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November 22, 2024

उत्तराखंड रोटी, चोटी और बेटी के लिए उत्तराखंड हुआ मुखर, मंदिर में कपड़ों को लेकर भी बढ़ रही जागरूकता-Dharmik Jagrookta

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Dharmik Jagrookta, In Uttarakhand, a movement called ‘Roti, Choti, and Beti’ is gaining momentum, addressing issues such as love jihad, demographic change, and encroachment under the guise of religious symbols. The state has witnessed campaigns against illegal encroachments and outsider verifications. Chief Minister Pushkar Singh Dhami has directed senior police officers, including the DGP, to initiate verification campaigns against outsiders.

The recent agitation by Hindu organizations in Purola, Uttarkashi, has led to Muslim businessmen shutting down their establishments. While political parties remain silent, this issue has sparked widespread discussion in society. There are appeals to refrain from visiting temples in revealing and vulgar attire, indicating the growing awareness among Hindus due to recent events.

Swami Darshan Bharti, a prominent Hindu leader in Purola, has issued a stern warning that Uttarakhand is united for the cause of roti (food), choti (braid), and beti (daughter) and will not spare jihadis. Although the movement began in Uttarkashi district, its impact is being felt across other districts as well.

Chief Minister Dhami conducted a high-level meeting with the Director General of Police and other senior officers, emphasizing the government’s commitment to prevent becoming a soft target for love jihad and religious conversion. The state plans to resume strict verifications for outsiders and initiate a large-scale police verification campaign.

Recent incidents include an attempt to lure two minor sisters by a Meerut resident pretending to be a Hindu named Guddu and the arrest of individuals attempting to kidnap a minor girl in Chamoli district. The tensions remain high in Purola, where Muslim-owned shops have been threatened, leading to their closure. Protests and demonstrations led by organizations like Vishva Hindu Parishad and Hindu Jagruti Manch have demanded action against outsiders involved in such incidents.

Swami Darshan Bharti has expressed that Uttarakhand will not tolerate those who come to the state for population growth, jihad, land jihad, and love jihad. The movement seeks to protect the culture and values of Devbhoomi (Land of the Gods).

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नवीन समाचार, देहरादून, 10 जून 2023। (Dharmik Jagrookta) उत्तराखंड में इन दिनों लव जिहाद और डेमोग्राफिक चेंज यानी जनसंख्या परिवर्तन, धार्मिक प्रतीकों के नाम पर अतिक्रमण जैसे मुद्दों के बीच ‘रोटी, चोटी और बेटी’ के लिए आंदोलन मुखर हो रहा है। राज्य में बाहरी लोगों के सत्यापन एवं धार्मिक प्रतीकों के जरिए अवैध अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान चले हैं। पुनः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को डीजीपी सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक लेकर बाहरी लोगों के विरुद्ध सत्यापन अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।

Dharmik Jagrooktaउत्तरकाशी के पुरोला में हिंदू संगठनों के आंदोलित होने के बाद मुस्लिम व्यवसायी अपने प्रतिष्ठान बंद करके जा रहे हैं। राजनीतिक तौर पर अभी सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों इस पर मौन हैं, पर समाज में इस पर काफी चर्चा हो रही है। प्रदेश के अनेकों मंदिरों में छोटे, कटे-फटे व अशिष्ट वस्त्र पहनकर न आने की अपील की जा रही हैं। इसे हिंदू धर्म के लोगों में हालिया घटनाओं से आई जागरूकता बताया जा रहा है।

इन स्थितियों पर पुरोला की राज्य के प्रखर हिन्दूवादी नेता स्वामी दर्शन भारती ने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि रोटी, चोटी और बेटी के लिए उत्तराखंड जाग गया है, वह जेहादियों को नहीं बख्शेगा। इसकी शुरूआत राज्य के उत्तरकाशी जिले से हुई है लेकिन इसके प्रतिक्रिया अन्य जिलों में भी देखने को मिल रही है।

इधर, मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को राज्य के पुलिस महानिदेशक व अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में सत्यापन अभियान दोबारा शुरू करने जा रही है और लव जिहाद तथा धर्मांतरण का ‘सॉफ्ट टार्गेट’ नही बनने दिया जायेगा। पुलिस और गृह विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद धामी ने कहा कि अब बाहर से आकर राज्य में बसने वालों को सख्त जांच से होकर गुजरना होगा।

इसके साथ ही राज्य में व्यापक स्तर पर पुलिस का सत्यापन अभियान भी पुनः चलाया जाएगा। पुलिस को कहा गया है कि बाहर से आकर यहां रहने वालों का पूरा सत्यापन किया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले प्रदेश में सुनियोजित तरीके से कुछ लोग आगे बढ़ रहे थे लेकिन प्रदेश में जब से धर्म परिवर्तन पर सख्त कानून लागू हुआ है तब से लोग जागरुक भी हुए हैं। इसका असर भी देखने को मिल रहा है।

इन स्थितियों के बावजूद राज्य में पुरोला की घटना के बाद मोरी प्रखंड के आराकोट में नवाब नाम के मेरठ निवासी युवक द्वारा खुद को गुड्डू नामक हिंदू बताकर नेपाल मूल की दो नाबालिग सगी बहनों को अपने प्रेम जाल में फंसाकर गुरुवार को भगाने के प्रयास का मामला प्रकाश में आया। ग्रामीणों ने इन तीनों को मोल्डी के पास पकड़ लिया। नवाब उर्फ गुड्डू को गिरफ्तार कर लिया गया।

वहीं चमोली जिले के गौचर में एक नाबालिग लड़की का अपहरण करने के प्रयास के आरोप में जेसीबी चालक सहित दो लोगों को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार किया। यह होटल मे नाबालिग को लेकर जा रहे थे तो शक होने पर होटल स्वामी ने पुलिस बुला ली और युवक गिरफ्त मे आ गए।

इससे पहले एक मुस्लिम समेत दो व्यक्तियों द्वारा 26 मई को एक हिंदू लड़की को अगवा करने की कोशिश को स्थानीय लोगों ने विफल कर दिया था। उसके बाद अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की दुकानों के शटर पर पोस्टर चिपके नजर आये जिनमें उन्हें तत्काल शहर से चले जाने की धमकी दी गयी थी।

उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर ‘प्रोविंसियल आर्म्ड कांस्टेबुलरी यानी पीएसी की एक टुकड़ी तैनात की गयी है। अपहरण की कोशिश की घटना के करीब दो सप्ताह बाद भी शहर में तनाव कम नहीं हुआ है। मुसलमानों की करीब 40 दुकानें अब भी बंद हैं।

हिन्दू समाज के कुछ लोगों ने देवभूमि रक्षा अभियान के नाम से यहां पोस्टर लगाए हैं। इस पोस्टर में दुकानदारों से 15 जून की महापंचायत से पहले पुरोला छोड़ देने, अन्यथा दुष्परिणाम भुगतने की धमकी दी गयी है। हालांकि पुलिस द्वारा यह पोस्टर हटा दिए गए हैं लेकिन आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुरोला, बारकोट और चिनयालिया सौर समेत उत्तरकाशी जिले की गंगा एवं यमुना घाटियों के विभिन्न शहरों में प्रदर्शन किया गया है। प्रदर्शनकारी ने अपहरण के प्रयास की घटना को ‘लव जिहाद’ बताया। इस प्रदर्शन की अगुवाई विश्व हिंदू परिषद एवं हिंदू जागृति मंच जैसे संगठनों ने की जिसमें स्थानीय व्यापारिक संगठनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

उन्होंने आरोप लगाया कि बाहर से आये रेहड़ी पटरी वाले मुस्लिम दुकानदार ही इस अपहरण प्रयास एवं अतीत की ऐसी अन्य घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं। लव जिहादियों के कब्जे से लड़की को मुक्त करा लिया गया है लेकिन आरोपियों पर बाल यौन अपराध संरक्षण कानून की धाराएं लगायी गयीं एवं उन्हें जेल भेज दिया गया है।

इस कार्रवाई से प्रदर्शनकारी संतुष्ट नहीं हैं। वे नियमित रूप से शहरों में प्रदर्शन कर रहे हैं। उत्तरकाशी जिला पंचायत के अध्यक्ष दीपक बिज्लवाण ने मकान मालिकों से अपना मकान बाहर के लोगों को किराये पर नहीं देने की भी अपील की है। स्थानीय व्यापारिक संगठनों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए उन्होंने यह भी कहा कि जिला पंचायत राज्य के बाहर से आये रेहड़ी पटरी वाले दुकानदारों को अपना धंधा नहीं करने देगी।

इस संदर्भ में हिन्दूवादी नेता स्वामी दर्शन भारती ने स्पष्ट कहा है कि रोटी, चोटी और बेटी के लिए उत्तराखंड जाग गया है। उन्होंने कहा है कि मुसलमान रोटी कमाने के नाम पर उत्तराखंड आए और अब हमारी बेटी और चोटी दोनों पर प्रहार कर रहे हैं। इसके लिए पूरे उत्तराखंड में विशाल आंदोलन चलाया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हमारा विरोध पुराने निवासियों के खिलाफ नहीं है लेकिन जो लोग जनसंख्या, जेहाद, भूमि जेहाद और लव जेहाद के लिए पहाड़ों में आ रहे हैं उन्हें किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जाएगा। उत्तराखंड देवभूमि है इस देवभूमि में अर्धम नहीं पनपने दिया जाएगा। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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