नवीन समाचार, नैनीताल, 27 जनवरी 2023। जिला व मंडल मुख्यालय में मल्लीताल स्थित मेट्रोपोल होटल की एक शत्रु संपत्ति में अवैध मदरसे का निर्माण किये जाने के मामले में जिला विकास प्राधिकरण से शिकायत की गई है। शिकायत मिलने के बाद इस मामले में प्राधिकरण भी जांच कराने जा रहा है। यह भी पढ़ें : अपडेट : आज निकलेगी दीपक की अंतिम यात्रा…
नगर निवासी उत्तराखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता नितिन कार्की ने इस बारे में जिला विकास प्राधिकरण के सचिव को पत्र लिखकर कहा है मेट्रोपोल होटल की एक शत्रु संपत्ति में अवैध मदरसे के निर्माण के लिए दो-तीन दिन लेंटर डाला गया है। उन्होंने यह मामला संज्ञान में आते ही पूर्व में भी प्राधिकरण को मौखिक रूप से इसकी सूचना दी थी। कहा है कि यह भूमि शत्रु संपत्ति है। यह भी पढ़ें : विधायक को गाजर मूली की तरह काटकर जान से मारने की धमकी
यह सूचना दिए जाने के बावजूद भी वहां अवैध रूप से मदरसे का निर्माण किया जा रहा हैं, जो बहुत गंभीर विषय है।लिहाजा उन्होंने इस मामले में इस विषय को अति संवेदनशील विषय बताते हुए इस पर उचित कार्यवाही करने का अनुरोध किया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 25 मई 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने ने नैनीताल के मेट्रोपोल शत्रु संपत्ति पर अतिक्रमण करने वालों को कोई राहत नहीं दी है। खंडपीठ ने अतिक्रमणकारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतिम रूप से निस्तारित भी कर दिया है, और अतिक्रमणकारियों को नोटिस देने को कहा है।
सुनवाई के दौरान मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत ने कहा कि जिला प्रसाशन ने शत्रु सम्पति पर 128 अतिक्रमणकारियों को चिन्हित किया है। इनके पास कोई वैध कागजात नहीं हैं। याचिका दायर करने वाला व्यक्ति भी स्वयं अतिक्रमणकारी है, लिहाजा वह जनहित याचिका दायर नहीं कर सकता है। इसलिए जनहित याचिका को निरस्त किया जाये।
दूसरी ओर याचिकाकर्ता मेट्रोपोल कम्पाउंड निवासी मोहम्मद फारूक की ओर से कहा गया कि वह यहाँ कई वर्षों से रह रहे है। उन्हें बिना सुने न हटाया जाए। लेकिन अगर वह अतिक्रमणकारी पाए जाते हैं तो वह हटने को तैयार हैं। इसलिए उन्हें नोटिस देकर सुना जाये। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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कहा-अवैध तरीके से रह रहे लोगों को हटाया जाएगा, बुल्डोजर चलाने से डीएम का इंकार

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 12 मई 2022। नैनीताल स्थित करोड़ो रुपए मूल्य की मेट्रोपोल स्थित शत्रु संपत्ति में अवैध तरीके से रह रहे लोगों की प्रशासन जांच कर रहा है। डीएम ने इस स्थान पर एक विशेष समुदाय के लोगों के कथित अवैध कब्जे की प्रधानमंत्री को शिकायती पत्र भेजे जाने के बाद एसडीएम नैनीताल को जांच सोंपी थी। इसके बाद डीएम ने कहा कि जांच अभी भी चल रही है। बिना प्रपत्रों के रह रहे लोगों को यहां से हटाया जाएगा। अलबत्ता उन्होंने यहां बुल्डोजर चलाए जाने से इंकार किया।
उल्लेखनीय है कि नगर के अधिवक्ता नितिन कार्की द्वारा गत 18 अप्रैल को प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र की कड़ी में की गई है, जिसमें शत्रु संपत्ति पर अधिकतम स्वार, रामपुर, दड़ियाल, टांडा व मुरादाबाद से आए लोगों द्वारा कब्जा किए जाने और इनमें से कुछ के बांग्लादेशी या रोहिंग्या मुसलमान होने की भी संभावना जताई गई थी। इसके पीछे कोई शडयंत्र होने की आशंका भी जताते हुए अवैध कब्जों को रोकने की भी मांग की गई थी।
जिन्ना के मित्र थे पूर्व राजा महमूदाबाद और प्यारे थे अमीर, मुहम्मद बिन तुगलक ने जागीर में दी थी संपत्ति
नैनीताल। बताया जाता है कि आजादी से पूर्व अवध रियासत के सबसे बड़े जमींदार राजा महमूदाबाद मोहम्मद अमीर अहमद खान पाकिस्तान के संस्थापक ‘कायदे आजम’ मोहम्मद अली जिन्ना के बेहद करीबी मित्र और मुस्लिम लीग के सक्रिय सदस्य थे। उन्हें अंग्रेजों ने भी ‘‘सर’ की उपाधि से नवाजा था। उन्हें बगदाद के खलीफा के मुख्य काजी, काजी नसरुल्लाह का वंशज माना जाता है, जो साल 1316 में दिल्ली सल्तनत के सुल्तान शादिह-उद-दिन ओमर खिलजी के दरबार में बतौर राजदूत भारत आये थे। बाद में वह मुहम्मद तुगलक की सेना में कमांडर की तरह लड़े। जिसके एवज में उन्हें अवामें इनाम के तौर पर महमूदाबाद रियासत कही जाने वाली बड़ी जागीर दी गयी। 1957 में राजा मोहम्मद अमीर अहमद खान पाकिस्तान चले गये थे, ऐसे में सरकार ने उनकी करीब 20 हजार करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति को ‘‘शत्रु संपत्ति’ घोषित कर कब्जे में ले लिया। 1973 लंदन में उनके निधन के बाद अपनी मां रानी कनीज आबिद के साथ भारत में ही रहे उनके पुत्र मोहम्मद अमीर मोहम्मद खान ने अपनी संपत्ति को वापस लेने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी। 16 जुलाई 1984 को उन्होंने सिविल जज लखनऊ के न्यायालय में उत्तराधिकार का एक मुकदमा दायर किया। न्यायालय ने 8 जुलाई, 1986 को राजा महमूदाबाद को कुछ संपत्तियों का उत्तराधिकारी घोषित किया।इसी बीच राजा ने मुंबई में भी अपनी संपत्तियों पर कब्जा पाने के लिए याचिका दायर की, जिस पर मुंबई हाईकोर्ट ने 2002 में राजा के पक्ष में निर्णय दिया। इसी बीच यूपी के संबंध में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने 2004 में राजा के पक्ष में फैसला दिया कि राजा की जो संपत्ति शत्रु संपत्ति घोषित की गई है, उसे राजा मोहम्मद अमीर खान को सौंप दी जाए। इसके बाद राजा ने सभी संपत्तियों पर 2005 तक कब्जा ले लिया। इस पर प्रदेश सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की और केंद्र सरकार ने 2010 में शत्रु संपत्ति पर कब्जा बरकरार रखने के लिए एक अध्यादेश जारी कर दिया, जिससे मामला फिर उलझ गया। मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने अध्यादेश को कानून में परिवर्तितत करने के लिए शत्रु संपत्ति (संशोधन एवं पुनपरुष्टिकरण) विधेयक 2010 को संसद से पारित कराने का फैसला किया। इससे शत्रु संपत्ति पर सरकारी कब्जा बरकरार रहता। मुस्लिम सांसदों तथा सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव व भाजपा आदि के विरोध के कारण विधेयक पारित नहीं हो सका था। इधर पिछले वर्ष जनवरी 2016 में केंद्र की एनडीए सरकार ने इस बाबत अध्यादेश भी जारी किया था, जिस पर अब विधेयक भी पारित हो गया था।
राजा अमीर मोहम्मद की संपत्तियां
वर्तमान में राजा महमूदाबाद के वारिस राजा अमीर मोहम्मद खान के कब्जे में नैनीताल के करीब 10 हजार करोड़ रुपये मूल्य के मेट्रोपोल होटल व इससे लगी संपत्तियों के अलावा यूपी के लखनऊ में हलवासिया मार्केट, बटलर पैलेस, कपूर होटल, जहांगीराबाद मेंशन, इमामबाड़े के पीछे का हिस्सा, जामा मस्जिद के पास का इलाका सहित सीतापुर, बाराबंकी व लखीमपुर के अलावा दिल्ली में हजारों करोड़ की संपत्तियां हैं। नैनीताल में 5.72 एकड़ में बना 40 कमरों का मेट्रोपोल होटल, 12 व 26 कमरों के अन्य आवास, छह सुइट तथा चार व सात कमरों के नवीनीकृत आवास तथा नाले से लगी भूमि पर 116 आवासीय भूमि सहित कुल 8.72 एकड़ भूमि है। इस संपत्ति को पूर्व में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर 30 दिसम्बर 2010 को कब्जेदारों से मुक्त कराकर राजा को सौंप दिया गया था तथा पांच अगस्त 2010 को शत्रु संपत्ति संबंधी कानून में हुए संशोधनों के बाद जिला प्रशासन ने अपने नियंतण में ले लिया था।
देश की आजादी के बाद यह संपत्ति राजा के इकलौते पुत्र राजा अमीर मोहम्मद खान के हिस्से आयी, लेकिन इस पर अनेक लोगों का कब्जा रहा। इनमें से एक प्रमुख श्री लूथरा 1995 तक इसे होटल के रूप में चलाते रहे। वर्ष 2005 में न्यायिक प्रक्रिया के बाद इसे प्रशासन द्वारा शत्रु संपत्ति घोषित कर तथा कब्जे छुड़वाकर राजा के हवाले कर दिया गया, लेकिन बाद में दो अगस्त 2010 को न्यायालय के आदेशों पर इसे वापस जिला प्रशासन ने बतौर कस्टोडियन कब्जे में ले लिया था।
पाकिस्तान के जनक ने यहीं मनाया था अपना दूसरा हनीमून

नैनीताल। 1870 में निर्मित बताये जाने वाले शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल में होटल समेत अन्य कोठियों का निर्मित क्षेत्रफल 11375 वर्ग मीटर, रिक्त भूमि व परिसर का क्षेत्रफल 22479 वर्ग मीटर है। सरकारी आकलन के अनुसार इस संपत्ति की अनुमानित कीमत सौ करोड़ के आसपास है। शत्रु संपत्ति में अपने दौर का सबसे बड़ा 41 कमरों का मेट्रोपोल होटल शामिल है। इसी होटल में पाकिस्तान के जनक मोहम्मद अली जिन्ना ने दूसरी शादी करके हनीमून मनाया था। इसका निर्माण मि. रेंडल नाम के अंग्रेज ने किया था। बाद में यह राजा महमूदाबाद की संपत्ति हो गया। यह भी पढ़ें :
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यह भी पढ़ें : ‘निग्वाव गुसैंकि’ जैसी हुई अरबों रुपये की शत्रु संपत्ति की छत की टिन व दरवाजों की चौखटें चोरी !!
नवीन समाचार, नैनीताल, 7 मई 2020। जिला मुख्यालय स्थित अंग्रेजी दौर के बना अरबों रुपये मूल्य की मेट्रोपोल होटल की शत्रु संपत्ति कुमाउनी कहावत ‘निग्वाव गुसैंकि’ यानी जिसका कोई रक्षक-मालिक नहीं होता, जैसी हो गई लगती है। कई बार तो यहां आग लग चुकी है, न जाने कितना अतिक्रमण और अवैध निर्माण हो चुके हैं। पिछले दिनों यहां कुछ लोग अवैध कब्जा कर रहने भी लगे थे। जिला प्रशासन ने इस स्थान को पार्किंग और नगर पालिका ने कूड़े के परिवहन और कूड़ेदानों का डंपयार्ड बना दिया है। वहीं अब यहाँ छत की टिन की चादरें और दरवाजों की चौखटें भी चोरी होने की चर्चाएं आम हैं। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि जल्द इस बारे में जिला प्रशासन को भी सूचित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि डीएम नैनीताल इस शत्रु संपत्ति के कस्टोडियन होते हैं।
अपने दौर का सबसे बड़ा होटल था मेट्रोपोल, यहीं जिन्ना ने मनाया था हनीमून
नैनीताल। नगर के अपने दौर के सबसे बड़े 41 कमरे के मेट्रोपोल होटल का निर्माण मि. रेंडल नाम के अंग्रेज ने किया था। बाद में यह राजा महमूदाबाद की संपत्ति हो गई। देश की आजादी के बाद यह संपत्ति राजा के इकलौते चश्मो-चिराग राजा अमीर मोहम्मद खान के हिस्से आयी, लेकिन इस पर अनेक लोगों का कब्जा रहा। इनमें से एक प्रमुख श्री लूथरा 1995 तक इसे होटल के रूप में चलाते रहे। वर्ष 2005 में न्यायिक प्रक्रिया के बाद इसे प्रशासन द्वारा शत्रु संपत्ति घोषित कर तथा कब्जे छुड़वाकर राजा के हवाले कर दिया गया, लेकिन बाद में दो अगस्त 2010 को न्यायालय के आदेशों पर इसे वापस जिला प्रशासन ने बतौर कस्टोडियन कब्जे में ले लिया था। इसी होटल में पाकिस्तान के जनक मोहम्मद अली जिन्ना ने दूसरी शादी करके हनीमून मनाया था।
लाखों की आय के बावजूद सुरक्षा के कोई प्रबंध नहीं, 2013 में भी हुआ था अग्निकांड
नैनीताल। अरबों रुपये की प्रशासन के कब्जे वाली शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल होटल में 26 नवम्बर 2013 की रात्रि भी भीषण अग्निकांड हो गया था, जिसमें होटल के बॉइलर रूम व बैडमिंटन कोर्ट तथा 14 कमरों वाला हिस्सा कमोबेश खाक हो गया था। तब भी होटल में कोई सुरक्षा प्रबंध नहीं थे और इसके बाद भी प्रशासन ने इसकी सुरक्षा के कोई प्रबंध नहीं किये हैं। गौरतलब है कि इस संपत्ति के मैदान को प्रशासन पार्किग के रूप में प्रयोग करता है, जिससे लाखों रुपये की आय भी प्राप्त होती है। लेकिन सुरक्षा के कोई प्रबंध नहीं हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : नैनीताल की शत्रु संपत्ति पर फिर अवैध कब्जों की कोशिश !
नवीन समाचार, नैनीताल, 4 अगस्त 2019। नगर के मेट्रोपोल होटल की शत्रु संपत्ति पर फिर अवैध कब्जे होने की चर्चाएं हैं। यहां कुछ लोगों के रहने की सूचनाएं हैं। यहां लिये गये एक चित्र में शत्रु संपत्ति में के एक घर से रसोई का धुंवा आते एवं बाहर कपड़े सूखते दिखाई दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इस शत्रु संपत्ति पर पूर्व में बड़ी संख्या में अवैध कब्जे थे, जिन्हें करीब एक दशक पूर्व हटाया गया था और अवैध कब्जा धारकों को सड़क के नीचे की ओर बसाया गया था। क्षेत्रवासी पवन जाटव का कहना है कि शत्रु संपत्ति के जो भवन कुछ वर्ष पहले खाली करवाए गए थे, उनमें फिर से उसमें कुछ लोगों द्वारा कब्जा करने की कोशिश की जा रही है।
कुछ लोगों के द्वारा पता चला है कि कि उसमें बहुत जल्दी कुछ परिवारों के द्वारा कब्जा किये जाने की संभावना है। ये लोग यहां रेकी कर गये हैं। वहीं कुछ लोग यहां अवैध रूप से रह भी रहे हैं। उन्होंने यहां आग भी जलाए जाने को गंभीर बताते हुए कहा कि पूर्व में मेट्रोपोल होटल में तीन बार आग लग चुकी है, और शत्रु संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है। साथ ही गत दिनों यहां एक शौचालय पर भी कब्जा करने की कोशिश की गयी थी, जिसे प्रशासन के हरकत में आने के बाद नाकाम कर दिया गया था। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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-पुराने बिक्री कर कार्यालय भवन में लगी आग, जिला प्रशासन है आग से खाक हुए भवन का कस्टोडियन
नवीन समाचार, नैनीताल, 4 मार्च 2019। जिला-मंडल मुख्यालय नैनीताल में सोमवार शाम मल्लीताल स्थित शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल होटल परिसर में देर शाम करीब सात बजे भीषण आग लग गई। आग मुख्य होटल भवन के बजाय इसके पीछ की ओर स्थित लकड़ी के उस भवन की दूसरी मंजिल में लगी जो पूर्व में बिक्री कर विभाग का कार्यालय था, और वर्तमान में इसका कस्टोडियन जिला प्रशासन है। आग बेहद विकराल थी। आग की लपटें पूरे नगर से नजर आ रही थीं। बाद में आग इस दौरान हुई मूसलाधार बारिश व ओलावृष्टि के कारण आसानी के बुझ गयी।
आग चूंकि शत्रु संपत्ति में लगी थी, इसलिये आग लगने की खबर से प्रशासन में भी हड़कंप मच गया। प्रशासन की ओर से जिला विकास प्राधिकरण के सचिव हरबीर सिंह भी मौके पर पहुंचे, वहीं अग्निशमन और पुलिस महकमे के जवानों ने भी मौके पर पहुंचकर आग बुझाने में मदद की।
आग नशेड़ियों की हरकत मानी जा रही, आकाशीय बिजली भी कही जा रही
नैनीताल। शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल होटल के बारे में लंबे समय से बताया जा रहा है कि यह स्थान स्मैक एवं अन्य नशे करने वालों का अड्डा बना हुआ है। माना जा रहा है कि आग इन्हीं नशेड़ियों के द्वारा लगाई गयी होगी, अथवा किन्हीं अन्य लोगों के द्वारा कड़ाके की ठंड के दौरान आग जली छोड़ देने से आग लगी होगी। क्योंकि जिस भवन में आग लगी है वहां बिजली का कोई संयोजन भी नहीं है। वहीं कुछ लोग आकाशीय बिजली गिरने को भी आग का कारण बता रहे हैं, हालांकि आकाशीय बिजली गिरने जैसी जोरदार आवाज सुनने की पुष्टि कोई नहीं कर रहा है। इसलिए इतना साफ है कि आग किसी बाहरी कारण से ही लगी है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।