राजनीतिक दलों-जन संगठनों ने कोरोना से बचाव के लिए मुख्यमंत्री को भेजे सुझाव
-लॉक डाउन व कर्फ्यू को जरूरी बताते हुए गरीबों को दो सप्ताह की मदद, हर परिवार को एक माह का राशन आदि मांगें उठाईं
नवीन समाचार, नैनीताल, 25 मार्च 2020। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर 21 दिन के ‘लॉक डाउन’ में व्यवस्थाओं में और बेहतरी के लिए विभिन्न जनवादी संगठनों एवं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। उत्तराखंड महिला मंच की कमला पंत, उत्तराखंड लोक वाहिनी के राजीव लोचन साह, कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव समर भंडारी, समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. एसएन सचान, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के बची राम कंसवाल, तृणमूल कांग्रेस के संयोजक राकेश पंत, चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल और त्रेपन सिंह चौहान, परिवर्तनकामी छात्र संगठन के कविता कृष्णपल्लवी, अन्वेषा व कैलाश आदि के नाम से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि कर्फ्यू और लॉकडाउन के अतिरिक्त कोरोना वायरस को रोकने का फिलहाल और कोई तरीका नहीं है। उत्तराखंड की जनता से वे भी अपील करते हैं कि इस आपातकाल में वह लगातार अपने घर पर ही रहें और सरकार द्वारा बनाये गये नियमों का पूरी तरह पालन करें।
लेकिन सरकार से भी कुछ निवेदन करना चाहते हैं। उनके द्वारा किये गए निवेदनों में स्वास्थ्य सेवाओं में लगे डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए उन्हें तुरंत मास्क, कवरआल, वेंटीलेटर और अन्य बुनियादी उपकरण युद्धस्तर पर खरीदकर उपलब्ध कराने, गरीबों के लिए तुरंत उत्तर प्रदेश, दिल्ली और केरल की सरकारों की तरह जन धन खातांे, मनरेगा जॉब कार्ड, निर्माण मजदूर योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के द्वारा सभी गरीब लोगों को कम से कम दो हफ्ते के लिए अपना घर चला पाने लायक सहायता उपलब्ध कराने, राज्य के हर परिवार को एक महीने का मुफ्त राशन देने, सब्जियों की पहुंच के लिए मंडी में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाने, सरकार को राजस्व वसूली-बिजली बिल, पानी बिल, अतिक्रमण हटाना, सम्पति पर जब्त करना आदि को कम से कम एक महीना के लिए स्थगित करने, शहर की मलिन बस्तियों में हर परिवार को तुरंत सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध कराने, बस्ती के अंदर ही स्वास्थ्य केंद्र खोलने और इन बस्तियों एवं शहर के खाली प्लाटों और नालियों की सफाई के लिए में तुरंत मुहिम चलाने की मांगें की गई हैं।