नवीन समाचार, नई दिल्ली, 29 अगस्त 2023। केंद्र सरकार ने मंगलवार को घरेलू रसोई गैस (Gas Cylinders) के दामों में बड़ी कटौती कर दी है। इसे रक्षाबंधन के त्योहार से पहले बहनों को सरकार का बड़ा तोहफा से बताया जा रहा है। साथ ही इसे अगले वर्ष प्रस्तावित लोक सभा चुनाव से तथा विपक्षी गठबंधन द्वारा सरकार को घेरने के प्रयासों से जोड़ने की कोशिश भी की जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सभी लगभग 33 करोड़ उपभोक्ताओं के लिए बिना अनुदान वाले 14.2 किलो के लाल रंग के एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 200 रुपये की कटौती कर दी है। सरकार की ओर से बताया गया है कि कीमतों में इस कमी के साथ अनुदान युक्त उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को पूर्व की तरह 200 रुपये के अनुदान का लाभ मिलता रहेगा। इस प्रकार उज्ज्वला योजना से जुड़े उपभोक्ताओं को कुल मिलाकर 400 रुपए कम में घरेलू गैस सिलेंडर मिलेगा। अलबत्ता कमर्शियल यानी नीले वाणिज्यिक उपयोग वाले सिलेंडरों पर यह छूट नहीं मिलेगी।
इस कटौती के बाद दिल्ली में गैस सिलेंडर के दाम 1103 रुपये से घटकर 903 रुपये और उत्तराखंड में 1124.50 रुपए की जगह 924.50 रुपए हो जाएंगे। दामों में कमी तत्काल ही यानी बुधवार 30 अगस्त से लागू कर दी जाएगी। उज्ज्वला योजना से जुड़े उपभोक्ताओं को भी सिलेंडर सामान्य उपभोक्ताओं के दाम में ही मिलेगा पर उन्हें 200 रुपये के अनुदान के साथ कुल मिलाकर 400 रुपए कम में घरेलू गैस सिलेंडर मिलेगा।
बताया जा रहा है कि बताया जा रहा है कि नवंबर 2020 से गैस सिलेंडर के दामों में केवल एक बार को छोड़कर लगातार गैस सिलेंडर के दामों में लगातार वृद्धि की जा रही थी। नवंबर 2020 से गैस सिलेंडर के दामों में केवल एक बार को छोड़कर लगातार गैस सिलेंडर के दामों में लगातार वृद्धि की जा रही थी। नवंबर 2020 में दिल्ली में गैस सिलेंडर की कीमत 594 रुपए थी। यह 6 अक्टूबर 2021 को 899, 6 जुलाई 2022 को 1053 व 1 मार्च 2023 को दाम 1103 रुपए प्रति सिलेंडर कर दिए गए थे।
यह भी बताया गया है कि केंद्र सरकार ने जून 2020 में गैस सिलेडरों पर मिलने वाले अनुदान को घटा दिया था, जबकि मई 2022 में उज्जवला योजना के उपभोक्ताओं को 200 रुपए की छूट देने की घोषणा की गई थी और अब सभी उपभोक्ताओं के लिए दामों में 200 रुपए की कमी करने की घोषणा की गई है। गैस सिलेंडर में हुए कीमतों के बदलाव के बाद नई दरों को https://iocl.com/ पर चेक कर सकते हैं।
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यह भी पढ़ें (Gas Cylinders) : महंगाई का एक और झटका, बढ़ी घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत
नवीन समाचार, नई दिल्ली, 7 मई 2022। शनिवार को देशवासियों को महंगाई का एक और झटका लगा है। घरेलू सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी हो गई है। बढ़ी हुई कीमतें आज से ही पूरे देश में लागू हो गई हैं। दिल्ली में अब घरेलू सिलेंडर की कीमत 999.50 रुपये हो गई है।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व घरेलू रसोई गैस की कीमत में इससे पहले 22 मार्च को 50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की गई थी, जिसके बाद दिल्ली में सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर का दाम 949.50 रुपये पर पहुंच गया था, जो कि अब बढ़कर 999.99 हो गई है। इससे पूर्व एक मई को कमर्शयिल एलपीजी सिलेंडरों की कीमत में 102.50 रुपये की वृद्धि हुई थी और दिल्ली में 1 मई से 19 किलोग्राम के कमर्शियिल गैस सिलेंडर की कीमत 2253 रुपये से बढ़कर 2355.50 रुपये हो गई थी।
कहना जरूरी है कि जहां एक ओर सरकार अपने नियंत्रण के पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोत्तरी कर रही है, वहीं छोटी-छोटी बातों पर सरकार को हिलाने का दावा करने वाला विपक्ष भी महंगाई के मुद्दे पर सोया हुआ लगता है।
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यह भी पढ़ें (Gas Cylinders) : नैनीताल: घरेलू सिलेंडरों से वाणिज्यिक सिलेंडर भरने के अवैध धंधे का भंडाफोड़
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 3 मई 2022। खाद्य आपूर्ति विभाग ने कालाढुंगी रोड पर मंगोली के पास इंडेन के गैस सिलेंडरों की अवैध तरह से रिफिलिंग किए जाने का मामला पकड़ा गया है। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपितों को पकड़ा है, और मामले में अभियोग पंजीकृत कर लिया है। बताया जा रहा है कि उनके द्वारा घरेलू गैस सिलेंडरों से वाणिज्यिक सिलेंडरों को भरा गया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोतवाली मल्लीताल क्षेत्रान्तर्गत मंगोली चौकी पुलिस द्वारा पूर्ति निरीक्षक रवि सनवाल के साथ संयुक्त अभियान के तहत ग्राम कुलोटी के पास आशु धीमान पुत्र रविंद्र कुमार निवासी स्टाफ हाउस व पूरन सिंह पुत्र राम सिंह निवासी भेवा मंगोली को गैस की रिफलिंग करते हुए रिफलिंग में प्रयुक्त उपकरण तथा 15 व्यवसायिक सिलेंडर भरे हुए व 20 खाली घरेलू सिलेंडरों के साथ पकड़ा।
इस मामले में पुलिस ने आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के तहत अभियोग पंजीकृत कर लिया है। कार्रवाई में उप निरीक्षक धाम सिंह पाँगती, आरक्षी अजय कुमार, पूर्ति निरीक्षक नैनीताल रवि सनवाल व सुरेंद्र बिष्ट शामिल रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें (Gas Cylinders) : नैनीताल के पास 228 गैस सिलेंडरों से भरे ट्रक में विष्फोट, NH-109 बंद
-इंजन में शॉर्ट सर्किट होने से हुआ भीषण हादसा, चालक-परिचालक व एक अन्य चालक काफी जले, बर्न वार्ड को हुए रेफर
-डेढ़ किमी के दायरे में बिखरे बम की तरह फटे गैस सिलेंडरों के हिस्से
नैनीताल। मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर हल्द्वानी से अल्मोड़ा को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-109 (पुराना नाम NH-87) पर 1916 में बीरभट्टी के पास अंग्रजी दौर में बने पुल पर 228 गैस सिलेंडरों से भरे ट्रक में आग लगने से भयंकर विष्फोट हो गया। दुर्घटना में करीब 80 सिलेंडरों में जोरदार धमाके हुए। धमाके इतने भीषण थे कि सिलेंडरों के टुकड़े आसपास के करीब एक से डेढ़ किमी के दायरे में फैल गये। दुर्घटना का कारण ट्रक के इंजन में शॉर्ट सर्किट का होना बताया जा रहा है।
आग बुझाने के शुरुआती प्रयासों में ही ट्रक के चालक, हेल्पर व ट्रक में सवार एक अन्य ट्रक चालक बुरी तरह झुलस गए। फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियां मौके पर पहुंचने के बावजूद अग्निशमन कर्मी घंटों तक आग बुझाने की हिम्मत नहीं जुटा पाये। दुर्घटना के बाद पुल की स्थिति बेहद जर्जर हो गयी है, यहां तक कि इस पर पैदल चलना भी खतरे से खाली नहीं है। लोनिवि के राष्ट्रीय राजमार्ग खंड ने अगले आदेशों तक के लिये पुल पर आवागमन प्रतिबंधित कर दिया है।
बताया गया है कि कम से कम एक सप्ताह बाद ही आईआईटी रुड़के की टीम द्वारा जांच किए जाने के बाद ही आवागमन पर आगे की स्थिति साफ होगी। इस दौरान हल्द्वानी से पहाड़ की ओर जाने वाले वाहनों को भीमताल के रास्ते से गुजरना होगा, जबकि गेठिया, भूमियाधार क्षेत्र के लोगों को सड़क बंद होने से लंबे समय तक परेशानी झेलनी होगी।
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शाबास: लोगों को बचाने अपनी जान जोखिम में डाल भागे थे ट्रक लेकर
-पुल से पहले भी होती घटना तो आधा दर्जन घर हो जाते ध्वस्त और गृहवासी हो सकते थे हताहत
नैनीताल। सोमवार को मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर राष्ट्रीय राजमार्ग-109 पर 228 गैस सिलेंडरों से भरे ट्रक संख्या यूके04सीए-4374में आग लगने के बाद हुई भीषण दुर्घटना के परिणाम और भी अधिक भयावह हो सकती थी, यदि वाहन चालक और ट्रक में सवार हेल्पर व अन्य चालक ने अपनी जान जोखिम में न डाली होती। यदि घटना पुल से ठीक पहले भी हुई होती तो आधा दर्जन घर ध्वस्त और गृहवासी हताहत हो सकते थे। वहीं 100 मीटर पहले बीरभट्टी पड़ाव में घटना होने पर दुर्घटना और भी अधिक भीषण होती।
घटना के एक दिन बाद मंगलवार को जिला अस्पताल के बर्न वार्ड में भर्ती ट्रक के चालक बसौली सोमेश्वर जिला अल्मोड़ा निवासी जगदीश बिष्ट पुत्र बहादुर बिष्ट, हेल्पर नन्हे पुत्र महिपाल निवासी गहबरा मीरगंज बरेली और अन्य चालक गोविंद सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह निवासी ग्राम बघर जिला बागेश्वर ने बताया कि ट्रक के केबिन में आग बीरभट्टी पड़ाव के ठीक पहले पड़ने वाले छोटे पुल से गुजरते हुए ही यानी घटनास्थल से करीब 150 मीटर पहले ही लगनी शुरू हो गयी थी।
चालक जगदीश ने बताया कि इस पर उसने सोचा कि बीरभट्टी के पड़ाव में ट्रक को रोकना ठीक नहीं है। कोई घटना हो सकती है। साथ ही सोचा कि पड़ाव से आगे पानी के नल पर जाकर रोकेंगे और पानी से आग बुझाएंगे। यह सोचकर ट्रक दौड़ाया। उधर हेल्पर नन्हे व गोविंद ने ट्रक में मौजूद दो फायर एक्सटिंग्युशर निकालकर उन्हें चलाने की कोशिश की। किंतु पानी के नल तक पहुंचने तक आग बढ़ गयी थी, और यहां आसपास घरों को खतरा होने का अंदेशा भांप जगदीश केबिन में धुंवा भरने के बावजूद ट्रक को आगे दौड़ाता चला गया।
किंतु अंग्रेजी दौर में 1916 में बने लोहे के पुल के दूसरे छोर तक पहुंचने से चंद कदम पहले ही ट्रक के केबिन में आग बुरी तरह फैल गयी थी। इस पर उसने मेन स्विच बॉक्स का फ्यूज निकालने की कोशिश की। फ्यूज बॉक्स गर्म लाल हो चुका था, जिससे उसका हाथ बुरी तरह से जल गया। उधर नन्हे व गोविंद ने दोनों फायर एक्सटिंग्युशर को चलाने की कोशिश की, इस बीच फायर एक्सटिंग्युशर के चलने के साथ पीछे की ओर से आये आग का बड़े गुबार ने उल्टे उन्हें गिरफ्त में ले लिया।
कोई उपाय न होने पर ही तीनों ट्रक से निकलकर भागे। मंगलवार को पूर्व विधायक सरिता आर्य ने भी तीनों से बात की, और चिकित्सकों से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली, और डीएम से मिलकर उन्हें उनकी बहादुरी पर पुरस्कार दिलाने के लिये बात करने की बात कही। वहीं वरिष्ठ चिकित्सक कैप्टन राजेश साह ने बताया कि तीनों 30 फीसद से अधिक जले हैं। खासकर हेल्पर नन्हे 45 फीसद तक जला है।
घटनाक्रम के अनुसार ट्रक संख्या यूके04सीए-4374 सोमवार सुबह 10 बजे इंडेन के हल्दूचौड़ स्थित बॉटलिंग प्लांट से भराड़ी कपकोट जिला बागेश्वर के लिये 222 घरेलू और छह वाणिज्यिक गैस सिलेंडर लेकर चला था। अपराह्न साढ़े 11 बजे के करीब यह ज्योलीकोट से आगे बीरभट्टी (ब्रेवरी) के ठीक आगे अंग्रेजी दौर में 1916 में बने लोहे के पुल से गुजर रहा था कि पुल के दूसरे छोर पर पहुंचने से पहले ही इसके इंजन में शॉर्ट सर्किट हो गया।
चालक बसौली सोमेश्वर जिला अल्मोड़ा निवासी जगदीश पुत्र बहादुर ने ट्रक के स्विच बॉक्स को ऑफ करने की कोशिश की, किंतु स्विच बॉक्स बेहद गर्म था, जिससे जगदीश का हाथ जल गया। उधर हेल्पर नन्हे पुत्र महिपाल निवासी गहबरा मीरगंज बरेली-यूपी ने ट्रक में मौजूद फायर एक्सटिंग्युशर का प्रयोग करने की कोशिश की, किंतु भयंकर आग ने उल्टे उसे ही घेर लिया। ट्रक में मौजूद एक अन्य चालक गोविंद सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह निवासी ग्राम बघर जिला बागेश्वर भी जल गया।
इसके बाद बमुश्किल तीनों किसी तरह जान बचाकर भागे। घटना की सूचना कमोबेश तत्काल ही मुख्यालय पहुंच गयी थी, और प्रशासनिक मशीनरी भी हरकत में आई। हल्द्वानी व नैनीताल से अग्निशमन विभाग की चार गाड़ियां भी मौके पर पहुंचीं, किंतु स्थिति यह रही कि अपराह्न एक बजे तक कोई हादसे के करीब तक जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया, क्योंकि ट्रक में एक के बाद एक भयानक धमाके हो रहे थे, और इससे पूरा क्षेत्र थर्रा रहा था।
धमाकों की गूंज करीब चार किमी दूर पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार तक सुनाई दे रही थी। आखिर में सभी सिलेंडरों में धमाके हो जाने के बाद करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। जबकि ट्रक के जले हुए ढांचे को करीब पांच बजे तक हटाया जा सका। इस दौरान एडीएम बीएल फिरमाल, ज्योलीकोट चौकी प्रभारी मनवर सिंह, डीएसओ, आरटीओ व लोनिवि एनएच खंड के अधिकारी मौके पर पहुंचे। घायल ट्रक सवारों को पहले गेठिया सेनीटोरियम, फिर बीडी पांडे जिला चिकित्सालय और यहां से बर्न वार्ड में रेफर किया गया।
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