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July 27, 2024

मैं वोट देना भूल जाऊं ये हो नहीं सकता, और तुम वोट न दो ये मैं होने नहीं दूंगा…

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डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 16 अप्रैल 2024 (Filmy Dialogues for Election-Voting Campaign)। मैं वोट देना भूल जाऊं ये हो नहीं सकता, और तुम वोट न दो ये मैं होने नहीं दूंगा… मेरे करन-अर्जुन आयेंगे, वोट देने जरूर आयेंगे.. मैं आज भी मतदान के लिए दिये गये पैसे नही उठाता…, पुष्पा झुकेगा नहीं-वोट करेगा, डॉन्ट अंडर इस्टीमेट द पावर ऑफ ‘वोटर’ और जानी… ये सीविजिल ऐप है, आचार संहिता तोड़ोग तो शिकायत कर दूंगा.. कार्यवाही हो जाएगी… यह कुछ बहुचर्चित व प्रसिद्ध फिल्मी संवादों के बदले हुए स्वरूप हैं, जो इन दिनों सोशल मीडिया पर छाये हुए हैं। यह भी देखें :

(Filmy Dialogues for Election-Voting Campaign)इनके अलावा भी मतदान के बाद आना सिमरन…, 18 साल की हो गई हो, वोट डालने नहीं जाना, छोटी बच्ची हो क्या… और निर्लज्ज तू फिर आ गया बिना वोट दिए, जा पहले वोट देकर आ…, अंगुली में दाग लगने से अच्छी सरकार बनती है तो दाग अच्छे हैं…, एक बार जो मैंने वोट देने की कमिटमेंट कर दी तो फिर मैं अपनी भी नहीं सुनता, मैंने अपना पहला वोट दे दिया… मोगेंबो खुश हुआ, अरे अखंडा.. हमें भी वोट देने जाना है और वोट वो वोट होता है, छोरा देवे या छोरी जैसे संवाद भी इन दिनों खूब प्रचारित किये जा हैं। (Filmy Dialogues for Election-Voting Campaign)

इसके अलावा मुझे साजन के घर जाना है की जगह मुझे वोट देने जाना है, एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो की जगह एक वोट की कीमत तुम पहचानो रमेश बाबू जैसे संदेश भी फिल्मी संदेशों से प्रेरित होकर चुनाव आयोग की ओर से स्वीप कार्यक्रम के तहत और नैनीताल पुलिस के द्वारा प्रचारित किये जा रहे हैं। यह भी देखें :

राजनीतिक दलों का प्रचार गायब (Filmy Dialogues for Election-Voting Campaign)

गौरतलब है कि वर्तमान लोक सभा चुनाव में चुनाव आयोग की चुनाव सुधार की कोशिशें काफी प्रभावी दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में राजनीतिक दलों का चुनाव प्रचार तो पिछले चुनावों के मुकाबले धरातल के साथ मीडिया-सोशल मीडिया पर 1 फीसद भी नजर नहीं आ रहा है, अलबत्ता चुनाव आयोग मतदान का प्रतिशत बढ़ाने एवं चुनाव को निष्पक्ष बनाने के लिये प्रचार तंत्र में भी काफी सक्रिय नजर आ रहा है। (Filmy Dialogues for Election-Voting Campaign)

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