बड़ा समाचार : सिंचाई विभाग में आईएएस अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षरों से स्थानांतरण का घोटाला उजागर

नवीन समाचार, देहरादून, 23 फरवरी 2025 (Exposed Transfer Scam by IAS officers Fake Signs)। उत्तराखंड के सिंचाई विभाग में एक गंभीर फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहां सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार के कूटरचित हस्ताक्षरों से तीन अपर सहायक अभियंताओं के तबादला आदेश जारी किए गए। यह आदेश 31 जनवरी और 19 फरवरी 2025 को जारी किए गए थे। हैरानी की बात यह है कि विभागीय मुख्यालय ने इन आदेशों का पालन भी शुरू कर दिया था।
फर्जी आदेशों का अनावरण
मामला तब प्रकाश में आया जब प्रभावित अभियंताओं ने अपनी आपत्तियों के साथ सचिव से मुलाकात की। सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने इन आदेशों पर अपने हस्ताक्षर होने से इनकार किया और तत्काल इन फर्जी आदेशों को निरस्त करने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने दोषियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करने के आदेश भी जारी किए।
प्रमुख अभियंता कार्यालय की प्रतिक्रिया
प्रभारी प्रमुख अभियंता कार्यालय ने एक आदेश जारी कर बताया कि 31 जनवरी और 19 फरवरी को जारी किए गए तबादला आदेश फर्जी हैं और कूटरचित हस्ताक्षरों के माध्यम से जारी किए गए हैं। उन्होंने संबंधित अभियंताओं को तत्काल उनकी मूल तैनाती पर वापस बुलाने के निर्देश दिए।
कानूनी कार्रवाई और जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि ये आदेश विभागीय रिकॉर्ड में मौजूद नहीं थे और इनका कोई आधिकारिक प्रमाण नहीं था। इससे संदेह होता है कि यह फर्जीवाड़ा विभाग के अंदर से ही किया गया है। जांच के दौरान एक कर्मी पर संदेह जताया जा रहा है, जिसे हटाने की प्रक्रिया चल रही है।
पूर्व में भी सामने आए हैं ऐसे मामले
यह पहली बार नहीं है जब उत्तराखंड में इस तरह का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इससे पहले लोक निर्माण विभाग में प्रमुख अभियंता पद पर पदोन्नति के लिए भी फर्जी हस्ताक्षरों का मामला उजागर हुआ था। उस समय लोक निर्माण विभाग के मंत्री सतपाल महाराज ने फर्जी हस्ताक्षरों की बात कहकर अपने निजी सचिव के माध्यम से अभियोग दर्ज कराया था।
विभागीय सुधार की आवश्यकता (Exposed Transfer Scam by IAS officers Fake Signs)
सिंचाई विभाग में फर्जी हस्ताक्षरों से तबादला घोटाला न केवल विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि इस घटना ने विभागीय प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और सुरक्षा की कमी को उजागर किया है। यह आवश्यक है कि विभाग अपने आंतरिक नियंत्रण तंत्र को मजबूत करे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। साथ ही डिजिटल हस्ताक्षर और अन्य सुरक्षा उपायों को अपनाने पर भी विचार किया जाना चाहिए। उम्मीद है कि इस मामले की विस्तृत जांच के बाद दोषियों को सख्त सजा मिलेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। (Exposed Transfer Scam by IAS officers Fake Signs, Dehradun News, Uttarakhand News, IAS Officer’s Fake Signature’s Scam, Fake Transfers)
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