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March 19, 2024

(Judges) 1 जिला न्यायाधीश के साथ किया गया शडयंत्र, हाइकोर्ट में की गयी शिकायत, अभियोग दर्ज…

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Judges

नवीन समाचार, देहरादून, 29 जनवरी 2024 (Judges)। प्रदेश के एक न्यायिक अधिकारी के साथ उनके जिला न्यायाधीश रहते शडयंत्र किये जाने के मामले में राजधानी देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में अभियोग दर्ज किया गया है। इस संबंध में प्रदेश के प्रमुख सचिव-विधायी एवं संसदीय कार्य धनंजय चर्तुवेदी ने देहरादून जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को प्रथम सचूना दर्ज कराने हेतु आवेदन पत्र दिया था।

जिसमें उन्होंने कहा था कि वह उत्तराखण्ड उच्चतर न्यायिक सेवा के अधिकारी हैं। 21 दिसंबर .2022 से 25 जुलाई .2023 तक उनके चमोली जनपद के जिला न्यायाधीश (Judges) के पद पर कार्यरत रहने के दौरान 19 मई 2023 को किसी अज्ञात व्यक्ति ने नैनीताल जनपद के हल्द्वानी से उनके विरुद्ध एक झूठी शिकायत जिला बार एशोसियेशन जिला चमोली के फर्जी नाम से उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, निबंधक (सतर्कता) एवं उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश को डाक से प्रेषित की।

इस फर्जी शिकायत में किसी व्यक्ति के हस्ताक्षर एवं दिनांक नहीं थे। जबकि शिकायत वाले लिफाफे के बाहर भेजने वाले का नाम हेम वशिष्ठ, एडवोकेट, कोर्ट कम्पाउड, चमोली मोबाइल नंबर 9812491887 लिखा था। यह शिकायत पूर्ण रूप से फर्जी व कूट रचित थी, क्योंकि हेम वशिष्ट नाम का कोई अधिवक्ता चमोली जिला न्यायालय में वकालत नहीं करता है। इस शिकायत के साथ एक पैन ड्राईव भी भेजी गई थी, जिसमें कुछ विड़ियो क्लिप थी। जो असत्य व भ्रामक थी, क्योंकि उसके बनाने वाले की कोई जानकारी नहीं है।

इस मामले में उन्हें इस पर प्रारम्भिक रूप से संदेह अपने न्यायालय में उस दौरान तैनात महिला चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मनीषा सती पर है, जिसने अन्य व्यक्तियों के साथ आपराधिक षडयंत्र रचकर गलत एवं नियमतिरुद्ध तरीके से न्यायालय कक्ष की विडियो बनायी होगी। इस अपराध से उन्हें अत्यधिक मानसिक शारीरिक झेलनी पीडा पड़ी तथा उनकी मानहानि भी हुई।

यह भी बताया कि इस संबंध में उन्होंने उत्तराखंड उच्च न्यायालय में रिट याचिका भी दायर की थी, जिसमें उच्च न्यायालय ने 18 दिसंबर 2023 को आदेश पारित कर इस मामले में दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध उचित विधिक कार्यवाही करने की स्वत्रता प्रदान की है। इस अपराध में सुश्री मनीषा सती के साथ अन्य व्यक्ति भी सम्मिलित हो सकते है जोकि अन्वेषण से ज्ञात हो सकता है।

इस प्रकार इस मामले में कूट रचित दस्तावेज बनाकर फर्जी नाम से प्रेषित करने, शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने एवं आपराधिक षडयंत्र द्वारा न्यायिक अधिकारी एवं न्यायालय की गरिमा को नुकसान पहुँचानें का अपराध किया गया है। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने अपने प्रशासनिक क्षेत्राधिकार का प्रयोग करते हुये दिनांक 17 जनवरी 2024 के माध्यम से भी उन्हें इस मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाने की अनुमति दी है। इसलिये उन्होंने एसएसपी से अनुरोध किया था कि संबंधित दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर आवश्यक विधिक कार्यवाही की जाये।

इस मामले में नेहरू कॉलोनी पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 120बी, 418, 419, 465, 466, 468, 469 व 476 के तहत अभियोग पंजीकृत कर लिया है। मामले की जाच उप निरीक्षक दीपक देवड़ी को सोंपी गयी है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में शिकायतकर्ता श्री चतुर्वेदी को उच्च न्यायालय ने एक शिकायत पर निलंबित कर दिया था, लेकिन बाद में बहाल करते हुये कई तरह की रियायतें दे दी थीं।

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यह भी पढ़ें : बड़ा समाचार: निलंबित जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Judges) धनंजय चर्तुवेदी का निलंबन व आरोप पत्र तथा अनुशासनात्मक कार्रवाई रद्द…

नवीन समाचार, नैनीताल, 9 जनवरी 2024। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने निलंबित जिला एवं सत्र न्यायधीश धनंजय चतुर्वेदी के निलंबन आदेश व आरोप पत्र के साथ उन पर आयद की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई को रद्द कर दिया है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (Judges) न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में 29 दिसम्बर को जिला जज धनंजय चतुर्वेदी की याचिका सुनवाई के लिये पेश हुई थी।

जिसमें उन्होंने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा उन्हें 24 जुलाई 2023 को निलंबित करने व 10 अगस्त 2023 को चार्जशीट जारी करने को चुनौती दी थी। उन पर आरोप था कि उनके जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Judges) चमोली के पद पर रहने के दौरान गवाह के बयानों की रिकॉर्डिंग हुई, जो उच्च न्यायालय के नियमों का उल्लंघन है।

इसके अलावा उन्होंने चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मचारी मनीषा सती के फोन की कॉल डिटेल प्राप्त की। जो एक महिला की निजता व व्यक्तिगत अधिकार का उल्लंघन है। यह उत्तराखंड सरकारी सेवा नियमावली के खिलाफ है।

इस मामले में हेम वशिष्ठ नाम के अधिवक्ता ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार-विजिलेंस व उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश को शिकायत की थी। जिसमें न्यायालय में हुई रिकॉर्डिंग की पेन ड्राइव भी थी। इन आरोपों के संबंध में याचिकाकर्ता की ओर से उनके अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि जिस अधिवक्ता ने यह शिकायत भेजी है वह जिला बार एसोसिएशन चमोली में पंजीकृत नहीं है।

इसके अलावा शिकायत पत्र में न तो दिनांक है और न ही उसमें हस्ताक्षर हैं। उसके अलावा उच्च न्यायालय के नियमों के अनुसार किसी न्यायिक अधिकारी की शिकायत शपथ पत्र के माध्यम से की जानी आवश्यक है। जो इस मामले में नहीं हुआ है। इसके अलावा शिकायती पत्र चमोली के डाकघर से भेजने के बजाए हल्द्वानी डाकघर से भेजा गया है।

इसके अलावा याचिका में कहा गया था कि उन्हें इस मामले में साजिशन फंसाया गया है। कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मनीषा सती का आचरण संदेहास्पद है। वह चमोली के पूर्ववर्ती जिला जज नरेंद्र दत्त के सम्पर्क में थी। 6 मई की रात उनकी लोकेशन देहरादून में उक्त न्यायिक अधिकारी के आवास के आसपास मिली। उक्त न्यायिक अधिकारी व उनके बैच के अधिकारियों में वरिष्ठता के विवाद के कारण सम्भवतः यह साजिश की गई हो। जिसमें इस चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मचारी का उपयोग हुआ हो।

याचिकाकर्ता के मुताबिक वह किडनी की पथरी से ग्रसित हैं जिस कारण उन्हें कई बार शौचालय जाना पड़ता है। हो सकता उनकी इसी परेशानी का फायदा वीडियो रिकॉर्डिंग की गयी हो। उच्च न्यायालय ने इन तथ्यों का संज्ञान लेते हुए व सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश द्वारा 22 दिसम्बर 2014 को जारी सर्कुलर (जिसके अनुसार किसी न्यायिक अधिकारी की शिकायत शपथ पत्र में देना आवश्यक है) के आधार पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Judges) धनंजय चतुर्वेदी के निलंबन आदेश व उन्हें दिये गये आरोप पत्र को रद्द कर दिया।

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यह भी पढ़ें : (Judges) उच्च न्यायालय ने किये 1 जिले के जिला न्यायाधीश (Judges) सहित कई न्यायाधीशों (Judges) के स्थानांतरण…

नवीन समाचार, नैनीताल, 6 दिसंबर 2023। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बुधवार को उच्च न्यायिक सेवा के कई न्यायाधीशों (Judges) के स्थानांतरण किए हैं। उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल आशीष नैथानी की ओर से जारी स्थानांतरण सूची के अनुसार प्रमुख सचिव विधि एवं न्याय नरेंद्र दत्त को बागेश्वर का जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Judges) बनाया गया है।

जबकि बागेश्वर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Judges) राजीव खुल्बे को प्रमुख न्यायाधीश (Judges) परिवार न्यायालय देहरादून बनाये जाने की तथा प्रमुख न्यायाधीश (Judges) परिवार न्यायालय देहरादून नितिन शर्मा को प्रमुख सचिव विधि एवं न्याय बनाये जाने की संस्तुति शासन से की गई है। वहीं अपर जिला जज द्वितीय ऋषिकेश विजय लक्ष्मी विहान को इसी पद पर नैनीताल स्थानांतरित किया गया है।

इनके अतिरिक्त परिवार न्यायालय रुद्रपुर की न्यायाधीश (Judges) नीतू जोशी को श्रम न्यायालय काशीपुर का पीठासीन अधिकारी बनाया गया है, जबकि शादाब बानो द्वितीय अपर जिला जज रुद्रपुर को परिवार न्यायाधीश (Judges) रुद्रपुर बनाया गया है।

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यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट ने किया 4 न्यायाधीशों (Judges) के दायित्वों में बदलाव

नवीन समाचार, नैनीताल, 11 नवंबर 2023 (Judges)। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 4 न्यायाधीशों के दायित्वों में बदलाव किया है। उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल आशीष नैथानी की ओर से जारी आदेशों के अनुसार चमोली जनपद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश को सप्ताह में दो दिन कर्णप्रयाग में शिविर न्यायालय लगाने को आदेशित किया गया है।

जबकि कर्णप्रयाग के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेश चंद्र कौशिवा को देहरादून के द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर स्थानांतरित किया गया है।

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वहीं देहरादून के द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंद्रमणि राय को देहरादून के तृतीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर स्थानांतरित किया गया है। वह पूर्व से दिये गये देहरादून के एनडीपीएस एक्ट के विशेष न्यायाधीश का कार्य दायित्व भी देखेंगे।

इनके अतिरिक्त देहरादून के तृतीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सिंह अधिकारी कसे देहरादून का चतुर्थ अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश बनाया गया है। वह पूर्व में दिये गये सीबीआई के विशेष न्यायाधीश तथा लोकायुक्त के सचिव के रूप में पूर्व में दिये गये अतिरिक्त दायित्व का निर्वाह भी करेंगे।

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यह भी पढ़ें : Judges : उत्तराखंड हाईकोर्ट को मिल सकती हैं पहली महिला मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम ने की संस्तुति

नवीन समाचार, नैनीताल, 2 नवंबर 2023 (Judges) सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम ने पहली बार उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद के लिये एक महिला न्यायाधीश रितु बाहरी के नाम की सिफारिश की है।

रितु बाहरी अभी पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश हैं। यदि वह उत्तराखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश बनती हैं तो वह उत्तराखंड की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश हो सकती हैं।

(Judges)उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी बीती 26 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो गए थे। इसके बाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था। अब सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम ने न्यायाधीश रितु बाहरी के नाम की सिफारिश की है।

ऐसे में सिफारिश को स्वीकृति मिलती है तो रितु बाहरी उत्तराखंड की पहली महिला चीफ जस्टिस होंगी। विदित हो कि देश में सर्वप्रथम 1978 में लीला सेठ दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायाधीश बनी थीं, जो बाद में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में बतौर मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुईं

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यह भी पढ़ें : ब्रेकिंग-बड़ा समाचार: उत्तराखंड हाईकोर्ट से कई जिलों के जिला जजों (Judges) सहित कई न्यायिक अधिकारियों के स्थानांतरण के आदेश जारी

नवीन समाचार, नैनीताल, 30 अक्टूबर 2023। उत्तराखंड में अल्मोड़ा, पौड़ी व रुद्रप्रयाग के जिला जजों (Judges) सहित उच्च न्यायिक सेवा के कई न्यायिक अधिकारियों के स्थानांतरण किये गये हैं। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार-न्यायिक की ओर से स्थानांतरण आदेश जारी किए गए हैं।

जारी किये गये आदेशों के अनुसार पौड़ी के जिला जज आशीष नैथानी को हाईकोर्ट का रजिस्ट्रार जनरल बनाया गया है। जबकि, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अनुज कुमार संगल को जिला जज रुद्रप्रयाग बनाया गया है।

(Judges) वहीं नैनीताल के अपर जिला जज प्रथम अजय चौधरी को पदोन्नति देकर पौड़ी का जिला जज बनाया गया है। इनके अलावा श्रीकांत पांडे को अल्मोड़ा के जिला जज कौशल कुमार शुक्ला को रजिस्ट्रार विजिलेंस हाईकोर्ट व रुद्रप्रयाग के जिला जज श्रीकांत पांडे को जिला जज अल्मोड़ा बनाया गया है।

जबकि देहरादून के विकासनगर के अपर जिला जज राहुल गर्ग को नैनीताल का अपर जिला जज प्रथम, हाईकोर्ट की रजिस्ट्रार इंस्पेक्शन नीना अग्रवाल को परिवार न्यायालय अल्मोड़ा का न्यायाधीश, प्रीतू शर्मा अपर जिला जज द्वितीय नैनीताल को अपर जिला जज विकासनगर व पारुल गैरोला परिवार न्यायाधीश अल्मोड़ा को अपर जिला जज अल्मोड़ा बनाया गया है।

उल्लेखनीय है कि बीती 26 सितंबर को नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी के सेवानिवृत्त होने व उनके स्थान पर न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी के उत्तराखंड उच्च न्यायालय का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाने के बाद अब जिला न्यायाधीशों (Judges) व न्यायिक अधिकारियों के स्थानांतरण किये गये हैं।

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यह भी पढ़ें : Judges : उत्तराखंड उच्च न्यायालय में नये मुख्य न्यायाधीश के दायित्व संभालेंगे न्यायमूर्ति तिवारी

नवीन समाचार, काशीपुर, 25 अक्टूबर 2023। न्यायमूर्ति मनोज तिवारी बने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (Judges) के दायित्वों का निर्वहन करेंगे। इस संबंध में बुधवार को भारत सरकार के कानून एवं न्याय मंत्रालय के कार्यालय से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गयी है।

अधिसूचना के अनुसार, ‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 223 द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी को इसी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद के कर्तव्यों का पालन करने के लिए नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति 26 अक्टूबर 2023 को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी की सेवानिवृत्ति के परिणामस्वरूप 27 अक्टूबर 2023 से प्रभावी होगी।’

इधर न्यायमूर्ति तिवारी को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (Judges) का दायित्व मिलने पर अधिवक्ताओं में हर्ष का माहौल है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश चंद्र सिंह रावत ने कहा कि खास तौर पर एक पर्वत पुत्र के उत्तराखंड उच्च न्यायालय को मुख्य न्यायाधीश का दायित्व मिलने की अलग खुशी है।

न्यायमूर्ति तिवारी के बारे में
19 सितंबर 1965 को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जनपद में एक अधिवक्ता एनबी तिवारी के घर में पैदा हुये न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी के नाना राम दत्त चिल्कोटी भी पिथौरागढ़ जनपद के एक बड़े अधिवक्ता थे। उनकी 10वीं तक की पढ़ाई पिथौरागढ़ के केंद्रीय विद्यालय से और स्नातक व स्नातकोत्तर की पढ़ाई राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय पिथौरागढ़ से हुई।

उन्होंने एलएलबी की डिग्री 1990 में दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त की और उत्तर प्रदेश बार काउंसिल इलाहाबाद से पंजीकृत होकर अधिवक्ता के रूप में प्रैक्टिस शुरू की। वर्ष 2000 में उत्तराखंड उच्च न्यायालय के नैनीताल में निर्माण पर वह यहां आ गये। 20 मई 2009 को उन्हें यहां वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया।

2008 में वह हाई कोर्ट बार बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बने। उन्होंने विभिन्न मामलों में राज्य सरकार की ओर से विशेष अधिवक्ता के रूप में भी कार्य किया और उन्हें 19 मई 2017 को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश (Judges) के रूप में पदोन्नत किया गया था।

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यह भी पढ़ें : Judges : सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम ने की 2 अधिवक्ताओं को हाइकोर्ट उत्तराखंड का जज (Judges) बनाने की संस्तुति

नवीन समाचार, नैनीताल, 18 अक्टूबर 2023। सुप्रीम कोर्ट यानी सर्वोच्च न्यायालय की कॉलेजियम ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के दो अधिवक्ताओं-सिद्धार्थ साह और आलोक महरा को यहीं न्यायाधीश (Judges) के रूप में नियुक्ति की सिफारिश कर दी है।

सर्वोच्च न्यायालय की कोलेजियम ने यह संस्तुति उत्तराखंड उच्च न्यायालय की कॉलेजियम द्वारा इसी वर्ष जुलाई माह में इन अधिवक्ताओं को न्यायाधीश बनाने की सिफारिश पर की है। कॉलेजियम के बयान में आगे खुलासा किया गया कि सर्वोच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश (Judges), जो उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मामलों से परिचित थे, से दोनों अधिवक्ताओं के बारे में जानकारी के लिए परामर्श लिया गया था।

सिद्धार्थ साह के बारे में कहा गया था कि उनके पास न्यायिक कार्य की व्यापक और पर्याप्त क्षमता है।, बार में उनका अच्छा अभ्यास है और बार में उनकी स्थिति भी अच्छी है। इसके अलावा सरकार की एक निश्चित टिप्पणी का संदर्भ भी लिया गया है। वहीं आलोक महरा के मामले में कॉलेजियम ने दर्ज किया कि केंद्रीय न्याय विभाग ने भी संकेत दिया कि उनकी व्यक्तिगत और व्यवसायिक छवि अच्छी है और उनकी ईमानदारी के खिलाफ कुछ भी प्रतिकूल रिपोर्ट नहीं है।

कॉलेजियम ने यह भी नोट किया कि उनके पास प्रैक्टिस का व्यापक अनुभव है, जो उनकी पेशेवर आय और बड़ी संख्या में मामलों में दिखाई देती है, जिनमें वह उपस्थित हुए या बहस की। विशेष रूप से, कॉलेजियम ने कहा कि उनकी पेशेवर क्षमता के संबंध में एक ‘अवलोकन’ किया गया था। हालाँकि, कॉलेजियम ने कहा कि इसका आकलन करना न्यायपालिका का काम है।

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय में वर्तमान में 11 न्यायाधीशों की स्वीकृत क्षमता के विपरीत 8 न्यायाधीश ही कार्यरत हैं। वर्तमान में अधिवक्ता सिद्धार्थ साह और आलोक मेहरा तल्लीताल में रहते हैं। आलोक मेहरा मूलतः हल्द्वानी के निवासी हैं। अधिवक्ता सिद्धार्थ साह के पिता महेश लाल साह भी हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं, जबकि आलोक मेहरा के पिता जीएस मेहरा भी नैनीताल सिविल कोर्ट के जाने माने अधिवक्ता रहे हैं।

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यह भी पढ़ें : उत्तराखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश (Judges) मिश्रा को झारखंड का मुख्य न्यायाधीश (Judges) नियुक्त करने की सिफारिश

नवीन समाचार, नैनीताल, 14 दिसंबर 2022 (Judges)। सर्वोच्च न्यायालय की कॉलेजियम ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश (Judges) न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा को झारखंड का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की है। वह करीब 6 माह तक उत्तराखंड उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश (Judges) भी रहे हैं। यह भी पढ़ें : अब अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपित पुलकित आर्य के पिता पर लगा घिनौना आरोप…

(Judges)उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति मिश्रा 2021 में यानी करीब दो वर्ष पहले तेलंगाना उच्च न्यायालय से स्थानांतरित होकर उत्तराखंड उच्च न्यायालय आए थे। यहां उन्हें 24 दिसंबर 2021 को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश (Judges) के रूप में नियुक्त किया गया। वह 28 जून 2022 तक इस पद पर रहे। वर्तमान में वह उत्तराखंड उच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश (Judges) हैं। उड़ीसा के रहने वाले न्यायमूर्ति मिश्रा तेलंगाना उच्च न्यायालय ने न्यायाधीश (Judges) भी रहे हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : बिलासपुर-छत्तीसगढ़ की सेंट्रल जेल तक पहुंचे उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायिक अधिकारी से 50 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगे जाने के तार

Central Jail Bilaspur C G - YouTubeनवीन समाचार, नैनीताल, 2 नवंबर 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी से 50 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगे जाने के मामले के तार सुदूर बिलासपुर-छत्तीसगढ़ की सेंट्रल जेल तक पहुंच गए हैं। यह भी पढ़ें : नैनीताल : रिश्ते के भाई ने किया दुष्कर्म, बच्चा हुआ तो अस्पताल में ही छोड़कर भागा…

इस मामले की जांच के स्वयं नगर कोतवाल प्रीतम सिंह बीते सोमवार से बिलासपुर-छत्तीसगढ़ में जमे हुए हैं और सिविल लाइंस थाने में सूचना देकर जांच के लिए निकले हैं। मामले की जांच बिलासपुर के मुख्य पोस्ट ऑफिस से शुरू की गई है, जहां से वह पत्र स्पीड पोस्ट के जरिए डाक में डाला गया था।

(Judges) इसके बाद जांच बिलासपुर-छत्तीसगढ़ की सेंट्रल जेल तक पहुंच गई है। यहां जेलर को पत्र की लिखावट के नमूने सोंपे गए हैं और उन्हें वहां बंद कैदियों की लिखावट मिलान करने को कहा गया है। यह भी पढ़ें : सोशल मीडिया पर दोस्ती, प्यार के बाद शादी, सुहागरात पर खुला ऐसा राज कि…

इस मामले में सेंट्रल जेल में बंद एक कुख्यात डकैत का नाम सामने आया है। बताया गया है कि इस डकैत ने पहले भी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को जान से मारने की धमकी देते हुए 50 करोड़ रुपए की मांग की थी और उसने उड़ीसा के मुख्यमंत्री को भी धमकी भरा पत्र भेजा था।

(Judges) अलबत्ता नगर कोतवाल प्रीतम सिंह ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी में यूट्यूबर सौरभ जोशी सबको बताकर गए लांग ड्राइव पर, घर में लाखों रुपए की नगदी-ज्वेलरी पर हाथ साफ कर गया चोर…

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय के महानिबंधक कार्यालय को स्पीड पोस्ट से एक पत्र मिला है, जिसमें उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी को 48 घंटे के भीतर 50 करोड़ रुपये पहुंचाने की मांग की गई थी।

(Judges) मामले में तहरीर के आधार पर पुलिस ने पत्र के लिफाफे में दर्ज नाम आई जुनार निवासी बिलासपुर छत्तीसगढ़ के खिलाफ गत 20 अक्टूबर को भारतीय दंड संहिता की धारा 386 व 504 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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Shahjahanpur: महिला शिक्षक समेत चार पर रंगदारी मांगने का मुकदमा, आपत्तिजनक  वीडियो इंटरनेट मीडिया पर हुआ था वायरल - After the accused school manager  husband of misdemeanor went to jail now four including the teacher have  been sued for demanding ...नवीन समाचार, नैनीताल, 22 अक्तूबर 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के एक वरिष्ठ अधिकारी से 50 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। मामले में उच्च न्यायालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मल्लीताल कोतवाली में तहरीर दी है। इस पर कोतवाली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 386 और 504 के तहत अभियोग पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी है।

‘नवीन समाचार’ के माध्यम से दीपावली पर अपने प्रियजनों को शुभकामना संदेश दें मात्र 500 रुपए में… संपर्क करें 8077566792, 9412037779 पर, अपना संदेश भेजें saharanavinjoshi@gmail.com पर… यह भी पढ़ें : हद हो गई, पति ने पत्नी की अश्लील फोटो की वायरल, अब परिवार की लड़कियों की अश्लील फोटो भी वायरल करने की दे रहा धमकी

प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला कुछ दिन पुराना है, और दो दिन पूर्व ही इस मामले में कोतवाली पुलिस ने अभियोग पंजीकृत कर लिया है। अलबत्ता मामला आज प्रकाश में प्रकाश में आया है। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के महानिबंधक कार्यालय को स्पीड पोस्ट से एक पत्र मिला है, जिसमें उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी 48 घंटे के भीतर 50 करोड़ रुपये पहुंचाने की मांग की है।

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बताया गया है कि बेहद अभद्र भाषा में एवं धमकी भरे लहजे में लिखे गए पत्र में लिखने वाले ने अपना नाम ‘आई जुनार’ व पता बिलासपुर छत्तीसगढ़ का बताया गया है। मल्लीताल कोतवाली पुलिस की टीम पत्र में उल्लेखित पते पर संबंधित व्यक्ति की पुष्टि व पड़ताल करने के लिए बिलासपुर छत्तीसगढ़ रवाना हो गई है।

(Judges) इस मामले में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। जनपद के एसएसपी पंकज भट्ट ने अभियोग पंजीकृृत करने की पुष्टि करते हुए मामले में कोई भी टिप्पणी करने से इंकार किया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 30 सितंबर 2022। सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ एवं पूर्व में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश (Judges) भी रहे न्यायामूर्ति संजय कुमार मिश्रा का स्थानांतरण झारखंड उच्च न्यायालय के किये जाने की संस्तुति कर दी है।

यदि कोलेजियम की शिकायत मान ली जाती है तो उत्तराखंड उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश (Judges) सहित न्यायाधीशों (Judges) के 11 स्वीकृत पदों के सापेक्ष पांच पद रिक्त हो जाएंगे। इससे न्यायिक कार्यों में विलंब हो सकता है, अलबत्ता सूत्रो की मानें तो यह कमी उच्च न्यायालय में अधिवक्ता कोटे से तीन सहित कुल चार नए न्यायाधीशों (Judges) की नियुक्ति से दूर की जा सकती है।

उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति संजय मिश्रा मूल रूप से उड़ीसा के रहने वाले हैं। वह करीब दो वर्ष पूर्व तेलंगाना उच्च न्यायालय से स्थानांतरित होकर यहां आये थे। यहां उन्होंने 24 दिसंबर, 2021 से 28 जून, 2022 तक कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश (Judges) की जिम्मेदारी भी निभाई।

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डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 23 अगस्त 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कई न्यायाधीशों (Judges) को पदोन्नत कर दिया है, और कई न्यायाधीशों (Judges) के स्थानांतरण कर लिए हैं। आदेश के अनुसार सिविल जज सीनियर डिविजन रुद्रप्रयाग श्वेता पांडे को इसी पद पर रुद्रपुर भेजा गया है।

वहीं सिविल जज सीनियर डिविजन रुद्रपुर नाजिश कलीम को रुद्रपुर में ही प्रथम एडिशनल सिविल जज बनाया गया है। प्रथम एडिशनल सिविल जज सीनियर डिविजन रुद्रपुर रश्मि गोयल को वहीं पर द्वितीय एडिशनल सिविल जज सीनियर डिविजन, सिविल जज जूनियर डिविजन डीडीहाट बीनू गुलयानी को पदोन्नत कर सिविल जज सीनियर डिविजन पिथौरागढ़, सिविल जज जूनियर डिविजन पुरौला (उत्तरकाशी) नदीम अहमद को पदोन्नत कर तृतीय एडिशनल सिविल जज सीनियर डिविजन रुद्रपुर,

(Judges) ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट टनकपुर धर्मेंद्र साह को पदोन्नत कर एडिशनल सिविल जज सीनियर डिविजन देहरादून, सिविल जज जूनियर डिविजन बाजपुर शहिस्ता बानो को पदोन्नत कर चतुर्थ एडिशनल सिविल जज सीनियर डिविजन रुद्रपुर, सिविल जज जूनियर डिविजन देहरादून अनूप सिंह को पदोन्नत कर सिविल जज सीनियर डिविजन बनाया गया है।

इसके अलावा ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट हल्द्वानी शमा परवीन को पदोन्नत कर सिविल जज सीनियर डिविजन कैडर, ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट हरिद्वार मंजू देवी को पदोन्नत कर सिविल जज सीनियर डिविजन कैडर, सिविल जज जूनियर डिविजन हरिद्वार जयश्री राणा को पदोन्नत कर सिविल जज सीनियर डिविजन,

(Judges) ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट विकासनगर देहरादून सुमन को पदोन्नत कर सिविल जज सीनियर डिविजन, ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट रुड़की बुशरा कमल को पदोन्नत कर सिविल जज सीनियर डिविजन, सिविल जज जूनियर डिविजन गंगोलीहाट सचिन कुमार को पदोन्नत कर सिविल जज सीनियर डिविजन बनाया गया है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें : उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (Judges) ने कहा-संस्कारों से चलेंगे तो कोर्ट-कचहरी की जरूरत ही नहीं पड़ेगी…

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 15 अगस्त 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (Judges) विपिन सांघी ने स्वतंत्रता दिवस पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर सभी लोग जीवन में अच्छे संस्कारों के अनुसार चलेंगे तो संभवतः कोर्ट-कचहरी की जरूरत ही नहीं पड़ेगी ।

न्यायमूर्ति सांधी ने यह बात स्वतंत्रता दिवस पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय में ध्वाजारोहण करने के बाद कही। कहा कि आज के दिन सभी देशवासियों को अन्याय से मुक्ति और न्याय मिले। प्रदेश में कानून का राज हो, राज्य में उन्नति हो और राज्य भ्रष्टाचार मुक्त हो। उन्होंने प्रदेश और देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं भी दीं। इस दौरान उन्हें उच्च न्यायालय की पुलिस गारद ने सलामी भी दी।

इस मौके पर न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा, न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे, न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी, महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर, सीएससी चंद्रशेखर रावत, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिवाकर जोशी सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता तथा न्यायिक अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें : बड़ा समाचार: हाईकोर्ट ने किये आधा दर्जन से अधिक न्यायिक अधिकारियों के तबादले

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 30 जुलाई 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने करीब आधा दर्जन न्यायाधीशों (Judges) के तबादले कर दिए हैं। उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल विवेक भारती शर्मा की ओर से जारी आदेश के अनुसार सिविल जज-जूनियर डिवीजन रानीखेत को सिविल जज-जूनियर डिवीजन भिकियासेंण आदर्श त्रिपाठी के प्रशिक्षण तक भिकियासेंण ट्रांसफर किया गया है। यहां क्लिक करके देखें पूरा आदेश

इनके अलावा सिविल जज-जूनियर डिवीजन विनीत कुमार श्रीवास्तव को द्वितीय अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश (Judges) देहरादून, अब तक इस पद पर कार्यरत दीप्ति पंत को तृतीय अतिरिक्त सिविल जज-जूनियर डिवीजन देहरादून,

(Judges) अब तक इस पद पर कार्यरत अवंतिका सिंह चौधरी को अब तक इस पद पर कार्यरत आदर्श त्रिपाठी की जगह चतुर्थ सिविल जज-जूनियर डिवीजन देहरादून, आदर्श त्रिपाठी को सिविल जज-जूनियर डिवीजन भिकियासेंण स्थानांतरित किया गया है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड के नए मुख्य न्यायाधीश (Judges) ने कार्यभार ग्रहण किया, किया मीडिया से पहला संवाद…

29 मई, 2006 से दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए थे।डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 29 जून 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय न्यायमूर्ति विपिन सांघी के सम्मान में बुधवार को उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश (Judges) की अदालत में ‘फुल कोर्ट रिफ्रेंस’ आयोजित किया गया। इस मौके पर उनके साथ न्यायालय के छह अन्य न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा, न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी, न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा, न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे, न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी, न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा ने शिरकत की।

‘फुल कोर्ट रिफ्रेंस’ के उपरांत न्यायमूर्ति सांधी ने पत्रकारों से बात करते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय को देश का सर्वश्रेष्ठ उच्च न्यायालय बनाने तथा दिल्ली उच्च न्यायालय के अपने अनुभवों से यहां कुछ बेहतर करने की बात कही। बाद में उन्होंने कुछ मामले भी सुने। देखें वीडियो मुख्य न्यायाधीश (Judges) (Judges) ने क्या कहा:

इस अवसर पर उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल विवेक भारती शर्मा ने मुख्य न्यायाधीश (Judges) से कार्रवाई शुरू करने की अनुमति ली। इसके बाद पहले महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिवाकर जोशी ने नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश (Judges) के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

इस मौके पर मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर सिंह रावत, जीए जीएस संधु, वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत, डीके शर्मा, डीएस पाटनी, भूपेंद्र कोरंगा, मनीषा भंडारी, सहित हाईकोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह, पूर्व न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी, जेसीएस रावत सहित भारी संख्या में अधिवक्ता कर्मचारीगण मौजूद रहे। जिलाधिकारी, एसएसपी पंकज भट्ट सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड को मिले स्थायी न्यायाधीश (Judges) , न्यायमूर्ति सांधी ने ली पद एवं गोपनीयता की शपथ

जस्टिस विपिन सांघी ने मंगलवार को राजभवन में शपथ लेते। नवीन समाचार, देहरादून, 28 जून 2022। न्यायमूर्ति विपिन सांघी उत्तराखंड के 12वें मुख्य न्यायाधीश (Judges) बन गए। मंगलवार शाम देहरादून राजभवन में राज्यपाल सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने एक कार्यक्रम में नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश (Judges) न्यायमूर्ति विपिन सांघी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण, मुख्य सचिव एसएस संधू सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (Judges) अशोक देसाई, एचएस कपाड़िया, विकास श्रीधर शिरपुरकर, सीरियक जोसेफ,राजीव गुप्ता,विनोद गुप्ता,जेएस खेहर, बारिन घोष, केएम जोसेफ,रमेश रंगनाथन और राघवेंद्र सिंह चौहान मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश के पद पर नियुक्त न्यायमूर्ति विपिन सांघी का जन्म 27 अक्टूबर 1961 को नागपुर में हुआ था। लेकिन वर्ष 1965 में उनका परिवार नागपुर से दिल्ली स्थानांतरित हो गया। यही उनकी प्राथमिक से लेकर कानून तक की पूरी शिक्षा हुई है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीएससी गणित-ऑनर्स और यहीं से एलएलबी किया। उनके दादा स्वर्गीय वीके सांघी और पिता स्वर्गीय जीएल सांघी भी वरिष्ठ अधिवक्ता रहे हैं।

न्यायमूर्ति सांघी ने प्रारंभ में मुकुल रोहतगी के साथ कार्य किया है। वह सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के पैनल अधिवक्ता के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। दिसंबर 2005 में वह दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित हुए। 29 मई 2006 को दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश (Judges) के रूप में नियुक्त हुए और 11 फरवरी 2008 को न्यायाधीश (Judges) के रूप में उनकी पुष्टि की गई। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : बड़ा समाचार : 28 जून की शाम देहरादून राजभवन में शपथ ग्रहण करेंगे उत्तराखंड हाईकोर्ट के नए सीजे न्यायमूर्ति विपिन सांधी

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 23 जून 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (Judges) के पद पर नियुक्त न्यायमूर्ति विपिन सांधी का शपथ ग्रहण आगामी 28 जून को होगा। उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल विवेक भारती ने इस संबंध नोटिस जारी कर कहा है कि मुख्य न्यायाधीश विपिन सांधी का शपथ ग्रहण समारोह 28 जून की शाम 6 बजकर 15 मिनट पर राजभवन देहरादून में होगा।

उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने कोलॉजियम ने गत 17 मई को हिमांचल प्रदेश, असम, राजस्थान व तेलंगाना के साथ उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश पद पर न्यायमूर्ति सांधी की नियुक्ति की सिफारिश की थी। इस पर 19 जून को न्यायमूर्ति सांधी को उत्तराखंड उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायधीश नियुक्त करने का नोटिफिकेशन जारी किया गया था। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : 35 वर्ष की न्यायिक सेवा के उपरांत न्यायमूर्ति धानिक हुए सेवानिवृत्त, बने पुलिस प्राधिकरण के अध्यक्ष

कल रिटायर होंगे जस्टिस एनएस धानिक, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने दी विदाईडॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 19 मई 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (Judges) न्यायमूर्ति एनएस धानिक 35 वर्ष की न्यायिक सेवा के बाद गुरुवार को सेवानिवृत्त हो गए। इस अवसर पर मुख्य न्यायाधीश (Judges) कोर्ट में फुल कोर्ट रेफरेंस हुआ। आगे सेवानिवृत्ति के बाद न्यायमूर्ति धानिक को पुलिस प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया है। शीघ्र ही वह इस पद का कार्यभार ग्रहण करेंगे।

इस अवसर पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश (Judges) संजय कुमार मिश्रा, महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के निवर्तमान अध्यक्ष अवतार सिंह रावत ने उनके जीवनवृत्त एवं उनकी न्यायिक सेवा की जानकारी दी।

(Judges) बताया कि वह 3 दिसंबर 2018 को उत्तराखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश बने। इस दौरान उनके द्वारा उच्च न्यायालय में 6441 मुख्य तथा 10499 अन्य मामलों में निर्णय दिए गए। वहीं न्यायमूर्ति धानिक ने कहा कि वह सामान्य किसान परिवार से आए, लेकिन परिश्रम से उन्हें न्यायपालिका में सेवाएं देने का सुअवसर मिला।

इस दौरान वरिष्ठ न्यायाधीश (Judges) न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी, न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा, न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे, न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा, रजिस्ट्रार जनरल, मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत, जीएस संधू, असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल राकेश थपलिया सहित अन्य अधिवक्ता मौजूद रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड के न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया बनेंगे सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश (Judges)

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 5 मई 2022। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (Judges) की अध्यक्षता वाली कोलोजियम ने गोहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (Judges) व उत्तराखंड उच्च न्यायालय में न्यायाधीश (Judges) रहे न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया को सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की है। वह उत्तराखण्ड मूल के व उत्तराखंड के कोटे से सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने वाले दूसरे न्यायाधीश होंगे।

इससे पूर्व न्यायमूर्ति प्रफुल्ल चंद्र पंत उत्तराखंड कोटे से सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश (Judges) रह चुके हैं। हालांकि उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश (Judges) रहे न्यायमूर्ति एचएस कपाड़िया व न्यायमूर्ति जेएस खेहर सर्वोच्च न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश भी रह चुके हैं। न्

उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय में कई वर्ष तक न्यायाधीश (Judges) रहे। यहां से उनकी पदोन्नति गोहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश के पद पर हुई थी। अब सर्वोच्च न्यायालय की कोलोजियम ने उनकी नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश (Judges) के रूप में करने की संस्तुति राष्ट्रपति को भेजी है।

न्यायमूर्ति धूलिया के पिता इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता रहे। उनके एक पुत्र श्रेयांस धूलिया बीडी पांडे जिला चिकित्सालय नैनीताल में चिकित्सक एवं दूसरे पुत्र उत्तराखंड उच्च न्यायालय में अधिवक्ता हैं, जबकि एक पुत्र गोहाटी में उनके साथ ही रहते हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग : उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर न्यायाधीशों (Judges) के स्थानांतरण…

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 4 अप्रैल 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य में विभिन्न स्तरों पर कार्यरत न्यायाधीशों (Judges) के बड़े पैमाने पर तबादले कर दिए हैं। देखें तबादलों की सूची इन लिक्स पर क्लिक करके:  File-865, File-866, File-867, File-868

नैनीताल हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से जारी स्थानांतरण सूची के अनुसार, विवेक भारती शर्मा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Judges) हरिद्वार को स्थानांतरित कर धनंजय चतुर्वेदी के स्थान पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के पद पर तैनात किया गया है।

इसके अलावा राजेंद्र सिंह प्रमुख सचिव (विधि) देहरादून को सचिव, लोकायुक्त उत्तराखंड, देहरादून के पद पर नियुक्ति के लिए सरकार को भेजा जा रहा है। वहीं, धनंजय चतुर्वेदी, रजिस्ट्रार जनरल उच्च न्यायालय नैनीताल को सचिव (विधि) के पद पर नियुक्ति हेतु शासन को भेजा जा रहा है।

आशीष नैथानी, पीठासीन अधिकारी, श्रम न्यायालय हरिद्वार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Judges) पौड़ी गढ़वाल के पद पर तैनात किया गया है। सिकंद कुमार त्यागी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Judges) पौड़ी को विवेक भारती शर्मा के स्थान पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरिद्वार के पद पर भेज गया है।

सहदेव सिंह, प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Judges) हरिद्वार का स्थानांतरण कर प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हल्द्वानी में किया है। शंकर राज, प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश देहरादून को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश लक्सर भेजा गया है।

धर्म सिंह, प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Judges) ऋषिकेश को स्थानांतरित कर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश खटीमा में प्रदीप कुमार मणि के पद पर पदस्थापित किया गया है। अजय चौधरी न्यायाधीश, परिवार न्यायालय विकासनगर को प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नैनीताल के पद पर पदस्थापित किया है।

पंकज तोमर, न्यायाधीश (Judges) , परिवार न्यायालय हल्द्वानी को प्रत्यावर्तित, स्थानांतरित एवं अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर पदस्थापित किया है। राहुल गर्ग, न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, काशीपुर को स्थानांतरित कर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विकासनगर के रिक्त पद पर भेजा गया है।

सयन सिंह, अतिरिक्त सचिव (कानून) सह अतिरिक्त एलआर, उत्तराखंड सरकार, देहरादून को स्थानांतरित और अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Judges) , रामनगर के रूप में तैनात किया गया है। नीलम रात्रा, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Judges) लक्सर को द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हल्द्वानीके स्थान पर नसीम अहमद के स्थान पर पदस्थापित किया गया है।

प्रीतु शर्मा, प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Judges) नैनीताल को द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नैनीताल राकेश कुमार सिंह के स्थान पर भेजा गया है। नसीम अहमद, द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Judges) हल्द्वानी को स्थानांतरित कर प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Judges) के रूप में तैनात किया गया है।

संजीव कुमार, तृतीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Judges) हरिद्वार को प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरिद्वार सहदेव सिंह के स्थान पर तैनात किया गया है। अनिरुद्ध भट्ट, चतुर्थ अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरिद्वार को तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरिद्वार भेजा गया है।

इसके अलावा राकेश कुमार सिंह, द्वितीय अतिरिक्त जिला जज (Judges) को पीठासीन अधिकारी श्रम के पद पर पदस्थापन हेतु शासन को अनुशंसा भेजी जा रही है। सुधीर तोमर, न्यायाधीश, परिवार न्यायालय प्रथम के नाम की सिफारिश रुद्रपुर को न्यायाधीश,

(Judges) पारिवारिक न्यायालय के पद स्थातांरित करने की अनुसंशा शासन से की गई है। इसके अलावा बड़ी संख्या में अन्य अपर जिला न्यायाधीशों व सिविल जजों (Judges) के स्थातांरण भी किए गए हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर न्यायाधीशों की पदोन्नतियां और स्थानांतरण…

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 4 मार्च 2022। उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर न्यायाधीशों की पदोन्नतियां और स्थानांतरण हुए हैं। उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी की ओर से जारी न्यायाधीशों की तबादला सूची के अनुसार नैनीताल के सीजेएम एमएम पांडे को पदोन्नति के बाद उजाला यानी उत्तराखंड विधिक एवं न्यायिक अकादमी भीमताल का अतिरिक्त निदेशक बनाया गया है।

इनके अलावा देहरादून में परिवार न्यायालय के प्रमुख न्यायाधीश अनुज कुमार संगल को जिला एवं सत्र न्यायाधीश टिहरी गढ़वाल, उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार प्रोटोकॉल अनिरुद्ध भट्ट को एडीजे हरिद्वार, रितेश श्रीवास्तव को चौथे से 5वें एडीजे हरिद्वार, अरविंद त्रिपाठी को पब्लिक सर्विस कमीशन के लीगल एडवाइजर से एडीजे अल्मोड़ा, अल्मोड़ा की परिवार न्यायाधीश कुसुम को एडीजे हरिद्वार, सिविल जज बागेश्वर विवेक श्रीवास्तव को पदोन्नति के बाद उच्च न्यायालय का रजिस्ट्रार प्रोटोकॉल बनाया गया है।

इनके अलावा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चमोली के सचिव सुधीर कुमार सिंह को 7वें एडीजे देहरादून, ऋषिकेश के एडीजे मनमोहन सिंह को पदोन्नति के बाद 8वें एडीजे देहरादून, उत्तरकाशी के सीजेएम मदन राम को पदोन्नति के साथ हाईकोर्ट रजिस्ट्रार, एडीजे विकासनगर योगेश कुमार गुप्ता को परिवार न्यायालय देहरादून के प्रमुख न्यायाधीश (Judges) , पारुल गैरोला को पॉक्सो न्यायालय हरिद्वार से अल्मोड़ा परिवार न्यायालय का न्यायाधीश (Judges) ,

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चंपावत के सचिव उदय प्रताप सिंह को परिवार न्यायाधीश खटीमा, सिविल जज नैनीताल सविता चमोली को राज्य लोक सेवा आयोग में विधिक सलाहकार, सुधीर तोमर को सीजेएम रुद्रपुर से परिवार न्यायालय रुद्रपुर, सिविल जज खटीमा धर्मेंद्र कुमार सिंह को पब्लिक सर्विस ट्रिब्यूनल में रजिस्ट्रार बनाया गया है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : महिला न्यायाधीश को कुटिल मुस्कुराहट के साथ देखता था अधिवक्ता, हाईकोर्ट ने दे दी जमानत

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 4 जनवरी 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की एकलपीठ ने एक महिला न्यायालय के साथ फोटो खिंचवाने, घर आकर तोहफे देने और कुटिल मुस्कुराहट के साथ घूरने के मामले में जेल में बंद लक्सर बार एसोसिएशन के सचिव अधिवक्ता नवनीत तोमर को जमानत दे दी है।

उल्लेखनीय है कि 10 जून 2021 को लक्सर की महिला न्यायाधीश की शिकायत पर अधिवक्ता नवनीत तोमर के खिलाफ आइपीसी की धारा 354 (ए) 354 (डी) 353, 452, 506, 509 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने 24 जून को अधिवक्ता तोमर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। निचली अदालत से जमानत खारिज होने पर तोमर ने उच्च न्यायालय जमानत हेतु प्रार्थना पत्र दिया था।

मंगलवार को एकलपीठ में मामले की सुनवाई के दौरान आरोपित के अधिवक्ता डा. कार्तिकेय हरि गुप्ता ने दलील दी कि मुस्कराहट कुटिल नहीं होती है। आरोपित पेशे से अधिवक्ता है, और उसके भागने की संभावना नहीं है। इस आधार पर अदालत को जमानत मिल गई। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : न्यायमूर्ति मिश्रा होंगे उत्तराखंड उच्च न्यायालय के नए कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 22 दिसंबर 2021। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राघवेंद्र सिंह चौहान शुक्रवार 24 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसे देखते हुए देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की संस्तुति पर नैनीताल उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा को उत्तराखंड उच्च न्यायालय का कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश नियुक्त कर दिया है।

न्यायमूर्ति चौहान की सेवानिवृत्ति के बाद न्यायमूर्ति मिश्रा मुख्य न्यायाधीश के दायित्वों का निर्वहन करेंगे। बुधवार के केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव राजेंद्र कश्यप के हस्ताक्षरों से जारी इस आशय की अधिसूचना नैनीताल उच्च न्यायालय पहुंच गई है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नैनीताल उच्च न्यायालय में नए न्यायाधीश ने ली पद व गोपनीयता की शपथ

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 11 अक्टूबर 2021। न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा ने सोमवार को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण कर ली। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान ने उन्हें अपने न्यायालय में शपथ दिलाई।

गौरतलब है कि न्यायमूर्ति मिश्रा अब उत्तराखंड उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के बाद दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हो गए हैं। साथ ही उनके आने के बाद अब उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या कुल आठ हो गई है। जबकि दो पद अब भी रिक्त बताए गए हैं। इस मौके पर न्यायमूर्ति शरद शर्मा, न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे, न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी आदि मौजूद रहे।

उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति मिश्रा उड़ीसा के बोलांगीर के निवासी हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एमकॉम एवं एलएलबी की डिग्री ली है। मार्च 1988 से बोलांगीर जिला न्यायालय से अपने पिता मार्कंड मिश्रा के संरक्षण में

(Judges) प्रैक्टिस शुरू करने के बाद 1999 में जिला जज की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। 7 अक्टूबर 2009 को वह उड़ीसा उच्च न्यायालय में न्यायाधीश बने और अब उत्तराखंड उच्च न्यायालय के लिए स्थानांतरित हुए हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड उच्च न्यायालय में एक नए न्यायाधीश की नियुक्ति

-न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा का उत्तराखंड उच्च न्यायालय के लिए हुआ तबादला
डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 5 अक्टूबर 2021। उड़ीसा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा का स्थानांतरण उत्तराखंड उच्च न्यायालय को हो गया है। मंगलवार को भारत सरकार के न्याय एवं कानून मंत्रालय के न्याय विभाग के अतिरिक्त सचिव राजेंद्र कश्यप ने इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यालय की कोलेजियम ने गत माह 17 सितंबर को देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में कार्यरत पांच न्यायाधीशों को स्थानांतरित करने, आठ न्यायाधीशों केा मुख्य न्यायाधीश बनाने एवं 28 न्यायधीशों को स्थानांतरित करने की संस्तुति की थी। इनमें न्यायमूर्ति मिश्रा का उड़ीसा से उत्तराखंड स्थानांतरित करने की संस्तुति भी शामिल थी।

विदित हो कि न्यायमूर्ति मिश्रा उड़ीसा के बोलांगीर के निवासी हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एम कॉम एवं एलएलबी की डिग्री ली है। मार्च 1988 से बोलांगीर जिला न्यायालय से अपने पिता मार्कंण मिश्रा के संरक्षण में प्रैक्टिस शुरू करने के बाद 1999 में जिला जज की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। 7 अक्टूबर 2009 को वह उड़ीसा उच्च न्यायालय में न्यायाधीश बने और अब उत्तराखंड उच्च न्यायालय के लिए स्थानांतरित हुए हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : भारत के स्वतंत्रता संग्राम पर बोले मुख्य न्यायाधीश, बताया कई मायनों में विशेष: न्यायमूर्ति चौहान

-कहा-इस संग्राम में आम और खास, हर तरह के लोगों ने उपनिवेशवाद और शोषण के विरुद्ध संघर्ष किया
डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 19 सितंबर 2021। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राघवेंद्र सिंह चौहान ने कहा है कि लगभग 200 वर्षों तक चला भारत के स्वतंत्रता संग्राम का संघर्ष कई मायनों में विशेष है।

(Judges) इस संग्राम में आम और खास, हर तरह के लोगों ने उपनिवेशवाद और शोषण के विरुद्ध संघर्ष किया। इस लंबे संघर्ष के कई महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में आम जनता के बीच और अधिक जानकारियां ले जाने के आवश्यकता है।

भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो नैनीताल द्वारा भवाली स्थित उत्तराखंड न्यायिक एवं विधिक अकादमी ‘उजाला’ में आयोजित स्वतंत्रता प्राप्ति की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित ‘अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम में न्यायमूर्ति चौहान ने बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए कर्नाटक की रानी चिनप्पा सहित कई महत्वपूर्ण स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का जिक्र किया जिनके त्याग और संघर्ष बारे में लोगों को कम जानकारी है।

(Judges) उन्होंने लोगों से घृणा, हिंसा, द्वेष जैसी विभाजन करने वाले प्रवृत्तियों से खुद को मुक्त रहने की आवश्यकता पर भी बल दिया और इसमें न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका की चर्चा की। कार्यक्रम में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा ने संवैधानिक मूल्यों के महत्व को अधिक स्पष्टता से समझने की आवश्यकता पर बल दिया।

इससे पूर्व अतिथियों के स्वागत और कार्यक्रम के विषय प्रवेश पर बोलते हुए भारतीय सूचना सेवा के अधिकारी राजेश सिन्हा ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम उन्ही सनातन भारतीयों मूल्यों पर टिका रहा जिसमें सत्य और न्याय को सबसे ऊंचा माना गया है

(Judges) और इसी कारण महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, अरविंदो घोष और वीर सावरकर जैसे अनेक स्वतंत्रता सेनानी सेनानियों ने अपने व्यक्तिगत जीवन की आहुति देकर भारत की आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था।

(Judges) कार्यक्रम में अकादमी के प्रशिक्षु न्यायिक अधिकारी संतोष पश्चिमी ने स्वतंत्रता संग्राम में विभिन्न कानून विदों के योगदान की विस्तार से चर्चा करते हुए उनके मूल्यों के संरक्षण की बात कही। इस दौरान स्वतंत्रता संग्राम पर एक लघु प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन किया गया है जिसमें प्रशिक्षु न्यायिक अधिकारी व अन्य लोगों ने हिस्सा लिया और विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया। कार्यक्रम में विभाग के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : बड़ा समाचार: उत्तराखंड हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने बताया सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रस्ताव को ‘रद्दी की टोकरी में डालने योग्य’

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 14 अगस्त 2021। जी हां, उत्तराखंड हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के एक प्रस्ताव को ‘रद्दी की टोकरी में डालने योग्य’ बताया है। यह वह विवादित प्रस्ताव है,

(Judges) जिसमें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने सर्वोच्च न्यायालय के 48 ‘एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड’ श्रेणी के अधिवक्ताओं को ‘उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं से अधिक मेधावी’ बताते हुए देश भर के उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की है।

उत्तराखंड उच्च न्यायालय के लिए भी इन्हीं में से तीन न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की गई है। आपके प्रिय एवं भरोसेमंद समाचार पोर्टल ‘नवीन समाचार’ ने शनिवार को ही इस बारे में समाचार प्रकाशित करते हुए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रस्ताव पर इसका अंदेशा जाहिर कर दिया था।

रविवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अवतार सिंह रावत ने उच्च न्यायालय परिसर में पत्रकार वार्ता करते हुए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रस्ताव को ’मजाक’, ‘हास्यास्पद’ और ‘रद्दी की टोकरी में डालने योग्य’ बताया।

उन्होंने कहा, वह स्वयं 35 वर्ष सर्वोच्च न्यायालय मंे प्रैक्टिस कर चुके हैं, और सूची में शामिल 48 में से कई अधिवक्ताओं की ‘मेधा’ को जानते हैं, जो जीवन में कभी न्यायालय के भीतर प्रैक्टिस करने ही नहीं गए। लिहाजा उनसे राज्यों के पारंपारिक कानूनों एवं सामाजिक व्यवस्था की जानकारी की उम्मीद भी नहीं की जा सकती।

वैसे भी देश में 1993 के कानून के तहत उच्च एवं सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के कोलेजियम द्वारा योग्य अधिवक्ताओं को चिन्हित कर न्यायाधीश बनाने का अधिकार है। इसलिए इस तरह की किसी सिफारिश की कोई कानूनी मान्यता नहीं है।

(Judges) उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता नया उच्च न्यायालय होने के बावजूद, अंग्रेजी की कमी के बावजूद कानूनी ज्ञान के तौर पर अधिक बुद्धिमान हैं। उन्होंने कहा कि वह उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय से ऐसी किसी सिफारिश पर विचार न करने के लिए एवं इसे रद्दी की टोकरी में डालने को कहेंगे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

‘नवीन समाचार’ पर पूर्व में प्रकाशित न्यायाधीशों से संबंधित समाचारों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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