईसीएमआर प्रमुख बलराम भार्गव और एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया को भी भेजा गया था। इसमें जनस्वास्थ्य से जुड़े पेशेवरों ने कहा है कि प्लाज्मा थेरेपी पर मौजूदा दिशा-निर्देश मौजूदा साक्ष्यों पर आधारित नहीं हैं। आईसीएमआर की नई गाइडलाइंस में कोविड मरीजों के इलाज को तीन भागों में बांटा गया है। हल्के लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने का निर्देश दिया गया है, जबकि मध्यम और गंभीर संक्रमण वाले मरीजों को क्रमशः कोविड वॉर्ड में और आईसीयू में भर्ती करने के लिए कहा गया है। अभी तक की गाइड लाइन के अनुसार लक्षणों की शुरुआत होने के सात दिन के भीतर बीमारी के मध्यम स्तर के शुरुआती चरण में और जरूरतें पूरा करने वाला प्लाज्मा दाता मौजूद होने की स्थिति में प्लाज्मा पद्धति के इस्तेमाल की अनुमति थी।
यह भी पढ़ें : बड़ी राहत: कोरोना की दूसरी लहर में पहली बार सप्ताह में घटे नए मामले, 25 दिन बाद आए 3 लाख से कम, 9 दिन में 30 फीसद की कमी..
नवीन समाचार, नई दिल्ली, 16 मई 2021। भारत में कोरोना विषाणु की दूसरी लहर अब ढलान की ओर है। दूसरी लहर के दौरान यह पहला मौका है जब किसी हफ्ते में कोरोना के नए मामलों में गिरावट देखी गई है। वहीं 25 दिनों में पहली बार 3 लाख से कम नए मामले आए हैं। रविवार को आए कोरोना विषाणु के संक्रमण के आंकड़ों के अनुसार 20 अप्रैल के बाद यानी 25 दिनों बाद यह पहला मौका रहा जब कोरोना के नए मामले 3 लाख से कम दर्ज किए गए। रविवार को कोरोना के 2,82,086 नए मामले सामने आए। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान नए मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी के बाद बीते हफ्ते के दौरान इसमें तेजी से गिरावट देखने को मिली थी। 9 दिन पहले गत 6 मई को तो कोरोना का पीक ही रहा। इस दिन रिकॉर्ड 4.14 लाख नए मामले आए थे। इनसे तुलना करें तो रविवार को सामने आए कोरोना के नए केसों में लगभग 30 फीसदी की गिरावट आई है।
यह भी पढ़ें : पिछले सात दिनों में 50 हजार घटी हर रोज आ रहे नए मामलों की संख्या, पॉजिटिव आने की दर भी 20 फीसद से नीचे आई…
नवीन समाचार, नई दिल्ली, 15 मई 2021। कोरोना की दूसरी लहर का कहर झेल रहे हमारे देश में अब कुछ राहत के संकेत मिलने लगे हैं। कोरोना की दूसरी लहर थोड़ी धीमी पड़ती दिखाई पड़ रही है। पिछले लगातार 7 दिनों से नए मामलों में कमी आई है। वहीं पिछले हफ्ते कोरोना का पॉजिटिविटी रेट यानी 100 नमूनों में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की दर 20 फीसदी से नीचे चली गई है और इस दौरान सक्रिय मामलों की संख्या में 1.5 लाख से ज्यादा की कमी देखी गई है। 8 मई को जहां 3.91 लाख नए मामले सामने आए थे वहीं, शनिवार को करीब 50 हजार कम 3.54 लाख नए मामले आए। वहीं, 8 से 14 मई के बीच कोरोना का टेस्ट पॉजिटिविटी रेट, इससे पहले के 7 दिनों के 22.4 फीसदी के मुकाबले 19.5 फीसदी रहा है। यह दिखाता है कि कोरोना की संक्रमण दर में कमी आ रही है। ऐसा तब है जब बीते 7 दिनों के दौरान टेस्ट की संख्या बढ़ी है। अलबत्ता, मौतों में कमी नहीं दिख रही। ऐसा शायद ऐसा कि जिन लोगों की मृत्यु हो रही है, वे पहले के यानी पहले से संक्रमित हुए और अब स्थिति बिगड़ने पर दम तोड़ रहे लोग हैं। उम्मीद की जा रही है कि नए मामले कम आने से अस्पताल पहले से भर्ती गंभीर रोगियों पर अधिक ध्यान देकर मृत्यु दर को भी कुछ कम कर पाएंगे।
यह भी पढ़ें : लगातार घट रहा कोरोना संक्रमण, दावा-पिछले सप्ताह ही जा चुका है दूसरी लहर का पीक !
नवीन समाचार, नई दिल्ली, 15 मई 2021। देश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी देखने को मिल रही है। शुक्रवार को देश में कोरोना संक्रमण के 3,43,144 नए मामले सामने आए। वहीं महामारी से मरने वालों की संख्या 3883 रही। इस दौरान 3,44,776 मरीज डिस्चार्ज भी हुए हैं। राहत की बात यह है कि इस सप्ताह कोरोना के रोजाना आने वालों मामलों की संख्या सिर्फ एक दिन ही, बुधवार को 3.5 लाख के पार, 3.62 लाख रही थी और चार हजार से अधिक संक्रमितों की मौत हुई थी। इससे पहले पिछले शनिवार को 3.91 लाख केस दर्ज किए गए थे। महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल व उत्तराखंड सहित कई अन्य राज्यों में कोरोना के मामलों में लगातार कमी देखने को मिल रही है। उत्तराखंड में भी गत 9 मई को जहां 9600 से अधिक मामले आए थे, वहीं शुक्रवार को 5500 के करीब यानी करीब आधे मामले आए हैं। गणितीय मॉडल के आधार पर बताया जा रहा है कि हर दिन मिलने वाले संक्रमित चार लाख से कम और जांच संक्रमण दर 20 फीसदी से भी नीचे आ गई है। यह सब बीते सात से आठ दिन में हुआ है जिसके आधार पर अब कहा जा सकता है कि देश में दूसरी लहर का पीक निकल चुका है या फिर निकल रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि गत एक से दस मई तक देश में 22.61 तक संक्रमण दर मिली है। वहीं पिछले 14 दिन से औसतन 335370 मरीज रोजाना डिस्चार्ज हो रहे हैं।
यह भी पढ़ें : देश व उत्तराखंड में पिछले तीन दिनों से कोरोना की गति स्थिर…
नवीन समाचार, नई दिल्ली, 14 मई 2021। उत्तराखंड सहित देश में पिछले तीन दिनों में कोविड-19 के नए मामलों और संक्रमण दर में स्थिरता दर्ज की गई है। सरकार ने साथ ही यह भी कहा कि 10 राज्यों में संक्रमण दर 25 प्रतिशत या उससे अधिक है। सरकार के अनुसार ऐसे जिलों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है जहां कोविड-19 की जांच की संख्या में सप्ताह दर सप्ताह वृद्धि के बावजूद संक्रमण की दर में कमी दर्ज गई है। सरकार के अनुसार ऐसे जिलों की संख्या 22 से 28 अप्रैल में 125 से बढ़कर 6 से 12 मई के बीच 338 हो गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 12 राज्यों में कोविड-19 के एक लाख से अधिक उपचाराधीन मामले हैं, जबकि 24 राज्यों में संक्रमण की दर 15 प्रतिशत से अधिक है। देश में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के 362727 नए मामले सामने आये जिससे संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 23703665 हो गई जबकि 4120 और मरीजों की मौत हो जाने से मृतक संख्या बढ़कर 258317 हो गई। इधर उत्तराखंड में भी पिछले तीन दिनों में सात हजार से कुछ अधिक मामले स्थिर बने हुए हैं।
यह भी पढ़ें : दो महीने बाद देश में घटी उपचार करा रहे कोरोना संक्रमितों की संख्या
नवीन समाचार, नई दिल्ली, 12 मई 2021। कोरोना के मोर्चे पर एक और अच्छी खबर है कि 61 दिनों यानी दो महीने के बाद देश में सक्रिय यानी उपचाराधीन कोरोना रोगियों की मामलों में पहली बार गिरावट देखी गई है। देश में पिछले 24 घंटों के दौरान सक्रिय रोगियों की संख्या में 30,016 की कमी दर्ज की गई है। मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, तेलंगाना, चंडीगढ़, लद्दाख, दमन और दीव, लक्षद्वीप और अंडमान, निकोबार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, छत्तीसगढ़, बिहार और गुजरात सहित देश के 18 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में सक्रिय कोरोना रोगी घटे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में सक्रिय कोरोना रोगियों की संख्या 37,15,221 है। जो संक्रमण के कुल मामलों का 16.16 प्रतिशत है। एक दिन पहले यह संख्या 37,45,237 थी। पिछले 24 घंटों के दौरान कुल 3,29,946 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं जबकि इस अवधि में कोरोना से जंग जीतने वालों की संख्या 3,56,082 दर्ज की गई। नए संक्रमितों की संख्या में भी कमी का रुझान है। मंत्रालय के अनुसार संक्रमित होने वालों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी का रुझान 18 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में देखा गया है। इनमें सर्वाधिक संक्रमित राज्य महाराष्ट्र शीर्ष पर है जहां पिछले चौबीस घंटों में सक्रिय रोगियों की संख्या में रिकॉर्ड 24920 की कमी आई है। दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश में 8710, बिहार में 5701, केरल 3787, हरियाणा 3635, गुजरात 3456, तेलंगाना 2960, छत्तीसगढ़ 1443, आंध्र प्रदेश में 1265, दिल्ली में 974 तथा झारखंड में 904 सक्रिय रोगी घटे हैं। अन्य राज्यों में अंडमान, दादरा, लक्षदीव तथा सिक्किम शामिल हैं। उत्तराखंड में हल्द्वानी की एक लैब ने आठ दिन के संक्रमितों के आंकड़े एक दिन ही डाल दिए, वरना उत्तराखंड का नाम भी इस सूची में होता। भारत में 24 घंटे के दौरान 3,56,082 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के बाद अब तक ठीक हो चुके लोगों की कुल संख्या 1,90,27,304 हो गई है। मंत्रालय ने कहा कि संक्रमण से उबरने के 72.28 प्रतिशत नए मामले 10 राज्यों से सामने आए हैं। मंत्रालय ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर मृत्यु दर 1.09 प्रतिशत है। 24 घंटे के दौरान कुल 3,876 रोगियों की मौत हुई। इनमें से 73.09 प्रतिशत रोगियों की मौत दस राज्यों में हुई। कर्नाटक में सबसे अधिक 596 रोगियों की जान गई जबकि महाराष्ट्र में 549 मरीजों ने दम तोड़ दिया।
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नवीन समाचार, नई दिल्ली, 9 मई 2021। वैश्विक महामारी कोरोना के विरुद्ध जारी युद्ध में देश-दुनिया के वैज्ञानिकों ने दो मोर्चों पर बड़े राहत के समाचार दिए हैं। पहला ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया-डीजीसीआई ने शनिवार को डीआरडीओ यानी डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन द्वारा तैयार ड्रग 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) दवा से कोरोना के इलाज को आपातकालीन प्रयोग के लिए स्वीकृति दे दी है। बताया गया है कि 2-डीजी कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए वैकल्पिक उपचार के लिए प्रयोग की जाएगी। अब तक किए गए परीक्षणों में जिन मरीजों पर इस दवा का इस्तेमाल किया गया, उनकी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आई है। मुंह के जरिये ली जाने वाली इस दवा को कोरोना विषाणु के माध्यम से गंभीर लक्षण वाले रोगियों के उपचार में इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है। क्लिनिकल टेस्ट में सामने आया कि 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) दवा अस्पताल में भर्ती मरीजों के जल्द ठीक होने में मदद करने के साथ-साथ अतिरिक्त ऑक्सिजन की निर्भरता को कम करती है। यह दवा सीधे उन कोशिकाओं तक पहुंचती है जहां संक्रमण होता है और विषाणु को आगे बढ़ने से रोक देती है। प्रयोगशाला जांच में पता चला कि यह कोरोना विषाणु के खिलाफ काफी प्रभावी है। बयान में कहा गया है कि इसका उत्पादन भारी मात्रा में आसानी से किया जा सकता है। डीआरडीओ की प्रतिष्ठित प्रयोगशाला नामिकीय औषधि (इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन- आईएनएमएएस) तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान में डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरी की मदद से तैयार की गई यह दवा कोरोना मरीजों में संक्रमण की वृद्धि को रोककर उन्हें तेजी से स्वस्थ करने में मदद करती है। शुरुआती परीक्षणों में पता चला है कि इससे कोरोना रोगियों के ऑक्सीजन के स्तर में भी सुधार होता है। इसके प्रयोग से ढाई दिन पहले कोरोना रोगी ठीक हो गए। डीजीसीआई ने मई 2020 में कोरोना के रोगियों पर 2-डीजी दवा के दूसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया था। अक्टूबर 2020 तक चले इस परीक्षण में 2-डीजी दवा को सुरक्षित पाया गया। इससे कोरोना मरीजों को तेजी से स्वस्थ होने में मदद मिली। इसके पश्चार दूसरे चरण में 6 अस्पतालों के 110 कोरोना रोगियों को और फेस-2बी में 11 अस्पतालों के रोगियों को शामिल किया गया। 2-डीजी दवा लेने वाले मरीजों में धीरे-धीरे संक्रमण कम होते चला गया। आखिर दिसंबर 2020 से मार्च 2021 तक दिल्ली, यूपी, पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु के 27 अस्पतालों में 220 कोरोना मरीजों पर तीसरे चरण का परीक्षण किया गया। इस परीक्षण के दौरान तीसरे दिन मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता 42 प्रतिशत से घटकर 31 प्रतिशत हो गई। खास बात यह है कि 65 साल से ज्यादा उम्र के मरीजों पर भी दवा का सकारात्मक प्रभाव दिखा। इससे पहले अप्रैल 2020 में कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान, आईएनएमएएस एवं डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने हैदराबाद की सीसीएमबी यानी सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी की मदद से 2-डीजी को लैब में परीक्षण किया। इस परीक्षण में स्टेंडर्ड ऑफ केयर के मानक से तुलना करने पर देखा गया कि दवा लेने वाले मरीज दूसरे मरीजों से ढाई दिन पहले ठीक हो गए।
नेेजल स्प्रे कोरोना से लड़ने में 99 प्रतिशत तक कारगर
नई दिल्ली। किसी भी समस्या खासकर विषाणु से लड़ने में 99 प्रतिशत तक के दावे कम ही किए जाते हैं, किंतु अब कोरोना के खिलाफ एक ऐसा दावा सामने आया आया है, जिसमें कोरोना का संक्रमण होने का अंदेशा होने पर जेब में सामान्य तापमान पर रखे जाने योग्य नेजल स्प्रे का खुद, बिना चिकित्सक की मदद के, सेनिटाइजर की तरह नाक में स्प्रे करने से कोरोना की संभावना को 99 प्रतिशत तक समाप्त किया जा सकता है। रायटर्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कनाडा की कंपनी सेनोटाइज का नाइट्रिक ऑक्साइड पर आधारित नेजल स्प्रे से दूसरे चरण में वेंकुवर व इंग्लेंड में सात हजार लोगों पर किए गए प्रयोगशाला परीक्षणों में कोरोना संक्रमण होने के 24 घंटे में प्रयोग करने पर नाक के रास्ते शरीर में गए कोरोना विषाणु को 95 प्रतिशत और 72 घंटे के भीतर प्रयोग करने पर 99 प्रतिशत तक नष्ट किया गया है। इसके बाद सेनोटाइज ने अमेरिका और कनाडा में इसके आपातकालीन प्रयोग की मांग की है। इजराइल और बहरीन ने आपातकालीन प्रयोग की अनुमति दे दी हे, जबकि इजराइल, इंग्लेंड और न्यूजीलेंड में इस नेजल स्प्रे का उत्पादन शुरू हो गया है। डब्लूएचओ की 30 अप्रैल 2021 तक की लिस्ट के अनुसार सेनोटाइज के अलावा भी दुनिया की करीब 8 कंपनियां नेजल स्प्रे बना रही हैं। अलबत्ता अकेले सेनोटाइज ही नाइट्रिक ऑक्साइड पर आधारित नेजल स्प्रे बना रही है। जबकि अन्य कंपनिया कोवीशील्ड की तरह वायरल वैक्टर या प्रोटीन सब यूनिट से नेजल स्प्रे बनाने पर शोध कर रही हैं। भारत में भी आईसीएमआर के स्तर पर उत्पादन शुरू होने पर प्रारंभिक बात शुरू हो रही है। स्प्रे प्रतिरोधक क्षमता के मुकाबले 16 गुना तेजी से कोरोना विषाणु पर हमला करता है। परीक्षण में स्प्रे का कोई साइड इफेक्ट अभी नहीं नजर आया है, अलबत्ता इसका आवश्यकता से अधिक प्रयोग नहीं किया जाना है। अधिक उपयोग से साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। कोरोना संक्रमण यदि फेफड़ों तक पहुंच गया हो तो इसका असर नहीं होता है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 7 मई 2021। नैनीताल जनपद में शनिवार आठ मई से कोरोना की विकट परिस्थितियों में भी अपनी अनवरत सेवाएं देते रहे 18 वर्ष से अधिक उम्र के बैंक, टेलीकॉम व इंश्योरेंस कर्मियों के साथ ही मीडिया कर्मियों तथा कोविद-19 के कार्यों हेतु तैनात जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेटों व अन्य प्रभारियों को कोविद-19 के टीके लगाने की कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी। डीएम धीराज गर्ब्याल ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी कर कहा है कि मीडिया कर्मियों तथा अन्य कर्मियों को सीएमओ के माध्यम से टीकाकरण करना सुनिश्चित किया जाएगा। टीकाकरण के लिए नैनीताल, हल्द्वानी तथा नामनगर में कैंपों का आयोजन किया जाएगा। टीकाकरण किये जाने वाले कार्मिकों की पुष्टि उनके कार्यालयाध्यक्षों के द्वारा कर्फ्यू के दौरान भी कार्मिक द्वारा राजकीय कार्य किए जाने के प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी। मीडिया कार्मियों के टीकाकरण के लिए जिला सूचना अधिकारी द्वारा संबंधित के पंजीकृत मीडियाकर्मी होने और इस अवधि में कार्य किए जाने का प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा। वहीं जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेटों व अन्य प्रभारियों के लिए एडीएम व जिला कार्यालय के प्रभारी अधिकारी के स्तर से निर्गत प्रमाण पत्र जरूरी होगा।
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नवीन समाचार, देहरादून, 28 अप्रैल 2021। कोरोना की तेज होती रफ्तार के बीच अब 18-44 वर्ष के व्यक्तियों का टीकाकरण शुरू होने जा रहा है। राज्य में यह टीकाकरण अभियान एक मई से शुरू होने की संभावना नहीं है। इसमें अभी कुछ वक्त लगेगा। पर टीकाकरण के लिए लाभार्थी पंजीकरण आज से ही करा पाएंगे। यह अलग बात है कि अपॉइनमेंट शेड्यूल करने का विकल्प उन्हें अभी नहीं मिलेगा। दिनांक व समय का चयन वह बाद में कर सकेंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. सरोज नैथानी ने बताया कि लाभार्थी पंजीकरण करा सकते हैं। अभियान शुरू होते ही पंजीकरण की वरियता के अनुसार टीकाकरण किया जाएगा। 18-44 की आयु के सभी व्यक्तियों के लिए टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन 28 अप्रैल से शुरू होगा। कोविन प्लेटफॉर्म या आरोग्य सेतु एप के जरिये रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। टीकाकरण के लिए दस्तावेज प्रक्रिया पहले की तरह ही रहेगी। इसके साथ ही भीड़ नियंत्रण के लिए सरकार ने फैसला लिया है कि कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और अपॉइनमेंट लेना अनिवार्य होगा।
आरोग्य सेतु एप के जरिये पंजीकरण
आरोग्य सेतु एप खोलें, फिर होम स्क्रीन पर कोविन टैब पर क्लिक करें। टीकाकरण पंजीकरण का चयन करें, फिर फोन नंबर, ओटीपी दर्ज करें। वेरिफाई पर क्लिक करें, आपका पंजीकरण पृष्ठ खुल जाएगा। कोविन पोर्टल के तरह सभी चरणों का पालन करें। कोविन पोर्टल पर ऐसे करें पंजीकरण कोविन वेबसाइट पर, रजिस्टर/साइन इन योरसेल्फ पर क्लिक करें। अपना मोबाइल नंबर डालें और गेट ओटीपी चुनें। आपके नंबर पर एक ओटीपी आएगा। इसे अंकित करने के साथ कन्फर्म करें पर क्लिक करें। टीकाकरण पृष्ठ पर रजिस्ट्रेशन के लिए फोटो आइडी प्रूफ, नाम, लिंग और जन्म के वर्ष सहित अन्य विवरण डालें। रजिस्टर पर क्लिक करें। ध्यान देने वाली बात यह है कि इस वर्ग में वॉक-इन वैक्सीनेशन नहीं होगा। जैसे ही आप इन दोनों माध्यमों के जरिये रजिस्ट्रेशन कराएंगे तो आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर कन्फर्मेशन आएगा, जिसे आपको चेक करना होगा। अपॉइनमेंट मिलने के बाद वैक्सीन लगवाने के दौरान अपनी स्लिप और फोटो आइडी साथ लेकर जाना होगा।
18-44 वर्ष के व्यक्तियों का टीकाकरण शुरू होने के बाद केंद्रों पर भीड़ प्रबंधन एक बड़ी चुनौती रहेगा। अभी केवल 44 वर्ष से ऊपर के ही व्यक्तियों को टीका लगाया जा रहा है। उसके बावजूद टीकाकरण केंद्रों पर भारी भीड़ उमड़ रही है। जिसमें आने वाले दिनों में कई ज्यादा इजाफा होगा। डॉ. नैथानी ने बताया कि इस स्थिति को देखते हुए टीकाकरण केंद्र बढ़ाने का फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक ब्लॉक में 10-11 टीकाकरण केंद्र संचालित होंगे। प्रदेश में इनकी संख्या एक हजार के करीब की जा रही है। जिसे आवश्यकतानुसार बढ़ाया भी जाएगा।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 19 अप्रैल 2021। देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के विकराल होने के बीच सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में सोमवार को बड़ा फैसला ले लिया है। अब आगामी 1 मई से देश में 18 साल के ऊपर के सभी लोगों को कोरोना का टीका लग सकेगा। अलबत्ता संभव है कि राज्य सरकार 18 से 45 वर्ष की उम्र के लोगों को टीका लगाने में श्रेणी बना सकती है। बैठक में इसके अतिरिक्त यह महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए कि तीसरे चरण के कोरोना के टीकाकरण की रणनीति के तहत प्राथमिकता वाले समूहों को पहले की तरह ही निःशुल्क टीकाकरण जारी रहेगा, यानी स्वास्थ्य कर्मियों एवं प्रथम श्रेणी के कोरोना योद्धाओं और 45 साल की उम्र के सभी लोगों के लिए सरकारी अस्पतालों में कोरोना का टीका मुफ्त लगेगा। राज्यों को अब सीधे वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से अतिरिक्त खुराक लेने का अधिकार होगा। साथ ही राज्य अब तय कर सकते हैं कि 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए टीकाकरण खोलें या उन्हें श्रेणी बनाकर टीका लगाएं। सरकार वैक्सीन निर्माताओं को उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगी। वैक्सीन निर्माता अब अपनी आपूर्ति की कुल क्षमता के 50 प्रतिशत तक को पहले से घोषित कीमतों पर राज्य सरकारों और खुले बाजार में भी भेज सकेंगे। अभी यह बाहर बन रही रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी का अब भारत में निर्माण किया जाएगा। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा संख्या में भारतीय कोरोना का टीका लगवा सकें। देश में 16 जनवरी को कोरोना टीकाकरण शुरू हुआ था। सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों एवं प्रथम श्रेणी के कोरोना योद्धाओं को टीका लगाने की शुरुआत हुई। उसके बाद 60 साल से ऊपर के सभी लोगों और फिर 45 साल से ऊपर के उन लोगों को वैक्सीन देने की शुरुआत हुई, जो पहले से किसी अन्य गंभीर बीमारी के शिकार हैं। इधर 1 अप्रैल को सरकार ने 45 साल की उम्र से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना टीका लगाने की इजाजत दे दी थी।
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डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, देहरादून, 21 मार्च 2021। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत हालांकि अभी राजनीतिक हनीमून मनाने के ही दौर में हैं लेकिन अति उत्साह उन पर लगातार भारी पड़ता नजर आ रहा है। आते ही उनके द्वारा कुंभ मेले में कोरोना के नियमों में शिशिलता देने की बात कही गई, इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी चिंता जताई थी। तब इसके कुछ अन्य अर्थ निकाले जा सकते थे। पर नहीं निकाले गए। अलबत्ता, बाद में स्वयं तीरथ सिंह रावत को कहना पड़ा कि नियमों में ढील जरूर दी गई है, लेकिन कुंभ में शामिल होने वाले लोगों को ऐहतियात बरतनी जरूरी है।
देखें प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो का इस बारे में आया ट्वीट :
इधर नए मुख्यमंत्री के नए आदेश के बाद केंद्र सरकार के एक उच्च स्तरीय दल ने कुंभ मेले के दौरान कोविद-19 के फैलने से रोकने संबंधी उपायों को देखने के लिए उत्तराखंड का दौरा किया और लौट कर केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट पर केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने उत्तराखंड के दौरे से लौटै उच्चस्तरीय दल द्वारा व्यक्त चिंताओं और कुंभ मेले के दौरान कोविड-19 को फैलने से रोकने संबंधी कड़े उपायों की आवश्यकता को उजागर करते हुए उत्तराखंड के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। ऐसे में संभव है कि राज्य सरकार को एक बार फिर कुंभ मेले के दौरान नियमों में कड़ाई करनी पड़ सकती है।
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नवीन समाचार, रामनगर, 28 फरवरी 2021। देश में फिर से कोरोना के मामले बढ़ने से राज्य का स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर सक्रिय हो गया है। इसे देखते हुए अन्य राज्यों से रामनगर आने वाले पर्यटकों की कोविड जांच एक बार फिर जरूरी हो गई है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने रामनगर की सीमा पर रैंडम टेस्टिंग शुरू कर दी है। शनिवार व रविवार को करीब 25-25 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में कोरोना के बढ़ते केस व लोगों द्वारा बरती जा रही लापरवाही को देखते हुए उत्तराखंड सरकार गंभीर हो गई है। अब शासन के दिशा निर्देश पर रामनगर की सीमा हल्दुआ में स्वास्थ्य विभाग ने महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, पंजाब, मध्यप्रदेश से आने वाले पर्यटकों का कोविड टेस्ट शुरू कर दिया है। कोविड के नोडल अधिकारी प्रशांत कौशिक ने बताया कि बाहर से आने वाले पर्यटकों की रैंडम जांच के लिए एक टीम लगाई गई है। पर्यटकों के नाम, पते व वाहन नंबर भी दर्ज किए जा रहे हैं। उनके सैंपल आरटीपीसीआर जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर कोविड केयर सेंटर में रखा जाएगा। इधर देश में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ नैनीताल के पर्यटन व्यवसायी भी सहमे हुए हैं, और दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने के प्रति आशंकित हैं। उनका कहना है कि यदि दिल्ली में फिर से मामले बढ़ते हैं तो उत्तराखंड का पर्यटन भी प्रभावित होना तय है।
यह भी पढ़ें : चिंताजनक: भारत में इंग्लेड वाले कोरोना के नए स्ट्रेन की पुष्टि
नवीन समाचार, नई दिल्ली, 29 दिसम्बर 2020। देश में कोरोना विषाणु का प्रकोप जारी है। इस बीच एक बड़ा चिंताजनक समाचार सामने आया है। अब भारत में भी कोरोना विषाणु के इंग्लेंड वाले नए स्ट्रेन के कुल 6 केस मिले हैं। मंगलवार को भारत सरकार की ओर से इस बात की जानकारी दी गई। यूनाइटेड किंगडम से लौटे 6 लोगों में इस नए स्ट्रेन के लक्षण मिले हैं। इनमें से तीन बेंगलुरु, 2 हैदराबाद और एक पुणे की लैब के जांचे गए नमूने में नया स्ट्रेन पाया गया है। उल्लेखनीय है कि कि यूके से लौट रहे लोगों की जीनोम स्किवेंसिंग की जा रही है, जिसकी रिपोर्ट मंगलवार को जारी की गई। जिसमें बताया गया है कि 25 नवंबर से 23 दिसंबर तक यूके से करीब 33 हजार लोग देश में वापस आए। इन सभी को ट्रैक किया गया और उनका टेस्ट करवाया गया। इनमें से कुल 114 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले थे। इन सभी के सैंपलों को देश की 10 लैब (कोलकाता, भुवनेश्वर, पुणे, पुणे, हैदराबाद, हैदराबाद, बेंगलुरु) में भेजा गया था। इनमें से कुल 6 लोगों के सैंपल में कोरोना का नया स्ट्रेन पाया गया है। उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में मिले कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर वैज्ञानिकों ने कहा था कि यह 70 प्रतिशत तेजी से फैलता है। यही वजह है कि इसको लेकर काफी सतर्कता बरती जा रही है। हालांकि, जो कंपनियां वैक्सीन बना रही हैं उनका कहना है कि कोरोना के नए स्ट्रेन का वैक्सीन के निर्माण पर इसका प्रभाव नहीं होगा। सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि वैक्सीन कोरोना के इस नए स्ट्रेन पर भी कारगर होगी। साथ ही जानकारी दी गई है कि 23 दिसंबर से 31 दिसंबर तक यूके से आने वाली सभी फ्लाइट पर रोक लगा दी गई है। यूके से वापस आ रहे लोगों का RT-PCR टेस्ट किया जा रहा है, जिसके बाद उनके सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग जांची जा रही है।
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नवीन समाचार, नई दिल्ली, 27 नवंबर 2020। देश के कई राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर के चढ़ने के दौर में देश में दूसरे सीरो सर्वे (SERO REPORT) की रिपोर्ट सामने आई है। इस सर्वे के अनुसार, अगस्त माह तक ही देश में 10 साल से ऊपर के 6.6 फीसदी लोग कोरोना विषाणु से संक्रमित हो चुके थे, जबकि 7.1 प्रतिशत वयस्कों में कोरोना विषाणु के खिलाफ लड़ने वाली एंटीबॉडीज आ गई थी। इस सर्वे की मानें तो देश में 10 साल से ऊपर का हर 15 में से 1 व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हो चुका है, और 7.43 करोड़ लोग अगस्त तक कोरोना से संक्रमित हो चुके थे। इस सर्वे के अनुसार, जब देश में 26 से 32 लाख कोरोना संक्रमण के मामले मिल रहे थे, तब टेस्ट के जरिए केवल एक व्यक्ति को ही चिन्हित कर पा रहे थे। इससे पहले यह संख्या और ज्यादा थी लेकिन जांच बढ़ने से यह कम हो गई थी। कोरोना के मामले वयस्कों में मई और अगस्त के बीच में 10 गुना बढ़ गए थे। इस दूसरे सीरो सर्वे को अगस्त और सितंबर 2020 में किया गया था। यह सर्वे देश के 21 राज्यों के 70 जिलों के 700 गांव और वार्ड में 29,082 लोगों पर किया गया था। इस सर्वे में अगर दिल्ली की बात करें तो दिल्ली में 20 से 24 नवंबर के बीच हुए सर्वे के अनुसार, कुल 13,516 लोग कोरोना लक्षण वाले यानी सिम्प्टोमैटिक पाए गए थे। जब इन लोगों के संपर्क में आए लोगों को खोजा गया तो 8,413 लोग पहचान में आए। इनमें से 11,790 लक्षण वाले और 6,546 इनके संपर्क में आए लोगों का ही टेस्ट हुआ है। जिनमें से कुल 1,178 लोग कोरोना संक्रमित मिले। यानी इससे यह समझा जा सकता है कि दिल्ली में अगस्त तक 6.42 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट था।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 19 अक्टूबर 2020। जिम्मेदार-समझदार लोग भी अब कोरोना के प्रति सतर्कता व सावधानी नहीं बरत रहे हैं। नैनीताल पुलिस ने पुलिस कोतवाली के सामने से तीन लोगों को बिना मास्क पहने गुजरते हुए देखा तो टोका। उल्टा वे खुद को डॉक्टर बताते हुए पुलिस से बहस करने लगे। पुलिस के फटकारने पर तीनों ने अपनी गलती मानी। पुलिस ने तीनों का तीनों 81 पुलिस एक्ट के तहत चालान किया। मल्लीताल कोतवाली के एसआई हरीश सिंह ने बताया कि तीनों की पहचान गाजीपुर यूपी निवासी डॉ. मो. आजम, डॉ. अरशद नजीर और डॉ. रिजवान मलिक के रूप में हुई। वे रविवार को नैनीताल पहुंचे थे और सोमवार को तीनों गाड़ीपड़ाव से कोतवाली की ओर बिना मास्क के आ रहे थे। यह देख पुलिस उन्हें मास्क पहनने को कहा, और चालान की कार्रवाई की गई।
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कैलाश जोशी @ नवीन समाचार, हल्द्वानी, 29 अगस्त 2020। ‘जनपक्ष आजकल’ पत्रिका के संपादक गिरीश जोशी और भवाली में अमर उजाला के पत्रकार कमलेश जोशी तथा शिखर कंस्ट्रक्शन के निदेशक मनोज जोशी के मंझले भाई हरीश जोशी का शनिवार को आकस्मिक निधन हो गया। वह 51 वर्ष के थे। चार भाइयों में हरीश तीसरे नम्बर पर थे। वे मूलतः गोलूधार भवाली के निवासी थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले रेपिड एंटीजन टेस्ट में उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी, लेकिन लक्षण पाये जाने के बाद आरटी-पीसीआर जांच में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से उन्हें शुक्रवार को पूर्वान्ह 11 बजे सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत गम्भीर होने की वजह से कल से ही वह जीवन रक्षा प्रणाली पर थे। शनिवार दोपहर करीब दो बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर डा. ललित जोशी, कैलाश जोशी, नवीन जोशी सहित अन्य अनेक पत्रकारों ने दुःख व्यक्त किया है।
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नवीन समाचार, रुद्रपुर, 12 अगस्त 2020। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तिलकराज बेहड़ की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बेहड़ की कोरोना जांच रैपिड एंटीजन टेस्ट से की गई और उन्होंने अपने फेसबुक एकाउंट से स्वयं के संक्रमित होने की सूचना देते हुए उनके संपर्क में आए लोगों से भी जांच कराने की अपील की है। हालांकि बेहड़ की पत्नी और बेटे की रिपोर्ट निगेटिव आई है। https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=3665989983431080&id=100000603420491
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नवीन समाचार, रुद्रपुर (ऊधमसिंहनगर) 29 जुलाई 2020। बीती देर रात आई कोरोना की आरटी-पीसीआर लैब की रिपोर्ट में किच्छा के एक ही वार्ड-वाल्मिकी बस्ती वार्ड नंबर 13 में 72 लोग कोरोना संक्रमित आये हैं। इतनी अधिक संख्या में एक ही वार्ड व खासकर एक सघन बसी बस्ती में संक्रमित लोगों के मिलने से हड़कंप मच गया है। साथ ही यह भविष्य के लिए भी भयावह तस्वीर प्रस्तुत कर रही है कि अब प्रदेश के विभिन्न क्षेत्र में कोरोना के विषाणु का प्रवेश हो गया है। इसके पीछे एक तो बाहर से लोगों के छुप-छुपाकर राज्य में प्रवेश कर अपनी व दूसरों की जान जोखिम में डालने के साथ ही पुलिस-प्रशासन की निश्क्रियता भी नजर आ रही है। गौरतलब है कि किच्छा यूपी की सीमा व खासकर अत्यधिक कोरोना ग्रस्त बरेली से लगा शहर है। मार्च माह से कार्य पर रहने के कारण अब घोषित तौर पर खुद को थका बताने लगे पुलिस-प्रशासन के द्वारा जिलों के भीतर तो छोड़िये, अंतर्जिला सीमाओं पर कोई खास मुस्तैदी नहीं बरती जा रही है। अंतर्राज्यीय सीमा पर भी लोग अंदरूनी गांवों से बचकर और अपने स्थानीय संपर्कों का लाभ उठाकर पहुंच रहे हैं। ऐसे में भविष्य में कोरोना कितना भयावह रूप दिखाएगा, ईश्वर ही जानता है। इधर बताया गया है कि गत दिवस किच्छा व रुद्रपुर के 90 नमूने जांच के लिए भेजे गए थे, इनमें से किच्छा के 72 व रुद्रपुर के आठ लोग कोरोना संक्रमित पाये गये हैं।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 24 जुलाई 2020। नैनीताल जिला मुख्यालय स्थित जिला कारागार में बंद चार बंदियों में कोरोना की पुष्टि हो गई है। बीडी पांडे जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. केएस धामी के निर्देशन में गत दिवस यहां बंद बंदियों के रेंडम आधार पर कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच हेतु नमूने लिये गये थे। इनमें से चार लोगों में कोरोना की पुष्टि हो गई है। जेलर रमेश चंद्र भारती ने बताया कि इनमें से बाजपुर थाने से संबंधित बलात्कार, जान से मारने के प्रयास एवं अन्य आरोपों में बंद 21, 29 व 30 वर्ष की उम्र के तीन एवं रामनगर थाने से संबंधित हत्या एवं अन्य आरोपों में बंद एक 24 वर्षीय बंदी शामिल हैं।
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-इनमें 10 वर्षीय बालक से 90 वर्षीय बुजुर्ग तक शामिल, दोनों नेताओं ने नैनीताल में भी ली थी बैठक नवीन समाचार, नैनीताल, 19 जुलाई 2020। नैनीताल जनपद में रविवार को सात लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। खास बात यह है कि इनमें से छह लोगों में भाजपा जिलाध्यक्ष के संपर्क में आने से कोरोना होने की बात कही जा रही है। इन छः लोगों में रामनगर के कंचनपुर छोई निवासी 90 वर्षीय बुजुर्ग व यहीं के निवासी व संभवतया उन्हीं के परिवार की 44 वर्षीया महिला व 10 वर्षीय 10 वर्षीय बालक के साथ ही छोई निवासी 45 वर्षीय, सांवल्दे निवासी 60 वर्षीय व लखनपुर निवासी 40 वर्षीय व्यक्ति शामिल हैं। इनके अलावा रामनगर के गुलरघाटी निवासी 41 वर्षीय व्यक्ति में भी कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई है। अलबत्ता उसे कोरोना संक्रमण का कारण भाजपा जिलाध्यक्ष के संपर्क में आना नहीं है। इधर नैनीताल जिला मुख्यालय में भी बीती 10 जुलाई को भाजपा के जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट व प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश रावत आये थे तथा नगर के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठ कर बैठक की थी। इससे मुख्यालय के भाजपा कार्यकर्ताओं में भी संक्रमण की संभावना बताई जा रही है। हालांकि यहां के कार्यकर्ता इस बात को लेकर निश्चिंत नजर आ रहे हैं कि दोनों नेता 10 जुलाई को आये थे, और तब से करीब 9 दिन बीत चुके हैं।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 29 जून 2020। पिछले दिनों नगर के सात नंबर निवासी दिल्ली से आये 31 वर्षीय युवक के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद नगर में हड़कंप मच गया था। उसके परिवार सहित सात नंबर क्षेत्र के करीब सात दर्जन लोगों को संस्थागत एकांतवास में रखा गया था और 50 के करीब लोगों के कोरोना के नमूने लिये गये थे। आज इस मामले में नैनीताल वासियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। आज इन कमोबेश सभी लोगों की कोरोना जांच की रिपोर्ट नकारात्मक आ गई है। इसके साथ ही इन सभी लोगों को होम क्वारन्टाइन में घर भेज दिया गया है। बीडी पांडे जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. केएस धामी ने बताया कि सात नंबर क्षेत्र के 90 फीसद लोगों की रिपोर्ट आज नकारात्मक आ गई है। इसके बाद पर्यटक आवास गृह तल्लीताल से करीब 35 और सूखाताल से 15 लोगों को संस्थागत एकांतवास से छुट्टी दे दी गई है। इसके साथ ही नैनीताल की करीब-करीब सभी रिपोर्ट नकारात्मक आ गई हैं। इसके बाद मुंख्यालय के संस्थागत एकांतवास केंद्रों में करीब 40 लोग ही बच गये हैं। ये हर रोज दिल्ली, गुरुग्राम से आने वाले लोग हैं।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 25 जून 2020। नैनीताल में गत दिवस कोरोना पॉजिटिव निकला नगर के सात नंबर-स्नो व्यू क्षेत्र निवासी 31 वर्षीय युवक 17 जून की रात्रि को अपने स्वर्गवासी जीजा के घर अपनी बहन से मिलने जनपद के कोश्यां-कुटौली तहसील के गांव नया चौर्सा गया था। उसके इस गांव में जाने से क्षेत्रीय लोगों में अब भी दहशत का माहौल है। क्षेत्रीय ग्राम प्रधान सविता बिष्ट का कहना है कि जब वह अपनी बहन के घर गया था, तब वहां गांव के काफी सारे लोग मौजूद थे। वे लोग उसके संपर्क में आये हैं। लेकिन एसडीएम एवं राजस्व उप निरीक्षक के द्वारा गांव वालों को छोड़कर केवल उसकी बहन के परिवार के दो लोगों को ही भवाली के अर्श होटल में क्वारन्टाइन किया गया, जहां साबुन, सैनिटाइजर व हैंड वाश भी उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन शक के घेरे में पूरा गांव है। यह लोग गांव के अन्य लोगों से भी मिले थे। इसके कारण क्षेत्र में दशहत का माहौल बना हुआ है। उनका कहना है कि उनके साथ ही प्रधान संगठन के उपाध्यक्ष तथा आसपास के अन्य सभी गांवों कें प्रधान पूरे नया चौर्सा गांव को सील करने का अनुरोध करते हैं। उन्होंने गांव के विमल कुमार, पंकज कुमार, पान सिंह रौतेला, संजय कुमार, कृष्ण कुमार, विशाल, विनोद व ललित कुमार पर कोरोना के दृष्टिगत अधिक शक होने की बात भी कही है।
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नवीन समाचार, देहरादून, 20 जून 2020। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के चिकित्सक डॉ. एनएस बिष्ट की कोरोना जांच रिपोर्ट बीती शाम पॉजिटिव आई है। इसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एक बार फिर गृह एकांतवास में चले गए। डॉ. बिष्ट की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मुख्यमंत्री ने शनिवार को अपने सभी तय कार्यक्रम भी रद्द कर दिये। पता चला है कि डॉ. बिष्ट ने गत दिवस मुख्यमंत्री रावत का रूटीन हेल्थ चेकअप भी किया था और शनिवार को उनकी अपनी ही कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई है। उधर, डॉ. बिष्ट को आइसोलेट करने के बाद शनिवार को उनका फिर से सैम्पल लिया गया। इधर देर शाम डॉ. बिष्ट की दूसरी रिपोर्ट आने के बाद राहत की सांस ली गई है। वहीं प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल की रिपोर्ट भी नेगेटिव आ गई है।
बताया गया है कि मुख्यमंत्री ने आज एकांतवास में जाने के बाद अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को रद्द कर दिया। गौरतलब है कि यह दूसरा मौका रहा, जब मुख्यमंत्री रावत को गृह एकांतवास में रहना पड़ा है। इससे पहले पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के कैबिनेट बैठक में भाग लेने और कोरोना पाजिटिव पाये जाने पर मुख्यमंत्री एकांतवास में गए थे। पता यह भी चला है कि कल डा. बिष्ट कोरोनेशन अस्पताल भी गये थे। वे वहां किस-किस के सम्पर्क में आये, अब उन सभी लोगों की तलाश की जा रही है, जिससे उन्हें एकांतवास किया जा सके। फिलहाल इस घटना के बाद एक बार फिर शासन-प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को दून अस्पताल में चार डाक्टरों सहित 17 मेडिकल स्टाफ की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी। फिलहाल, डॉ बिष्ट के आज लिये गए सैंपल की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।
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नवीन समाचार, देहरादून, 13 जून 2020। प्रदेश में आज कोरोना के 61 नए मामले सामने आए हैं। मरीजों की संख्या 1785 पहुंच गई है, जबकि इनमें से 1077 लोग ठीक होकर अपने घर वापस जा चुके हैं, वही 23 लोगों की मौत प्रदेश में कोरोना के कारण हो चुकी है। वहीं, आज शाम को 26 नए मरीज कोरोना विषाणु से संक्रमित पाए गए हैं। इनमें 9 पौड़ी गढ़वाल, 5 देहरादून, 5 उधम सिंह नगर, 1 टिहरी गढ़वाल, 4 हरिद्वार और 2 उत्तरकाशी के हैं। प्रदेश में आज दो कोरोना संक्रमित मरीजों की और मौत भी हुई है, इसके साथ राज्य में मौत का आंकड़ा बढ़कर 23 हो गया है। वहीं आज पूरे दिन में देहरादून जनपद में 12, ऊधमसिंह नगर में 7, टिहरी गढ़वाल में 23, पौड़ी गढ़वाल में 9, हरिद्वार में 4, उत्तरकाशी में 4, चमोली में 3 व रुद्रप्रयाग में एक मरीज में कोरोना की पुष्टि हुई है।
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नवीन समाचार, देहरादून, 30 मई 2020। शनिवार को उत्तराखंड में कोरोना के अंाकड़े तो कम हुए किंतु प्रदेश की पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं वर्तमान कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की पत्नी अमृता रावत में कोरोना की पुष्टि हो गयी है। बात यहीं तक नहीं है। इसका असर आगे जाने वाला है। बताया गया है कि अमृता रावत की तीन दिन पहले तबीयत खराब हुई। इसे देखते हुए शनिवार सुबह एक निजी लैब में उनकी कोरोना जांच कराई गई। शाम को मिली रिपोर्ट में वह कोरोना पॉजिटिव निकलीं। कैबिनेट मंत्री महाराज के विशेष कार्याधिकारी अभिषेक शर्मा ने इसकी पुष्टि की। उन्हें ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया जा रहा है। इसके साथ ही प्रारंभिक तौर पर उनके पति सतपाल महाराज समेत संपर्क में आए 41 लोग चिह्नित किए गए हैैं। सभी को क्वारंटाइन किया जा रहा है। मामले में अन्य संपर्काें की भी तलाश की जा रही है।एक निजी लैब में कराई गयी उनकी कोरोना की जांच में कोरोना की पुष्टि हुई है। इसके बाद सतपाल महाराज ने स्वयं को क्वारन्टाइन कर लिया है। इसके बाद उनके संपर्क में आये कई मंत्रियों एवं उनके कर्मचारियों पर भी कोरोना की जांच एवं क्वारन्टाइन में भेजे जाने का खतरा मंडरा गया है। कैबिनेट मंत्री सतपाल माहाराज की पत्नी के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद कैबिनेट मंत्रियों की भी मुश्किल बढ़ सकती है। दरअसल पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज शुक्रवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट में शामिल हुए थे। ऐसे में अब सतपाल महाराज के साथ ही अन्य कैबिनेट मंत्रियों के भी क्वारंटाइन होने की नौबत आ सकती है। हालांकि इस संदर्भ में अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि सतपाल महाराज के आवास में दिल्ली से कई लोगों के आने की खबरें मीडिया में सुर्खियां बनी थीं, जिसके बाद उनके घर को आइसोलेट कर दिया गया था, तथा कुछ लोगों के नमूने लिये गये थे। जिसमें से श्रीमती रावत की रिपोर्ट पॉजिटिव आने की सूत्र पुष्टि कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल बुलेटिन में भी निजी लैब की एक रिपोर्ट पॉजिटिव आने की बात कही गयी है, किंतु प्रशासनिक हल्कों में अभी कोई इस पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है। लेकिन कोई इंकार भी नहीं कर रहा है।
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नवीन समाचार, देहरादून, 30 मई 2020। उत्तराखंड में कोरोना विषाणु का संक्रमण प्रवासियों के जरिये बढ़ता जा रहा है। हालांकि अधिकांश प्रवासियों के हैं, परंतु उनसे स्थानीय लोगों, खासकर उनका उपचार कर रहे कोरोना योद्धाओं में भी कोरोना का संक्रमण हो रहा है। एम्स ऋषिकेश की 25 वर्षीय लैब असिस्टेंट भी कोरोना विषाणु से संक्रमित पाई गई है। उसके अलावा एम्स के ऋषिकेश के 20 बीघा गली नंबर 9 निवासी एक 45 वर्षीय सुरक्षा कर्मी भी कोरोनावायरस संक्रमित निकला है। दोनों में कोरोना के लक्षण दिखने पर 27 मई को उनका सैंपल लिया गया था और इसके बाद उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया था। इसके साथ शुक्रवार की देर रात्रि कोरोना विषाणु से संक्रमण के 13 और नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या 716 से बढ़कर 729 हो गयी है। ऋषिकेष के 6, रुद्रप्रयाग के पांच इनके अलावा ऋषिकेश के बैराज कॉलोनी की 17 वर्षीय युवती, शिवाजी नगर ऋषिकेश की एक 30 वर्षीय युवती और जॉलीग्रांट आदर्श नगर का 29 वर्षीय युवक भी कोरोना विषाणु से संक्रमित पाये गये हैं। वह 27 मई को अपने इलाज के लिए एम्स आये थे। संक्रमण निकलने पर इनको डेंटल कॉलेज में क्वॉरेंटाइन किया गया है। इसी तरह गुमानीवाला ऋषिकेश का महाराष्ट्र से लौटा एक 32 वर्षीय युवक का भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसके अलावा रुद्रप्रयाग के 28 मई को मुंबई से लौटे पांच लोग-खाकरा निवासी 28 मई को 32 वर्षीय युवक, बसुकेदार का 26 वर्षीय युवक, सिमलसारी का 32 वर्षीय एक और युवक, धारकोट का 28 वर्षीय युवक और ऊंचाढूंगी गांव का 24 वर्षीय युवक भी कोरोना संक्रमित पाये गये हैं। इन पांचों को ऋषिकेश के क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती कराया गया है।
यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग: राज्य में आज कोरोना का रिकॉर्ड दोहरा शतक, नैनीताल में सर्वाधिक 65 व दून में 72 नये मामले
नवीन समाचार, नैनीताल़, 29 मई 2020। उत्तराखंड में शुक्रवार को कोरोना के सर्वाधिक 216 नए मामले सामने आए हैं। पॉजिटिव आए मरीज हाल ही में मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद और गुरुग्राम से लौटे हैं। सभी को संस्थागत क्वारंटाइन किया गया था। अब इन्हें आइसोलेट किया जा रहा है। प्रदेशभर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 716 हो गई है, जिनमें से आज 23 सहित कुल 102 मरीज स्वस्थ हो गए हैं, जबकि पांच लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा तीन अन्य मरीज राज्य से बाहर चले गए हैं। आज सर्वाधिक 85 कोरोना संक्रमित नैनीताल जिले में आये हैं, इसके साथ यहां कुल संख्या 224 हो गई है, वहीं देहरादून में 72 मामले आये हैं और यहां कुल संख्या 164 पहुंच गई है। इसी तरह हरिद्वार में 5 नये मामलों के साथ कुल 48, पौड़ी गढ़वाल में भी पांच नये मामलों के साथ 28, पिथौरागढ़ में एक नये मामले के साथ 21, रुद्रप्रयाग में सबसे कम 2 नये मामलों के साथ पांच, उत्तरकाशी में 4 नये मामलों के साथ 14, टिहरी गढ़वाल में 8 नये मामलों के साथ 70 और ऊधमसिंह नगर में 5 नये मामलों के साथ 62 कोरोना संक्रमित हो गये हैं। वहीं आज सर्वाधिक 17 कोरोना संक्रमित ऊधमसिंह नगर में स्वस्थ हुए हैं, और यहां अब तक 27 रोगी स्वस्थ हो चुके हैं। इसी तरह देहरादून में तीन, पौड़ी गढ़वाल में दो और नैनीताल जिले में आज एक रोगी स्वस्थ हुआ है।
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नवीन समाचार, देहरादून, 29 मई 2020। उत्तराखंड में दो दिन घटने के बाद कोरोना ने शुक्रवार को दिन में ही शतक मार दिया है। आज दोपहर दो बजे तक ही 102 नये मामले आ गये हैं। इसके साथ राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 602 पहुंच गई हैं। इसके साथ दो अच्छी खबरें भी हैं। पहली बाद 10 कोरोना संक्रमितों को स्वस्थ होने पर अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है, जबकि आज रिकॉर्ड 1080 कोरोना संभावितों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसके साथ राज्य में 89 कोरोना संक्रमित स्वस्थ हो चुके हैं और पांच लोगों की मौत के साथ वर्तमान में राज्य में 505 एक्टिव कोरोना संक्रमित हैं। आज राज्य में सबसे बड़ा कोरोना ब्लास्ट राजधानी देहरादून में हुआ है। यहां 54 नये मामलों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इसके बाद देहरादून में 137 मरीज हो गये हैं, जबकि दो नये मामलों के साथ नैनीताल 140 मरीजों के साथ अब दून से केवल 3 अंक ही आगे रह गया है। इनके अलावा अल्मोड़ा के 15 , बागेश्वर व टिहरी गढ़वाल में 8-8, हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में 4-4, पौड़ी गढ़वाल व रुद्रप्रयाग में दो-दो एवं पिथौरागढ़ में एक नया मामला आया है। इसके अलावा प्राइवेट लैब से भी दो मामलों में कोरोना की पुष्टि हुई है।
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नवीन समाचार, देहरादून, 27 मई 2020। उत्तराखंड में दोपहर दो बजे के बाद रात्रि आठ बजे तक यानी 6 घंटों में 31 नये मामले आ गये हैं। इनमें टिहरी सर्वाधिक 11 मामलों के साथ राज्य में कोरोना के नये हॉट स्पॉट के रूप में नजर आ रहा है। वहीं ऊधमसिंह नगर में 7, अल्मोड़ा में 6, पिथौरागढ़ व नैनीताल में 3-3 तथा देहरादून में एक नमूने में कोरोना की पुष्टि हुई है। नैनीताल जिले में जिन दो व्यक्तियों में कोरोना की पुष्टि हुई है, वे दिल्ली से आये हैं। वहीं टिहरी में कोरोना की पुष्टि वाले सभी 11 लोग महाराष्ट्र से आये हैं। जबकि अल्मोड़ा में 6 में से चार महाराष्ट्र व दो गुड़गांव से, ऊधमसिंह नगर में सातों लोग महाराष्ट्र से तथा पिथौरागढ़ में अहमदाबाद व नई दिल्ली से आये लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। जबकि देहरादून में दिल्ली से लौटे बैराज कॉलोनी ऋषिकेश निवासी डेढ़ साल के एक बच्चे में कोरोना की पुष्टि हुई है, जिसके माता-पिता को पहले ही 22 मई को कोरोना की पुष्टि हो चुकी है।
अल्मोड़ा में रानीखेत तहसील के सुदूरवर्ती हिड़ाम गांव में 49 वर्षीय व्यक्ति सहित दो लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। बताया गया है कि यहां पति-पत्नी 14 मार्च को भाई की बेटी के नामकरण संस्कार में शामिल होने गुडगांव गए थे। 10 मई को गुड़गांव से रोडवेज की बस से 11 मई को दोपहर डेढ़ बजे अल्मोड़ा पहुंचे और इसके बाद अपने घर में क्वारंटाइन में रह रहे थे। 21 मई को बिल्लेख निवासी पत्नी के छोटे भाई में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई। सभी को संस्थागत क्वारंटीन कर दिया गया। इसके बाद 24 मई को इसके बड़े भाई में और 27 मई की दोपहर दीदी और जीजा में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने दोनों संक्रमितों को उपचार के लिए अल्मोड़ा बेस अस्पताल भेज दिया है।
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नवीन समाचार, हल्द्वानी, 26 मई 2020। जनपद के कोविद समर्पित सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में भर्ती कोरोना के 15 पॉजिटिव मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो गए हैं। इसमें सबसे अधिक 11 मरीज ऊधमसिंह नगर के, तीन मरीज नैनीताल जिले के तथा एक मरीज अल्मोड़ा जिले का हैं। मरीजों को स्वस्थ होने पर इन लोगों के साथ ही अस्पताल प्रबंधन ने भी राहत की सांस ली है। नैनीताल जिले के मरीजों को अगले मरीज सात दिन के लिए हाई लेवल क्वारंटाइन सेंटर मोतीनगर में रखा गया है। बाकी को उनके जिलों में भिजवा दिया है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि ये लोग अलग-अलग दिन यहां भर्ती किये गये थे। इनकी दूसरी रिपोर्ट नकारात्मक आने के बाद इन्हें छुट्टी दी जा रही है। इसमें हैं। उन्होंने बताया कि यहां से अब तक 19 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं।
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-होम क्वारन्टाइन में भेजा, कुल 1699 होम क्वारन्टाइन में नवीन समाचार, नैनीताल, 25 मई 2020। नैनीताल जनपद में आज कोरोना से संबंधित दो राहत के समाचार है। पहला आज दो दिन बाद शाम तक कोई नया कोरोना का मामला प्रकाश में नहीं आया। वहीं बीडी पांडे जिला चिकित्सालय प्रशासन ने सोमवार को अपनी देखरेख में सूखाताल स्थित संस्थागत क्वारन्टाइन यानी एकांतवास में रखे गये 53 लोगों को यहां से छुट्टी देकर होम क्वारन्टाइन में घर भेज दिया गया।
जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्साधीक्षक डा. केएस धामी ने बताया कि इनकी रिपोर्ट नकारात्मक आने के बाद इन्हें नियमानुसार छुट्टी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि इसके बाद संस्थागत में करीब 15 लोग बचे हैं। इनमें से 10 लोग पिछले दो-तीन दिनों में आये हैं, जबकि करीब 5 लोग आज भी आये हैं। अगले एक-दो दिनों में इनके नमूने लिये जाएंगे। इसके साथ ही उन्होने बताया कि जिला चिकित्सालय के अधीन 1699 लोगों को होम क्वारन्टाइन में रखा गया है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 24 मई 2020। शनिवार को सुबह दो और शाम को 55 के बाद रविवार को नैनीताल जनपद में सुबह 25 के बाद दिन में 7 और यानी कुल 32 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हो गई। इस प्रकार राज्य में दो दिनों में 87 लोगों में कोरोना की पुष्टि हो गई है, साथ ही नैनीताल जनपद कुल 117 मरीजों के साथ राज्य में शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रश्मि पंत ने बताया कि आज आई 86 रिपोर्ट्स में से पॉजिटिव आये 32 लोगों में से 26 नैनीताल जनपद के, जबकि तीन-तीन अल्मोड़ा व बागेश्वर जिले के मुंबई से आये प्रवासी हैं।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार बीती 21 मई को महाराष्ट्र से विशेष रेलगाड़ी से लौटे 65 और लोगों की रिपोर्ट आई, इनमें से 25 कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इसके बाद अपराह्न तीन बजे की रिपोर्ट में कुल 37 लोगों में कोरोना की पुष्टि बताई गई, जबकि 326 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसके अलावा राज्य में अभी 107 लोगों की पहली और 174 कोरोना पीड़ितों के दूसरे नमूनों की जांच रिपोर्ट भी आनी शेष हैं। जनपद में अब तक 10 रोगी स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं, इस प्रकार वर्तमान में 107 रोगियों का उपचार किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इसी रेलगाड़ी में आये लोगों में से एक दिन पहले यानी शनिवार को 55 लोग एक साथ पॉजिटिव मिले थे। बताया गया है कि इस रेलगाड़ी से आए करीब चार सौ लोगों को हल्द्वानी में ही हल्द्वानी के बरेली रोड स्थित जैस्मिन बैंकट हॉल में संस्थागत क्वारंटाइन किया गया है। इनमें से करीब साढ़े तीन सौ लोगों के सैंपल लिए गए हैं। एक रेलगाड़ी से आये इतने लोगों के कोरोना पॉजिटिव आने से रेलवे एवं अन्य संबंधित विभागों की कार्यप्रणाली भी खुल गई है कि किस तरह नियमों के विपरीत उन्हें बिना स्वास्थ्य जांच कराये यहां लाया गया अथवा रास्ते में सामाजिक दूरी एवं अन्य ऐहतियातों का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा गया। शनिवार रात्रि तीन बजे तक इन सभी को सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती करने का कार्य चला। उधर, उधमसिंहनगर जनपद में काशीपुर में भी एक कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुइ है और एम्स ऋषिकेश में 5 मामले सामने आए है।
‘नवीन समाचार’ विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी नैनीताल से ‘मन कही’ के रूप में जनवरी 2010 से इंटरननेट-वेब मीडिया पर सक्रिय, उत्तराखंड का सबसे पुराना ऑनलाइन पत्रकारिता में सक्रिय समूह है। यह उत्तराखंड शासन से मान्यता प्राप्त, अलेक्सा रैंकिंग के अनुसार उत्तराखंड के समाचार पोर्टलों में अग्रणी, गूगल सर्च पर उत्तराखंड के सर्वश्रेष्ठ, भरोसेमंद समाचार पोर्टल के रूप में अग्रणी, समाचारों को नवीन दृष्टिकोण से प्रस्तुत करने वाला ऑनलाइन समाचार पोर्टल भी है।
सरकार को दो सप्ताह में कार्यवाही करने को कहा नैनीताल, 31 जुलाई 2018। उत्तराखंड में पिछले 12 दिनों से चल रही निजी बस आपरेटरों की हड़ताल वापस हो गयी है। आज बस आपरेटरों की और से उत्तराखंड हाईकोर्ट में यह घोषणा की गयी। हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि सरकार दो सप्ताह के […]
नवीन समाचार, अल्मोड़ा, 11 फरवरी 2022। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को विधानसभा चुनाव के प्रचार के अंतिम दौर में अल्मोड़ा पहुंचे। यहां भारी जनसमूल को संबोधिक करते हुए मोदी ने कहा, कांग्रेस के नेताओं ने उत्तराखंड बनने की राह में ब्रेक लगाए। राज्य की मांग के दौर में वह दूसरी-दूसरी मांगें करते रहे। उन्होंने उत्तराखंड […]
-एसएसपी से लेकर डीजीपी, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा प्रधानमंत्री को भेजे ज्ञापन और मेजरनामे, लगाया झूठा मुकदमा दर्ज कराने का आरोप नवीन समाचार, नैनीताल, 10 फरवरी 2019। जनपद के कालाढुंगी में कार्यरत पत्रकार मुस्तजर फारूकी ने कालाढुंगी पुलिस पर झूठे मुकदमे में फंसाकर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में फारूकी […]
2 Replies to “सप्ताहांत पर नैनीताल सहित पहाड़ों की ओर आने वाले यात्रियों के लिए कोरोना के दृष्टिगत नई व्यवस्थाएं लागू, सप्ताहांत पर होगी रेंडम सेंपलिंग”
” राज्य में पुरुषों को कोरोना से अधिक खतरा” , क्या यह राज्य सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से कहा गया है???
” राज्य में पुरुषों को कोरोना से अधिक खतरा” , क्या यह राज्य सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से कहा गया है???
महिलाओं की अपेक्षा संख्या में पुरुषों के कोरोना से संक्रमित होने के आंकड़ों में यह बात दिखती है …